डिलीवरी के बाद से शादीशुदा जिंदगी में तनाव है, मैं क्या करुं?

सवाल

मैं 30 वर्षीय विवाहित महिला हूं. 2 माह पूर्व नौर्मल डिलीवरी के जरिए मैं एक स्वस्थ बच्चे की मां बनी हूं. मेरे पति चाहते हैं कि हम पहले की तरह शारीरिक संबंध बनाएं. लेकिन मैं डरती हूं कि कहीं इस से कुछ परेशानी तो नहीं होगी. मैं यह जानना चाहती हूं कि क्या यह उपयुक्त समय है शारीरिक संबंध बनाने का?

जवाब
आमतौर पर महिलाओं को सामान्य डिलीवरी के 6 हफ्ते के बाद सैक्स संबंध बनाने की सलाह दी जाती है. लेकिन यह प्रत्येक महिला के शारीरिक व मानसिक रूप से तैयार होने पर भी निर्भर करता है. कई बार जल्दबाजी संक्रमण का कारक बन सकती है. इसलिए, आप के लिए यही बेहतर होगा कि आप सैक्स संबंध बनाने से पूर्व एक बार अपनी गाइनीकोलौजिस्ट से अवश्य सलाह कर ले.

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सेक्स के ये चार राज बड़े काम के हैं

वे आपके इशारों को नहीं समझ रहे हैं और आपने तय कर रखा है कि आप भी उन्हें नहीं बताने वालीं कि आप क्या चाहती हैं. पर कुछ तरीके ऐसे भी हैं जिनके सहारे सेक्स के दौरान आप बिन कुछ कहे अपनी इच्छाओं को पूरा करवा सकती हैं.

मादकता हमेशा सेक्सी लौन्जरीज, सेंशुअल परफ्यूम या स्मोकी आंखों में ही नहीं छिपी होती. सच है कि ये चीजें निजी पलों में उत्साह का संचार करती हैं, लेकिन कभी-कभी मन की बात मनवाने के लिए छल और चालाकी से भी गुरेज करें.

अक्सर पुरुषों को हल्का-सा इशारा समझ में नहीं आता और आपका शर्मीलापन लंबे इंतजार का कारण बन सकता है, जबकि र्स्माट चालें इस खेल में आपको मनचाहा नतीजा दे सकती हैं.

अपने भीतर की युवती को बाहर निकालें

वे मूड में नहीं हैं और आप हैं. हो सकता है कि वे सचमुच थके हुए हों या फिर केवल उन्हें थोड़ा उकसाने की जरूरत हो. ऐसे में समय की कसौटी पर खरे उतरे हथियार इस्तेमाल करें. ‘‘जब मैं सेक्स चाहती हूं और वे बहानेबाजी कर रहे होते हैं तो मैं सेक्स के झटपट सेशन का सुझाव देती हूं,’’ कहती हैं रोहिणी. वहीं नित्या कहती हैं, ‘‘मैं लौन्जरी उतारकर स्नग टी-शर्ट पहन लेती हूं. लेकिन ये नहीं दिखती कि मैं इसकी मांग कर रही हूं. फिर यदि वे किताब पढ़ रहे हैं तो मैं उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए फिजूल के सवाल पूछने लगती हूं.’’

इंतजार करवाएं

अपने साथी के साथ सेक्स के दौरान हम जानते हैं कि आगे क्या होनेवाला है. सेक्शुअल गतिविधियों का क्रम जैसे पूरी तरह पता होता है-गर्दन पर चुंबन, होंठों पर गहन चुंबन, नाभि पर चुंबन… इस एकरसता से उबरना चाहती हैं? तो इसे चुहलबाजी के साथ करें. खेलें और उन्हें आनंद से वंचित रखें. जहां बात खुद को बेहतर समझने का खेल खेलने की हो तो पुरुष इसे किसी महिला के साथ खेलने से कभी बोर नहीं होते.

हिम्मत करें

आप उम्मीद करती हैं कि वे घिसी-पिटी सेक्शुअल गतिविधियों के बजाय आपके शरीर के दाएं हिस्से पर ज्यादा समय बिताएं? तो उन्हें चुनौती देने की कोशिश करें. प्रत्येक पुरुष को चुनौती पसंद होती है. वो पूरी बेशर्मी से उसका सामना करेंगे. उनसे कहें कि आपको नहीं लगता कि आप ‘फलां’ चीज में अच्छे हैं और वे तुरंत आपको गलत साबित करने में जुट जाएंगे. यहां तरकीब ये है कि यह बात उन्हें चुनौती देने की तरह कहिए, व्यंग्य या ताने की तरह नहीं.

बाद का प्यार जरूर पाएं

संतुष्टिदायक पलों के बाद उनकी बेरुखी हमेशा ही झगड़े का करण बनता है. इस उन्माद के बाद उन्हें अकेला छोड़ दें, क्योंकि इजेकुलेशन के बाद उनके हार्मोन्स का स्तर उन्हें शिथिल कर देता है और वे आराम करना चाहते हैं. लेकिन कौन-सा पुरुष ये नहीं सुनना चाहता कि निजी पलों के दौरान उसका प्रदर्शन कितना बेहतरीन था? ‘‘जब मैं अपने बौयफ्रेंड को बताती हूं कि कहां-कहां उनका स्पर्श और चुंबन मुझे रोमांचित कर गया और जब उन्होंने कमान संभाली तो मैंने कितनी गर्माहट महसूस की तो वो मुझे अपनी ओर खींचकर आलिंगन में ले लेते हैं. मुझे लगता है जब कोई आपको प्यार करता है और इसका एहसास करता है तो आपको भी उसे ऐसा ही महसूस कराना चाहिए,’’ ये कहना है रानी का.

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गर्लफ्रेंड से हर Boyfriend चाहता है ये 5 बातें

आप भले ही बोलें के मेरा ब्वॉयफ्रेंड मुझसे कुछ नहीं छुपाता और हर बात शेयर करता, वह बहुत आपेन है. लेकिन ऐसा नहीं है. कुछ बातें ऐसी होती हैं जो व्वॉयफ्रेंड के दिल में होती हैं लेकिन उसे वह जुबान पर लाना नहीं चाहता.

1. साथ का अहसास

लड़के देखने में बड़े तेज होते हैं. वह हमेशा अपनी गर्लफ्रेंड की तुलना करते रहते हैं. ऐसे में जब आप अपने पार्टनर के साथ कहीं डिनर में जा रही होती हैं तो पूरी तरह से सज संवरकर जाना चाहती हैं. बड़ी सी गाउन और बेहद फैशन के साथ निकलने की कोशिश करती हैं. ब्वॉयफ्रेंड को आपका हमेशा सरल लिबास और कम फैशन भाता है जिससे कि साथ चलने में एक दूसरे का अहसास हो सके. भारी कपड़ों के साथ दूर रहना पड़ता है. उस वक्त आपकी खुशी और घंटों ड्रेस को लेकर बिताए समय का लिहाज कर वह कुछ नहीं बोलता लेकिन दिल में यही होती है सिंपल और सोबर ही आप ज्यादा सुंदर दिखती हैं.

2. शायद रिश्ता गहरा नहीं है

रिलेशनशिप में आने के बाद लड़कों को बातों-बातों में यह अहसास होता है कि शायद उसकी गर्लफ्रेंड की ओर से यह रिश्ता अभी पक्का नहीं है. वह इस कदर अटैच नहीं है जितना की ब्वॉयफ्रेंड. ऐसे में वह अक्सर इस रिश्ते को जांचने की कोशिश करता है लेकिन इस बात को बोलता नहीं. इमोशनली वह अंदर से घुटता रहता है. इसे जांचने के लिए अक्सर वह फिजिकल रिलेशन या किस का सहारा लेता है कि आप क्या बोल रही हैं.

3. फिजिकल रिलेशन

भले ही आपका ब्वॉयफ्रेंड यह बोले की वह रिश्ते में सेक्स को ज्यादा अहमियत नहीं देता लेकिन लड़के ऐसा कतई नहीं हो​ते. अपनी गर्लफ्रेंड के साथ वो सेक्स के बारे में सोचते ही हैं. यह कोई जरूरी नहीं कि हर रोज ही सेक्स करें लेकिन कभी-कभी की तो चाहत होती ही है. इन चीजों को आप खुद भी नोटिस कर सकते हैं. नए रिश्ते में भले ही वह कुछ न बोले लेकिन जैसे ही रिश्ता पुराना होता है. वह अपने घर पर अकेला होने पर ​बुलाता है या फिर आपको यह जरूर बताएगा कि उसके दोस्त का कमरा अक्सर खाली होता है. इन सब बातों से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वह क्या चाहता है.

4. दोस्तों के साथ नाइट आउट

लड़कों की हमेशा यह ख्वाहिश रखते हैं कि उन्हें ऐसी गर्लफ्रेंड मिले जो दोस्तों के साथ उनके नाइटआउट्स पर ऐतराज न करे. हालांकि ज्यादातर लड़कियों को लड़कों के इस तरह के प्लान्स से चिढ़ होती है. ऐसे में लड़के अपनी गर्लफ्रेंड को नाइट आउट के बारे में बोलने से घबराते हैं. इस बारे में जांचने के लिए अक्सर वो अपने दोस्त की नाइट आउट की कहानियां गर्लफ्रेंड को सुनाते हैं लेकिन खुद बोलने में परहेज करते हैं.

5. नजदीक लेकिन थोड़ी दूरी

रिलेशन में आने के साथ ही लड़की को लगता है कि ब्वॉयफ्रेंड पर उसका अधिकार हो गया और हर छोटी बड़ी बातों में उसे शामिल करने लगती है. परंतु लड़के दोस्ती और प्यार में थोड़ा फासला रखना चाहते हैं. उनकी कोशिश यही होती है​ कि उनके हर काम में गर्लफ्रेंड की दखल अंदाजी न हो. ऐसे में जब लड़की जब ज्यादा नजदीक आने लगती है तो उन्हें इस बात को बोलने से कतराते हैं. उनको डर होता है कि कहीं बुरा न मान जाए और रिश्ता खराब न हो जाए. ऐसे में दिल की बात दिल में ही रह जाती है.

एक लड़के ने मेरे साथ फिजिकल रिलेशन बना लिए हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 19 वर्षीय युवती हूं. एक लड़के से बहुत प्यार करती हूं. वह भी मुझे बहुत प्यार करता है पर आजकल मुझ से नाराज है. उस की नाराजगी की वजह भी मैं स्वयं हूं. दरअसल, वह थोड़ा शक्की स्वभाव का है. बातबात पर शक करता है. उस के इस व्यवहार से मैं बहुत परेशान हो गई थी.

बातबात पर वह मुझे कठघरे में खड़ा कर देता था. उसे सबक सिखाने के लिए मैं ने एक बेवकूफी भरा कदम उठाया. मैं ने एक लड़के से दोस्ती कर ली.

वह लड़का काफी शातिर निकला. उस ने बहलाफुसला कर मेरे साथ शारीरिक संबंध बना लिए और उस के बाद उस ने मुझ से बात करना भी बंद कर दिया. अपनी बचकाना हरकत के लिए मैं बहुत पछता रही हूं.

मेरा बौयफ्रैंड जो मेरी इतनी परवाह करता था अब मुझे भाव नहीं दे रहा. बताएं क्या करूं?

जवाब

अपने बौयफ्रैंड के शक्की स्वभाव से आप परेशान थीं तो इस के लिए आप उसे समझा सकती थीं कि दोस्ती में एकदूसरे पर भरोसा होना जरूरी है वरना दोस्ती आगे नहीं बढ़ती. आप ने नासमझी में जो गलती की उस के लिए आप को अपराधबोध हो रहा है. यही पर्याप्त है. अपने बौयफ्रैंड को मनाने का प्रयास करें. वह आप से प्यार करता है, इसलिए मान जाएगा. व्यर्थ चिंता न करें.

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सैक्स: मजा न बन जाए सजा

पहले प्यार होता है और फिर सैक्स का रूप ले लेता है. फिर धीरेधीरे प्यार सैक्स आधारित हो जाता है, जिस का मजा प्रेमीप्रेमिका दोनों उठाते हैं, लेकिन इस मजे में हुई जरा सी चूक जीवनभर की सजा में तबदील हो सकती है जिस का खमियाजा ज्यादातर प्रेमी के बजाय प्रेमिका को भुगतना पड़ता है भले ही वह सामाजिक स्तर पर हो या शारीरिक परेशानियों के रूप में. यह प्यार का मजा सजा न बन जाए इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखें.

सैक्स से पहले हिदायतें

बिना कंडोम न उठाएं सैक्स का मजा

एकदूसरे के प्यार में दीवाने हो कर उसे संपूर्ण रूप से पाने की इच्छा सिर्फ युवकों में ही नहीं बल्कि युवतियों में भी होती है. अपनी इसी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए वे सैक्स तक करने को तैयार हो जाते हैं, लेकिन जोश में होश न खोएं. अगर आप अपने पार्टनर के साथ प्लान कर के सैक्स कर रहे हैं तो कंडोम का इस्तेमाल करना न भूलें. इस से आप सैक्स का बिना डर मजा उठा पाएंगे. यहां तक कि आप इस के इस्तेमाल से सैक्सुअल ट्रांसमिटिड डिसीजिज से भी बच पाएंगे.

अब नहीं चलेगा बहाना

अधिकांश युवकों की यह शिकायत होती है कि संबंध बनाने के दौरान कंडोम फट जाता है या फिर कई बार फिसलता भी है, जिस से वे चाह कर भी इस सेफ्टी टौय का इस्तेमाल नहीं कर पाते. वैसे तो यह निर्भर करता है कंडोम की क्वालिटी पर लेकिन इस के बावजूद कंडोम की ऐक्स्ट्रा सिक्योरिटी के लिए सैक्स टौय बनाने वाली स्वीडन की कंपनी लेलो ने हेक्स ब्रैंड नाम से एक कंडोम बनाया है जिस की खासीयत यह है कि सैक्स के दौरान पड़ने वाले दबाव का इस पर असर नहीं होता और अगर छेद हो भी तो उस की एक परत ही नष्ट होती है बाकी पर कोई असर नहीं पड़ता. जल्द ही कंपनी इसे मार्केट में उतारेगी.

ऐक्स्ट्रा केयर डबल मजा

आप के मन में विचार आ रहा होगा कि इस में डबल मजा कैसे उठाया जा सकता है तो आप को बता दें कि यहां डबल मजा का मतलब डबल प्रोटैक्शन से है, जिस में एक कदम आप का पार्टनर बढ़ाए वहीं दूसरा कदम आप यानी जहां आप का पार्टनर संभोग के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करे वहीं आप गर्भनिरोधक गोलियों का. इस से अगर कंडोम फट भी जाएगा तब भी गर्भनिरोधक गोलियां आप को प्रैग्नैंट होने के खतरे से बचाएंगी, जिस से आप सैक्स का सुखद आनंद उठा पाएंगी.

कई बार ऐसी सिचुऐशन भी आती है कि दोनों एकदूसरे पर कंट्रोल नहीं कर पाते और बिना कोई सावधानी बरते एकदूसरे को भोगना शुरू कर देते हैं लेकिन जब होश आता है तब उन के होश उड़ जाते हैं. अगर आप के साथ भी कभी ऐसा हो जाए तो आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों का सहारा लें लेकिन साथ ही डाक्टरी परामर्श भी लें, ताकि इस का आप की सेहत पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े.

पुलआउट मैथड

पुलआउट मैथड को विदड्रौल मैथड के नाम से भी जाना जाता है. इस प्रक्रिया में योनि के बाहर लिंग निकाल कर वीर्यपात किया जाता है, जिस से प्रैग्नैंसी का खतरा नहीं रहता. लेकिन इसे ट्राई करने के लिए आप के अंदर सैल्फ कंट्रोल और खुद पर विश्वास होना जरूरी है.

सैक्स के बजाय करें फोरप्ले

फोरप्ले में एकदूसरे के कामुक अंगों से छेड़छाड़ कर के उन्हें उत्तेजित किया जाता है. इस में एकदूसरे के अंगों को सहलाना, उन्हें प्यार करना, किसिंग आदि आते हैं. लेकिन इस में लिंग का योनि में प्रवेश नहीं कराया जाता. सिर्फ होता है तन से तन का स्पर्श, मदहोश करने वाली बातें जिन में आप को मजा भी मिल जाता है, ऐंजौय भी काफी देर तक करते हैं.

अवौइड करें ओरल सैक्स

ओरल सैक्स नाम से जितना आसान सा लगता है वहीं इस के परिणाम काफी भयंकर होते हैं, क्योंकि इस में यौन क्रिया के दौरान गुप्तांगों से निकलने वाले फ्लूयड के संपर्क में व्यक्ति ज्यादा आता है, जिस से दांतों को नुकसान पहुंचने के साथसाथ एचआईवी का भी खतरा रहता है.

यदि इन खतरों को जानने के बावजूद आप इसे ट्राई करते हैं तो युवक कंडोम और युवतियां डेम का इस्तेमाल करें जो छोटा व पतला स्क्वेयर शेप में रबड़ या प्लास्टिक का बना होता है जो वैजाइना और मुंह के बीच दीवार की भूमिका अदा करता है जिस से सैक्सुअल ट्रांसमिटिड डिजीजिज का खतरा नहीं रहता.

पौर्न साइट्स को न करें कौपी

युवाओं में सैक्स को जानने की इच्छा प्रबल होती है, जिस के लिए वे पौर्न साइट्स को देख कर अपनी जिज्ञासा शांत करते हैं. ऐसे में पौर्न साइट्स देख कर उन के मन में उठ रहे सवाल तो शांत हो जाते हैं लेकिन मन में यह बात बैठ जाती है कि जब भी मौका मिला तब पार्टनर के साथ इन स्टैप्स को जरूर ट्राई करेंगे, जिस के चक्कर में कई बार भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. लेकिन ध्यान रहे कि पौर्न साइट्स पर बहुत से ऐसे स्टैप्स भी दिखाए जाते हैं जिन्हें असल जिंदगी में ट्राई करना संभव नहीं लेकिन इन्हें देख कर ट्राई करने की कोशिश में हर्ट हो जाते हैं. इसलिए जिस बारे में जानकारी हो उसे ही ट्राई करें वरना ऐंजौय करने के बजाय परेशानियों से दोचार होना पड़ेगा.

सस्ते के चक्कर में न करें जगह से समझौता

सैक्स करने की बेताबी में ऐसी जगह का चयन न करें कि बाद में आप को लेने के देने पड़ जाएं. ऐसे किसी होटल में शरण न लें जहां इस संबंध में पहले भी कई बार पुलिस के छापे पड़ चुके हों. भले ही ऐसे होटल्स आप को सस्ते में मिल जाएंगे लेकिन वहां आप की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होती.

हो सकता है कि रूम में पहले से ही कैमरे फिट हों और आप को ब्लैकमैल करने के उद्देश्य से आप के उन अंतरंग पलों को कैमरे में कैद कर लिया जाए. फिर उसी की आड़ में आप को ब्लैकमेल किया जा सकता है. इसलिए सावधानी बरतें.

अलकोहल, न बाबा न

कई बार पार्टनर के जबरदस्ती कहने पर कि यार बहुत मजा आएगा अगर दोनों वाइन पी कर रिलेशन बनाएंगे और आप पार्टनर के इतने प्यार से कहने पर झट से मान भी जाती हैं. लेकिन इस में मजा कम खतरा ज्यादा है, क्योंकि एक तो आप होश में नहीं होतीं और दूसरा पार्टनर इस की आड़ में आप के साथ चीटिंग भी कर सकता है. हो सकता है ऐसे में वह वीडियो क्लिपिंग बना ले और बाद में आप को दिखा कर ब्लैकमेल या आप का शोषण करे.

न दिखाएं अपना फोटोमेनिया

भले ही पार्टनर आप पर कितना ही जोर क्यों न डाले कि इन पलों को कैमरे में कैद कर लेते हैं ताकि बाद में इन पलों को देख कर और रोमांस जता सकें, लेकिन आप इस के लिए राजी न हों, क्योंकि आप की एक ‘हां’ आप की जिंदगी बरबाद कर सकती है.

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सैक्स के बाद के खतरे

ब्लैकमेलिंग का डर

अधिकांश युवकों का इंट्रस्ट युवतियों से ज्यादा उन से संबंध बनाने में होता है और संबंध बनाने के बाद उन्हें पहचानने से भी इनकार कर देते हैं. कई बार तो ब्लैकमेलिंग तक करते हैं. ऐसे में आप उस की ऐसी नाजायज मांगें न मानें.

बीमारियों से घिरने का डर

ऐंजौयमैंट के लिए आप ने रिलेशन तो बना लिया, लेकिन आप उस के बाद के खतरों से अनजान रहते हैं. आप को जान कर हैरानी होगी कि 1981 से पहले यूनाइटेड स्टेट्स में जहां 6 लाख से ज्यादा लोग ऐड्स से प्रभावित थे वहीं 9 लाख अमेरिकन्स एचआईवी से. यह रिपोर्ट शादी से पहले सैक्स के खतरों को दर्शाती है.

मैरिज टूटने का रिस्क भी

हो सकता है कि आप ने जिस के साथ सैक्स रिलेशन बनाया हो, किसी मजबूरी के कारण अब आप उस से शादी न कर पा रही हों और जहां आप की अब मैरिज फिक्स हुई है, आप के मन में यही डर होगा कि कहीं उसे पता लग गया तो मेरी शादी टूट जाएगी. मन में पछतावा भी रहेगा और आप इसी बोझ के साथ अपनी जिंदगी गुजारने को विवश हो जाएंगी.

डिप्रैशन का शिकार

सैक्स के बाद पार्टनर से जो इमोशनल अटैचमैंट हो जाता है उसे आप चाह कर भी खत्म नहीं कर पातीं. ऐसी स्थिति में अगर आप का पार्टनर से बे्रकअप हो गया फिर तो आप खुद को अकेला महसूस करने के कारण डिप्रैशन का शिकार हो जाएंगी, जिस से बाहर निकलना इतना आसान नहीं होगा.

कहीं प्रैग्नैंट न हो जाएं

आप अगर प्रैग्नैंट हो गईं फिर तो आप कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगी. इसलिए जरूरी है कोई भी ऐसावैसा कदम उठाने से पहले एक बार सोचने की, क्योंकि एक गलत कदम आप का भविष्य खराब कर सकता है. ऐसे में आप बदनामी के डर से आत्महत्या जैसा कदम उठाने में भी देर नहीं करेंगी.

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मैरिड लाइफ में इन 8 टिप्स से रहें खुश

पत्नी कामकाजी हो या होममेकर घर को सुचारु रूप से चलाने में उस का योगदान कमतर नहीं होता. लेकिन विश्वास, समझदारी व समानता के बीच संतुलन बिगड़ने पर आप के बीच गलतफहमी पैदा हो सकती है और फिर कभी न खत्म होने वाली तूतू, मैंमैं. यहां हम चर्चा करने जा रहे हैं उन बातों की, जिन से दूर रह कर आप अपना दांपत्य जीवन सुखी रख सकती हैं.

जब एक लड़की शादी के बाद एक नए घर, नए माहौल और नए लोगों से रूबरू होती है, तो उसे बहुत सारी बातों का खयाल रखना पड़ता है. मसलन, खुद को नए माहौल में ढालना, वहां के लोगों की आदतों, रीतिरिवाजों, कायदेकानूनों, खानपान आदि को समझना. उन की दिनचर्या के मुताबिक खुद की दिनचर्या निर्धारित करना. उन की जरूरतों का ध्यान रखना वगैरहवगैरह. मगर सब से अधिक सावधानी उसे पति के साथ अपने मधुर संबंध विकसित करते वक्त बरतनी पड़ती है. पतिपत्नी के बीच रिश्ता विश्वास व समझदारी से चलता है और आज के आधुनिक समाज में एक और शब्द समानता भी जुड़ चुका है.

1. आप हमेशा सही नहीं हैं:

कुछ युवतियों को यह गलतफहमी होती है कि वे जो करती हैं या कहती हैं वह हमेशा सही होता है. यदि पति किसी काम को कुछ अलग तरीके से करते हैं और आप उस काम को अपने तरीके से करने के लिए मजबूर कर रही हैं, तो आप को अपनी सोच बदलने की जरूरत है. आप के पति या परिवार के अन्य सदस्यों की सोच और तरीका आप से भिन्न हो कर भी सही हो सकता है. आप को धैर्य रख कर उसे देखना व समझना चाहिए.

2. बाल की खाल न निकालें:

देखा गया है कि अविवाहित जोड़े एकदूसरे से ढेर सारे सवालजवाब करते हैं और घंटों बतियाते रहते हैं बिना बोर हुए, बिना थके. मगर शादीशुदा जिंदगी में आमतौर पर ऐसा नहीं होता. आप के ढेरों सवाल और किसी मैटर में बाल की खाल निकालना आप के साथी को बैड फीलिंग दे सकता है. अत: याद रखें कि अब न तो आप उन की गर्लफ्रैंड हैं और न ही वे आप के बौयफ्रैंड.

3. साथी के साथ को दें प्राथमिकता:

कभी पति के सामने रहते परिवार के अन्य सदस्यों को पति से आगे न रखें. अगर आप ऐसा करती हैं, तो आप अनजाने में ही सही अपनी खुशहाल जिंदगी में सूनापन भर रही होती हैं. मान लीजिए आप के पति ने आज आप के साथ मूवी देखने जाने का प्लान बनाया है और आज ही आप की मां आप को फोन कर के शौपिंग मौल में आने को कहती हैं. अगर आप अपने पति को सौरी डार्लिंग बोल कर अपनी मां के पास शौपिंग मौल चली जाती हैं, तो यह पति को बुरा लगेगा. उन के मन में तो यही आएगा कि आप की जिंदगी में उन की अहमियत दूसरे नंबर पर है. यदि आप अपनी मां को सौरी बोल कर फिर कभी आने को कह दें तो आप की मां से आप के रिश्ते में कोई कमी नहीं आएगी.

4. दूसरों के सामने पति की इंसल्ट न करें:

दूसरों के सामने अपने पार्टनर की गलतियां बताना असल में उन की इंसल्ट करना है. ऐसा कर के आप अपने पति को कमतर आंक रही हैं. यदि आप अपने पति की बात बीच में ही काट रही हैं, तो आप उन्हें यह मैसेज दे रही हैं कि आप को उन की कही बातों की कोई परवाह नहीं है.

5. धमकी न दें:

पतिपत्नी के बीच थोड़ीबहुत नोकझोंक तो होती रहती है और इस से प्यार कम भी नहीं होता, बल्कि रूठनेमनाने के बाद प्यार और गहरा होता है. मगर इस नोकझोंक को आप बहस का मुद्दा बना धमकी पर उतर आएं तो अच्छा न होगा. आप ने छोटी सी बात पर ही अपने पति को अलग हो जाने की धमकी दे दी तो आप का प्यार गहरा होने के बजाय खत्म होने लगेगा.

6. शर्मिंदा न करें:

कभीकभी कई बातें ऐसी हो जाती हैं जब कमी आप के पार्टनर की होती है. मगर ऐसे में एक समझदार बीवी चाहे तो अपने पति को शर्मिंदगी से बचा सकती है. मान लीजिए आप कार की ड्राइविंग सीट पर हैं और किसी ऐसे रैस्टोरैंट में खाने जा रही हैं, जहां आप के पति अपने दोस्तों के साथ कई बार जा चुके हैं. काफी देर हो गई, लेकिन आप के पति को रैस्टोरैंट की सही लोकेशन याद नहीं आ रही. ऐसी स्थिति में पति पर झल्लाने या चिल्लाने से आप के पति शर्मिंदा तो होंगे ही, साथ ही आप का डिनर भी खराब होगा. अच्छा यह होगा कि आप कहें अगर वह रैस्टोरैंट नहीं मिल रहा तो मुझे एक और रैस्टोरैंट का पता है जहां हम डिनर कर सकते हैं.

7. पति की इज्जत करें:

कुछ पत्नियों को यह कहते सुना जाता है कि मैं अपने पति की इज्जत तब करूंगी जब वह इस लायक हो जाएगा. ऐसा कर के आप अनजाने में अपने पति को आप की इज्जत न करने की सलाह दे रही हैं. याद रखें यदि आप पति सेप्यार और रिस्पैक्ट से बात करती हैं, तो आप के पति को भी आप से प्यार और इज्जत से बात करने के लिए सोचना ही पड़ेगा. एक बात को बारबार न दोहराएं: किसी काम को ले कर उन्हें उस की याद बारबार न दिलाएं जैसेकि उन की दवा, डाइट, जीवन बीमा की किस्त या घर के किसी और काम की. ऐसा करने से आप उन की पत्नी कम और मालकिन ज्यादा लगेंगी. पति को काम की सूची न बताएं: पत्नियां पति के लिए हमेशा काम की लंबी सूची तैयार रखती हैं. आज यह कर देना, कल यह कर देना, उस तारीख को यह ले कर आना आदि. ऐसा कर के वे पति को यह एहसास करा रही होती हैं कि वे दांपत्य जीवन को सुचारु रूप से चलाने में असफल हो रहे हैं और हमेशा काम का बोझ बना रहता है.

8. अपने घरेलू काम की गिनती न करें:

अकसर पत्नियां पति के आते ही अपनी दिनचर्या को डिटेल में पति को बताने लगती हैं कि आज मैं ने यह काम किया, यह चीज बनाई, यहां गई, ऐसा किया और काम करतेकरते थक गई. ऐसा कर के औफिस से थकहार कर आए पति को आप अपनी भी थकान दे रही होती हैं. विवाद का निबटारा करें खुद: अगर कभी आप के बीच कोई विवाद हो जाए तो उसे खुद ही सुलझाएं. किसी तीसरे को अपनी निजी जिंदगी में कतई शामिल न होने दें.

 

मुझे अपनी मां से नफरत होने लगी है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 15 वर्षीय छात्र हूं. आजकल बहुत तनाव में जी रहा हूं. दरअसल, मुझे अपनी मां की उच्छृंखलता देख कर उन से नफरत होने लगी है. हमारे एक अंकल जो मेरे पापा के अच्छे दोस्त हैं, उन से मेरी मां की नजदीकियां दिनोंदिन बढ़ रही हैं. वे अंकल अकसर मेरे पापा की गैरमौजूदगी में घर आते हैं और घंटों मां के साथ गप्पबाजी करते हैं. भद्देभद्दे मजाक सुन कर मेरा खून खौलने लगता है, जबकि मां खूब मजा लेती हैं. कई बार दोनों ऐसे चिपक कर बैठे होते हैं जैसे पति पत्नी हों. उन्हें लगता है कि मैं उन की हरकतों से अनजान हूं. बताएं, क्या करूं?

जवाब

आप अच्छे बुरे की समझ रखने वाले विवेकशील युवक हैं. आप को लगता है कि आप की मां और आप के तथाकथित अंकल का व्यवहार अमर्यादित है, तो आप अपनी मां से एतराज जता सकते हैं.

आप उन से साफ शब्दों में कहें कि आप को पिता की गैरमौजूदगी में उस तथाकथित अंकल का रोज आना और घंटों गप्पें लगाना नागवार गुजरता है. इतने से ही वे दोनों सतर्क हो जाएंगे. अगर न हों तो आप कह सकते हैं कि आप पिता से उन की शिकायत करेंगे. इस के बाद आप की समस्या स्वत: हल हो जाएगी.

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माया को देखते ही बाबा ने रोना शुरू कर दिया था और मां चिल्लाना शुरू हो गई थीं. मां बोलीं, ‘‘बाप ने बुला लिया और बेटी दौड़ी चली आई. अरे, हम मियांबीवी के बीच में पड़ने का हक किसी को भी नहीं है. आज हम झगड़ रहे हैं तो कल प्यार भी करेंगे. 55 साल हम ने साथ गुजारे हैं. मैं अपने बीच में किसी को भी नहीं आने दूंगी.’’

‘‘मैं इस के साथ नहीं रहूंगा. तुम मुझे अपने साथ ले चलो,’’ कहते हुए बाबा बच्चों की तरह फूटफूट कर रो पड़े.

‘‘मैं तुम को छोड़ने वाली नहीं हूं. तुम जहां भी जाओगे मैं भी साथ चलूंगी,’’ मां बोलीं.

‘‘तुम दोनों आपस का झगड़ा बंद करो और मुझे बताओ क्या बात है?’’

‘‘यह मुझे नोचती है. नोचनोच कर पूछती है कि नीना के साथ मेरे क्या संबंध थे? जब मैं बताता हूं तो विश्वास नहीं करती और नोचना शुरू कर देती है.’’

‘‘अच्छाअच्छा, दिखाओ तो कहां नोचा है? झूठ बोलते हो. नोचती हूं तो कहीं तो निशान होंगे.’’

‘‘बाबा, दिखाओ तो कहां नोचा है?’’

बाबा फिर रोने लगे. बोले, ‘‘तेरी मां पागल हो गई है. इसे डाक्टर के पास ले जाओ,’’ इतना कहते हुए उन्होंने अपना पाजामा उतारना शुरू किया.

मां तुरंत बोलीं, ‘‘अरे, पाजामा क्यों उतार रहे हो. अब बेटी के सामने भी नंगे हो जाओगे. तुम्हें तो नंगे होने की आदत है.’’

बाबा ने पाजामा नीचे कर के दिखाया. उन की जांघों और नितंबों पर कई जगह नील पड़े हुए थे. कई दाग तो जख्म में बदलने लगे थे. वह बोले, ‘‘देख, तेरी मां मुझे यहां नोचती है ताकि मैं किसी को दिखा भी न पाऊं. पीछे मुड़ कर दवा भी न लगा सकूं.’’

पति की आदतों से परेशान हो गई हूं, मै क्या करुं?

सवाल

मैं 23 वर्षीय विवाहिता हूं. विवाह को 2 साल हो चुके हैं पर मेरे पति आज भी उतने ही रोमांटिक मूड में रहते हैं. हर रोज सहवास करना चाहते हैं. मायके भी नहीं जाने देते. मैं 2 सालों में मुश्किल से 8-10 दिन मायके में रही होऊंगी, जबकि मेरी सहेलियां कई महीने मायके में रहती हैं. किसी भी सहेली का पति इतना सैक्सी नहीं है जितने मेरे पति हैं. कभी कभी तो मुझे डर लगने लगता है कि कहीं वे सैक्स ऐडिक्ट तो नहीं हैं? बताएं क्या करूं?

जवाब

आप को खुश होना चाहिए कि आप को इतना प्रेम करने वाला पति मिला है और आप बेवजह परेशान हैं. जहां तक कामुकता या सैक्स के प्रति अधिक रुझान की बात है, तो यह व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है. इसलिए अपनी सहेलियों के पतियों से न तो आप को पति की तुलना करनी चाहिए और न ही इतनी अंतरंग बातें दूसरों के सामने उजागर करनी चाहिए. पति के साथ का बेहिचक आनंद उठाएं.

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प्यार, रोमांस फिर शादी ये चलन सदियों से चला आ रहा है. दो युगलों के बीच प्यार एक पराकाष्ठा को पार तब करता है जब दोनों का मिलन आत्मा से होता है. प्यार का समागम आत्मा और शरीर दोनों से ही होता है. जब नवविवाहिता आती है तो धारणा यह बनती है कि अब दोनों का शारीरिक मिलन तय है, पर यह गलत है. हालांकि, शारीरिक मिलन यानि कि सेक्स जीवन का एक आधार है एक नई पीढ़ी को तैयार करने का. पर नवविवाहित जोड़ों को सेक्स से संबंधी कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है. या यूं कहें कि कुछ मतभेद जो उनके दिलों में कई सवाल बनकर खड़े हो जाते हैं. सेक्स से जुड़े वो कौन-से मतभेद हैं जो उनको एक-दूसरे के करीब नहीं आने देते –

  • सेक्स से जुड़ा संदेह
  • गर्भ निरोधकों का प्रयोग
  • पराकाष्ठा का अभाव
  • कुछ मिथक
  • संचार का अभाव

सेक्स से जुड़ा संदेह –

सेक्स से जुड़ा सबसे बड़ा मतभेद तो संदेह होता है. जिनकी नई शादी हुई होती है उनके लिए सब कुछ नया-नया होता है. वह अपने आपको असहज महसूस करते हैं. उन्हें संदेह रहता है कि क्या वह अपने जीवनसाथी को संतुष्ट कर सकेंगे. शादी के बाद कुछ व्यक्ति अपने आपको नियंत्रण कर पाने में सक्षम नहीं होते हैं. इसीलिए उन्हें डाउट रहता है. शादी के बाद वह दिन में कई बार सेक्स करना पसंद करते हैं. दोनों ही युगल यह सोचकर सुख का आनंद नहीं ले पाते कि कहीं उनका साथी उनके बारे में क्या सोच रहा होगा. वो असहज फील करते हैं. हालांकि एक समय बाद  वह यह सोचकर सहज हो जाते हैं कि दोनों के लिए सेक्स वास्तव में कितना सामान्य है. एक दूसरे के प्रति वह जरूरतमंद महसूस कर सकता है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- न्यूली मैरिड कपल और सेक्स मिथक

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गर्भनिरोधक से जुड़ी सावधानियों के बारे में बताएं?

सवाल

मेरे आप से 2 सवाल हैं. पहला यह कि क्या वीर्यपात से पहले पुरुष से अलग हो जाने पर बगैर गर्भनिरोध भी काम चल सकता है? दूसरा यह कि स्त्री के शारीरिक मिलन में एचआईवी एड्स होने का रिस्क किसे अधिक होता है?

जवाब

यद्यपि कुछ दंपती गर्भनिरोध युक्तियों से बचने के लिए यह तरीका अपनाते हैं कि वीर्यपात होने से पहले स्त्री पुरुष से अलग हो जाती है, पर यह तरीका जरा भी भरोसे का नहीं है. उस में भूल होने का हमेशा खतरा रहता है. यौनोत्तेजना के क्षणों में स्खलन से पहले भी वीर्य की बूंद छूटने से गर्भ ठहर सकता है. समय से अलग न हो पाने पर तो अवांछित गर्भ ठहरने की तब तक चिंता बनी रहती है जब तक कि अगला महीना नहीं हो जाता. अत: गर्भनिरोध के लिए कोई बेहतर विधि अपनाना ही अच्छा है.

जहां तक स्त्रीपुरुष के शारीरिक मिलन में एचआईवी एड्स होने के रिस्क का सवाल है, तो दोनों में से कोई भी एचआईवी से संक्रमित है तो दूसरे को रोग हो सकता है, लेकिन पुरुष से स्त्री में एचआईवी विषाणु जाने का रिस्क अधिक होता है. इस का ठोस कारण भी है. शारीरिक मिलन के बाद पुरुष से स्खलित हुआ वीर्य लंबे समय तक स्त्री की योनि में रहता है. यदि यह वीर्य एचआईवी से संक्रमित है, तो वायरस के स्त्री में पैठ करने का रिस्क बढ़ जाता है.

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कुछ दिनों से आलोक कुछ बदलेबदले से नजर आ रहे हैं. वे पहले से ज्यादा खुश रहने लगे हैं. आजकल उन की सक्रियता देख कर युवक दंग रह जाते हैं. असल में उन के घर में एक नन्ही सी खुशी आई है. वे पिता बन गए हैं. 52 साल की उम्र में एक बार फिर पिता बनने का एहसास उन को हर पल रोमांचित किए रखता है. इस खुशी को चारचांद लगाती हैं उन की 38 वर्षीय पत्नी सुदर्शना. सुदर्शना की हालांकि यह पहली संतान है लेकिन आलोक की यह तीसरी है.

दरअसल, आलोक की पहली पत्नी को गुजरे 5 साल बीत चुके हैं. उन के बच्चे जवान हो चुके हैं और अपनीअपनी गृहस्थी बखूबी संभाल रहे हैं. कुछ दशक पहले की बात होती तो इन हालात में आलोक के दिल और दिमाग में बच्चों के सही से सैटलमैंट के आगे कोई बात नहीं आती. इस उम्र में अपनी खुशी के लिए फिर से शादी की ख्वाहिश भले ही उन के दिल में होती लेकिन समाज के दबाव के चलते इस खुशी को वे अमलीजामा न पहना पाते. अब जमाना बदल चुका है. लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग हो गए हैं, एंप्टी नैस्ट सिंड्रोम से बाहर निकल रहे हैं. और अपनी खुशियों को ले कर भी वे ज्यादा स्पष्ट और मुखर हैं. अब लोग 70 साल तक स्वस्थ और सक्रिय रहते हैं.

जब आलोक ने देखा कि उन के बच्चों का उन के प्रति दिनप्रतिदिन व्यवहार बिगड़ता जा रहा है. अपने कैरियर व भावी जिंदगी को बेहतर बनाने की आपाधापी में बच्चों के पास उन की खुशियों को जानने व महसूस करने की फुरसत नहीं है तो आलोक ने न केवल उन से अलग रहने का निर्णय लिया बल्कि एक बार फिर से अपनी जिंदगी को व्यवस्थित करने का मन बनाया.

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संयुक्त परिवार में रहने के कारण काफी परेशान हो गई हूं, मैं क्या करुं?

सवाल-

मैं 32 वर्षीय विवाहिता हूं. संयुक्त परिवार में रहती हूं. मेरे सासससुर के अलावा विवाहयोग्य देवर भी है. मेरी एक ननद भी है, जो विवाहिता है. समस्या यह है कि मेरी सास हमेशा हम पर दबाव बनाए रखती हैं कि हम ननद के लिए वक्तबेवक्त उपहार देते रहें. और तो और मेरी ससुराल वाले मेरे मायके से भी लेने का कोई मौका नहीं छोड़ते. घर का सारा खर्च हमें ही उठाना पड़ता है. ससुर रिटायर्ड हैं. देवर नौकरी करता है पर घरखर्च के लिए 1 रुपया नहीं देता. कभी कहो तो सुनने को मिलता है कि शादी के बाद वह भी जिम्मेदारी समझने लगेगा. इतनी महंगाई में एक व्यक्ति पर सारी गृहस्थी का बोझ डालना क्या वाजिब है? पति अपने मांबाप के सामने कभी जबान नहीं खोलते. ऐसे में मेरा उन से इस बारे में कुछ कहना क्या उचित होगा? पति को परेशान होते देखती हूं तो दुखी हो जाती हूं. बताएं क्या करूं?

जवाब-

आप के सासससुर को जीवन का लंबा अनुभव है. जब आप का देवर भी कमा रहा है, तो उस पर भी घरखर्च की जिम्मेदारी डालनी चाहिए. दोनों भाई मिल कर खर्च उठाएंगे तो किसी एक को परेशान नहीं होना पड़ेगा. इस के अलावा ननद पर भी खास मौके पर और अपनी हैसियत के अनुसार ही खर्च करें. सासससुर विशेषकर अपनी सास से शालीनता से बात कर सकती हैं कि वे देवर से भी घर की थोड़ीबहुत जिम्मेदारी उठाने को कहें. पूरे परिवार का एक व्यक्ति पर निर्भर रहना सही नहीं है. प्यार से बात करेंगी तो वे अवश्य इस विषय पर विचार करेंगी. भले ही शुरू में उन्हें आप का हस्तक्षेप अखरे और आप को आलोचना भी सुननी पड़े पर पति के भले के लिए आप इतना तो सुन ही सकती हैं.

