हैल्थ पौलिसी लेते समय रखें इन 14 बातों का ध्यान

अकसर लोग हैल्थ पौलिसी लेते समय जरूरी बातों को नजरअंदाज कर जाते हैं. अत: हैल्थ पौलिसी लेते समय किन बातों का ध्यान रखना सब से जरूरी होता है, इस बारे में बता रहे हैं मल्टी हैल्थ कंपनियों के एजैंट शैलेंद्र.

1. पौलिसी लेते समय तुलना जरूर करें

हैल्थ इंश्योरैंस चुनने से पहले आप 3-4 कंपनियों के प्लान चैक कर लें. इस से आप को पता चल जाएगा कि किस प्लान में क्या सुविधा मिल रही है और क्या नहीं. ध्यान रखें जिस प्लान में बहुत ज्यादा शर्तें हों उसे खरीदने से बचें. हैल्थ पौलिसी के हर क्लौज पर बारीकी से नजर डालें.

2. अपनी जरूरतों को समझें

जब भी पौलिसी लेने के बारे में विचार करें तो अपने परिवार की जरूरतों को ध्यान में रखें. परिवार के सदस्यों की संख्या व उम्र पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. यदि यंग फैमिली है तो बेसिक ₹5 लाख वाली पौलिसी ले सकते हैं, जिस में पेरैंट्स व 2 बच्चे कवर होते हैं. इस का प्रीमियम ₹16,840 के लगभग होता है. इस के साथ कई कंपनियां अतिरिक्त 150% का रीफिल अमाउंट भी देती हैं जैसे अगर आप ने ₹5 लाख की पौलिसी ली है तो आप और ₹7 लाख 50 हजार का फायदा उठा सकते हैं. लेकिन यदि परिवार में मातापिता हैं तो बड़े फ्लोटर कवर वाली पौलिसी लें ताकि बड़ी बीमारी आने पर आप की जेब पर बो झ न पड़े. इस बात का भी ध्यान रखें कि आप जो भी पौलिसी लें उस का प्रीमियम अदा करने में सक्षम हों.

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3. क्लेम प्रोसैस हो आसान

जब भी पौलिसी खरीदें तो क्लेम प्रोसैस जरूर पूछें जैसे क्लेम को कितने घंटों में अप्रूवल मिल जाता है, पैनल में कितने हौस्पिटल आते हैं और अगर पैनल के बाहर के हौस्पिटल में ट्रीटमैंट लें तो रीइंबर्स कितने दिनों में हो जाता है. यह सारी जानकारी उन की साइट्स पर जा कर भी ले सकते हैं. आमतौर पर क्लेम को 3 से 9 घंटों में अप्रूवल मिल जाता है व 20 से 25 दिनों में रीइंबर्स आ जाता है. इसलिए आसान क्लेम प्रोसैस वाली पौलिसी का चयन करने में ही सम झदारी है.

4. क्या जानना जरूरी

पूछें कि डे वन से ऐक्सिडैंटल डैमेज कवर है या नहीं, सीजनल बीमारियां कब से कवर होंगी, पौलिसी लेने के कितने दिनों बाद गंभीर बीमारियां कवर होंगी. कुछ कंपनियां शुरुआत से ही प्लान्ड सर्जरी जैसे स्टोन, गालब्लैडर आदि को शामिल करती हैं. अत: इस बातकी पूरी जानकारी पहले ही ले लें.

5. लाइफटाइम रिनूअल

आप ऐसी हैल्थ पौलिसी लें, जो लाइफटाइम रिनूअल की सुविधा दे, क्योंकि किसी को नहीं पता होता कि वह कब बीमार पड़ जाए. ऐसे में सही पौलिसी का चयन जीवनभर सुरक्षा प्रदान करेगा.

6. फ्री मैडिकल चैकअप

ऐसी पौलिसी लें, जिस में फ्री मैडिकल चैकअप की सुविधा हो. कुछ कंपनियों के अपने डायग्नोस्टिक सैंटर व पैनल हौस्पिटल होते हैं. उन्हीं में चैकअप कराया जाता है तो कुछ कंपनियां यह सुविधा देती हैं कि आप बाहर से टैस्ट करा कर रीइंबर्स करवा सकते हैं.

7. प्री ऐंड पोस्ट हौस्पिटलाइजेशन

औपरेशन करवाने से पहले व बाद में डाक्टर को दिखाने व टैस्ट करवाने के नाम पर ही ढेरों रुपए खर्च हो जाते हैं. ऐसे में पौलिसी लेते समय पूछ लें कि इस में प्री ऐंड पोस्ट हौस्पिटलाइजेशन की सुविधा है या नहीं. इस से आप को लाइफटाइम की सुविधा रहेगी.

