जब पति तोड़े भरोसा

आयशा अपने पति से तलाक चाहती है. वजह है उस के पति के किसी और महिला से संबंध. आयशा ने 2 साल पहले ही आयुश से शादी की थी. शादी के बाद सब कुछ ठीक चल रहा था, मगर एक दिन आयशा को पता चला कि उस के पति औफिस से निकल कर किसी और महिला के पास जाते हैं. आयशा अभी मां नहीं बनी है. आयुश से अलग होने में उसे कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन बहुत सारी ऐसी महिलाएं हैं जो सब कुछ जानते हुए भी अपने परिवार और बच्चों की खातिर तलाक नहीं ले पातीं.

यह सच है कि बेवफा साथी कभी सच्चा साथी नहीं हो सकता. एक बार भरोसा टूट जाने के बाद रिश्तों में हमेशा के लिए कड़वाहट आ जाती है. एक बात और ध्यान देने वाली है कि पति की बेवफाई झेलने वाली औरत सिर्फ पत्नी नहीं होती, मां भी होती है, इसलिए पति से संबंध बिगड़ने का बच्चों की देखरेख पर भी बुरा असर पड़ता है. बेवफाई हर औरत को अखरती है भले ही उस की उम्र कुछ भी हो. बेवफा साथी के साथ कैसे पेश आएं, इस का फैसला बहुत सोचविचार कर और समझदारी से करना चाहिए.

सही निर्णय लें

जब आप को एहसास होता है कि आप के साथ धोखा हो रहा है तो एक मां होने के नाते कभीकभी आप को कठिन फैसला लेना पड़ता है. आप अविश्वास भरे माहौल में रहने के बजाय अलग रहना पसंद करेंगी और रिश्ता तोड़ना चाहेंगी. मगर आप अपने बच्चों के सामने अपने असफल रिश्ते का उदाहरण भी नहीं रखना चाहतीं. परिवार के लोग भी नहीं चाहते कि आप अपना रिश्ता खत्म करें. आप घुटन व अवसाद में जी रही हैं और आप की जिंदगी बदतर हो गई है तो समझ लीजिए अब फैसले की घड़ी है. अब या तो आप पति से वादा लीजिए कि भविष्य में वे कभी आप के साथ धोखा नहीं करेंगे या फिर उन से अलग होने का फैसला. आप का सही फैसला आप की जिंदगी पुन: पटरी पर ला सकता है.

ये भी पढ़ें- जवां रहें उम्रभर

बच्चों को आश्वस्त करें

अगर आप अपने पति के बरताव और उन की बेवफाई से तंग आ कर उन से अलग होने का फैसला कर रही हैं तो आप का यह निर्णय आपसी सहमति पर होना चाहिए. अपने बच्चों को भरोसा दिलाएं कि आप के तलाक के फैसले का उन की जिंदगी से कोई लेनादेना नहीं है. उन्हें पहले से बेहतर जिंदगी देने का आश्वासन दें. उन्हें बताएं कि अगलअलग घर में रह कर भी वे उन्हें पहले जैसे ही भरपूर प्यार करेंगे. याद रखिए, आप का रिश्ता टूटने पर जितनी तकलीफ आप को होगी उस से कहीं अधिक आप के बच्चों को होगी. एक तो अपनी मां का तलाक होने का दर्द और दूसरा अपने पिता से दूर होने का, यदि बच्चे मां के पास हैं तो.

बच्चों के सवालों के लिए रहें तैयार

याद रखें बच्चे इस बात को पहले सोचते हैं कि उन के मातापिता के अलग हो जाने पर उन की जिंदगी कैसी होने वाली है. इसलिए उन के सवालों के जवाब देने के लिए पहले से ही तैयार हो जाएं. जैसे घर छोड़ कर कौन जाएगा? हमारी छुट्टियां कैसे बीतेंगी? पापा के हिस्से का काम कौन करेगा? आदिआदि.

क्या आप माफ कर सकती हैं

अगर आप के पति को अपने किए पर पछतावा है और वे आप को बारबार लगातार सौरी बोल रहे हैं, तो एक बार ठंडे दिमाग से सोच कर देखें कि क्या आप उन्हें माफ कर सकती हैं? क्या आप भविष्य में उन पर भरोसा कर सकती हैं? क्या आप बीती बातों को भुला सकती हैं? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिन के उत्तर आप को देने हैं और अपनी भावनाओं के प्रति ईमानदार रह कर फैसला करना है. याद रखें सब कुछ भुला कर रिलेशनशिप में बने रहने का फैसला लेने के बाद आप अपने पति को उन के किए की सजा नहीं दे पाएंगी.

रिश्ता बचाने की कोशिश करें

अगर आप के पति ने सिर्फ एक बार गलती की है और वे इस के लिए खेद जता रहे हैं तो तलाक जैसा कठिन फैसला आप की जिंदगी के लिए बैस्ट नहीं हो सकता. यह भले ही आप को सुनने में अच्छा न लगे, लेकिन सच यही है. कुछ लोगों का कहना होता है कि जिस ने एक बार धोखा किया है वह हमेशा देगा. मगर ऐसा सोचना गलत है. आप अपना रिश्ता बचा कर अपनी और अपने बच्चों की जिंदगी में बहुत कुछ बचा सकती हैं.

बच्चों को न बताएं

अपने बच्चों से यह कतई न कहें कि आप उन के पापा के किसी और से अफेयर के कारण अलग होना चाहती हैं. हो सकता है कि वे आप के लिए एक अच्छे पति न बन पाए हों, मगर अपने बच्चों के लिए वे एक अच्छे पापा हों. इसलिए अगर आप उन से उन के पापा के अफेयर के बारे में बताएंगी तो उन के बालमन को आघात लगेगा और इस से निकलने में उन्हें बहुत समय लग सकता है.

ये भी पढ़ें- पति का मजाक उड़ाने से पहले सोचें

बच्चों को जरीया न बनाएं

ऐसी परिस्थितियों में आप अपने पति को हर्ट करने के लिए अपने बच्चों का इस्तेमाल कर सकती हैं, जो ठीक नहीं है. ऐसा कर के आप बच्चों का उन के पापा के साथ संबंध भी बिगाड़ रही हैं. बच्चों को खुद फैसला करने दें कि उन का अपने पापा के प्रति क्या विचार है. थोड़ा बड़ा होने पर वे ऐसा कर सकते हैं. आज शहरों में तलाक के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है. इस में 80 फीसदी कारण पार्टनर की बेवफाई होती है. आज महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं. रिश्तों में ऐसी कड़वाहट के साथ जीना उन्हें हरगिज गवारा नहीं है. यह सच है कि बेवफा साथी के साथ रहने का फैसला करना बहुत कठिन है, लेकिन एक रिश्ते की चिता पर कई रिश्तों की अर्थी न चढ़ जाए, यह सोच कर अगर संभव हो तो रिश्ता बचाने की एक कोशिश जरूर करनी चाहिए. पति से अलग होने के फैसले के साथ पति का पूरा परिवार भी अकसर अलग हो जाता है. बच्चों से उन का पिता छिनने के साथ ही उन के दादादादी, बूआ, चाचा यानी पूरा परिवार छिन जाता है. तलाक के कठिन फैसले से सिर्फ आप ही अकेली नहीं होतीं, कई जिंदगियां छिन्नभिन्न हो जाती हैं. इसलिए रिश्ते को बचाने की कोशिश किए बिना तलाक के लिए आवेदन करना ठीक नहीं है. यकीन मानिए, जो खुशी सब के साथ जीने में है, वह अकेले में कतई नहीं.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें