निवेश से पहले बरतें सावधानी

लोग अक्सर दूसरों की सफलता की कहानियां सुनकर पैसा कमाने के लिए तत्पर हो जाते हैं और इसी चक्कर में गलत जगह निवेश कर देते हैं. गलत निवेश आपके लिए फायदेमंद कम और नुकसानदेह ज्यादा साबित हो सकता है. लोगों को पता नहीं होता है कि उनके निवेश का लक्ष्य क्या है और पैसा लगा देते हैं. आमतौर पर निवेशक ऐसी ही पांच गलतियां करते हैं. आज हम आपको ऐसी ही गलतियों से बचने के टिप्स बता रहे हैं, जिससे आप नुकसान से तो बचेंगे ही साथ ही आपको निवेश का सही तरीका भी पता चल जाएगा.

लक्ष्य पता हो तभी करें निवेश

निवेश का पहला कदम है लक्ष्य को निर्धारित करना. लक्ष्य का मतलब है कि आप किस उद्देश्य से निवेश करना चाहते हैं? जैसे घर खरीदना या बच्चों की पढ़ाई का खर्च इत्यादि. लक्ष्य पता होने पर ही आप तय कर सकते हैं कि भविष्य में आपको कितने पैसों की जरूरत पड़ेगी. लक्ष्य पता होगा तभी आप सही विकल्प चुन पाएंगे और आपकी जरूरतें पूरी हो पाएंगी.

एक तरह के विकल्प में ना लगाएं पैसा

निवेशक आमतौर पर एक तरह के विकल्प में पैसे लगाने की गलती करते हैं. जैसे कई लोग सारा पैसा बैंक में रखना पसंद करते हैं या फिर प्रॉपर्टी में लगा देते हैं. अगर आपने पैसा एक विकल्प में लगा रखा है तो नुकसान होने की संभावना ज्यादा है. निवेश के जोखिम को कम करने के लिए हमेशा अलग-अलग तरह के एसेट में पैसा लगाना चाहिए. अच्छा पोर्टफोलियो वह होता है, जिसमें सभी तरह के निवेश विकल्पों में पैसा डाइवर्सिफाइ हो.

निवेश से पहले नुकसान का गणित जरूर समक्ष लें

लोग अधिक और जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में जोखिम को भूल जाते हैं और दूसरों की सलाह पर अपना पूरा पैसा लगा देते हैं. निवेश का नियम है कि पहले जोखिम को अच्छे से समझ लें. शेयर बाजार, प्रॉपर्टी, सोना, कमोडिटी सभी के साथ जोखिम जुड़ा है. इसलिए सबसे पहले ये समझ लें कि नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. अगर आप में जोखिम उठाने की क्षमता है तो ही निवेश करें.

घाटे के समय तुरंत बदलें अपना निवेश

लोग अपने निवेश को लेकर भावनात्मक हो जाते हैं, जबकि निवेश से जुड़े फैसले दिमाग से लेने पड़ते हैं, न कि दिल से. अगर आपके निवेश पर घाटा हो रहा है तो आपको जल्द से जल्द अपना पैसा निकाल लेना चाहिए. किसी शेयर में पैसे लगाकर फंस गए हैं तो उछाल लौटने की उम्मीद में शेयर में इतने वक्त के लिए न बने रहें कि आपका सारा पैसा ही डूब जाए. समय रहते बाहर निकलकर आप अपना पूरा पैसा खोने के बजाये कुछ पैसा बचा सकते हैं.

एसआईपी निवेश का सही तरीका

निवेशकों के लिए शेयर बाजार की चाल समझना काफी मुश्किल भरा काम है. तेजी को देखते हुए जबतक निवेशक शेयरों में निवेश करना शुरू करते हैं, तब तक बाजार की चाल बदल जाती है. इसलिए छोटे निवेशकों के लिए सिस्टेमेटिक इन्‍वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) का तरीका सबसे अच्छा रहता है.

कैसे करें स्मार्ट निवेश

भारतीय मध्यमवर्ग को अच्छे बचतकर्ता के रूप में जाना जाता है. विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार वह अपनी आय का लगभग 25% बचाता है. लेकिन सवाल यह है कि क्या यह वर्ग अपनी बचत को स्मार्ट तरीके से निवेश कर रहा हैं? अधिकतर भारतीय लौकर या बैंकों में नकदी रखना पसंद करते हैं. तो सवाल यह उठता है कि उस नकदी को अपने लौकर में रखने से ज्यादा अच्छा विकल्प क्या है?

समय के साथ नकद कम मूल्यवान हो जाता है. उदाहरण के लिए 10 साल पहले के 100 रुपए का मूल्य आज के 100 रुपए से अधिक था. इसलिए नकदी अपने पास रखने के बजाय हमें नकदी का निवेश करना चाहिए ताकि हम मुद्रास्फीति को मात दे सकें. इस के बावजूद अधिकांश निवेशक मुद्रास्फीति को ध्यान में नहीं रखते हैं. मनोवैज्ञानिक इसे धन का मोह बताते हैं.

अगर मुद्रास्फीति में 7% की वृद्धि हुई है तो वेतन में 5% की वृद्धि प्रभावी रूप से हमारे पास उपलब्ध धन में एक ‘कटौती’ है. इस के बावजूद आम तौर पर लोग इस परिदृश्य में 1 वर्ष के दौरान 1% वेतन कटौती करना पसंद करते हैं जब मुद्रास्फीति शून्य होती है. इसलिए अपनी निवेश की सफलता को इस बात से मापें कि मुद्रास्फीति के बाद आप कितना अपने पास रख रहे हैं बजाय इस के कि आप अपने निवेश से कितना कमा रहे हैं.

निवेश करना कैसे शुरू करें

शेयर बाजार में कदम रखने से पहले बुनियादी बातों को जानना जरूरी है. इसलिए यूट्यूब वीडियो देख कर या किताबें पढ़ कर खुद को शिक्षित करें. शेयर बाजारों को सम झने से आप को बेहतर वित्तीय निर्णय लेने में मदद मिलेगी. नए वित्तीय उत्पादों की जानकारी रखें और उद्योग के विशेषज्ञों द्वारा निवेश पर लिखी पुस्तकें पढ़ें. वित्तीय समाचारों के बारे में सामान्य जागरूकता भी स्मार्ट तरीके से निवेश करने का एक अच्छा तरीका है.

अगला कदम यह है कि जल्दी निवेश शुरू करना, जो निश्चित रूप से बचत देता है और भले ही आप ने अपने जीवन के उस बिंदु को पार कर लिया हो परंतु कभी न करने से अच्छा देरी से निवेश करना भी है. शुरुआती निवेश यह सुनिश्चित कर सकता है कि आप के पैसे को पर्याप्त कौर्पस फंड में विकसित होने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है जो आप को जरूरत के समय या जब आप रिटायर होने का फैसला करते हैं तो आप की अच्छी हैल्थ करेगा.

जीवन में किसी भी अन्य चीज की तरह निरंतरता माने रखती है और इसलिए स्मार्ट निवेश के लिए भी निरंतरता बनाए रखें. साल में सिर्फ एक बार या छिटपुट रूप से निवेश न करें क्योंकि यह काफी नहीं है. पैसे को अच्छी तरह से बढ़ाने और अनुशासित तरीके से निवेश करने के लिए हर महीने एक निर्धारित राशि को अलग रखें. इस अनुशासन का पालन करने के लिए व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) और औटोभुगतान विकल्प कुछ बेहतरीन विकल्प हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि बिना किसी असफलता के हर महीने एक निश्चित राशि निवेश के लिए रख ली जाए.

आगे क्या करना है

आप को एसआईपी के जरीए कहां निवेश करना चाहिए? इस का सामान्य नियम एक विविध पोर्टफोलियो बनाना है. एक कहावत है कि अपने सभी अंडे कभी भी एक टोकरी में न रखें. बस यही विविधता है. यह जोखिम के प्रबंधन में मदद करता है. केवल एक स्टौक में निवेश पर ध्यान केंद्रित नहीं करने और विविध पोर्टफोलियो रखने वाले निवेशकों के लिए कोविड एक आंख खोलने वाली स्थिति है.

इसलिए हमेशा सलाह दी जाती है कि आप अपने निवेश को अलगअलग एसेट क्लास में डायवर्सिफाई करें. एसआईपी के माध्यम से निवेश करना आप के निवेश दृष्टिकोण में अनुशासन लाता है. अच्छे निवेशक अकसर सलाह देते हैं कि आप की दिनप्रतिदिन की वित्तीय गतिविधियों को एक सरल फौर्मूले (कमाई+बचत=व्यय) के इर्दगिर्द तैयार किया जाना चाहिए.

मान लीजिए कि आप हर महीने क्व30 हजार कमाते हैं और यदि आप एक निश्चित बजट के भीतर अपने खर्च को नियंत्रित करने में असमर्थ हैं, तो ऐसा हो सकता है कि महीने के अंत में आप के पास बचाने के लिए कुछ भी न बचे. लेकिन अगर आप एसआईपी में निवेश करते हैं, तो आप एक अनुशासित निवेश व्यवस्था का पालन करने के लिए मजबूर होंगे. अगर आप को पता है कि आप के खर्चे क्या हैं तो आप तय बजट के भीतर खर्च करने की आदत डाल लेंगे. उस में पहले आप बचत करेंगे और फिर खर्च करेंगे.

यदि आप अपनी वित्तीय गतिविधियों को इस के इर्दगिर्द बनाते हैं यानी पहले बचत करें और फिर खर्च करें, तो आप को कभी भी किसी भी वित्तीय कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि आप एक अनुशासित निवेश दृष्टिकोण का पालन कर रहे हैं. अपने निवेश दृष्टिकोण में नियमितता बनाए रखने से आप को अपने वित्तीय लक्ष्य या वित्तीय उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद मिलती है.

एसआईपी क्यों

यह सब गणित में है. चक्रवृद्धि ब्याज की शक्ति गणित द्वारा हमें दिए गए सर्वोत्तम उपकरणों में से एक है. समय एक निवेशक के पास उपलब्ध सब से बड़ी संपत्ति में से एक है और इसे वित्तीय लाभ के लिए उपयोग करना बुद्धिमानी है. एक उदाहरण के तौर पर, क्व5 हजार का निवेश प्रतिमाह लगातार 10 वर्षों तक 12% के निवेश रिटर्न पर करने से 11.50 लाख रुपए की राशि एकत्रित हो सकती है.

अनुरूपता और धैर्य कुंजी है. कम से कम समय में अधिकतम संभावित रिटर्न के पीछे न भागें. स्मार्ट निवेश कम जोखिम और स्थिर निवेश के बारे में है जो लंबी अवधि के लिए किए जाते हैं. ये सब से अच्छे होते हैं.

शेयर बाजार में निवेश करते समय जोखिम उठाने की क्षमता विकसित करने की आवश्यकता होती है: सभी निवेशों में जोखिम शामिल होता है. यह निवेश का एक अनिवार्य पहलू है, हालांकि कोई कितना जोखिम लेने को तैयार है, इसे मापा जा सकता है. अपने वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करते समय जोखिम सहनशीलता को ध्यान में रखें. वित्तीय नुकसान की उस सीमा को जानना, जो आप सहन कर सकते हैं और अशांत बाजारों के लिए आप की सहनशीलता महत्त्वपूर्ण है, जो आप के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने में मदद करेगी. यदि जोखिम उठाने की क्षमता कम है, तो डिबैंचर और बौंड में निवेश करें.

 झुंड की मानसिकता से बचें

‘‘क्रिप्टोकरंसी अच्छी है. मेरे किसी परिचित ने बहुत पैसा कमाया है,’’ इस तरह की सलाह का पालन न करें. बैंजामिन ग्राहम ने अपनी पुस्तक ‘द इंटैलिजैंट इन्वैस्टर’ में कहा है, ‘‘यहां तक कि बुद्धिमान निवेशक को भी भीड़ का अनुशरण करने से बचने के लिए पर्याप्त इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है.’’

वित्तीय निवेश करते समय बाकी जो कर रहे हैं उस का पालन करना आसान है, लेकिन यह हमेशा आप के लिए सही रास्ता नहीं हो सकता है. वित्तीय लक्ष्य बेहद व्यक्तिपरक होते हैं. वे आप की जोखिम सहनशीलता, धन के प्रति आप के विचार और आप के परिवार की जरूरतों पर निर्भर करते हैं. प्रत्येक व्यक्ति अलग है और सभी दृष्टिकोण के लिए कोई एक आ कर फिट नहीं होता है. इसलिए उस हौट टिप का अनुसरण करना जिस के पीछे बाकी सभी लोग जा रहे हैं, शायद सब से बुद्धिमान विकल्प न साबित हो.

‘सब्र का फल मीठा होता है’ इस कहावत को वित्तीय दुनिया पर भी लागू किया जा सकता है. अधिकांश निवेशक तत्काल लाभ की तलाश में रहते हैं. हालांकि इस तरह की जल्दबाजी से महत्त्वपूर्ण वित्तीय नुकसान हो सकता है. इस के बजाय निवेश को लंबी अवधि की कवायद के रूप में देखना ज्यादा फायदेमंद है क्योंकि अच्छा मुनाफा बनने में समय लगता है. धैर्य एक गुण है.

निवेश को नियमित रूप से ट्रैक करें

निवेश में बहुत अधिक पोषण शामिल होता है. यही कारण है कि अपने पैसे की निगरानी रखना महत्त्वपूर्ण है. उपलब्धि को ट्रैक करने और उस का विश्लेषण करने के लिए आप के पास स्प्रैडशीट्स बनाने के लिए नि:शुल्क टूल उपलब्ध हैं जिन में आप के सभी निवेश सूचीबद्ध हो जाते हैं. मासिक व्यय रिपोर्ट बनाने से बचत रणनीतियों को बढ़ाने और यह सम झने में मदद मिल सकती है कि कितनी तरलता की आवश्यकता है. इन सभी छोटे विषयों को जब एकसाथ मिलाया जाता है तो ये आप के एक अच्छे वित्तीय भविष्य के लिए एक मजबूत स्मार्ट निवेश और वित्तीय प्रणाली बना सकते हैं.

 -डाक्टर समीर कपूर

फाइनैंस ट्रेनर और कंसल्टैंट –

स्मार्ट निवेश क्या है

यह सही निवेश विकल्प है जो आप के भविष्य के वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में आप की मदद करने के लिए आप की जरूरी आवश्यकताओं को पूरा करता है. एक भीड़भाड़ वाले बाजार और आसपास निवेश के अवसरों के बहुत अधिक शोर के बीच अपने समय और धन की अच्छी तरह से योजना बनाने के लिए एक स्मार्ट निवेशक होना जरूरी है.

स्मार्ट निवेश निम्न में मदद करता है:

–  आय का एक अतिरिक्त स्रोत बनाने में.

–  वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने में.

–  धन का निर्माण करने में.

आप कैसे निवेश करते हैं, यह चुनने से पहले आप को निम्नलिखित कारकों पर विचार करना चाहिए:

–  क्या आप अविवाहित हैं या विवाहित हैं? क्या आप का साथी काम करता है और वह कितना पैसा कमाती है?

–  क्या आप के बच्चे हैं? यदि नहीं तो क्या आप बच्चे चाहते हैं? उच्च लागत जैसेकि कालेज शिक्षा, कब शुरू होगी?

–  क्या आप को कभी  विरासत में धन मिलेगा या क्या आप को मातापिता को केयर होम में रखने के लिए पैसे खर्च करने होंगे?

–  क्या आप की नौकरी सुरक्षित है या यदि आप स्वनियोजित हैं तो समान कंपनियां आमतौर पर कितने समय तक चलती हैं?

–  क्या आप को अपने जीवनयापन के लिए अपनी नकद आय की पूर्ति करने के लिए अपने निवेश की आवश्यकता है? यदि हां तो आप के पास स्टौक के बजाय बौंड में अधिक पैसा होना चाहिए

–  आप निवेश में कितना पैसा गंवा सकते हैं?

निवेश से पहले न करें ये 5 गलतियां

अपने कल को बेहतर बनाने के लिए आज से बचत शुरु करने से बेहतर कुछ और नहीं है. एक्सपर्ट्स भी यही मानते हैं कि अपने जीवन की पहली नौकरी लगते ही सेविंग्स शुरु कर देनी चाहिए. अक्‍सर लोग ऐसा करते  भी हैं. लेकिन कई बार हम सेविंग, इंवेस्‍टमेंट के दौरान कई छोटी छोटी गलतियां कर जाते हैं. ऐसा कई बार जानकारी के अभाव में होता है. कई लोग ऐसे भी होते हैं जो बचत तो कर रहे हैं, मगर उनके जहन में ढेर सारे सवाल है और वह यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि बचत को और कैसे बेहतर किया जा सकता है.

1. बीमा पॉलिसी को टैक्स बचाने के उदेश्य से खरीदना

कई लोग टैक्स बचाने के लिए बीमा पॉलिसी खरीद लेते हैं. उन्हें अपनी इस गलती का एहसास साल के आखिरी में होता है जब उन्हें अपने नियोक्ता को निवेश संबंधित प्रमाण देने होते हैं. बीमा पॉलिसी होना एक अच्छी बात है, लेकिन जीवन बीमा की तुलना में अन्य सभी टैक्स सेविंग विकल्प बेहतर होते हैं. टैक्स सेविंग फंड्स जैसे कि ईएलएसएस कम उम्र के बचत करने वाले लोगों के लिए सबसे अच्छा ऑप्शन है.

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2. निवेश से पहले जानकारी का अभाव

जब लोग नियमित रूप से बचत नहीं करते तो बैंक एकाउंट में पड़े पड़े वह खर्च हो जाते है. इससे दो नुकसान होते हैं, पहला छोटी उम्र में निवेश करने के अनुरुप यह आपकी पूंजी को नहीं बढ़ा पाता. और दूसरा इससे बेफिजूल खर्च करने की आदत पड़ जाती है. बचत करने के लिए शुरुआत में अपनी मासिक तनख्वाह का 5 फीसदी से 10 फीसदी तक नियमित रूप से डेट फंड या फिर रेकरिंग डिपॉजिट में निवेश करें.

3. दूसरों को देखकर शेयर बाजार में निवेश करना

ऐसा लोग तब करते हैं जब उनमें स्टॉक्स में निवेश को लेकर कम जानकारी होती है. साथ ही शेयर बाजार में निवेश करते समय लोगों को लगता है कि उनकी निवेश राशि दो गुना हो जाएगी, जबकि ऐसा सोचना गलत है. निवेश करने से पहले अपने दोस्त, रिश्तेदार या सहकर्मी का देख लें कि किसको कितना मुनाफा या नुकसान हुआ है. निवेश करने से पहले स्टॉक से जुड़ी सारी जानकारी प्राप्त कर लें.

4. हर साल नौकरी बदलना

कई लोग सैलरी बढ़ाने के लिए जल्दी-जल्दी नौकरी बदलते हैं. जबकि नौकरी तब बदलनी चाहिए जब आप एक जगह काम करके अपनी स्किल्स अच्छी करें. इसके बाद आप जहां भी जाएंगे आपको अच्छी सैलरी का ऑफर दिया जाएगा.

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5. एजुकेशन लोन के बारे में भूल जाना

नौकरी से पहले कई लोग आगे की पढ़ाई के लिए एमबीए जैसे कोर्स में दाखिला लेते हैं. ऐसे में पढ़ाई के खर्चे को उठाने के लिए लोन की आवश्यकता पड़ती है. घर से दूर रहकर नौकरी करने पर लोग अपने बैंक से संपर्क नहीं कर पाते. ऐसे में ब्याज बढ़ता रहता है. इसलिए अपने एजुकेशन लोन के बारे अपना ध्यान केंद्रित करें.

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