Women’s Day 2024: क्या करें जब आए तलाक की नौबत

अपने वैवाहिक जीवन से असंतुष्ट हो कर तलाक ले लेना बेशक उस समय किसी बंधन से मुक्त होना लगे, पर उस के बाद जीवन आसान हो जाएगा या जीवन में फिर से खुशियां लौट आएंगी, ऐसा सोचना भी एक भूल ही है. इसलिए डाइवोर्स लेने का निर्णय लेने से पहले उस के बाद पैदा होने वाली स्थितियों पर विचार करना निहायत आवश्यक है.

अगर आप डाइवोर्स लेने के बारे में सोच रही हैं, तो यह तो तय है कि आप के और आप के साथी के बीच कुछ गलत हुआ है या फिर छोटीछोटी बातें इतनी बड़ी हो गई हैं कि आप को लगने लगा है कि अब साथ रहना मुमकिन नहीं. ये बातें विचारों के बीच टकराव उत्पन्न होने से ले कर विवाहेतर संबंधों तक से जुड़ी हो सकती हैं या फिर बच्चों की परवरिश या आर्थिक परेशानियों से उपजी भी हो सकती हैं. यानी ये छोटेछोटे झगड़े समय के साथ न सिर्फ युगल के बीच फासला बढ़ाते जाते हैं वरन उन्हें अलग हो जाने के लिए भी मजबूर कर देते हैं.

एडजस्ट न कर पाने या मानसिक तौर पर डिस्टर्ब फील करने के कारण अलग हो जाना बेशक एक आसान रास्ता लगे, पर उस के लिए जिन कानूनी, सामाजिक और भावनात्मक परेशानियों का सामना करना पड़ता है, वे भी कम दुखदायी नहीं होती हैं. अगर युगल शादी को यातना मानते हैं, तो उस से छुटकारा पाने के लिए भी कम यातनाएं नहीं सहनी पड़तीं.

मूल्यांकन करें

डाइवोर्स लेने से पहले ये सोचें कि वे कौन सी बातें हैं जो आप को परेशान कर रही हैं. हो सकता है उन्हें सुधारा जा सके. फिर यह निश्चित करें कि क्या वास्तव में आप उन में बदलाव लाना चाहती हैं? अपने विवाह के साथसाथ आप को अपना भी मूल्यांकन करना होगा कि क्या आप इस विवाह को बचाना चाहती हैं? डाइवोर्स की ओर कदम बढ़ाने से पहले खुद से यह अवश्य पूछें कि क्या जो असंतुष्टि की भावना आप के अंदर पल रही है वह कुछ समय के लिए है, जो समय के साथ दूर हो जाएगी? तलाक देने के बाद क्या आप फिर से एक नए संबंध में जुड़ने को तैयार हैं? आप के बच्चे पर इस का क्या असर पड़ेगा और क्या वह इस निर्णय में आप के साथ है?

कुछ लोग इसलिए अलग होते हैं, क्योंकि वे बहुत जल्दी शादी के बंधन में बंध गए थे और बाद में उन्हें एहसास हुआ कि वे एकदूसरे के लिए बने ही नहीं हैं. कुछ दशकों तक साथ रहते हैं और बच्चों के सैटल हो जाने के बाद उन्हें लगता है कि अब साथ रहना कोई मजबूरी नहीं है और वे अलग हो जाते हैं.

सबसे अहम कारण होता है साथी को धोखा देना. कुछ युगलों को लगता है कि अब उन के बीच प्यार नहीं रहा है. पैसे और विचारों में मतभेद होने की वजह से हमेशा झगड़ते रहते हैं. कुछ युगलों को लगता है कि उन्हें जीवन से कुछ और चाहिए. वे अब रिश्ते के साथ और समझौता नहीं कर सकते हैं.

सीनियर क्लीनिकल साइकोलौजिस्ट डा. भावना बर्मी के अनुसार, ‘‘तलाक की बढ़ती दर का मुख्य कारण है प्रोफैशनल स्तर पर औरत और पुरुष दोनों की लगातार बढ़ती महत्त्वाकांक्षाएं, जिन की वजह से उन की प्राथमिकताएं परिवार व संबंधों से हट कर कैरियर पर टिक गई हैं. आपस में बात करने तक का भी उन के पास टाइम नहीं है. वे काम और परिवार के बीच संतुलन नहीं बैठा पा रहे हैं. दोनों की आर्थिक आजादी ने उन की एकदूसरे पर निर्भरता कम कर दी है. सहने की शक्ति कम हो जाना मैट्रो शहरों में बढ़ते तलाक की सब से बड़ी वजह है. तलाक लेते समय यह पता होना चाहिए कि उन की जिंदगी आपस में बंधी है और इस की टूटन दोनों को ही बिखराव की राह पर ला सकती है. सामाजिक अलगाव भी उत्पन्न होने की संभावना इस से बहुत बढ़ जाती है.’’

क्या आप बदलाव के लिए तैयार हैं

आप का डाइवोर्स लेने का कारण, साथ बीता समय, आप की संपत्ति, बच्चे सब चीजें आप के निर्णय के लिए माने रखती हैं. लेकिन सब से अहम है यह समझना कि आप उसे किस तरह हैंडल करेंगी. इस की वजह से जिंदगी में होने वाले बदलावों का सामना करने को क्या आप तैयार हैं? डाइवोर्स जीवन का एक महत्त्वपूर्ण मोड़ होता है, जिस के बाद आने वाले बदलाव सुखदायी या दुखदायी दोनों ही हो सकते हैं. इसलिए सोचसमझ कर ही इस का फैसला लेना चाहिए. हो सकता है कि मैरिज काउंसलर से मिलने के बाद आप अपना इरादा छोड़ दें.

तलाक का अर्थ ही है बदलाव और यह समझ लें कि किसी भी तरह के बदलाव का सामना करना आसान नहीं होता है. कई बार मन पीछे की तरफ भी देखता है, क्योंकि नए ढंग से जिंदगी की शुरुआत करते समय जब दिक्कतें आती हैं, तो मन बीती जिंदगी को याद कर अपराधबोध से भी भर जाता है. आप को खुद पर भरोसा रखना होगा कि आप किसी भी तरह की मुश्किल का सामना कर लेंगी और आप का निर्णय सही था.

लिस्ट बनाएं

तलाक लेने के कारणों की एक लिस्ट बनाएं. अपने रिश्ते के अच्छे व बुरे दोनों पक्षों के बारे में लिखें. अपने पार्टनर को किसी विलेन के दर्जे में न रखें, क्योंकि कमियां तो आप में भी होंगी. डाइवोर्स लेने के बाद सफल व सुखद जीवन जीने के लिए सोच को पौजिटिव रखना निहायत जरूरी है. यह मान कर चलें कि दोनों की ही गलतियों की वजह से आज अलग हो जाने की नौबत आई है. इसलिए अपने क्रोध और दर्द से एक रचनात्मक ढंग से निबटें.

डाइवोर्स के बाद आप को एक सपोर्ट सिस्टम की जरूरत पड़ेगी, जिस के कंधे पर सिर रख कर आप रो सकें. अपने मित्रों व रिश्तेदारों से सपोर्ट लेने से हिचकिचाएं नहीं. अगर आवश्यकता महसूस करें तो थेरैपिस्ट के पास जाएं और अपने इमोशंस शेयर करें ताकि आप को स्ट्रैस न हो.

