Periods में क्लौट्स आने से हीमोग्लोबिन कम हो गया है, मैं क्या करुं?

सवाल-

मैं 31 साल की विवाहिता हूं. 7 महीने पहले कंडोम फट जाने से मेरा गर्भ ठहर गया था. लेकिन हम बच्चा नहीं चाहते थे, इसलिए मैं ने डी ऐंड सी करवा ली थी. सफाई के बाद मुझे अगले 15 दिन रक्तस्राव होता रहा. समस्या यह है कि तभी से मुझे मासिकधर्म के समय अधिक खून जाने लगा है, जिस में क्लौट्स भी आते हैं. मेरा हीमोग्लोबिन घट गया है और मुझे बहुत कमजोरी लगने लगी है. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब-

मासिकधर्म के समय अधिक खून जाने के कई कारण हो सकते हैं. इन में पेड़ू की सूजन, गर्भाशय की रसौली, डिंब ग्रंथि की रसौली, एंडोमिट्रियासिस और कौपर टी वगैरह आम कारण हैं. कई शारीरिक विकार जैसे थायराइड, ऐनीमिया, रक्त कैंसर और ब्लड क्लौटिंग तत्त्वों की कमी होने से भी अधिक रक्त जा सकता है. आप की समस्या किस वजह से है, इस का पता लगाने के लिए आप किसी कुशल स्त्रीरोग विशेषज्ञा से चैकअप करवाएं. शरीर में आई खून की कमी को दूर करने के लिए अपने आहार पर विशेष ध्यान दें. कुछ महीनों के लिए आयरन और विटामिनों की पूर्ति के लिए गोली या कैप्सूल भी ले सकती हैं.

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क्या आप आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की पर्याप्त और सही मात्रा के बारे में जानते हैं. पुरुषों में हीमोग्लोबिन की सही मात्रा 14 से 17 ग्राम/100 मिली. रक्त होती है, वहीं स्त्रियों में ये मात्रा 13 से 15 ग्राम/100 मिली. रक्त होती है. शिशुओं के शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा लगभग 14 से 20 ग्राम/100 मिली. रक्त होनी चाहिए.

यहां हम आपको एक बहुत ही साधारण सी बात बता देना चाहते हैं कि दिन में एक सेब अवश्य खाकर आप आपके शरीर में हीमोग्लोबिन स्तर को सामान्य बनाए रख सकते हैं. इसके अलावा इन बातों का ध्यान रख कर भी आप अपने शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने से रोक सकते हैं.

स्वास्थ्यवर्ध्क गुणों से भरपूर लीची, रक्त कोशिकाओं के निर्माण और पाचन-प्रक्रिया में सहायक होती है. लीची में बीटा कैरोटीन, राइबोफ्लेबिन, नियासिन और फोलेट जैसे विटामिन बी उचित मात्रा में पाया जाता है. इसमें मौजूद विटामिन लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यक है.

शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने के लिए चुकंदर सबसे अच्छा खाद्य प्रदार्थ है. चुकंदर पोषक तत्वों की खान है. इसमें आयरन, फोलिक एसिड, फाइबर, और पोटेशियम ये सभी सही मात्रा में पाया जाता है. ये शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में तेजी से वृद्धि करता है.

इनके अलावा अनार हीमोग्लोबिन बढ़ाने में बहुत लाभकारी होता है. अनार में आयरन और कैल्शियम के साथ-साथ प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर जैसे तत्व होता हैं, जिनसे शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाने में मदद मिलती है.

गुड़ का सेवन करना भी एक बेहद उत्तम तरीका है. गुड़ में आयरन फोलेट और कई विटामिन बी शामिल हैं जो हीमोग्लोबिन स्तर को बढ़ाने के लिए और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मददगार होते हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- हीमोग्लोबिन की कमी को ऐसे पूरा करें

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Hemoglobin की सही मात्रा है जरूरी

हीमोग्लोबिन हमारे शरीर की सभी प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से काम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लेकिन जब रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है तो हम एनीमिया का शिकार हो जाते हैं. यानी शरीर में रेड ब्लड सेल्स की मात्रा कम होने लगती है, जिस से शरीर के अंगों तक औक्सीजन फ्लो काफी कम हो जाता है. जिससे न सिर्फ हमारी शारीरिक बल्कि मानिसक हैल्थ पर भी काफी प्रभाव पड़ता है. इसके कारण थकान होना, चक्कर आना, स्किन का पीला पड़ना, सांस लेने में दिक्कत महसूस होना, सिर दर्द, ठंड लगना, दिल की धड़कन का तेज होना आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं. इसलिए जरूरी है शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा का सही होना.

