जरूरी है जीवन बीमा

बीमा पौलिसी हमें और हमारे परिवार को भविष्य के खतरों से सुरक्षा कवच प्रदान करती है. यदि किसी परिवार में धन अर्जित करने वाले व्यक्ति की असामयिक मौत हो जाती है या वह अस्थायी दिव्यांगता का शिकार हो जाता है तो घर पूरी तरह से बिखर जाता है. उन के लिए खर्चों को पूरा करना काफी मुश्किल होता है.

ऐसे में जीवन बीमा काम आता है. बीमित व्यक्ति के परिवार को बीमा कंपनी की ओर से एक निश्चित मुआवजा हासिल होता है. इस तरह अपने परिवार को भविष्य के किसी भी ऐसे संकट से बचाने और अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए जीवन बीमा लेना काफी जरूरी हो जाता है. इस का चयन आप अपने बजट और जरूरत के हिसाब से कर सकते हैं.

जीवन बीमा के प्रकार

जीवन बीमा पौलिसी मोटे तौर पर 8 तरह की होती हैं, जिन में ऐंडोमैंट पौलिसी, टर्म इंश्योरैंस, मनी बैक, होल लाइफ इंश्योरैंस प्लान, यूलिप प्लान, चिल्ड्रन प्लान, सेविंग्स ऐंड इन्वैस्टमैंट प्लान, रिटायरमैंट प्लान आदि शामिल हैं. इन सब के अपने फायदे और अपने नुकसान हैं. लोगों को अपनी जरूरत के हिसाब से चुनना चाहिए.

जीवन बीमा लेने के लाभ

जीवन बीमा किसी भी मुश्किल हालात में वित्तीय परेशानियों से बचने में आप की काफी मदद करता है. इस के जरीए आप अपने परिवार या संसाधनों को वित्तीय सुरक्षा तो प्रदान कर ही सकते हैं, इस के अलावा यह आप के टैक्स को बचाने में और बैंकों द्वारा लोन की सुविधा को आसानी से हासिल करने में भी मददगार साबित हो सकती हैं.

जीवन बीमा का महत्त्व

जीवन बीमा किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में आप के परिवार को वित्तीय सुरक्षा देता है. चुने गए बीमा के आधार पर हम मासिक/वार्षिक रूप से बीमा कंपनी को प्रीमियम चुकाते हैं और किसी भी अप्रत्याशित हादसे की स्थिति में कंपनी हमें या हमारे द्वारा चुने गए नौमिनी को पहले से तय की गई राशि देती है. इस तरह जीवन बीमा का मुख्य उद्देश्य आप की गैरमौजूदगी में आप के परिवार की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में मदद करना होता है. किसी भी हादसे की स्थिति में आप के जीवनसाथी, बच्चे, बूढ़े मांबाप आप के जीवन बीमा से प्राप्त राशि से घर और जीवनयापन के अन्य खर्चों का वहन कर सकेंगे.

जीवन बीमा आप की विकलांगता की स्थिति में भी आप को अच्छीखासी राशि प्रदान करता है ताकि आप और आप के परिवार को आय की कमी की वजह से वित्तीय परेशानियां नहीं झेलनी पड़ें.

एक जीवन बीमा पौलिसी दीर्घकालीन निवेश है जो आप के दीर्घकालिक लक्ष्यों को पूरा करने में मदद कर सकती है. कुछ योजनाओं के पैसे से आप घर खरीद सकते हैं या अपने रिटायरमैंट की योजना बना सकते हैं या अपने बच्चों की शिक्षा की योजना बना सकते हैं. अपने लक्ष्यों और जरूरतों के अनुसार ही आप को बीमा के प्रकार का चुनाव करना होगा और इस का प्रीमियम निर्धारित करना होगा.

हम चाहते हैं कि रिटायरमैंट के लिए की गई हमारी बचत हमारे जीवन के आखिरी दिन तक खत्म नहीं हो. सही जीवन बीमा पौलिसी का चुनाव कर के आप हर माह उस में कुछ पैसे निवेश कर सकते हैं जो आप के रिटायरमैंट के बाद आप को हर माह निश्चित आय के रूप में मिलती रहेगी.

हर बीमा पौलिसी में टैक्स बैनिफिट का प्रावधान भी होता है. किसी भी बीमा पौलिसी में चुकाया गया प्रीमियम धारा 80सी के अंतर्गत साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक कर छूट के लिए पात्र होगा. मृत्यु/विकलांगता की स्थिति में आयकर अधिनियम 1961 की धारा 10(डी) के अंतर्गत प्राप्त राशि भी कर मुक्त होगी.

जीवन बीमा किसे और कब लेना चाहिए

ऐसे हर व्यक्ति के लिए जीवन बीमा जरूरी है जिस पर परिवार की जिम्मेदारी होती है. आप जौब में हों या अपना कारोबार कर रहे हैं आप को अपनी सालाना आमदनी का कम से कम 10 गुना जीवन बीमा कवर जरूर लेना चाहिए.

जीवन बीमा पौलिसी व्यक्ति के नहीं रहने की स्थिति में उस के परिवार को वित्तीय जोखिम से सुरक्षा देता है. मान लीजिए कि किसी व्यक्ति ने होम लोन ले कर घर खरीदा है. उस के बच्चे निजी स्कूल में पढ़ रहे हैं. घर के सभी खर्चों के लिए परिवार उस व्यक्ति की आय पर निर्भर है. अगर किसी बीमारी या दुर्घटना की वजह से इस व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उस के नहीं रहने की स्थिति में उस का परिवार सड़क पर आ जाएगा. इस स्थिति से बचाव के लिए उसे बीमा पौलिसी खरीदना जरूरी है. बीमा कवरेज लेने से उस के नहीं होने की स्थिति में उस पर आश्रित परिवार के सदस्यों को बीमा कंपनी से मुआवजा मिलेगा जिस से उन के आगे की जरूरतें पूरी हो सकती हैं. इसलिए यदि किसी व्यक्ति के परिवार में पत्नी है, बच्चे हैं और उस के वृद्ध मातापिता हैं और उन की अपनी कोई कमाई नहीं है तो व्यक्ति को निश्चित रूप से जीवन बीमा पौलिसी खरीदनी चाहिए.

जब तक आप के परिवार के सदस्य अपने खर्च के लिए आप की कमाई पर निर्भर हों आप को उतने समय का अंदाजा लगा कर ही बीमा पौलिसी खरीदनी चाहिए. आप जब तक अपने परिवार के लिए कमाने वाले महत्त्वपूर्ण सदस्य हैं तब तक के लिए आप को जीवन बीमा कराना चाहिए.

आमतौर पर यह माना जाता है कि अगर आप की शादी 30 साल की उम्र में हो गई है और 35 साल की उम्र तक आप के 2 बच्चे हैं तो उन की पढ़ाईलिखाई आदि अगले 25 साल में पूरी हो जाएगी और तब तक वे जौब शुरू कर देंगे. इस हिसाब से आप को जीवन बीमा पौलिसी 60-65 साल तक की उम्र के लिए कवरेज लेना चाहिए.

यदि आप बीमा करवाना चाहते हैं तो आप बीमा कंपनी के आधिकारिक पोर्टल पर अपना प्लान चुन सकते हैं. उन के प्रतिनिधि आप को तुरंत कौल करेंगे और आप को आगे की राह दिखाएंगे. इस के अलावा बीमा करवाने के लिए आप अपने नजदीकी एजेंट से भी संपर्क कर सकते हैं.

महिलाओं के लिए जरूरी है जीवन बीमा

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में भावनात्मक एवं शारीरिक सुरक्षा के साथ ही आर्थिक सुरक्षा भी बेहद जरूरी है. खासतौर पर महिलाओं का आर्थिक रूप से मजबूत होना बहुत जरूरी है. इस की बड़ी वजह है, आजकल की महिलाओं का पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर चलना. जी हां, आज की सशक्त महिलाएं न केवल घर की चारदीवारी से बाहर निकल कर अपना अस्तित्व निखार रही हैं, बल्कि अपने घर की आर्थिक जिम्मेदारियों को भी पूरा कर रही हैं. ऐसे में उन की अनुपस्थिति में परिवार को होने वाले आर्थिक नुकसान को पूरा करने के लिए उन का बीमित होना अनिवार्य है.

