मौनसून में ऐसे करें घर की देखभाल

चिलचिलाती गरमी के बाद अपने साथ राहत की बरसात ले कर आ गया है मौनसून का मौसम. यह बारिश में भीगी मिट्टी की सौंधी सुगंध के साथ चाय का लुत्फ लेने का दौर है. इस सीजन में वीकैंड के सैरसपाटे पर निकलते ही हर तरफ छाई हरियाली भी आप का मन मोह लेती है फिर चाहे आप पहाड़ों पर जाएं या मैदानों की सैर पर निकलें.दूसरी तरफ बरसात के मौसम की अपनी चुनौतियां भी हैं. कभीकभी बारिश इतनी मूसलाधार होती है कि सड़कें नदियां बन जाती हैं और आप घर से निकल ही नहीं पाते. ऐसे दिनों में वर्क फ्रौम होम से भी काम चलाना पड़ सकता है. बेहतर होगा कि मौनसून के मौसम में आप घर पर ही अपना वर्क स्टेशन तैयार कर लें ताकि जरूरत पड़ने पर काम चल सके.

इस मौसम में गरम सूप और और खुशबूदार कौफी से भरी थर्मस के साथ गरम और ऊर्जावान रहें. अपने पास अतिरिक्त कपड़े और जूते रखें ताकि भले ही बारिश आप का मूड खराब कर दे, लेकिन यह आप का दिन खराब न कर पाए. हर समय पास में एक फोल्डेबल छाता और मच्छर भगाने वाला स्प्रे रखना न भूलें.

  1. मौनसून में रहें खुश

मौनसून के मौसम के दौरान बादलों के घिर आने से मन कभीकभी दबादबा या उदास महसूस कर सकता है. इस स्थिति को दूर भगाने के लिए बेहतर होगा कि आप अपने घर या वर्कस्पेस को उज्ज्वल और रोशनी से भरपूर रखें, रोशनी अपने मानस को खुशी महसूस करने के लिए प्रेरित करती है. फ्लोर लैंप एक शानदार तरीका है.वह न केवल पर्याप्त रोशनी प्रदान करता है बल्कि कमरे को बड़ा और अधिक बड़ा महसूस भी करवाता है. यदि आप का कमरा छोटा है तो आप वौल लैंप या टेबल लैंप लगा सकती हैं. मौसम खुलने पर घर की खिड़कियां खोलें और धूप अंदर आने दें.

2. छोटीछोटी बातों का रखें खयाल

बात जब रहने की जगह को तरोताजा रखने की हो रही है तो छोटीछोटी बातों पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है जैसे नमी सोखने वाली नेफ्थलीन बौल्स. इन बौल्स को प्लास्टिक या कांच के खुले कंटेनर में रखें. आरामदायक और आकर्षक माहौल बनाने के लिए गर्मजोशी भरी पीली रोशनी का विकल्प चुनें, जो कमरे को आरामदायक टच देती है. इस के अलावा नमी को अपनी अलमारी में जाने से रोकने के लिए शटर को फोम टेप या डस्ट सील से सील करें.

जहां तक इलैक्ट्रौनिक गैजेट्स की बात है, तो उन्हें कभी भी खुली हवा में न छोड़ें. नमी निकालने के लिए उन्हें नियमित रूप से चलाती रहें ताकि वे गरम होते रहें. फफूंद से निबटने के लिए अपने सोफे की सतह को गरम करने के लिए वैक्यूम क्लीनर के गरम ब्लोअर का उपयोग करें और फिर इसे सूखे कपड़े से धीरे से पोंछ लें. ये छोटेछोटे लेकिन बहुत कारगर उपाय आप को मौनसून के मौसम में अपने रहने की जगह को स्वच्छ और आकर्षक बनाए रखने में मदद करेंगे.

मौनसून के मौसम में घर की देखभाल के लिए कुछ टिप्स:

  •  भारी परदों के स्थान पर    झीने परदे लगाएं ताकि रोशनी और हवा छनछन कर आती रहे. सूरज की रोशनी न केवल जगह को रोशन करती है, बल्कि कीटाणुओं के विकास को रोक कर इसे प्राकृतिक रूप से साफ भी रखती है. हर हफ्ते अपनी चादरें बदलना याद रखें और नियमित रूप से तौलिए और हाथ तौलिए को नए से बदलें. यह सरल दिनचर्या आप के घर में ताजा और स्वच्छ वातावरण बनाए रखने में मदद करेगी.
  •  मनभावन सुगंध ला कर अपने घर में दुर्गंध से छुटकारा पाएं. गुलाब या लैवेंडर जैसी तरोताजा कर देने वाली सुगंधित मोमबत्तियां या आवश्यक औयल डिफ्यूजर का उपयोग करें. ताजा सुगंध के लिए सूखे फूलों या सुगंधित जड़ीबूटियों से भरे पाउच को अपनी अलमारी, रसोई और जूतों के रैक के पास लटकाएं.द्य बालकनियों के कोनों और किनारों पर सुगंधित कैंडल लगाने से बदबू को हटाने में मदद मिल सकती है. अपने पूरे घर में एक सुंदर खुशबू के लिए उन्हें लिविंगरूम और आसपास के कमरों के बीच में लटकाएं या रखें. यह सरल उपाय आप के घर को मनमोहक खुशबू से भर देंगे और तनाव से भी दूर रखेंगे.
  •  स्टोरेज स्पेस को भी कुछ सरल उपाय अपना कर नमी से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है. जंग से बचने के लिए दरवाजे के कब्जोंजोड़ों आदि पर अच्छी तरह से तेल लगा कर रखें. अपने वार्डरोब को सूखा और ताजा रखने के लिए नेफ्थलीन बौल्स और कपूर आदि  का उपयोग करें. नमी को रोकने के लिए पर्याप्त वैंटीलेशन होना जरूरी है.
  •  अपने वार्डरोब और अलमारियों के बीच स्पेस बनाएं. उन्हें दीवारों से कुछ इंच की दूरी पर रखें खासकर बरसात के मौसम में जब दीवारें नम हो जाती हैं. नमी सोखने के लिए अपनी अलमारी में नेफ्थलीन या कपूर की गोलियां रखें. सिल्वरफिश से बचने के लिए नीम की पत्तियों या लौंग का उपयोग करें.
  •  अपने घर में अच्छी रोशनी वाला और खुशनुमा माहौल बनाएं. फ्लोर लैंप न केवल रोशनी देते हैं बल्कि आप के स्थान को अधिक खुला भी महसूस कराते हैं. यदि पास जगह कम है, तो वौल लैंप और टेबल लैंप को सही जगह पर लगाएं. प्राकृतिक रोशनी आने और अपने घर को रोशन करने के लिए धूप वाले दिनों में अपनी खिड़कियां खोलना न भूलें.
  •  मौनसून के दौरान अपने लकड़ी के फर्नीचर का खयाल रखें. इसे साफ रखने के लिए नियमित रूप से धूल हटाएं और वैक्यूम करें. खासतौर पर नक्काशी वाली सतहों पर दाग बनने से रोकने के लिए धूल    झाड़ना बहुत जरूरी है. अपने लकड़ी के फर्नीचर की सुरक्षा के लिए मौसम रोधी पौलिश लगाएं. ऐसा आउटडोर फर्नीचर चुनें जो बरसात के मौसम का सामना कर सके.
  •  ऐसी तमाम जगहों पर नजर रखें, जहां नमी बन सकती है जैसे फर्श, दीवारों और छतों की दरारों में पौधे उग आने की जांच करें. ये नमी बना सकते हैं. किसी भी तरह की नमी को तुरंत हटाएं और आगे की समस्याओं को रोकने के लिए वाटरपू्रफिंग तकनीक लागू करें.
  •  सुरक्षित रहते हुए बारिश का आनंद लेने के लिए अपनी बालकनी में बैठने की जगह को कवर करें. बाहर पड़े फर्नीचर को बारिश से बचाने के लिए छतरियों या अच्छी क्वालिटी वाली कवरिंग का उपयोग करें. वाटरपू्रफ कुशन, आउटडोर गलीचे और सागौन या ऐल्यूमिनियम जैसी चीजों को अपनाने पर जोर दें.
  •  मौनसून के मौसम में अपने मूड को बेहतर बनाने के लिए प्रेरणा देने वाले रंगों का उपयोग करें. नीरस मौसम में खुश रहने के लिए घर में पीले, नारंगी और हरे जैसे वाइब्रैंट कलर चयन करें. आप फर्नीचर के कवर, परदे या सजावट में इन रंगों को शामिल कर सकती हैं.
  •  कम रखरखाव वाले हाउस प्लांट के साथ अपने घर में इनडोर हरियाली लाएं. ये न केवल हवा को शुद्ध करते हैं बल्कि ताजगी और शांति का एहसास भी दिलाते हैं. फर्न, स्नेक प्लांट या पीस लिली जैसी किस्मों को चुनें जिन्हें बरसात के मौसम में बहुत कम देखभाल की आवश्यकता होती है. प्राकृतिक वातावरण के लिए उन्हें खिड़कियों के पास या ऐसी जगह रखें जहां सूरज की रोशनी आती हो.

Monsoon Special: मौनसून में ऐसे करें घर की देखभाल

मानसून में घर की, खासकर लकड़ी के फर्नीचर और दरवाजे-खिड़कियों की देखभाल बहुत जरूरी होती है, वरना मानसून के बाद उनका आकार और रंग, दोनों खराब हो सकता है. अगर आप अपना घर बारिश के लिए तैयार नहीं रखती हैं तो यह मौसम भारी मुसीबत का कारण बन सकता है. बारिश का मतलब है नमी, बदबू मारते कपड़े, अलमारियों में फंगल इंफेक्शन और भी बहुत कुछ. इसलिए इस खूबसूरत मौसम का मजा आप ले सकें, इसके लिए आपको थोड़ी-सी तैयारी करनी होगी…

फर्नीचर की देखभाल करें

मौसम की नमी लकड़ी की गुणवत्ता और शेप पर बहुत बुरा असर डालती है. इसमें फंगस जमा हो सकती है. इस मौसम में हल्के गीले कपड़े की बजाय साफ-नरम और सूखे कपड़े से फर्नीचर साफ करें. लेमिनेटेड फर्नीचर जैसे स्टडी डेस्क, अलमारी, शटर या डोर को साफ करने के लिए साबुन और पानी का इस्तेमाल करें. इस बात का खास खयाल रखें कि अलमारी में रखने से पहले कपड़े पूरी तरह से सूख चुके हों. अलमारी में थोड़ी-बहुत सूखी नीम की पत्तियां भी डाल दें.

1. कारपेट्स और रग्स साफ रखें

मानसून कारपेट्स और रग्स पर बहुत ही बुरा असर डालता है. बारिश में खिड़कियां खुली न रखें, उनसे नमी अंदर आकर कारपेट्स में समा जाएगी. नम कारपेट्स फंगस का बहुत बड़ा घर होते हैं. इसी तरह से कारपेट पर गीले फुटवियर ले जाने से भी बचें. बेहतर होगा कि पंखा चलाए रखें. कारपेट्स को नियमित रूप से वैक्यूम क्लीन करती रहें. वैसे अच्छा यही होगा कि इस मौसम में भारी कारपेट्स उठा कर रख दें. आप ईकोफ्रेंडली कारपेट्स भी इस्तेमाल कर सकती हैं. इनकी ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती.

2. सीलन आने से रोकें

बारिश के दिनों में अक्सर दीवारों और छतों पर सीलन आ जाती है. अगर दीवार या छत पर हल्की सी भी दरार है, खिड़कियां सही नहीं हैं तो घर की दीवारें बुरी तरह से प्रभावित होती हैं. इससे पेंट भी पपड़ी के रूप में उतर सकता है. इन दिनों जो पेंट्स लगाए जाते हैं, वे भी नमी को आसानी से पकड़ लेते हैं और फिर पपड़ी के रूप में उतर जाते हैं. आरसीसी की छत में भी पानी घुस सकता है. इसलिए बारिश आने से पहले ही पूरे घर की दीवारों को चेक करें और सारे पाइपों और नालियों की सफाई करवा लें.

3. सोफों की सफाई

बारिश के मौसम सोफों को वैक्यूम क्लीन करना न भूलें. वैक्यूमिंग करते समय क्लीनर को गर्म हवा वाले मोड पर रखें. सोफे के कोनों में नेफ्थलीन की गोलियां डाल दें.

4. ऐसा भी करें

रसोई के सारे केबिनेट्स को खाली करके अच्छी तरह साफ करें. खाना खुला न छोड़ें. फ्रिज को भी अच्छी तरह साफ करके देख लें, जो खाद्य सामग्री पुरानी हो गई है, उसे फेंक दें. पेड़-पौधों की कटाई करें. बारिश में पेड़-पौधे जल्दी बढ़ते हैं, इसलिए इन्हें ट्रिम कर दें.

बारिश के मौसम में दीमक बहुत तेजी से बढ़ती है. इसलिए पूरे घर के खिड़की-दरवाजे चेक करें कि कहीं कोई दीमक तो नहीं लगी हुई. इस मौसम में घर में कोई तोड़-फोड़ या रिनोवेशन न करवाएं.

बारिश से पहले गद्दों को निकालकर धूप दिखा दें. इससे बारिश में कोई कीड़े बिस्तरों में नहीं लगेंगे.

नमी को पूरी तरह से नियंत्रित करने की कोशिश करें. इलेक्ट्रिकल गैजेट्स को लेकर विशेष सावधानी बरतें. उन्हें सिलिकॉन पाउच में रखें.

मौनसून में छाता खरीदते समय रखें इन 6 बातों का ध्यान

मौनसून की शुरूआत होते ही हमें गरमी से राहत मिल जाती है, लेकिन घर से जुड़ी कईं चीजों की जरूरत हमें होने लगती है. बारिश में हमारे लिए सबसे जरूरी होता है छाता.  भीगने से बचने के लिए छाता खरीदना जरूरी होती है. कई लोग छाता सिर्फ उसका कलर और वो सही काम कर रहा है कि नहीं ये देखकर खरीद लेते हैं, लेकिन कई ऐसी चीजें हैं जो छाता खरीदते समय ध्यान रखना जरूरी है.

1. टू इन वन खरीदे छाता

छाता खरीदने से पहले भी उसकी खूबियों को देख लेना चाहिए. छाता खरीदते समय यह भी ध्यान रखना चाहिए कि छाता ऐसा हो जो बारिश और गरमियों दोनों मौसम में हमारे काम आ सके.

2. छतरी की गोलाई का भी रखें ध्यान

छतरी की गोलाई अच्छी होनी चाहिए. अगर हमें एक छाते के नीचे दो लोगों को जाना पड़े तो वह भीगने से बच जायें या कभी आपके पास कोई बैग हो तो वह भी बारिश से बच जाये.

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3. छाते का हैंडल भी देखना न भूलें

छाते की गोलाई के साथ-साथ उसका हैंडल भी चेक कर लें क्योंकि सबसे ज्यादा हमें उसे ही पकड़ना पड़ता है. इसलिए छाते का हैंडल आरामदायक होना चाहिए ताकि बहुत देर तक हैंडल पकड़ने पर भी हाथों में दर्द न हो.

4. छाते की लंबाई का भी रखें ध्यान

ध्यान रहे आपके छाते की लंबाई कम से कम 10 या 11 इंच हो तो होनी ही चाहिए और दाम देखकर कभी भी छाता नहीं खरीदें, छाते की क्वालिटी का विशेष ध्यान दें.

5. छाते का शाफ्ट भी हो मजबूत

छाते का शाफ्ट मजबूत होना चाहिए. छाता खरीदते समय उसके कपड़े पर विशेष ध्‍यान दें क्योंकि तेज बरसात के दौरान वहीं आपको भीगने से बचाता है अक्‍सर तेज बारिश में कुछ छाते टपकने लगते हैं या पानी को बौछारों को रोक नहीं पाते हैं तो इसका ध्‍यान रखें.

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6. बच्चों के लिए अलग खरीदें छतरी

छोटे बच्चों के लिए बाजार में कई तरह की छाते मिलते हैं छाते की शक्ल की हैट और टोपियां मिलती है जो कि और हैंड-फ्री होने के साथ-साथ बारिश से भी बचाने का काम करती हैं तो बच्चों के लिए हो सके तो वही छाते खरीदें.

मौनसून में छाता खरीदते समय जितना आप ख्याल रख रहें हैं, ध्यान रखें मौनसून में भी छाते की केयर करना न भूलें.

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