Winter Special: ठंड में अगर हाथ-पैर सुन्न पड़ जाए तो अपनाएं ये 7 उपाय

सर्दियों में कभी-कभी हमारे हाथ-पैर और उनकी उंगलियां के सुन्न पड़ जाती है. जिससे हमें किसी भी चीज को छूने का एहसास मालूम नहीं पड़ता. इसके साथ ही हो सकता है कि आपको प्रभावित स्‍थान पर दर्द, कमजोरी या ऐठन भी महसूस होती हो. इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे लगातार हाथों और पैरों पर प्रेशर, किसी ठंडी चीज को बहुत देर तक छूते रहना, तंत्रिका चोट, बहुत अधिक शराब का सेवन, थकान, धूम्रपान, मधुमेह, विटामिन या मैग्‍नीशियम की कमी आदि. ऐसे में प्रभावित जगह पर झनझनाहट, दर्द, कमजोरी और ऐंठन के लक्षण दिखाई देते हैं.

इस समस्या का प्रमुख कारण रक्त वाहिनियों का संकुचित होना है. दरअसल सर्दियों में दिल पर काफी जोर पड़ता है जिससे रक्त वाहिनियां संकुचित हो जाती हैं और शरीर के विभिन्न अंगों में आक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है. रक्त संचार पर असर पड़ने की वजह से शरीर के विभिन्न अंग सुन्न पड़ जाते हैं.

वैसे तो सर्दियों में हाथ-पैर का सुन्न होना या उनमें झनझनाहट होना एक आम समस्या है पर अगर यह समस्या आपके शरीर के किसी अंग में लम्बे समय तक बनी रहती है तो यह एक गम्भीर बिमारी का रूप भी ले सकती है ऐसे में इसका उपचार करना बेहद जरूरी है.

तो आइये जानते हैं कि आप कैसे इस तरह की समस्या से निजात पा सकती हैं

1. मसाज करें

जब भी हाथ पैर सुन्‍न हो जाएं तो हल्के हाथों से उस पर मसाज करें. इससे ब्‍लड सर्कुलेशन बढ़ता है. मसाज करने के लिए जैतून, नारियल या फिर सरसो के तेल को गुनगुना कर प्रभावित अंगो पर लगाकर हल्के हाथों से मले. इसके अलावा आप प्रभावित जगह पर रक्त संचार बढ़ाने के लिए गर्म पानी से भी सेंक सकती हैं. इससे मांसपेशियों और नसों को काफी आराम मिलता है.

2. डाइट में शामिल करें विटामिन्स

अगर हाथ पैरों में झनझनाहट होती है तो उसे दूर करने के लिए अपने आहार में विटामिन बी, बी6 और बी12 शामिल करें. इसके अलावा ओटमील,दूध, पनीर, दही, मेवा, केला, बींस आदि को भी अपने आहार का हिस्सा बनाएं.

3. व्‍यायाम

व्‍यायाम करने से शरीर में ब्‍लड र्स्‍कुलेशन होता है और वहां पर आक्‍सीजन की मात्रा बढ़ती है. इसलिए रोजाना 15 मिनट व्‍यायाम करना चाहिये. इसके अलावा रोजाना 15 मिनट एरोबिक्‍स करें, जिससे आप हमेशा स्‍वस्‍थ बनी रहें.

4. हल्दी है फायदेमंद

हल्दी में रक्त संचार बढ़ाने वाले तत्व पाए जाते हैं. साथ ही यह सूजन और दर्द कम करने में भी लाभकारी होता है. हल्दी-दूध का सेवन करने से हाथों-पैरों की झनझनाहट दूर होती है. इसके अलावा हल्दी और पानी के पेस्ट से प्रभावित जगह की मसाज करने से भी यह समस्या दूर होती है.

5. दालचीनी

दालचीनी में कैमिकल और न्‍यूट्रियंट्स होते हैं जो हाथ और पैरों में ब्‍लड फ्लो को बढ़ाते हैं. एक्‍सपर्ट बताते हैं रोजाना 2-4 ग्राम दालचीनी पावडर को लेने से ब्‍लड सर्कुलेशन बढ़ता है. इसको लेने का अच्‍छा तरीका है कि एक गिलास गरम पानी में 1 चम्‍मच दालचीनी पाउडर मिलाएं और दिन में एक बार पियें या फिर 1 चम्‍मच दालचीनी और थोड़ा शहद मिला कर सुबह के समय कुछ दिनों तक सेवन करें.