8. शर्तों के बंधन में न बंधें

कुछ कंपनियों की पौलिसी में यह स्पष्ट होता है कि  आप को हौस्पिटल में भरती होने पर रूम का किराया तय रुपयों से ज्यादा नहीं मिलेगा. अगर पौलिसी में ऐसी कोई शर्त हो तो पौलिसी न लें, क्योंकि आप को नहीं पता कि किस बीमारी की स्थिति में आप को उस के लिए कितना देना पड़ेगा.

9. पुरानी बीमारियां न छिपाएं

बीमा कंपनियां यह चाहती हैं कि बीमारियों व हैबिट्स के बारे में कस्टमर की तरफ से हर बात स्पष्ट हो जैसे लाइफस्टाइल कैसा है, मैडिकल हिस्ट्री आदि ताकि कंपनी को आप को बीमा राशि देने में कोई दिक्कत न आए. इसलिए आप अपनी बीमारी की सही जानकारी दें, भले आप को थोड़ा ज्यादा प्रीमियम देना पड़े.

10. महिलाओं के लिए पौलिसी की जरूरत

भविष्य और कैरियर के प्रति महिलाओं में सजगता बढ़ी है. कामकाजी महिलाएं निवेश और अलगअलग तरह की इंश्योरैंस पौलिसियों की जरूरत को सम झते हुए समय रहते जरूरी कदम उठा रही हैं. गृहिणियों को भी इंश्योरैंस पौलिसी के महत्त्व को सम झना चाहिए खासतौर पर हैल्थ इंश्योरैंस पौलिसी को. ज्यादातर घरों में गृहिणियां ही गृहस्थी चलाने के लिए घर खर्च का हिसाब रखती हैं. ऐसे में घर के किसी सदस्य को अचानक कोई बीमारी घेर ले या फिर वे खुद गर्भवती हो जाएं तो बजट का गड़बड़ा जाना स्वाभाविक है.

ऐसे में हैल्थ इंश्योरैंस बेहद काम आता है. हाल ही में एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि ज्यादातर भारतीय गृहिणियां अपना रैग्युलर हैल्थ चैकअप नहीं करातीं, जिस की वजह से उन की छोटीछोटी हैल्थ प्रौब्लम्स बड़ा रूप ले लेती हैं और फिर हौस्पिटल जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता. ब्रैस्ट कैंसर, यूटरस कैंसर इत्यादि महिलाओं में आम समस्याएं हैं. हैल्थ इंश्योरैंस पौलिसी मैटरनल हैल्थ के साथसाथ इन सभी समस्याओं के इलाज पर होने वाले खर्च को भी कवर करती है. महिलाओं के लिए हैल्थ इंश्योरैंस पौलिसी के मुख्य फायदे ये हैं:

11. आर्थिक मजबूती

बीमारी पर होने वाला खर्र्च जब बचेगा तो स्वाभाविक है कि आप का बजट भी मजबूत होगा, जिस से आप अपने परिवार और बच्चों के साथसाथ खुद के लिए भी अच्छा भविष्य प्लान कर पाएंगी.

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12. क्रिटिकल इलनैस

बदलती जीवनशैली से सब से ज्यादा महिलाएं प्रभावित हो रही हैं. ब्रैस्ट कैंसर, ओवेरियर कैंसर, वैजाइनल कैंसर इत्यादि समस्याएं दिनबदिन बढ़ रही हैं. इन के इलाज पर बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती है. हैल्थ इंश्योरैंस ऐसे समय में आप का आर्थिक आधार बन आप के बो झ को कम करता है.

13. मैटरनिटी पर होने वाला खर्च

जीवनशैली के बदलाव का ही नतीजा है कि आजकल मैटरनिटी पर होने वाला खर्र्च काफी बढ़ गया है. डिलिवरी के पहले और बाद में मां को काफी शारीरिक बदलावों से गुजरना पड़ता है. ऐसे में हौस्पिटल में ऐडमिट होने के अलावा डिलिवरी से पहले और बाद में खर्चों का बिल काफी ज्यादा हो जाता है, जोकि मध्यवर्ग के परिवार का बजट बिगाड़ने के लिए काफी है. ऐसे में हैल्थ इंश्योरैंस लेते समय मैटरनिटी कवर के बारे में भी पूरी जानकारी लें ताकि मां बनने के एहसास को खुल कर जी सकें.

14. टैक्स बैनिफिट

कामकाजी महिला हैं तो हैल्थ इंश्योरैंस के टैक्स बैनिफिट आप को मिलेंगे और यदि गृहिणी हैं तो आप के पति को. इसलिए यदि आप हैल्थ इंश्योरैंस पौलिसी लेती हैं तो अपने बजट को बेहतर तरह से मैनेज करने में आप को सहायता मिलेगी. इसलिए इंश्योरैंस पौलिसी सोचसम झ कर और अपनी जरूरतों को ध्यान में रख कर ही लें.

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