हीमोग्लोबिन का नार्मल स्तर

नार्मल हीमोग्लोबिन इन वूमन- 12-15 ग्राम/डीएल

नार्मल हीमोग्लोबिन इन प्रैगनैंट  वूमन- 12-16 ग्राम/डीएल

नार्मल हीमोग्लोबिन इन मैन- 14-17 ग्राम/डीएल

नार्मल हीमोग्लोबिन इन 6-12 ईयर किड्स- 13.5 ग्राम/डीएल

लो हीमोग्लोबिन लेवल इन वूमन- 12 से कम मतलब आयरन की कमी और 10 से कम का मतलब आप एनिमिक हैं.

लो हीमोग्लोबिन लेवल इन मैन- 12 से कम मतलब शरीर में खून की कमी है.

कौन से कारण हैं जिम्मेदार

–  संतुलित आहार नहीं लेना.

–  शरीर में विटामिंस और मिनरल्स की कमी हो जाना.

–  पीरियड्स के दौरान नोर्मल से ज्यादा ब्लीडिंग होना.

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क्या है उपचार

शरीर में जब हीमोग्लोबिन की मात्रा कम होने लगती है, तब डाक्टर जरूरी जांचों जैसे ब्लड टेस्ट, विटामिन बी-9, विटामिन बी-12, विटामिन डी जैसे जरूरी टेस्ट्स करवा कर उसके रिजल्ट के आधार पर ही उपचार देते हैं. लेकिन आपको बता दें कि शरीर में खून की कमी होने पर हेमाटीनिक्स एजेंट्स जो न्यूट्रिएंट होते हैं, जो शरीर में ब्लड को बनाने का काम करते हैं. जिसमें मुख्य रूप से आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी-12 का समावेश होता है, दिया जाता है ताकि शरीर की कमियां दूर हो कर हम पहले जैसा जीवन जी सके. इसके साथ ही विटामिन डी भी लेना जरूरी होता है. जानते हैं इनके बारे में:

कैसे काम करता है

आयरन:

शरीर में हीमोग्लोबिन को बनाने के लिए आयरन की जरूरत होती है. जो रेड ब्लड सेल्स में पाया जाता है. ऐसे में हेमाटीनिक्स से शरीर को आयरन मिलने से ये औक्सीजन को अंगों व ऊतकों तक पहुंचाने का काम करता है. जिस से शरीर में आयरन की कमी भी दूर हो जाती है और शरीर के विभिन्न अंगों को औक्सीजन भी मिल जाता है.

विटामिन बी-12:

शरीर में विटामिन  बी-12 की कमी होने से थकान व कमजोरी महसूस होती है. यहां तक कि शरीर में विटामिन बी-12 की कमी एनीमिया का कारण बनने के साथसाथ इससे नर्वस डैमेज होने के साथ आपकी सोचने, समझने की क्षमता पर भी असर पड़ता है. जबकि हेमाटीनिक्स शरीर में विटामिन बी-12 के लेवल को बनाए रखने का काम करता है. क्योंकि इसका रेड ब्लड सेल्स को बनाने में अहम रोल जो होता  है.

फोलेट:

फोलिक एसिड की जरूरत हैल्दी सेल्स को बनाने के लिए की जाती है. खासकर के रेड ब्लड सेल्स को. लेकिन अगर शरीर में फोलिक एसिड की कमी होने लगती है, तो शरीर असामान्य रूप से बड़े रेड ब्लड सेल्स बनाना शुरू कर देता है, जिससे वे सही ढंग से काम नहीं करने के कारण शरीर में खून की कमी होने लगती है. लेकिन हेमाटीनिक्स शरीर में फोलिक एसिड के स्तर को बनाए रखने का काम करता है.

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विटामिन डी भी जरूरी:

बता दें कि शरीर में विटामिन डी आयरन, कैल्शियम, जिंक, मैग्नीशियम, फास्फेट को अवशोषित करने में अहम भूमिका निभाता है. साथ ही इससे हड्डियों व मांसपेशियों को भी मजबूती मिलती है. वरना शरीर में विटामिन डी की कमी होने से थकान, हड्डियां कमजोर होने के साथसाथ आप डिप्रेशन की भी गिरफ्त में आ सकते हैं. इसलिए शरीर की सभी कमियों को दूर करें हेमाटीनिक्स न्यूट्रिएंट से.

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