एचएफएमडी के मामले में कैसे करें बच्चों की देखभाल, जानें एक्सपर्ट की राय

कोविड-19 महामारी के बाद स्कूलों के खुलने और बच्चों के क्लास में वापस लौटने के साथ पेरेंट्स को हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज (एचएफएमडी) की चिंता सता रही है. यह रोग बहुत ही तेजी से फैलता है और खासकर बच्चों को नुकसान पहुँचाता है. एचएफएमडी क्या होता है. इसके कारण और लक्षण और उपाय बता रहे हैं-

डॉ. अमित गुप्ता, वरिष्ठ सलाहकार, बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ, मदरहुड हॉस्पिटल, नोएडा

एचएफएमडी क्या होता है – कारण और लक्षण

हैंड-फुट-माउथ डिजीज (एचएफएमडी) एक वायरस रोग है, जो काफी संक्रामक होता है और यह आमतौर पर बच्चों और नवजातों को प्रभावित करता है. रोग एंटेरोवायरस प्रजाति के वायरस द्वारा आता है, जो अक्सर कॉक्ससैकीवायरस के कारण होता है. कॉक्ससैकीवायरस ए6 और ए16 और एंटेरोवायरस 71 एचएफएमडी के व्यापक रूप से फैलने का प्रमुख कारक है. यह सामान्य तौर पर संक्रमण होने के बाद त्वचा से त्वचा के संपर्क में आने, खाँसने और छींकने से फैलता है. इस वायरस के कारण मुँह में अल्सर के साथ-साथ बच्चे के हाथ, पैर और मुँह में छाले हो जाते हैं.

इसे बढ़ने से रोकने के क्या उपाय हैं-

ऐसे कई तरीके हैं, जिससे कि एचएफएमडी को फैलने से रोकने में मदद मिल सकती है. इस वायरस से बचने के लिये बच्चों को अपनी साफ-सफाई का ख्याल रखना सिखाना चाहिए. बच्चों को हाथ धोने के लिये प्रेरित करें. हाथों को किस तरह धोना है, यह सिखाने के बाद इस बात का ध्यान रखें कि वे नियमित रूप से अपने हाथों की सफाई कर रहे हों. ये आदतें संपूर्ण सेहत और स्वच्छता बनाए रखने में बेहद अहम भूमिका निभा सकते हैं.

एचएफएमडी को फैलने से रोकने का एक महत्वपूर्ण, लेकिन सरल तरीका है कि यदि पेरेंट्स को त्वचा पर रैश, बुखार और मुँह में छाले जैसे आम लक्षण नजर आ रहे हैं तो बच्चों को किंडरगार्टन, स्कूल, नर्सरी या किसी भी अन्य तरह की एक्टिविटी में जाने से रोकें ताकि वे किसी दूसरे बच्चे के संपर्क में नहीं आएं.

जब आपका बच्चा एचएफएमडील से संक्रमित हो जाए तो पेरेंट्स को क्या करना चाहिए?

यदि उन्हें बच्चे में कोई लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत ही डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी जाती है. ऐसी स्थिति में घबराएं नहीं. सही इलाज से संक्रमित को दर्द से छुटकारा मिल सकता है, जो इस समस्या की वजह से उत्पन्न हुआ है. इस समस्या के लक्षणों के इलाज में शामिल है, दर्दनाशक दवाएँ, रैशेज के लिये त्वचा को शांत करने वाली दवाएँ, और खुजली होने पर एंटीएलर्जिक दवाएं.

हैंड-फुट-माउथ डिजीज एक हफ्ते से लेकर 10 दिनों तक चलता है और प्रभावित बच्चों को मुँह में छाले होने की वजह से निगलने में परेशानी हो सकती है. हैंड, फुट ऐंड माउथ डिजीज से पीड़ित लोग, जब बीमार होते हैं तो पहले हफ्ते सबसे ज्यादा संक्रामक होते हैं. कई बार लोग लक्षणों के खत्म हो जाने या कोई भी लक्षण ना होने के कुछ दिनों या हफ्तों तक इस वायरस को दूसरों तक पहुँचा सकते हैं.

भले ही वयस्कों में हैंड, फुट ऐंड माउंथ डिजीज आम नहीं होता, लेकिन उन्हें निम्न सावधानियों का पालन करना चाहिए ताकि उन्हें यह रोग न हो और वे घर के बच्चों तक इसे नहीं पहुँचायें.

सावधानियां-

-अपने बच्चे के शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ के संपर्क में आने, यानी उनके छालों को छूने, उनकी नाक साफ करने, उनके डायपर बदलने और रेस्टरूम इस्तेमाल करने में उनकी मदद करने आदि के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह धोएं.

-इस बात का ध्यान रखें कि आपका बच्चा कपड़े, तौलिए, टूथब्रश, कप और बर्तन जैसी चीजें कभी शेयर नहीं करें.

-जब तक कि आपके बच्चे के फफोलों का सारा तरल पूरी तरह सूख नहीं जाता, उन्हें प्रीस्कूल, किंडरगार्टन या किसी भी प्रकार के आफ्टर-स्कूल एक्टिविटीज में भेजने से बचना चाहिए.

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