सैलिब्रिटी आशियाना जो बना खास

आजकल होम इंटीरियर डैकोर यानी ऐथनिक लुक और कौंटैंपरेरी स्टाइल का ट्रैंड है. इस के लिए महंगे साजोसामान या फर्नीचर की आवश्यकता नहीं होती. अपनी रुचि, कलात्मकता, प्रबंधकीय दक्षता, नई सोच और जीवनशैली के आधार पर घर को मन मुताबिक बनाया जा सकता है. घर के इंटीरियर को देख कर व्यक्ति के व्यक्तित्व का कुछ हद तक अनुमान लगाया जा सकता है क्योंकि इंटीरियर व्यक्ति के व्यक्तित्व का आईना होता हैआज इंटीरियर डिजाइनिंग में मिनिमलिस्ट, पेस्टल क्लर्स का जमाना है. कियारा अडवानी ने अपने घर में आइवरी रंग चूज किया है. जौन अब्राहम और जैक्लीन फर्नांडीस ने भी अपने घर में सफेद रंग कराया है और कई मौडर्न डिजाइन के फ्लौवर पौट्स और ग्रीन प्लांट्स से रंग का टच दिया है.अब शीशे की बड़ी खिड़कियों में पतले शीयर परदों का जमाना है, हैवी रंगीन परदों का नहीं. स्क्रीन के कलाकार भी दिनभर ग्रीनरूम में समय बिताने के बाद जब घर आते हैं तो उन का सुंदर घर उन्हें सुकून देता है. ये पल उन के अपने होते हैं. जहां न तो संवाद और न ही किसी दृश्य की शूटिंग के चर्चे होते हैं.

  1. रंगों की भूमिका

बिना इंटीरियर के घर आश्रम जैसा प्रतीत होता है. इंटीरियर से पता चलता है कि आप की जीवनशैली किस प्रकार की है ऐसे में यह जरूरी है कि आप अपने घर के कमरों की सजावट पर खास ध्यान दें. रंगों की भूमिका इंटीरियर करते वक्त सब से खास होती है. रंग ऐसे हों कि आंखों को चुभें नहीं.आज हलके रंग जो आंखों को आराम दें खास पसंद हैं. इन में सफेद औफ व्हाइट प्रमुख है.

इन के अलावा फूल बहुत पसंद किए जा रहे हैं. घर में हर तरफ  लटकने वाले फूलों के गमलों से काफी सजावट की जाती है. फूल आदि के पौधे हमेशा तरोताजा रखते हैं इन्हें आगेपीछे कर आप सजावट में नवीनता ला सकती हैं.घर हर व्यक्ति का सपना होता है फिर घर चाहे छोटा हो या बड़ा, उस में व्यक्ति 2 घंटे रहे या 4 घंटे, उसे जो शांति वहां मिलती है.

उसे बयां करना मुश्किल है. सैलिब्रिटीज अपने घर को फैलाने के लिए रंग औफ व्हाइट रखते हैं जिस में हलके हरे रंग का टच होता है. बैडरूम को थोड़ा ब्राइट रंग देते हैं जिस में एक दीवार पर कोई रंग होता है, पेंट किया होता है. इस के अलावा बैडरूम के ऊपर छत में चांदतारे सजाते हैं ताकि अगर रात में लाइट बंद कर दी जाए तो ऐसा लगे कि खुले आसमान के नीचे सो रहे हैं.

2. क्लासिक लुक

इस के अलावा युवा सैलिब्रिटीज हर जगह सौफ्ट टौएज बहुत रखते हैं चाहे टीवी के ऊपर हों या ड्राइंगरूम में. हर तरह के सौफ्ट टौएज से सजाए परदों का रंग दीवारों से मैच करता होता है, जो मस्टर्ड रंग के होते हैं.हलके रंग का प्रयोग करने से सैलिब्रिटीज घर को स्पेशियस बनाते हैं. रंग का टच देने के लिए गोल्डन और लाल रंगों का भी प्रयोग करा जा सकता है. घर का फर्नीचर ब्राउन और लाइट कलर का हो. घर के लैंप शेडों के क्लासिक लुक पर आधारित हो सकते हैं.रंगों के साथसाथ रोशनी की भी सही व्यवस्था हर कमरे में की जानी जरूरी है. घर को सुंदर और आकर्षक बनाने के लिए क्रिस्टल कलैक्शन कर सकते हैं. इन की साफसफाई घर वालों को खुद ही करनी चाहिए. सजावट में बीचबीच में कुछ न कुछ बदलाव अवश्य करते रहें.

3. सपनों सा बनाएं

घरकलाकारों को सिर्फ अभिनय का शौक ही नहीं होता है बल्कि उन्हें घर को सजाने में भी आनंद आता है. उन्हें घर में हर चीज को देख कर खुशी मिलती है जिसे शब्दों में बताना मुश्किल है. हर सैलिब्रिटी अभिनेत्री हाउस मेकर भी होती है. घर में नौर्मल फील हो. पार्टी में चीजें टूटें नहीं, यह खयाल रखें.कई सैलिब्रिटीज को इंटीरियर करना सब से अधिक पसंद होता है. पूरे दिन की थकान के बाद जब वे घर आते हैं तो वे अपने घर का माहौल ऐसा चाहते हैं जहां उन्हें हर वस्तु को देख कर सुकून और खुशी मिले और अपना खुद का योगदान दिखे.

बोहेमियन होम डैकोर से सजाएं घर

जीवन में कुछ चीजें इतनी ज्यादा आकर्षक होती हैं कि देखते ही मुंह से ‘वाह’ निकल जाता है. ऐसा ही एक दिन मानवी और उस के पति रोनित के साथ हुआ. उन की शादी को अभी 3 महीने ही बीते थे. एक दिन मानवी की स्कूल फ्रैंड दीवांशी ने उसे अपने घर डिनर पर बुलाया.

चूंकि मानवी ने अभी तक दीवांशी का घर नहीं देखा था, तो वह वहां जाने के लिए रोमांचित थी.रोनित के साथ जब मानवी ग्रेटर नोएडा पहुंची तो शाम के 6 बज चुके थे. दीवांशी का फ्लैट एक आलीशान अपार्टमैंट्स की छठी मंजिल पर था.

मानवी ने डोरबैल बजाई तो दीवांशी ने अपने पति पृथ्वी के साथ उन दोनों का वैलकम किया और उन्हें अपने ड्राइंगरूम में ले गए. वहां जाते ही मानवी और रोनित के मुंह से एकसाथ ‘वाह’ निकला. निकले भी क्यों न, वह ड्राइंगरूम था ही इतना कलरफुल कि कोई जैसे अपनी फैंटेसी की दुनिया में चला आया हो.

मानवी ने दीवांशी को कनखियों से देखा और बोली, ‘‘यार, यह क्या बला है… इतना शानदार ड्राइंगरूम. पानी तो मैं बाद में पीऊंगी, तू जल्दी से यह बता कि तुझे इसे करने का आइडिया कैसे आया.’’दीवांशी ने मानवी को सब्र रखने को कहा और कौफी पीते समय बताया कि यह घर सजाने का बोहेमियन स्टाइल है. जिस तरह मानवी चौंकी हुई थी, उसी तरह आप भी सोच रहे होंगे कि दीवांशी किस बोहेमियन स्टाइल की बात कर रही है.एक खास पहचानइस बारे में ‘न्यू आर्क स्टूडियोज’ की आर्किटैक्ट नेहा चोपड़ा ने बताया, ‘‘बोहेमियन घर सजाने का एक ऐसा तरीका है, जो अलगअलग रंगों का खूबसूरत तालमेल है. पुराने समय में इसे उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान की हवेलियों और महलों में इस्तेमाल किया जाता था और अब अपार्टमैंट्स और घरों में लोग अपनाने लगे हैं.

इसे ‘बोहो’ भी कहते हैं. इसे पसंद करने वाले लोग थोड़ी घुमक्कड़ सोच के होते हैं और खुद को थोड़ा अलग दिखाने में यकीन रखते हैं. इसे आर्टिस्टिक रूम भी कहा जा सकता है.‘‘विदेशों में एक हिप्पी कल्चर विकसित हुआ था, उस की छाप भी इस स्टाइल पर देखी जा सकती है. हलके क्रीम कलर की दीवारें, एक रंगीन गलीचा, नर्म और गुदगुदे सोफे पर कई रंगों के छोटेबड़े कुशन, यहांवहां गमलों में सजे पौधे इस बोहेमियम स्टाइल की खास पहचान होते हैं.‘‘इस स्टाइल की खूबी यह है कि इस में पेंटिंग, फैब्रिक और ऐक्सैसरीज जैसी फिनिश और स्टैक्ड डैकोर आइटम्स को मिलाया जाता है.

इस से कमरे में एक बहुत अच्छी वाइब मिलती है.‘‘इस में रंगों का तालमेल बहुत खास रोल निभाता है. दीवार का रंग परदे से, सोफे का रंग उस पर रखे कुशन से और लकड़ी के फर्नीचर का दीवारों पर टंगी पेंटिंग से रंगों का कंट्रास्ट बोहेमियम स्टाइल को दिखाता है.

इसे लेयरिंग या मिक्सिंग भी कहा जाता है.अलग लुक‘‘बोहेमियम स्टाइल में हाथ से बने सामान और किताबों की बड़ी अहमियत होती है. बड़ी बुक अलमारी के बजाय छोटी बुक शैल्फ से ले कर कलाकृतियों आदि का चुनाव इस तरह से करें कि वे कमरे को बड़ा दिखाएं और अगर वे हाथ से बनी अनगढ़ ही लगें तो भी कोई बात नहीं क्योंकि यही स्टाइल उसे अलग लुक देता है.

आरामदायक कुरसी हो या साइड टेबल या फिर चमड़े का बीन बैग और कमरे के बीच में सजा कालीन, सब का संतुलन ही बोहेमियन स्टाइल को चार चांद लगा देता है. पौधों की सजावट भी इस स्टाइल को मजबूती देती है. पौधे कमरे को जीवंत कर देते हैं. वे कुदरत को घर के भीतर ले आते हैं और हरा रंग बाकी रंगों की छठा और ज्यादा खिला देता है. कमरा ही क्या वहां रहने वालों का भी मिजाज खिल उठता है.‘‘मान लीजिए आप की एक 10?10 फुट की दीवार है.

उस पर अपनी पसंद का ब्राइट या लाइट कलर इस्तेमाल कर के कुछ गमलों को रस्सी के सहारे टांग दिया जाता है. आप चाहें तो वहां लाइट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.‘‘दीवार पर कुछ शैल्फ लगा कर उन में अलगअलग जगह से खरीदी गई चीजें सजा सकते हैं, फिर वे सस्ती ही क्यों न हों, पर उन में आप की शख्सियत जरूर झलकती हो. इतना ही नहीं, अपनी बनाई कोई पेंटिंग, किसी स्क्रैप आदि को कलर कर के भी दीवार पर टांगा जा सकता है.‘‘स्नेक प्लांट और ड्रैकैना जैसे पौधे कम रखरखाव वाले हाउसप्लांट हैं जो हवा को साफ करने में मदद करते हैं.

इस के अलावा दूसरी डिजाइन आइटम्स जो कमरे में अच्छी लगती हैं, वे हैं बुने हुए टैराकोटा या पैटर्न वाले सिरैमिक प्लांटर्स.इमोशनल टच‘‘अपने रूम की थीम को और रिच करने के लिए अपनी शादी की पुरानी हैवी साड़ी के बैस्ट हिस्से जैसे किसी हाथीघोड़े या किसी और डिजाइन को फ्रेम करा कर कमरे में सजा सकते हैं. दीवारों पर हलके रंग के साथ कलरफुल रंगों की चीजें मैच कर सकते हैं. रंगबिरंगे मिरर की सजावट से भी रूम को वाइब्रैंट बनाया जा सकता है.

इस में आप का इमोशनल टच भी दिखता है.‘‘लोगों के मन में यह शंका रहती है कि यह स्टाइल बहुत ज्यादा अमीर लोग ही अफोर्ड कर सकते हैं, पर अगर आप की आंखें खुली हैं और आप को बाजार में घुम्मकड़ी का शौक है, तो सस्ते में बोहेमियन स्टाइल का सामान आप को जरूर दिख जाएगा. अपने कमरे के आकार को ध्यान में रख कर सजावट करें, फिर देखें रंगों का कमाल. फिर जो भी आप के घर में पहली बार आएगा, वह मानवी की तरह ‘वाह’ कह उठेगा.’’

घर की सुंदरता में ऐसे लगाएं चार चांद

घर ऐसा स्थान है जहां आप का दिल रहता है और इस के लिए हम ऐसा स्थान तैयार करते हैं जो सुंदर, भव्य हो और हमारे व्यवहार को दर्शाता हो. साल में एक बार लोग अपने घर में रहने के स्थान से ले कर खानेपीने की जगह और बैडरूम से ले कर किचेन तक को नया लुक देने की कोशिश करते हैं. लेकिन क्या आप ने कभी अपनी बालकनी, छत, गार्डन और प्रवेशद्वार के बारे में कुछ नया करने की सोची है. कोई भी इन कोनों पर ध्यान क्यों नहीं देता है जो घर का अहम हिस्सा हैं? लाइम रोड स्टाइल काउंसिल ने आप के घर को नया लुक प्रदान करने के लिए घर की सजावट से संबंधित कुछ रुझानों पर ध्यान केंद्रित किया है. ये टिप्स आप के घर की सुंदरता को दोगुना बढ़ा देंगे.