बचत से ज्यादा जरूरत

वैसे जीवन बीमा को अधिकतर महिलाएं बचत समझती हैं लेकिन जीवन बीमा बचत से ज्यादा जरूरत है, क्योंकि इस से बड़े होते बच्चों की शिक्षा, रोजगार व शादी सहित जीवन की कई महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारियों को पूरा करने में मदद मिलती है. इस के और भी कई लाभ हैं, जो महिलाओं में आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास का समावेश करते हैं.

आइए, कुछ लाभों के बारे में हम बताते हैं:

‘मेरे जाने के बाद मेरे बच्चों का क्या होगा?’, ‘क्या पति अकेले सभी बड़ी जिम्मेदारियां उठा लेंगे?’ यह सवाल अकसर आप को परेशान करते होंगे. जायज भी है, बढ़ती हुई महंगाई में घर एक कमाने वाले की कमाई से नहीं चल सकता, बल्कि जरूरी है कि घर की कुछ आर्थिक जिम्मेदारियां आप भी उठाएं. हो सकता है कि आप की सैलरी घर की बड़ी जिम्मेदारियां उठाने में मददगार न हो लेकिन आप की छोटीछोटी बचत इस में आप की मदद कर सकती है. इस में जीवन बीमा की अहम भूमिका है क्योंकि यह आप को एकमुश्त बड़ी रकम देता है, जिस से आप अपने दायित्वों को पूरा कर सकती हैं.

1. आजकल ऐसी इंश्योरैंस पौलिसी भी आ गई है जिस में जीवन बीमा के साथ ही सेविंग और क्रिटिकल इलनैस (बीमारियां एवं प्रैगनैंसी) को भी कवर किया जाता है. यह पौलिसी खासतौर पर उन महिलाओं के लिए बेहद लाभकारी है जो घर और बाहर दोनों जगह की जिम्मेदारियों को निभा रही हैं, क्योंकि ऐसे में सेहत पर विपरीत असर तो पड़ता ही है, तब इस तरह की पौलिसियां आर्थिक रूप से मददगार बनती हैं.

2. यदि आप का परिवार पूरी तरह आप की आय पर निर्भर है तो आप को टर्म इंश्योरैंस पौलिसी लेनी चाहिए. इस में परिपक्वता पर तो कोई राशि प्राप्त नहीं होती लेकिन बहुत कम प्रीमियम पर बड़ा सुरक्षा कवर मिल जाता है.

3. कुछ जीवन बीमा योजनाओं में विशेष बीमारी होने पर कुछ बीमा कंपनियों द्वारा इलाज हेतु अग्रिम राशि दे दी जाती है.

4. यदि आप की आय, आयकर में महिलाओं को दी गई छूट से अधिक है, तो बीमा पौलिसी पर आप को आयकर की छूट भी प्राप्त होगी.

कैसे चुनें बीमा पौलिसी

बीमा पौलिसी कराने से पहले यह देखना जरूरी है कि बीमाधारक अपनी आर्थिक स्थिति के मुताबिक कितनी रकम का प्रीमियम भर सकता है. दरअसल, अधिक प्रीमियम वाली बीमा पौलिसी लेने के बाद, जब प्रीमियम भरने में कठिनाई महसूस होती है, तब कई बीमाधारक तय समय से पहले ही बीमा अनुबंध तोड़ देते हैं. इस से बीमाधारक को फायदे की जगह नुकसान ही उठाना पड़ता है. पौलिसी चलती रहे, यही कोशिश करनी चाहिए.

इन टिप्स पर गौर करें, बीमा पौलिसी चुनते समय मदद मिल सकती है:

1. बीमाधारक पर कितने लोग आश्रित हैं और वह उन्हें कैसी जीवनशैली देना चाहता है.

2. बीमाधारक को अपने रोजमर्रा के खर्चे और अपने दायित्वों को भी समझना चाहिए.

3. किस तरह की इंश्योरैंस पौलिसी आप के लिए मददगार है, इस बात का भी खयाल रखें.

4. आप अपना प्रीमियम समय पर भर सकते हैं या नहीं इस बात का भी ध्यान रखें.

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जब खरीदें जीवन बीमा

जीवन बीमा पौलिसी असल में बीमा कंपनी और बीमाकृत जीवन के बीच एक अनुबंध होता है, जिस में बीमा धारक द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम के बदले बीमा कंपनी बीमाकृत व्यक्ति की मौत या तय समय के बाद एक निश्चित रकम, जिसे बैनिफिट्स कहते हैं, देने को राजी होती है. जीवन बीमा की आवश्यकता समझने के बाद भी लोगों के लिए सही प्लान का चयन करना हमेशा मुश्किल होता है. यह पर्सनल फाइनैंस के उन विषयों में से एक है, जिसे समझने में अधिकतर लोग गलती करते हैं. सामान्यतया, जीवन बीमा पौलिसी बीमा धारक की आवश्यकता एवं बचत क्षमता के आधार पर खरीदी जाती है. जीवन बीमा प्लान आप के प्रियजनों को वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान कर उन्हें सुरक्षित करने के लिए लिया जाता है, इसलिए इसे खरीदने से पहले आप को अतिरिक्त सावधान रहना चाहिए. आप अगली बार जीवन बीमा खरीदते समय क्या करें और क्या न करें को ध्यान में जरूर रखें.

क्या करें

विशेषज्ञों व अलगअलग स्रोतों से सलाह लें और प्रत्येक सलाह पर धैर्यपूर्वक विचार करें. फिर इस के आधार पर जीवन बीमा के लिए अपनी आवश्यकताओं के बारे में सोचें. यदि आप संख्या में इस की मात्रा निर्धारित कर सकते हैं तो करें. जैसे आप यह देखें कि अगर आप के परिवार में 4 सदस्य हैं, तो आप के बिना घर चलाने के लिए उन्हें कितने पैसों की आवश्यकता होगी? यदि आप परिवार के मुख्य कमाने वाले सदस्य हैं, तो आप के बाद आप के बच्चों की स्कूल फीस, कालेज फीस और अन्य खर्र्चों को पूरा करने के लिए न्यूनतम कितने रुपयों की नियमित आवश्यकता होगी. इस में आप अपने सभी कर्ज, देयताएं, यहां तक कि क्रैडिट कार्ड की बकाया राशि भी शामिल करें. इस बात को समझने की कोशिश करें कि जीवन बीमा आप के परिवार को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने का जरीया है. इसे महज एक टैक्स बचाने के माध्यम के तौर पर इस्तेमाल न करें.

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अपने परिजनों विशेषकर जीवनसाथी/ नौमिनी को पौलिसी के बारे में जरूर बताएं. उसे यह भी समझाएं कि कोई अनहोनी होने पर क्लेम लेने के लिए उसे क्या करना होगा. ऐसे में अकसर हम सभी अनहोनी जैसे मुद्दों पर बातचीत करने से बचते हैं, जबकि आप अपने प्रियजनों को अपने जाने के बाद उन के लिए बनाए गए सुरक्षा कवच से अवगत करा कर अपने कौमन सैंस और समझदारी का परिचय दे रहे होते हैं. अपनी पौलिसी की नियमित आधार पर समीक्षा करें और परिस्थितियों व आवश्यकता में बदलाव होने पर उस में सुधार करें. उदाहरण के लिए यदि आप की शादी हो जाती है, आप के घर में नन्हा मेहमान आ जाता है, आप की देयता या कर्ज में बढ़ोतरी हो जाती है या आप का पेशा बदल जाता है आदि, तो अपनी पौलिसी की समीक्षा करने के दौरान आप अपने वित्तीय सलाहकार की सहायता भी ले सकते हैं.

क्या न करें

सिर्फ सस्ते के चक्कर में आवश्यकता से कम का कवर न लें. यदि आप को प्रीमियम का खर्च वहन करने में समस्या है तो कवर कम करने के बजाय कम अवधि का प्लान चुनें. प्रपोजल फौर्म में कोई भी कौलम खाली न छोड़ें तथा किसी दूसरे को अपना फौर्म भरने भी न दें. अपने प्रीमियम का भुगतान करना न भूलें, न ही इस में विलंब करें क्योंकि लैप्स अवधि के दौरान पौलिसी का कवर नहीं होता है और क्लेम नहीं मिलता है. पौलिसी लेते समय न कोई तथ्य छिपाएं, न ही कोई गलत जानकारी दें क्योंकि इस से क्लेम के समय विवाद की स्थिति बन सकती है.   

– अनिल चोपड़ा, ग्रुप सीईओ एवं निदेशक, बजाज कैपिटल

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