6. धूम्रपान से रहें दूर

हाथ-पैर के सुन्न पड़ने की समस्या से बचने के लिए जरूरी है कि आप लंबे समय तक ठंड में रहने से बचें. अचानक अगर हाथ व पैर सुन्न हो जाते हैं तो तुरंत रगड़कर रक्त संचार बढ़ाएं. इसके अलावा धूम्रपान से दूरी बनाए रखें. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे पेरिफेरल आर्टरी डिसीज होता है और पैरों में रक्त का संचार ठीक तरीके से नहीं हो पाता.

7. प्रभावित हिस्‍से को ऊपर उठाएं

हाथ और पैरों के खराब ब्‍लड सर्कुलेशन से ऐसा होता है. इसलिये उस प्रभावित हिस्‍से को ऊपर की ओर उठाइये जिससे वह नार्मल हो सके. इससे सुन्‍न वाला हिस्‍सा ठीक हो जाएगा. आप अपने प्रभावित हिस्‍से को तकिये पर ऊंचा कर के भी लेट सकती हैं.

क्या आप बता सकते हैं बेसिक चीजें के बारे में जिनसे मैं अपने घुटनों को दुरुस्त रख सकता हूं?

सवाल-

मैं 38 वर्षीय आईटी प्रोफैशनल हूं. जब मैं औफिस में बैठा रहता हूं तब भी मेरे घुटनों में बहुत तेज दर्द और जकड़न होती है. मुझे जिम जाने और वर्कआउट करने का समय कभीकभी ही मिल पाता है. मैं ने घुटनों के दर्द के लक्षणों की खोज की तो पाया कि घुटनों का आर्थ्राइटिस 30 वर्ष की प्रारंभिक अवस्था और 40 वर्ष की उम्र में आम समस्या है. क्या आप घुटनों के आर्थ्राइटिस को दूर रखने में जीवनशैली में बदलाव की जरूरत पर और ज्यादा विस्तार से प्रकाश डाल सकते हैं? वे बेसिक चीजें कौन सी हैं, जिन से मैं अपने घुटनों को दुरुस्त रख सकता हूं और दर्द की समस्या से छुटकारा पा सकता हूं?

जवाब-

मैं आप को डाक्टर से सलाह लेने और घुटनों का उचित इलाज कराने की सलाह दूंगा. इंटरनैट पर देख कर खुद अपना इलाज करने से आप को गलत जानकारी मिल सकती है और आप की हालत बिगड़ सकती है. अपने घुटनों को स्वस्थ रखने के लिए आप को जिम में जाने और बहुत ज्यादा देर तक नहीं बैठना है और समयसमय पर ब्रेक ले कर हलकाफुलका व्यायाम करना है. किसी भी तरह का हलका व्यायाम जैसे 30 मिनट तक चलने और एस्केलेटर की जगह सीढि़यों से आनेजाने से आप को घुटनों के दर्द से काफी आराम मिल सकता है. सब से ज्यादा महत्त्वपूर्ण बात यह है कि अगर आप का वजन ज्यादा है तो यह आप के घुटनों का मजबूत रखने में सब से बड़ी रुकावट है.

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आर्थ्राइटिस अब हमारे देश की आम बीमारी बन चुका है और इस से पीडि़त व्यक्तियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. आर्थ्राइटिस से सिर्फ वयस्क ही नहीं, बल्कि आज के युवा भी पीडि़त हो रहे हैं. जिस की वजहें आज की मौडर्न जीवनशैली, खानपान, रहनसहन आदि हैं. आज हर व्यक्ति आराम चाहता है, मेहनत तो जीवनचर्या से खत्म हो चली है. फलस्वरूप ऐंडस्टेज आर्थ्राइटिस से पीडि़त अनेक रोगियों के पास जौइंट रिप्लेसमैंट सर्जरी के अलावा और कोई विकल्प नहीं रह जाता.

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हेल्थ से जुड़ी इन समस्याओं को न करें अनदेखा

हेल्थ एक्सपर्ट्स नम्रता गॉड ने, हेल्थ से सम्बंधित कई परेशानियों व उनके इलाज के बारे में जानकारी दी, जैसे, मेनोपॉज़, एनीमीया व ऐसिडिटी आदि जिनका स्वास्थ्य पर तो प्रभाव पड़ता ही है,साथ ही सुंदरता  भी प्रभावित हुए बिना नहीं रहती.

जब तक आप भीतर से स्वस्थ नहीं हैं तब तक,मँहग़े से महग़ा प्रोडक्ट व ट्रीटमेंट भी आपको सुंदर नहीं बना सकता.सुंदर व चमकदार बाँहें,रेशमी बाल,गालों की गुलाबी रंगत,कांतिमय स्किन- ये लक्षण हैं,जिन्हें देखकर आसानी से ये जाना जा सकता है कि अमुक व्यक्ति वास्तव में सुंदर है–

1-कमर दर्द

पतली बलखाती कमर,महिला के फिगर को तो आकर्षक बनाती है,लेकिन,यदि,महिला की वही कमर दर्द से ग्रस्त हो,और महिला सीधी भी खड़ी न हो सके तो,सुंदरता कैसी ?प्रसव के बाद,उचित व्यायाम ,सेंक या मालिश का अभाव,भारी वज़न उठाना,गर्भाशय के रोग,वात रोग,मेंरुदंड में ख़राबी,ग़लत फ़ुटवैअर का इस्तेमाल,आदि कुछ ऐसे कारण हैं,जिनसे कमर दर्द हो सकता है.

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कमर दर्द को दूर भागने के लिए अपनी जीवन शैली बदलें.लम्बी झाड़ू से घर की सफ़ाई करें,जिससे आगे की ओर झुकना न पड़े.वज़न न बढाएँ.बार बार कमर को आगे की ओर न झुकाए पंजों के बल चलने का अभ्यास करें.सीधे बैठें.सीधे चलने का अभ्यास करें.ठंडी चीज़ें कम खाएँ.सर्दी का मौसम हो तो गुनगुना पानी पिएँ,और गुनगुने पानी से ही स्नान करें.यदि फिर भी आराम न मिले तो डॉक्टर को दिखाएँ.

2-स्किन

उन के अनुसार यदि स्किन में पीले या गुलाबी रंग के चकत्ते बन जायँ तो ,ये सूर्य किरणो से होने वाले  स्किन के ट्यूमर हो सकते हैं,जिनका इलाज समय पर होना ज़रूरी है.स्किन पर यदि सफ़ेद रंग के छोटे छोटे दाग़ बढ़ रहे हों तो,यह एक क़िस्म का स्किन का कैंसर हो सकता है.

3-पैर व पंजेप

लाख पेडिक्योर करवाएँ यदि पंजों में सूजन है,स्किन साफ़ नहीं है,उँगलियों में लालिमा है ,पंजो में गर्र्माहट है अधिक पसीना आता है तो पैरों में कभी निखार नहीं आ सकता .ये सब ,ग्रंथियों में अधिक असंतुलन की निशानी है .इसके विपरीत यदि आप ,पंजों में ठंडक,रूखी स्किन तथा नाख़ूनों के टूटने से परेशान हों तो ये, पंजों में ख़ून का सही दौरा न होने का संकेत देते हैं.पंजों का सुन्न हो जाना या हल्की हल्की झनझनाहट ,डाइबिटीज की निशानी है.स्किन का रंग बदलना तथा एड़ी के पास के हिस्सों में सूजन,ह्रदय से सम्बंधित रोगों का संकेत देते हैं.

4-हेअर फ़ौल

यदि आपके बालों में स्वाभाविक चमक व मज़बूती है तो आपका स्वास्थ्य ठीक है.रूखे बाल,हल्के थाइरायड के कारण भी हो सकते हैं,जब की फूले फूले बालों का अर्थ है शरीर में ज़िंक व मैगनेशियम की कमी.सिर की स्किन में रूसी,तनाव या स्किन के अन्य किसी रोग के कारण भी हो सकती है.१०० से१५० बालों का झड़ना सामान्य सी बात है ,लेकिन इससे अधिक यदि बाल झड़ते हैं तो यह गम्भीर समस्या है.

प्रोटीन की कमी-  डाइट में इसकी कमी फंगल इन्फ़ेक्शन और रूसी को जन्म देती है,जिससे बालों के झड़ने की समस्या होती है.इसके लिए किसी स्किन रोग विशेषज्ञ की सलाह लें.

