Monsoon Special: बरसात में होने वाले फ्लू से बचने के उपाय खोज रही हैं आप?

गर्मी का मौसम लगभग जा चुका है और अब तो मौसम मिनट-मिनट में बदलने भी लगा है. हम जुलाई के महीने में कदम रख चुके हैं, तो जाहिर सी बात है कि आप मौनसून की पहली बारिश का भी बड़े मन से इंतजार कर रही होगीं. कहीं कहीं तो लोग इसका आनंद ले चुके हैं.लेकिन इस दौरान आपको अपनी सेहत को ले कर थोड़ा चौकन्‍ना भी रहना होगा क्‍योंकि इस मौसम में ठंड और फ्लू बड़ी तेजी के साथ फैलते हैं. बरसात के मौसम के साथ फ्लू का भी साथ में आना कोई नई बात नहीं है.

फ्लू एक अच्‍छे खासे इंसान को भी बिस्‍तर पर ला कर पटक देती है. इसलिये आपको कुछ जरुरी सावधानियां रखनी चाहिये. यहां पर हम ने कुछ आसान से नुस्‍खे दिये हुए हैं, जिसे आजमा कर आप बरसात के मौसम में होने वाले फ्लू से खुद को और अपने परिवार को बचा सकती हैं.

1. हाथों को धोएं

हाथों को खाना खाने से पहले जरुर धोना चाहिये. अगर आप किसी जगह पर साबुन का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं, तो सेनिटाइजर का प्रयोग करें.

2. अपने मुंह को बाहर हमेशा ढंक कर रखें

चाहे आपका दोस्‍त बीमार हो या फिर आप खुद, अपने चेहरे को रुमाल से या किसी कपड़े से ढंक कर रखें. इससे बीमारी एक दूसरे तक नहीं पहुंचेगी.

3. ठंडे खाद्य पदार्थ ना खाएं

इन दिनों आइस क्रीम, गोला, कोल्‍ड ड्रिंक या फिर कोई अन्‍या ठंडा खाद्य पदार्थ का सेवन ना करें. इस मौसम में वाइरल इंफेक्‍शन तुरंत फैलता है.

4. स्‍वस्‍थ भोजन खाएं

यदि आप इन दिनों स्‍वस्‍थ भोजन खाएंगी जिसमें हरी सब्‍जियां, प्रोटीन युक्‍त आहार, ताजे फल और साबुत अनाज शामिल रहेगा, तो आपका इम्‍यून सिस्‍टम और ज्‍यादा मजबूत बनेगा. इससे आप बुखार, कम और अन्‍य इंफेक्‍शन से डट कर मुकाबला कर सकते हैं.

5. खूब पानी पियें

पानी एक सस्‍ता इलाज है जिससे आप फ्लू से बच सकती हैं. रिसर्च से पता चला है कि जो लोग लगभग 3 गिलास पानी पीते हैं उन्‍हें दर्द भरे गले और नाक जाम होने की शिकायत उन लोगों की तुलना में ज्‍यादा होती है जो दिनभर में 8 गिलास पानी पीते हैं.

6. गरम चाय पियें

बरसात के समय आपको कम से कम एक कप चाय जरुर पीनी चाहिये. अच्‍छा होगा कि आप चाय में अदरक और इलायची भी डाल लें तो. पर चाय के आदि मत बनियेगा. यह एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक का काम करती है.

7. तनाव से दूर रहें

तनाव लेने से स्‍वास्‍थ्‍य को हानि पहुंच सकती है. इससे आपको फ्लू और भी तेजी से जकड़ लेगा. स्‍ट्रेस लेने से इम्‍यून सिस्‍टम कमजोर होने लगता है और आपके ठीक होने के चांस कम हो सकते हैं.

8. धूम्रपान छोडें

स्‍मोकिंग करने से तो वैसे भी कई समस्‍याएं हो जाती हैं. लेकिन इससे खास कर के सांस संबन्‍धि समस्‍या जैसे ब्रोंकाइटिस होने की समस्‍या सबसे ज्‍यादा रहती है. यह इम्‍यून सिस्‍टम को भी कमजोर बना देता है.

अब पेट भी रहेगा फिट

रिया एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत युवा, उत्साही सौफ्टवेयर इंजीनियर है. अभी हाल तक सब कुछ ठीक-ठाक था. फिर एक दिन उसे सीने में जलन होने लगी. लंच के बाद पेट जैसे फूलने लगा. उस के बार-बार टौयलेट के चक्कर लगने लगे. इस सब से परेशान रिया के जहन में बस एक ही बात आ रही थी कि मैं ने ऐसा क्या खाया है.

यह सच है कि हमारे पेट में जब भी कोई प्रौब्लम होती है हम उसे अपने खानपान से जोड़ कर देखते हैं, जबकि पेट की हर बीमारी सिर्फ खाने की वजह से हो ऐसा बिल्कुल नहीं है. बल्कि इस के लिए बैक्टीरिया कारण हो सकता है. आस्ट्रेलियाई डाक्टर बैरी जे. मार्शल ने यह पाया कि पेट में जितने भी विकार होते हैं उस का कारण एक बैक्टीरिया है, जिसे हेलिकोबैक्टर पायलोरी कहते हैं. यह सच है कि पूरी दुनिया की आबादी के 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग हेलिकोबैक्टर पायलोरी से संक्रमित हैं और पेट से जुड़ी जितनी भी बीमारियों होती हैं उन सब के लिए यह अकेला ही जिम्मेदार है. अगर इस बैक्टीरिया का सफाया हो जाए, तो आप पेट की किसी भी बीमारी से पीडि़त नहीं होंगे.