हैंडपेंटेड वाल हैंगिंग :

आकर्षक हैंडपेंटेड वाल हैंगिंग को घर की डोरबैल के ठीक ऊपर लटकाएं. शीशम की लकड़ी और पीतल से बनी ढोकरा आकृतियों और बीच में घुंघरू लगा यह ब्राउन वाल हैंगिंग आप के घर के प्रवेशद्वार के दाईं ओर लगाने के लिए आकर्षक एवं स्टाइलिश उत्पाद है.

मोरक्कन मेटालिक लैंटर्न :

अपनी बालकनी को मोरक्कन लुक प्रदान करें. मोरक्कन मेटालिक लैंटर्न आप के घर को एक अलग अंदाज में जगमग कर देंगे. मेटालिक लैंटर्न घर को सुंदर ढंग से सजाने के लिए तैयार किए गए हैं.

मल्टी कैनवस वाल हैंगिंग :

विंड चाइम्स आप के गार्डन या बालकनी के लिए सुंदर रंगों में कैनवस वाल हैंगिंग के साथ जोड़े गए हैं. इस फिश डैकोरेटिव हैंगिंग में सजावटी घंटियां भी लगी हुई हैं जिन से सुंदरता और बढ़ जाती है.

पाइन वुड मिरर :

घर के प्रवेशद्वार को मल्टीकलर्ड पाइन वुड डैकोरेटिव मिरर के साथ आकर्षक बनाएं. यह एथनिक वाल मिरर आकर्षक दिखता है. जरूरत के हिसाब से प्रवेशद्वार या बालकनी में मिरर को लटकाएं और अपने आसपास आकर्षक बदलाव महसूस करें.

पिंक सिरेमिक गुलदस्ते :

घर के छोटे गार्डन में खास बदलाव करें. अपने गार्डन में पिंक या ब्लू कलर के आकर्षक सिरेमिक गुलदस्तों का इस्तेमाल करें.

कहीं सेहत तो नहीं बिगाड़ रही लाइटिंग

क्याआप अपने घर में सुस्ती और थकान के बजाय खुशी और सकारात्मकता महसूस करना चाहते हैं? क्या हमारी रोजमर्रा की लाइफ  में लाइट महत्त्वपूर्ण है? क्या हमें अपने घर में उचित लाइट अरेंजमैंट करना चाहिए? अगर हां तो क्यों?

आइए, जानते हैं इस संबंध में सीईओ ऐंड फाउंडिंग पार्टनर, लाइट डाक्टर प्राची लाड से:

घर के किसी कोने में जब आप भरपूर सकारात्मकता ऊर्जा महसूस करते हैं तो आप का मूड अच्छा और आप खुद को रिफ्रैश भी महसूस करते हैं. तब मन में यह प्रश्न आना स्वाभाविक है कि ऐसा क्यों होता है? जब आप समझ नहीं पाते तब आप इस अनुभव को ‘सकारात्मक ऊर्जा’ से जोड़ देते हैं. लेकिन अब जब अगली बार आप ऐसा अनुभव करें तो कमरों की रोशनी के प्रकार का निरीक्षण जरूर करें.

अच्छे और बुरे प्रकाश का प्रभाव

हम सभी जानते हैं कि अपर्याप्त लाइट में देखने की कोशिश करने का मतलब है आंखों पर तनाव डालना और वहीं लाइट की अधिकता आंखों को नुकसान पहुंचा कर दृष्टिहीन कर सकती है. दोनों ही स्थितियां हमारी नजर को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती हैं और यदि इस तरह का दोषपूर्ण लाइट अरेंजमैंट डिजाइन घरों में लंबे समय तक बना रहता है, तो यह हमारी हैल्थ के लिए कभी न भरपाई करने वाला कारण बन सकता है. यही कारण है कि हमारे घर व वर्क एरिया में प्रौपर लाइट की आवश्यकता होती है.

एक घर में लाइट की कितनी आवश्यकता

लाइट की मात्रा को लैक्स में मापा जाता है और एक घर में प्रत्येक कमरे में खास लैक्स स्तरों की आवश्यकता होती है. दिन या रात में विभिन्न समय सीमा में हम अपने घर पर जो कार्य करते हैं, उस के आधार पर खास कोने या क्षेत्र में सही मात्रा में लाइट अरेंजमैंट करने की आवश्यकता होती है.

क्या है लाइट अरेंजमैंट

जब हम लाइट अरेंजमैंट के बारे में बात करते हैं तो लाइट अरेंजमैंट के विभिन्न पहलू हमारे सामने होते हैं जैसे लोग ज्यादा चकाचौंध करने को ही लाइट अरेंजमैंट मान बैठते हैं, जबकि हर समय इस से सही रिजल्ट मिले ऐसा जरूरी नहीं बल्कि हम अकसर महसूस ही नहीं करते हैं या अपने आसपास किए गए लाइट अरेंजमैंट को पर्याप्त महत्त्व भी नहीं देते हैं, लेकिन यकीन मानिए कि यह हमारी मनोदशा, स्वास्थ्य, नजर और हमारे सामान्य जीवन पर जबरदस्त प्रभाव डालता है.

सही लाइट अरेंजमैंट डिजाइन यह सुनिश्चित करता है कि आप जिस कार्य को करना चाहते हैं, उसे करने के लिए आप हर समय पर्याप्त लाइट अरेंजमैंट पा सकें.

लाइट अरेंजमैंट डिजाइन करना

घर के लिए लाइट अरेंजमैंट डिजाइन करना एक कला है. लाइट अरेंजमैंट डिजाइन सिर्फ घर के हर कोने में लाइट जोड़ने से संबंधित नहीं है, बल्कि यह शैडो और लाइट का एक खेल है. घर की लाइटिंग की लेयरिंग सब से कारगर होती है.

पहली परत ऐंबिएंट लाइट कहलाती है, जिसे सामान्य या आसपास बिखेरने वाली लाइट भी कहा जाता है. इसे डाउनलाइट्स, लीनियर लाइट्स और कोव लाइट्स लगा कर हासिल किया जा सकता है. खाना पकाने, सफाई जैसे हमारे प्रतिदिन के कार्यों में सामान्य विसारित प्रकाश व्यवस्था की आवश्यकता होती है. यह हमें टेबल टौप, दीवारों, छत और फर्श जैसी सतहों पर भी बिखेर कर रोशनी देने में मदद करता है.

दूसरी परत ऐक्सैंट लाइट की होती है. इस का उपयोग कलाकृति, दीवार की विशेष बनावट जैसी खास विशेषता को उजागर करने के लिए किया जाता है.

टास्क लाइटिंग अधिक फोकस्ड अरेंजमैंट है, जो पढ़ना, लिखना और अन्य तरीकों को आसान बनाता है. हम में से बहुत से लोगों की पसंदीदा जगहों पर पढ़ने या लिखने की आदत होती है. व्यसकों के लिए यह एक स्टडी कौर्नर या बिस्तर हो सकता है क्योंकि कुछ लोग सोने से पहले पढ़ना पसंद करते हैं. बच्चों के लिए यह उन की स्टडी डैस्क हो सकती है. हमारी स्वस्थ दृष्टि के लिए सही प्रकार की और सही मात्रा में लाइट अरेंजमैंट की आवश्यकता होती है. पढ़ने या लिखने के दौरान अपनी आंखों को तनाव से बचाने के लिए व्यक्ति को ग्लेर फ्री लाइटिंग अरेंजमैंट का उपयोग करना चाहिए.

वार्म और कूल कलर्स का संयोजन

हमारे घर में वार्म और कूल कलर्स की लाइटिंग का संयोजन होना चाहिए. हम अपने लिविंगरूम और बैडरूम में वार्मर कलर टोन डैकोरेटिव लाइटिंग फीचर्स लगा कर एक शांत वातावरण बना सकते हैं. रसोई जैसी जगहों के लिए कूलर रंगीन प्रकाश व्यवस्था पसंद की जाती है. बाथरूम में हमें मिक्स कलर टोन रखना चाहिए, बिस्तर पर लेटने से पहले कूलर कलर की लाइटिंग स्विचऔन करने से बचना चाहिए. विभिन्न अध्ययनों के अनुसार कूलर कलर लाइटिंग हमारे मस्तिष्क में मैलाटोनिन हारमोन के स्तर को दबाने में मदद करती है, जो हमें अधिक सक्रिय बनाती है. लेकिन बिस्तर पर जाते समय अच्छी नहीं हो सकती.

इस तरह परिपेक्ष्य में देखा जाए तो अच्छी लाइटिंग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने में हमारी मदद करती है.

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