बीमारियों से बचने के लिए दिल का ख्याल रखना है जरूरी

हम सभी लगातार भाग रहे हैं, सफर कर रहे हैं, अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में बहुत व्यस्त हैं और बमुश्किल हमें खाली समय मिल पाता है. इस भागदौड़ भरी जिंदगी में, हम अपने रोज के कामों को निबटाने के दौरान अपने भोजन, 8 घंटे की पर्याप्त नींद और नियमित फिटनेस रिजीम को पीछे छोड़ देते हैं. इन सब को सब से कम प्राथमिकता देते हैं और आखिरकार अपने स्वास्थ्य से समझौता कर बैठते हैं. हमारे शरीर का सब से महत्त्वपूर्ण अंग हमारा हृदय है जोकि चौबीसों घंटे काम करता है ताकि हम जिंदगी को भरपूर जी सकें. तनाव में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और स्वास्थ्य दूसरी प्राथमिकता बन रहा है. ऐसे में अपने हृदय की सेहत पर उचित ध्यान नहीं दिया जा रहा है. वर्ष 2015 के लैंसेट अध्ययन के अनुसार, हृदय से संबंधित बीमारियों के कारण भारत में 2.1 मिलियन से अधिक मौतें हुईं. इस से साफ तौर पर कार्डियोवैस्क्युलर रोग (सीवीडी) में देश में वृद्धि हो रही है और वह भी खतरनाक दर से.

इंडियन काउंसिल औफ मेडिकल रिसर्च द्वारा किए गए एक अध्ययन में कार्डियोवैस्क्युलर रोगों में इस बढ़ोतरी का कारण बढ़ती आबादी, लोगों की बढ़ती उम्र और सब से महत्त्वपूर्ण जीवनशैली में हो रहे बदलावों के कारण बढ़ती संवेदनशीलता है. यह इस बात का प्रमाण है कि उम्र के साथ, हमारी जीवनशैली भी हमारे हृदय का स्वास्थ्य निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाती है. हमारी जीवनशैली सिर्फ हमारे द्वारा किए जाने वाले रोजमर्रा के कामों और तनाव को प्रबंधित करने से ही प्रभावित नहीं होती है, बल्कि हम जो खाते हैं या रात में जितनी नींद लेते हैं, उस से भी असर पड़ता है. हमारी इन सब चीजों से सुनिश्चित होता है कि हमारा शरीर पूरा दिन सब से अच्छे ढंग से काम कर रहा है.

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दरअसल, मौजूदा परिदृश्य में जिस आयु समूह को हृदय संबंधी बीमारियां होने का खतरा सब से अधिक है- वह है 30 साल. आंकड़े काफी खतरनाक हैं. अब हृदय रोगों के लिए उम्र स्पष्ट रूप से कोई मानदंड नहीं रह गई है. हृदय के रोग सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं. थकान एवं तनावपूर्ण अनुसूची के बढ़ने से आज की नई युवा पीढ़ी के लिए भी यह गंभीर चिंता बन गई है. इस से बचने का कोई समय नहीं- अब समय आ गया है कि हम अभी से एक स्वास्थ्यवर्धक जिंदगी जीने के लिए सक्रियता से प्रयास करें.

इस से एक बात तो साफ है कि हमें अपने हृदय एवं स्वास्थ्य की देखभाल कम उम्र से शुरू करनी होगी. हम सभी को एक स्वस्थ दिनचर्या एवं आदतों को अपनाना चाहिए जिस से हमें सेहतमंद बने रहने और एक स्वास्थ्यवर्धक जीवन जीने में मदद मिलती है. ये चरण आप की जिंदगी में काफी बड़ा अंतर ला सकते हैं:

शारीरिक गतिविधि

अपनी दिनचर्या में कम से कम 30 मिनट के लिए शारीरिक गतिविधि को शामिल करना जरूरी है. आप ब्रिस्क वौक, जिम, योग, डांस या फिर कुछ और कर सकते हैं जिस से हार्ट पंपिंग में मदद मिलती है. इस से आप के दिमाग को भी सुकून मिलेगा और आप का दिल अधिक सक्रिय होगा, साथ ही हर दिन आप का स्टैमिना भी बनेगा.

सही खानपान

बाहर से आसानी से और्डर किए जा सकने वाले विकल्पों की बजाय घर का बना खाना खाएं. स्वस्थ खाना पकाने की शुरुआत होती है एक ऐसे खाद्य तेल के साथ जिस में आप के हृदय के स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए सही अनुपात में सही सामग्री मौजूद हो. तेल में उच्च एमयूएफए होना चाहिए जोकि खाने में तेल के अवशोषण को कम करता है यह ओमेगा 3 का अच्छा स्रोत हो जोकि जलन से लड़ता है. आदर्श ओमेगा 6 : ओमेगा 3 अनुपात (इंडियन काउंसिल औफ मेडिकल रिसर्च द्वारा उल्लिखित 5 से 10 के बीच)हो जोकि हृदय की संपूर्ण सेहत बरकरार रखने में मदद करता है. समग्र पोषण के लिए तेल ओराइजनौल जोकि बैड कोलैस्ट्रौल को कम करता है और विटामिन ए, डी एवं ई से युक्त हो.

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धूम्रपान एवं शराब पीने से बचें

धूम्रपान और नियमित रूप से शराब पीने से आप के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है. तंबाकू का सेवन आप के फेफड़ों में औक्सीजन की मात्रा घटाता है और यह कई बीमारियों का कारण बनता है. वहीं जरूरत से ज्यादा शराब पीने से आप की धमनियां और गुदे खराब हो जाते हैं. इसलिए, धूम्रपान से बचें और शराब के सेवन को सीमित करें. इस से आप का दिमाग एवं शरीर को सक्रिय एवं तंदुरुस्त रखने में मदद मिलेगी.

अच्छी नींद लें

कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेना महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इस से आप के दिमाग को आराम मिलता है. साथ ही हृदय एवं दूसरे अंगों को ज्यादा प्रभावी ढंग से काम करने में मदद मिले क्योंकि जब हम सो रहे होते हैं, तब हमारे अंग ज्यादा सक्रियता से काम करते हैं. जीवनशैली में बदलाव करने के लिए धैर्य एवं पूर्ण प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है. हालांकि, मौजूद परिदृश्य में हमारे पास वाकई में विकल्प नहीं हैं. हमें अब कम उम्र में ही बदलाव करने होंगे ताकि एक सेहतमंद, स्वस्थ एवं लंबी जिंदगी व्यतीत करना सुनिश्चित हो. आइए हम सब खुद से वादा करते हैं कि हम एक सक्रिय एवं स्वस्थ जिंदगी जिएंगे.

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