5-हाथ व नाख़ून

हाथों में नीला पन बताता है कि,रक्त का दौरा,सुचारू रूप से नहीं चल रहा है.हाथों में सूजन का कारण थाइरोइड हो सकता है. हाथों का कम्पन–उक्त रक्त चाप या न्यूरोलोजिकल गड़बड़ी की निशानी है.

स्वस्थ नाख़ून गुलाबी रंग के होते हैं और नीचे की ओर सफ़ेद रंग की गोलाई लिए होते हैं.शरीर में लौह तत्व की कमी के कारण ,नाख़ून सख़्त होकर टूटते हैं.रूखे ,खुरदरे,उठे हुए या मोटे नाख़ून संक्रमण के कारण हो सकते हैं.नाखूनों पर सफ़ेद निशान,ज़िंक या प्रोटीन की कमी या अत्यधिक शुगर की वजह से होते हैं.यदि नाख़ून हरे या पीले हैं तो ऐसा फ़ंगस इन्फ़ेक्शन की वजह से होता है

नियमित रूप से अपनी डाइयट में  ज़िंक,रेड मीट,सी फ़ूड,गेहूँ,दाल,अंडे,पनीर की मात्रा बढ़ायें कहती हैं न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या

6-झाईयाँऔर आँखों के इर्द गिर्द काले गड्ढे-

आँखों के इर्द गिर्द काले गड्ढेअनिद्रा,तनाव व खुराक में पोषक तत्वों की कमी के कारण होते हैं.झाईयाँ एनेमीया की वजह से होती हैं,भारत में लगभग७०% महिलाएँ एनीमीया की शिकार हैं,जिसकी वजह से शरीर में,हीमग्लोबिन की कमी हो जाती है.यह,पिरीयड्ज़ के दौरान,अत्यधिक ब्लीडिंग के कारण भी हो सकता है.इससे  थकान,महसूस होना ,चेहरे पर सफ़ेदी आ जाना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं.

आइरनयुक्त पदार्थों जैसे,पालक,आँवला,सेब,टमाटर,एल्लोवीरा,किशमिश का नियमित सेवन करने से एनेमीया से बचा जा सकता है.ठंडे गुलाब जल/या ठडी चाय के पानी में कॉटन भिगोकर आँखों पर रखें.भरपूर नींद लें तनाव से दूर रहें.

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7-पी॰सी.ओ.ड़ी.

पोलीसिसटिक ओवेरीयन डिज़ीज़,ओवर्री से सम्बंधित है,जिसकी शुरुआत १५ से २२ साल तक युवतियों में हो जाती है, लेकिन इसका पता,काफ़ी समय बाद लग पाता है इस सिंड्रोम के कारण ब्यूटी से सम्बंधित परेशनियाँ जैसे,हिरसोटिज़्म,पिग्मेंटेशन,पिरीयड्ज़ में देरी जैसी कई समस्याएँ देखने को मिलती हैं.कई बार इन परेशानियों का इलाज करवाने पर भी ये ठीक नहीं होतीं.ऐसे स्थिति में ,ब्यूटीशिअन को चाहिए कि वो अपने क्लाइयंट को डॉक्टर के पास जाने की सलाह दे या टेस्ट आदि करवाने की सलाह दे.पी.सी.ओ.ड़ी.के लिए,पैल्विस का अल्ट्रा साउंड,थाईरायड,और डी.एच.ई.एस का टेस्ट करवाएँ ट्रीटमेंट में दवाईयों के साथ वज़न कम करने पर ज़ोर दिया जाता है.

8- झुर्रियाँ

झुर्रियाँ बढ़ती उम्र का तो संकेत होती ही हैं इनमे,जींस की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है.इस के अतिरिक्त धूम्रपान कुपोषण,मुँह बिराने से भी झुर्रियाँ पड़ती हैं.

चीनी या शक्कर का सेवन कम करें क्योंकि ये ,ब्लड शुगर लेवल को बढाकर शर्करा बनने की प्रक्रिया को तेज़ करता है जिससे कोलाजन और इलास्टिक बनने की क्षमता कम हो जाती है और झुर्रियाँ जल्द ही नज़र आने लगती हैं.पर्याप्त पानी पियें,मेवे और दालों का सेवन करें.ये खाद्य,स्किन पर क़ुदरती तेल प्रदानों करके उसमें कसाव और चमक लाते हैं.कार्बोरेटेड ड्रिंक्स कुकीज़,कैंडीज का प्रयोग कम करें.नियमित फ़ेशिअल करवाएँ.

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