अभिनेत्री गीतांजलि टिकेकर महाराष्ट्र के पुणे की है. उन्होंने धारावाहिक ‘क्या हादसा क्या हकीकत’ से डेब्यू किया, लेकिन उन्हें सफलता ‘कसौटी जिंदगी की’में अपर्णा अनुराग बासु की भूमिका निभाकर मिली,जिसमें उन्होंने बहुत ही सहज भाव से अभिनय किया. उनकी भूमिका को आलोचकों की काफी तारीफ़ की. इसके बाद उन्होंने इस प्यार को क्या नाम दूँ, एक बार फिर, एक दूजे के वास्ते आदि कई टीवी शो में काम किया है. धारावाहिक ‘कसौटी जिंदगी की’ में अभिनय करते हुई उनकी मुलाकात अभिनेता सिकंदर खरबंदा से हुई, प्यार किया और शादी की. उनका बेटा शौर्य खरबंदा है, जो 12 साल का है. गीतांजलि सोनी सब टीवी की धारावाहिक ‘शुभ लाभ’ में सविता की भूमिका निभा रही है. ये एक कॉमेडी ड्रामा है, जिसे करने में उन्हें खूब मजा आ रहा है. हंसमुख स्वभाव की गीतांजलि सेउनकी जर्नी के बारें में बात हुई पेश है कुछ खास अंश.
सवाल-इस धारावाहिक में आपकी भूमिका आपसे कितना मेल खाती है?
ये भूमिका मेरे बिल्कुल विपरीत है.सविता मूडी है, कभी रूठ तो कभी मान जाती है और परिवार में होने वाली सारी समस्याओं का समाधान करती रहती है. मैं मूडी नहीं और हमेशा खुशमिजाज रहती हूं. असल में हर एक व्यक्ति के अंदर एक शक्ति होती है और व्यक्ति खुद ही उसे बाहर निकाल सकता है, इसके लिए किसी धार्मिक स्थानों पर जाना जरुरी नहीं.
सवाल-अभिनय में आना एक इत्तफाक था या बचपन से सोचा था?
अभिनय के बारें में कभी सोचा नहीं था, मेरे परिवार में कोई भी मनोरंजन की फील्ड में नहीं था. कॉलेज में रहते हुए मैंने कई नाटकों में भाग लिया और एक्टिंग पसंद करती थी. उस समय कॉलेज की कुछ लड़कियों में मॉडलिंग की इच्छा जागृत होने लगी थी, उसमें मैं भी एक थी,क्योंकि उस समय एश्वर्या राय, लारादत्ता जैसी कई सुंदरियों ने मिस वर्ल्ड का ख़िताब जीता था. मैं लकी थी, क्योंकि मैंने मॉडलिंग करना चाही और मौका मिल गया. मॉडलिंग करते-करते पुणे में ही एक शो के लिए ऑडिशन दिया और मैं चुन ली गयी. यही से मेरे अभिनय का सफर शुरू हो गया.
सवाल-पहली बार जब अभिनय के बारें में परिवार को बताया, तो उनकी प्रतिक्रिया क्या थी?
परिवार वालों की तरफ से किसी प्रकार की समस्या नहीं आई. उन्होंने केवल मेरी पढाई पूरी करने की बात कही थी. मैंने पढाई के साथ-साथ टीवी से जुडी रही. मुझे ख़ुशी है कि मेरी जर्नी अब तक बहुत अच्छी रही.
सवाल-आप भाग्य या कर्म किस पर अधिक विश्वास करती है?
कर्म अगर अच्छा है, तो भाग्य अपने आप अच्छा हो जाता है. मन में मैल को लेकर धार्मिक काम कर समय ख़राब करने को मैं कभी अच्छा नहीं मानती, क्योंकि दिखावा करने की कोई आवश्यकता नहीं है.
सवाल-आप सिकंदर खरबंदा से कैसे मिली, उनकी कौन सी बातें आपको अच्छी लगी थी?
हम दोनों धारावाहिक ‘कसौटी जिंदगी की’में काम कर रहे थे. शो से पहले मेरी सिकंदर से थोड़ी दोस्ती थी. शो के दौरान हम दोनों मिलते थे और बातचीत होती थी. शो के ख़त्म होने के बाद पता चला कि हम दोनों एक दूसरे को मिस कर रहे है और मिलना जुलना बढ़ गया. इससे प्यार बढ़ा और ढाई साल की डेटिंग के बाद शादी की. पेरेंट्स भी बने, अभी 16 साल से हम साथ रह रहे है.
सवाल-सिकंदर की कौन सी बात आपको अच्छी लगी,जिससे आप आकर्षित हुई?
मेरे पति ने हमेशा कॉमिक करैक्टर में अभिनय किया है, इसलिए वे हमेशा मुझे हँसाते रहते थे. उनके साथ रहते हुए मैंने कभी डलनेस का अनुभव नहीं किया. मेरे उदास होने पर उसे वे मजकियाँ ढंग से पेश करते थे और मैं हंस देती थी. ये गुण मुझे बहुत अच्छी लगी. इसके अलावा वे मेरे परिवार और मेरा भी काफी ख्याल रखते है.
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सवाल-काम के साथ परिवार की देखभाल कैसे करती है?
इसका श्रेय मेरी सास को जाता है. आज के माहौल में बच्चे को किसी मेड सर्वेंट के पास छोड़कर जाना मुश्किल होता है. सास ने हर तरह से सपोर्ट किया और मैंने बच्चे की वजह से कभी काम में ब्रेक नहीं लिया. सास ने बच्चे को बहुत अच्छी तरीके से देख-भाल की है. उनकी वजह से आज मेरा कैरियर बना है.
सवाल-क्या हिंदी धारावाहिक के अलावा आपने मराठी या किसी दूसरे भाषा में एक्टिंग की है?
मेरी जर्नी हिंदी में बहुत अच्छी चल रही है, इसलिए मैने किसी दूसरी भाषा में काम करने की कोशिश नहीं की, लेकिन मुझे वेब सीरीज और मराठी फिल्मों में काम करने की इच्छा है, लेकिन सामने से कोई अच्छा ऑफर मुझे नहीं मिला,उसका मुझे इंतज़ार है.
सवाल-क्या इंडस्ट्री में गॉडफादर न होने की वजह से आपको किसी प्रकार की संघर्ष का सामना करना पड़ा?
मैंने कभी टेलीविज़न पर अपनी कैरियर बनाने के बारें में सोचा नहीं था. बालाजी टेलिफिल्म्स का ऑडिशन पुणे में हो रहा था, मैंने ऑडिशन दिया और चुन ली गयी. इसके बाद मैं मुंबई उस शो के लिए आई और एक के बाद एक बालाजी टेलेफिल्म्स की शो से जुडती चली गयी,इससे मुझे कुछ अधिक सोचना नहीं पड़ा. फिर मैंने मुंबई नहीं छोड़ी.