कौंटैक्ट पौइंट सिरदर्द एक प्रकार से सब माइग्रेन है. इस के चलते सिर में भयंकर दर्द होता है, जिस से मरीजों को असहनीय और लंबे समय तक रहने वाली पीड़ा का सामना करना पड़ता है. इस के अलावा इस दर्द की वजह से चेहरे के एक सीमित हिस्से में घाव या पीड़ा का भी अनुभव होता है. आमतौर पर मरीज सालों तक इस माइग्रेन पर ध्यान न दे कर इलाज नहीं कराते हैं.
सामान्यतया लोग इस समस्या के लिए न्यूरोलौजिस्ट, डैंटिस्ट, स्पैशलिस्ट आदि के पास जाने की सलाह देते हैं, हालांकि कोई भी इस पीड़ा की असली वजह का पता नहीं लगा सकता है. यहां तक कि दर्द निवारक, संक्रमण रोधी एजेंट भी इस दर्द में आप को बहुत आराम नहीं पहुंचा सकते हैं. ईएनटी विशेषज्ञ द्वारा इस का विश्लेषण किया जा सकता है. वही इस का कारण बता सकता है और आप की मदद कर सकता है.
आमतौर पर कौंटैक्ट पौइंट सिरदर्द का एक इतिहास होता है, जिस में बाद में अन्य कारण भी शामिल हो सकते हैं जैसे आमतौर पर यह दर्द ऊपरी श्वसन संदूषण के कारण होता है. यह दर्द चेहरे के एक तरफ सीमित क्षेत्र में होता है. यह पीड़ा ऊपरी दांतों और मुंह के ऊपरी भाग तक सीमित रहती है. सिरदर्द के निर्धारण के लिए सर्दीखांसी की दवा अच्छा काम करती है, मगर ऐसा संयोग से होता है.
दर्द शुरू करने वाले कारक
शीत लहर, हाइपोग्लेसिमिया, भावनात्मक सदमा, अत्यधिक चाय या कौफी का सेवन, नींद की कमी, असंतुलित खानपान.
कारण
वास्तव में नाक के भीतर एक जगह होती है जहां एक शिरा (तंत्रिका) 2 हिस्सों के बीच पैक होती है. यह बहुत हद तक पैर के कटिस्नायुशूल जैसा होता है, मगर यह नाक और चेहरे के बीच होता है, जो शिरा 2 हिस्सों से घिरी होती है, वह या तो सामने से बंद शिरा होती है जोकि ट्राइजैमिनल शिरा के आंख वाले भाग की शाखा होती है या उन शिराओं में से एक होती है, जो स्पेनोप्लेटाइन केंद्र को अलग करती हैं.
इस कारण से पीड़ा उन हिस्सों में होती है जहां ये शिराएं दबी होती हैं. नाक की साइड प्रोफाइल में दोनों शिराएं पाई जाती हैं. दोनों शिराएं उस झिल्ली के भीतर होती हैं, जो नाक के दाएं और बाएं हिस्से को अलग करती हैं और नाक के आगे के हिस्से में स्थित होती हैं. पैट्रीगोपलेटाइन केंद्र इस से आगे मुंह और ऊपरी दांतों में जाता है.
अगर सभी चीजों पर विचार करें, तो ऊपरी दांतों और मसूड़ों में दर्द या मुंह के ऊपरी हिस्से में परेशानी के साथ कौंटैक्ट पौइंट माइग्रेन का अनुभव करने वाले मरीजों के स्पेनोप्लेटाइन केंद्र में शिकायत होती है, हालांकि सामने की एथमौइस शिरा में ऐसा नहीं होता है.
नाक के भीतर मौजूद गिल्टी पार्टी जोकि लगातार शिरा पर दबाव डालती है, एक झिल्ली होती है, जो नाक के किनारे पर गड्ढा या उभार सा बना देती है. इसे नाक के भीतर गोखरू की तरह समझें. झिल्ली एक विभाजक होती है, जो प्रिविलिज और नाक के बाएं दबाव को विभाजित करती है. उसे सीधा होना चाहिए. फिर भी जब इस में विसंगति आती है, तो यह एक साइड में सिकुड़ सकती है. अत्यधिक गंभीर स्थिति में यह क्षैतिज नैजल विभाजक में जा सकती है, जहां केंद्र और सर्पिल के कारण पिनपौइंट दिमागी दर्द होता है.
झिल्ली के अलावा अन्य संरचनाएं भी हैं, जो कभीकभी शिराओं पर दबाव बनाती हैं, जिस से कौंटैक्ट पौइंट दिमागी दर्द हो सकता है. इस में कोंच बुलोसा केंद्रीय सर्पिल से प्रवाहित वायु या अनियमित स्थिर सर्पिल की समस्या शामिल है. सर्पिल नाक के भीतर की विशिष्ट संरचना होती है, जो नाक में जाने वाली हवा को गरम और नम करती है.
उपचार
कौंटैक्ट पौइंट माइग्रेन शुरू करने वाले ये कारण संरचना से संबंधित हैं, इसलिए ऐसी कोई गोली या नैजल शौवर नही है जो इस समस्या का आसानी से समाधान कर दे, बिलकुल उसी तरह जैसे टूटी हड्डी को सिर्फ दवा खा कर ठीक नहीं किया जा सकता है. नैजल स्प्लैश और सर्दीखांसी की दवा से थोड़ी राहत मिल सकती है (कुछ घंटों से 1-2 दिन तक) क्योंकि ये सौल्यूशन उस सूजन को कम कर देते हैं, जो जगह बनाने और शिरा के दबाव को कम करने से रोकती है जैसे ही म्यूसोकल सूजन फिर से बढ़ती है, दर्द शुरू हो जाता है.
दर्द का जड़ से उपचार करने का मानक तरीका सर्जरी है, जिस में शिरा पर दबाव डालने वाली संरचनाओं को ठीक किया जाता है. इस सर्जरी में झिल्ली को ठीक करना या सैप्टल गोड को अपरूट किया जाता है. असामान्य स्थिति में सर्जरी की आवश्यकता भी पड़ सकती है. इस का उद्देश्य नाक में जितनी संभव हो सके उतनी जगह बनाना है, जिस से शिरा पर दबाव न पड़े और म्यूसोकल सूजन न हो.
असाधारण मामलों में कुछ अन्य चीजें भी हैं, जिन पर विचार किया जा सकता है जैसे इन्फ्यूजन, हालांकि इस से भी कुछ समय के लिए ही राहत मिलती है (सब कुछ ठीक रहने पर कुछ महीने, आमतौर पर कुछ सप्ताह). इस से होने वाली राहत अस्थाई होने के कारण अब हम इस विकल्प की अनुशंसा नहीं करते हैं.