1. नौर्मल प्रौब्लम है पेट में एसिड

हमारे पेट में एसिड भोजन को पचाने का काम करता है, लेकिन कई बार पेट में एसिड जरूरत से ज्यादा बनने लगता है. अब पेट में भोजन कम और एसिड ज्यादा हो जाता है, जिस से एसिडिटी की प्रौब्लम हो जाती है. मसालेदार और वसायुक्त भोजन करने से एसिडिटी होने लगती है. इसके अलावा समय पर भोजन न करने से भी एसिडिटी हो जाती है. विशेषज्ञों का मानना है कि एसिडिटी का एक कारण तनाव लेना भी है.

ये भी पढ़ें- मौनसून में ऐसे रखें डाइट का ख्याल

ऐसे करें इलाज

एसिडिटी की प्रौब्लम से परेशान लोग सुबह उठने के बाद पानी पीएं. इस के अलावा रोज खाने के साथ केला, तरबूज, पपीता और खीरा खाएं. एसिडिटी के उपचार में तरबूज का रस फायदा करता है. नारियल पानी पीने से भी एसिडिटी से निजात मिलती है.

2. गैस की प्रौब्लम को करें दूर

अधिक समय तक खाना न मिलने से पेट में गैस की प्रौब्लम हो जाती है. पेट में आवश्यकता से अधिक गैस बनने से वह शरीर के बाकी अंगों के लिए खतरनाक होने लगती है. इसलिए गैस की प्रौब्लम होते ही इस पर ध्यान देना चाहिए.

ऐसे करें इलाज

गैस की शिकायत होने पर ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए. वहीं गैस को ठीक करने के लिए एक नीबू के रस में दो चम्मच पानी और स्वादानुसार काला नमक मिलाकर चुटकीभर खाने का सोडा मिलाकर पीएं. इस के अलावा गैस से राहत पाने के लिए पवन मुक्त आसन करना बहुत लाभदायक है.

3. पानी कम पीने से भी होता है कब्ज

कब्ज पानी कम पीने से भी होती है. कब्ज की प्रौब्लम होने पर भूख नहीं लगती और शौच में प्रौब्लम होती है.

ऐसे करें इलाज

कब्ज की प्रौब्लम से छुटकारा पाने के लिए हरी सब्जियां खाएं क्योंकि इन में रेशे की मात्रा अधिक होती है. इसके अलावा आप फल और चोकर युक्त आटा खा सकते हैं.

4. पेट की प्रौब्लम में से एक है उल्टी होना

बार-बार उल्टी आना और जी मिचलाना पेट में रोग का कारण हो सकता है. ऐसा होने पर रोग का पता लगाना और इलाज करना जरूरी हो जाता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है ताकि आगे चल कर कोई बड़ा रोग न हो जाए.

ऐसे करें इलाज

उल्टी आने या जी मिचलाने पर हल्का भोजन करना चाहिए. कोशिश करनी चाहिए इस दौरान अधिक से अधिक दही का सेवन किया जाए. पुदीने का शरबत भी काफी असरदार हो सकता है.

5. मौसम बदलने पर लूज मोशन है नौर्मल

अकसर देखा जाता है कि मौसम बदलने पर लूज मोशन की शिकायत हो जाती है. इस के अलावा खराब भोजन खाने पर भी कई बार लूज मोशन का शिकार हो जाते हैं. इस के बाद शारीरिक कमजोरी होने लगती है.

 ऐसे करें इलाज

लूज मोशन की शिकायत होने पर मूंग दाल की खिचड़ी और दलिया ही खाना चाहिए. इस के साथ आप दही का सेवन भी कर सकते हैं. वहीं केला और कब्ज वाली भूसी खाने से भी लूज मोशन ठीक करने में सहायता मिलती है.

6. बेहतरीन सेहत के लिए अपनाएं ये मंत्र

– दही, तरबूज, खरबूज, पालक, गाजर, सेब समेत अन्य फाइबरयुक्त खानपान लें. इस से आंतों की गति संतुलित रहती है.

– मानसिक तनाव से भी अपच, गैस व दस्त हो सकते हैं. योग व साधना करें.

ये भी पढ़ें- 6 टिप्स: मौनसून में बीमारियों से ऐसे रहें दूर

– बेवजह दवाएं न खाएं. इस से ड्रग इंड्यूज्ड डायरिया होने का रिस्क रहता है.

घरेलू उपचार के अलावा एक और विकल्प है

दशकों से विश्वसनीय एवं विश्वस्तरीय स्टोमाफिट अपनाएं और पेट की बीमारियों को कहें बाय-बाय. यह दवा आप के स्टमक को एकदम फिट रखती है. साथ ही गैस्ट्राइटिस के लिए यह किसी अमृत से कम नहीं है. एसिडिटी, पेट फूलना, गैस, बदहजमी, पेट दर्द, डायरिया, कब्ज़, उल्टी, आंव यह एक दवा आपको इतनी सारी बीमारियों से मुक्ति दिलाती है और पहली ही खुराक में फायदा करती है. इस दवा की एक खास बात यह है कि मधुमेह से पीडि़त लोग भी इसका सेवन कर सकते हैं, क्योंकि यह दवा शुगर फ्री है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें