घरेलू काम में क्या हो पति की भूमिका

मेरी दीदी को औफिस के लिए जीजाजी से पहले निकलना होता था. अत: सुबह के नाश्ते की जिम्मेदारी जीजू पर थी. एक दिन सुबहसुबह किसी कारणवश जीजाजी को नीचे जाना पड़ा. उस समय उन के हाथों में आटा लगा था. बस फिर क्या था. जैसे ही वे नीचे पहुंचे उन की पड़ोसिन ने उन के हाथों में आटा लगा देखा तो हैरान हो बोलीं, ‘‘भैया, क्या आप रोटियां बना रहे थे?’’

वे इस तरह से बोल रही थीं जैसे जीजू ने कोई बड़ा गलत काम कर दिया हो. आसपास कुछ और महिलाएं भी थीं. अत: सब को बातें बनाने का मौका मिल गया.

यह देख जीजाजी भी दुविधा में पड़ गए कि क्या सच में उन्होंने कुछ गलत कर दिया है. दरअसल, वे हैरान इसलिए भी थे, क्योंकि वे शादी से पहले भी अपना खाना खुद बनाते थे. आसपास के लोग यह जानते थे.

खैर, हद तो उस दिन हुई जब इसी बात पर सोसाइटी के पुरुषों ने उन्हें समझाया, ‘‘आप औरतों वाले काम न किया करें. घर की सफाई और रसोई का काम तो औरतों को ही करना चाहिए. आप ऐसा क्यों करते हैं? क्या आप दोनों के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है? क्या आप की पत्नी की कमाई आप से ज्यादा?’’

इतना ही नहीं. पासपड़ोस की औरतों ने दीदी को भी समझाया गया कि पति की इज्जत करनी चाहिए. औरतों के काम मर्दों से नहीं कराने चाहिए.

दीदी व जीजू दोनों ने आसपास के लोगों को समझाने की बहुत कोशिश कि पतिपत्नी दोनों को घर के काम मिल कर करने चाहिए, बावजूद इस के वे कई बार मजाक के पात्र बने. दीदी को खासतौर पर सुनने को मिला कि वह एक संवेदनहीन पत्नी हैं.

बदलनी होगी सोच

दरअसल, इस सोच के पीछे कई कारण हैं जैसे लिंग के आधार पर काम का विभाजन, महिलाओं से संबंधित हर काम, हर चीज को निचले दर्जे का मानना, बदलते परिवेश के साथ खुद की सोच को न बदलना आदि.

मगर जब पत्नी कामकाजी बन कर पति को आर्थिक सहयोग दे सकती है, तो पति से घरेलू कामों में मदद की उम्मीद भी कर सकती है. इस में कोई बुराई नहीं है. पतिपत्नी दोनों मिल कर अपना घर बसाते हैं. फिर घर की जिम्मेदारियां सिर्फ पत्नी के हिस्से ही क्यों रहें?

जमाना बदल रहा है. अब घर के कामकाज में पति की भागीदारी भी बढ़ रही है. आप भी इस के लिए अपने पति को प्रोत्साहित करें ताकि आप का वर्कप्रैशर थोड़ा कम हो.

पत्नियां पति से घर के काम कराने के लिए निम्न तरीके अपना सकती हैं:

विवाद का विषय न बनाएं: पति के काम करने का तरीका अजीब भी हो सकता है. अत: इस बात को विवाद का विषय न बनाएं. पहले काम कराने की आदत डालें. धीरेधीरे काम करने का सलीका भी आ जाएगा.

गलती न निकालें: काम गलत होने पर पति की गलती निकालने के बजाय दोनों मिल कर काम करें.

लंबी लिस्ट न हो: पति के औफिस से आते ही उन्हें कामों की लंबी लिस्ट न पकड़ाएं. पहले चायनाश्ता कराएं. फिर प्यार से कहें कि प्लीज फलां काम कर देना.

जिम्मेदारियां बांट लें: जिम्मेदारियों का बंटवारा कर लें ताकि पति समझ जाएं कि ये काम उन्हीं के हैं, क्योंकि अगर आप ने सभी कामों की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली तो वे जिम्मेदारी लेने से बचेंगे. आप चाहे कामकाजी हों या फिर गृहिणी घर के कामों में पति की मदद जरूर लें.

किन कामों में लें मदद

सवाल यह उठता है कि ऐसे कौन से काम हैं जिन में पति की मदद ली जा सकती है? अगर आप उन पर काम का बोझ नहीं डालना चाहती हैं तो छोटेमोटे काम जैसे घर की डस्टिंग, बच्चों का होमवर्क, कपड़े ठीक करना, बाजार से सामान लाना आदि कामों में आप उन की मदद ले सकती हैं.

अगर आप किचन में खाना बना रही हैं तो पति से सब्जी कटवा सकती हैं या फिर फ्रिज से जरूरत का सामान निकलवा सकती हैं. किचन समेटने में उन की मदद ले सकती हैं. ये छोटेमोटे काम कराने से ही आप का वर्कलोड काफी कम हो जाएगा. इस का एक फायदा यह भी होगा कि आप पति की मदद से घर के कामों से जल्दी फ्री हो जाएंगी और फिर आप पति के साथ ज्यादा समय बिता सकेंगी. इस के अलावा आप के इस कदम से आप का रिश्ता मजबूत होगा. घर में शांति और खुशहाली रहेगी.

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