सर्दियों में बढ़ता हार्ट अटैक का खतरा, जानें क्यों

ठंड का मौसम खुशियों का मौसम होता है, इस खुशनुमा मौसम का मतबल है ढेर सारे त्‍यौहार, छुट्टियां और कई और चीजें. सर्दियों का यह मौसम बच्‍चों और बुजुर्गों की सेहत के लिये परेशानी खड़ी कर कर सकता है, ठंड का यह मौसम अपने साथ हमेशा ही कुछ चुनौतियां और सेहत से जुड़े खतरे लेकर आता है, खासकर बुजुर्गों के लिये. वातावरण में काफी बदलाव होने की वजह से बुजुर्गों के लिये एक सामान्‍य जीवनशैली का पालन कर पाना मुश्किल हो जाता है.

बुजुर्ग जब युवा होते हैं तो उसकी तुलना में इस उम्र में बौडी हीट जल्‍दी खो देते हैं. शरीर में होने वाला बदलाव उम्र बढ़ने के साथ आता है, जिससे आपके लिये ठंड महसूस होना ज्‍यादा मुश्किल हो सकता है. इससे पहले कि बुजुर्ग व्‍यक्ति को कुछ पता चले कि आखिर क्‍या हो रहा है, बहुत ज्‍यादा ठंड खतरनाक समस्‍याओं में बदल सकता है.

ठंड के मौसम में दिल का दौरा पड़ने का खतरा क्‍यों बढ़ जाता है

1. अध्‍ययनों में यह बात सामने आयी है कि अगर आपको पहले भी दिल का दौरा पड़ चुका है, आपको दिल की बीमारी है या आपकी उम्र 65 साल से ज्‍यादा है तो खासतौर से ठंड का मौसम खतरनाक हो सकता है.

2. ठंड का मौसम ब्‍लड प्रेशर और कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर को बढ़ा सकता है- ये दोनों ही दिल के दौरे के लिये जोखिम का कारण हैं.

3. इससे दिल को नुकसान पहुंचाने वाले ब्‍लड की क्‍लॉटिंग भी हो सकती है

3. जैसे ही तापमान नीचे गिरता है, आपकी रक्‍त वाहिकाएं सख्‍त हो जाती हैं और आपके शरीर को गर्म रखने के लिये रक्‍त का संचार तेज हो जाता है.

स्‍वीडन के 274,000 लोगों का निरीक्षण करने के बाद, ‘JAMA कार्डियोलॉजी’ में प्रकाशित अध्‍ययन में यह बात सामने आयी है कि जब तापमान काफी कम हो जाता है तो दिल का दौरा पड़ने का खतरा बहुत ज्‍यादा बढ़ जाता है.

बचाव

कमजोर दिल वालों को खासतौर से ठंड के मौसम में सतर्क रहना चाहिये. उन्‍हें नियमित रूप से एक्‍सरसाइज करनी चाहिये, हालांकि उन्‍हें इसके समय में बदलाव करना चाहिये, यानी बहुत ठंड में जाने से बचें. ‘अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन’ के अनुसार, जिन बुजुर्गों को कार्डियोवेस्‍कुलर समस्‍याएं हैं उन पर ठंड का विपरीत प्रभाव पड़ सकता है. कम तापमान और हवाओं के कारण बॉडी हीट कम हो जाती है, रक्‍त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, पूरे शरीर तक ऑक्‍सीजन पहुंचना मुश्किल हो जाता है.

‘अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन’ सलाह देता है कि बुजुर्गों को गर्मी को बनाये रखने के लिये और इंसुलेशन प्रदान करने के लिये परतों में कपड़े पहनने चाहिये. पतली काया वाले बुजुर्गों को ठंड संबंधी कार्डियोवेस्‍कुलर समस्‍याओं का खतरा ज्‍यादा रहता है, क्‍योंकि उनमें गर्मी देने के लिये और रक्‍त संचार को बनाये रखने के लिये पर्याप्‍त फैट नहीं होता है. इस बात का पता होना अच्‍छा है कि किन बातों का ध्‍यान रखना चाहिये और किस चीज की उम्‍मीद की जानी चाहिये, ताकि इस मौसम में आप स्‍वस्‍थ रह सकें या बुजुर्ग की सेहत पर नज़र रख सकें:

1. खुद को गर्म रखें, ठंड से बचें

2. नमक और पानी की मात्रा का सेवन कम कर देना चाहिये ताकि ज्‍यादा पसीना ना निकले

3. जरूरत से ज्‍यादा ना खायें

4. शराब सीमित मात्रा में लें

5. जरूरत से ज्‍यादा काम ना करें

6. नियमित रूप से बीपी पर नज़र रखें और अगर यह बढ़ता है तो इसका सही रूप में इलाज होना चाहिये

7. इंफेक्‍शन से बचना एक और महत्‍वपूर्ण पहलू है और इस मौसम के शुरू होने से पहले इंफ्लुएंजा और निमोनिया की वैक्‍सीन लगवा लेनी चाहिये ताकि छाती में होने वाले संक्रमण से बचा जा सके.

8. अगर इंफेक्‍शन के लक्षण नज़र आते हैं तो एंटीबायोटिक्‍स के साथ तत्‍काल इलाज करना चाहिये.

9. जो दवाएं बतायी गयी हैं उन्‍हें जरूर लें.

10. अगर आपको अच्‍छा महसूस होने लगा है तो भी दवा लेना ना छोड़ें

11. जिस डौक्‍टर से इलाज करवा रहे हैं उन्‍हें किसी भी तरह के साइड इफेक्‍ट के बारे में तुरंत बतायें.

डौ. के एस सुब्रमणि, MBBS, MD, DM, FESC, FICC सी‍नियर कंसल्‍टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलौजिस्‍ट कंसल्‍टेंट- मेडल क्‍लूमैक्‍स, बेंगलुरू से बातचीत पर आधारित.

इन छोटे संकेतों से पहचाने दिल की बीमारी का खतरा

 आम तौर पर ह्रदय रोग के लिए कोरोनरी आर्टर बीमारी प्रमुख कारण होता है. हृदय की अन्य बीमारियों में पेरिकार्डियल रोग, हृदय की मांसपेशियों से संबंधित समस्या, महाधमनी की समस्या हार्ट फेल होना, दिल की धड़कन का अनियमित होना हार्ट के वौल्व से संबंधित बीमारी जैसी कई बीमारियां हैं. इन परेशानियों से बचने के लिए जरूरी है कि आप इनके लक्षणों के बारे में जान लें. और जब भी आपको इनका आभास हो आप तुरंत डाक्टर से मशवरा लें.

ह्रदयघात के लक्षणों में छाती में भारीपन, भुजाओं या कंधों में, गले, जबड़े, पीठ या गर्दन में दर्द होना इसके प्रमुख लक्षण हैं. इसके अलावा धड़कन का बढ़ना, सांस लेने में परेशानी, चक्कर आना, पसीना आना जैसे अन्य लक्षण भी अहम हैं.

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यदि आपको आपकी छाती पर भार महसूस हो रहा है या छाती की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस हो रहा है इसका मतलब है कि आपका ह्रदय स्वस्थ नहीं है. वो अच्छे से काम नहीं कर रहा है.

वहीं आप कसरत करने के बाद छाती में दर्द महसूस करते हैं या आपको कुछ ज्यादा थकान महसूस होती हो तो इसका अर्थ है कि आपके हृदय के रक्त प्रवाह में कुछ गड़बड़ी है.

यदि आपको हल्का फुल्का काम करने के बाद भी सांस लेने में परेशानी हो रही है, या जब आप लेटें तब आपको सांस लेने में परेशानी हो रही हो, तो समझ जाइए कि आपके ह्रदय में कुछ परेशानी है.

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इसके अलावा थोड़ा काम करने के बाद भी आपको थकान या चंचलता महसूस होती है तो ये ह्रदय ब्लाकेज के लक्षण हो सकते हैं.

यदि आप ज्यादातर वक्त थका हुआ महसूस करते हैं, इसके अलावा आपको अच्छे से नींद भी ना आती हो, अचानक से आपको थकान हो जाए, उल्टी का मन हो तो समझ जाइए कि आपको ह्रदय संबंधित परेशानी है.

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