सोच व्यावहारिक रखें

तलाक के बाद सब से बड़ी समस्या फाइनैंस की आती है. अगर आप कमाती हैं, तो भी पैसे से जुड़ी दिक्कतें बनी रहती हैं. अध्ययनों से यह बात सामने आई हैं कि जो औरतें डाइवोर्स की पीड़ा सहती हैं, उन के जीवनस्तर में 30% गिरावट आ जाती है और पुरुषों के जीवनस्तर में 10%. चाहे औरत इस अलगाव के लिए कितना भी तैयार क्यों न हो, वह आर्थिक स्तर पर अपने को अक्षम ही महसूस करती है.

बेहतर होगा कि अपनी भावनाओं के बस में हो कर डाइवोर्स लेने के बजाय एक व्यावहारिक सोच रखते हुए यह कदम उठाएं. इस से होने वाले लाभ से ज्यादा हानि पर गौर करें. अगर आप आत्मनिर्भर नहीं है तो जाहिर है कि बाद में आप को किसी और पर निर्भर होना पड़ेगा और इस तरह आप के आत्मसम्मान को चोट पहुंचेगी.

डाइवोर्स का बच्चों पर गहरा असर पड़ता है, क्योंकि उन के लिए तो मातापिता दोनों ही महत्त्वपूर्ण होते हैं. अलगाव से उन के विश्वास को चोट पहुंचती है और कभीकभी तो वे भटक भी जाते हैं. अकेला अभिवक अपनी ही परेशानियों में ग्रस्त रहने के कारण उन पर सही ध्यान नहीं दे पाता.

कुछ प्रश्न खुद से पूछें

– क्या अपने साथी के प्रति अभी भी आप के मन में भावनाएं हैं? मगर ऐसा है तो एक बार रिश्ते को बचाने की कोशिश की जा सकती है.

– क्या आप इसलिए साथ रह रहे हैं, क्योंकि समाज का दबाव है वरना हर समय झगड़ते ही रहते हैं?

– आप क्या सचमुच तलाक चाहती हैं या सिर्फ यह धमकी है? केवल क्रोध प्रकट करने या इस तरह साथी को इमोशनली ब्लैकमेल करने के लिए ही तो आप यह कदम उठाना चाहतीं. इस तरह संबंध और बिगड़ेंगे ही.

– क्या आप शारीरिक, मानसिक, आर्थिक व भावनात्मक रूप से इस के लिए तैयार हैं? क्या आप ने इस के नकारात्मक परिणामों के बारे में सोच लिया है? तलाक आप के साधनों में कमी कर सकता है, जिस से आप के कई सपने भी टूट सकते हैं.

– क्या आप के पास कोई सपोर्ट सिस्टम है? क्या आप बच्चों को समझा पाने व उन की तकलीफ दूर करने में सक्षम हैं?

– क्या आप कैरियर और अपनी निजी जिंदगी में बैलेंस कर पाएंगी?

डाइवोर्स लेने के बाद आप को नए अनुभवों, नए रिश्तों व चीजों को नए रूप में लेने के लिए अपने को तैयार करना होगा. अपने जीवन को पुन: गढ़ना होगा. अगर आप यह सोच कर बैठी हैं कि दूसरी शादी करने से आप की सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी, आप की समस्याओं का समाधान हो जाएगा तो इस भ्रम से बाहर निकलें, क्योंकि दूसरी शादी सफल हो, इस की क्या गारंटी है. जरूरी नहीं कि इस बार परफैक्ट साथी मिले.

Valentine’s Day 2024: बनें एक-दूजे के लिए

विवाह के पहले और विवाह के बाद जीने के उद्देश्य अलगअलग प्रकार के होते हैं. विवाह से पहले हम सैल्फ सैंटर्ड लाइफ जीते हैं. विवाह के बाद एकदूजे के लिए जीने का अभ्यास करना ही पतिपत्नी की सफलता का मानदंड होता है. आइए जानते हैं कि हम कैसे स्वस्थ मानसिकता के साथ परिस्थितियों के अनुकूल या प्रतिकूल होने पर दोनों स्थितियों में अपनी सही सोच के साथ जीवन के इस अहम पड़ाव पर स्थिरता और खुशनुमा पारिवारिक माहौल बना कर अपने लाइफपार्टनर के सुखदुख के साथी बनें:

क्या करें

एकदूसरे के लिए पर्याप्त समय सुनिश्चित करें, समय बात सुनने का, समय साथ रहने का, युगलरूप में काम में हाथ बंटाने का. जल्दीबाजी छोड़ कर धैर्य के साथ यह सब करने का पर्याप्त समय होना चाहिए.

जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति  करते हुए टीम भावना से छोटीछोटी बातों को भी ऐंजौय करें.

सभी के साथ रिलेशनशिप को मुसकरा कर उत्साह के साथ जीएं. ऐसा करेंगे तो संपर्क में आने वाले सभी लोग मुसकराहट और उत्साह के साथ पेश आएंगे.

इन शब्दों का इस्तेमाल उचित अवसर पर करते रहें- धन्यवाद, हां, डियर, आप ठीक हैं, क्षमा कीजिए, मैं गलत था, आई एम सौरी आदि.

महीने में कम से कम 1 दिन पूरा समय एकदूसरे के साथ बिताएं. जो दोनों को रुचिकर लगे वैसा कार्यक्रम बना कर उस में समय व्यतीत करें.

जो भी बात अच्छी लगे उस के लिए एकदूसरे से धन्यवाद की अभिव्यक्ति करें.

अपनी बातचीत में हास्य का पुट भरें. यहां तक कि यदि मतभेद हो तो उस का अंत भी हास्य के पुट के साथ करें.

टोटल मेकओवर और ड्रैस एकदूसरे की पसंद के अनुसार हो. इस से एकदूसरे के लिए आकर्षण बढ़ता है.

हमेशा खुश रहने का फैसला करें. पौजिटिव सोच अपना कर अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखें.

सामान्य जीवन बिताने के लिए भीड़ में समय बिताने से बचें. सरल तरीके से जीएं. जीवन जटिल न हो तो अच्छा है.

वार्त्तालाप करें वह स्नेह और प्यार की भावना के साथ करें. एकदूसरे को समझने की ईमानदारी से कोशिश करें.

मोनालिसा मिश्रा ने संबंधित विषय पर कई शोधपत्र लिखे हैं जिन का सार संक्षेप में प्रस्तुत है. वैवाहिक जीवन में प्रवेश करने पर इस पर ध्यान देना बहुत लाभदायक रहेगा:

अच्छे संवाद और वार्त्तालाप: एकदूसरे से बातें करने में संकोच न करें. बातें कीजिए. एकदूसरें की बात ध्यान से सुनें. सीक्रेट भी शेयर करें. किंतु विवेक के साथ. बातें करते समय आईकौंटैक्ट का भी ध्यान रखें. संवाद और वार्त्तालाप मधुर हो. मुद्दे बना कर क्रोध और झगड़ा न करें: क्रोध झगड़े में आग में घी का काम करता है. जब क्रोध में हों तो संवाद स्थगित कर दें. बातचीत के लिए सौहार्दपूर्ण माहौल का इंतजार करें. एकदूसरे के लिए त्याग की भावाना रखें. मिथ्या भ्रम न पालें कि हर बात आप की मानी जाए. गिव ऐंड टेक की पौलिसी अच्छी पौलिसी है. तनावरहित होने पर सभी बातें उचित नजरिए के साथ ली जा सकती हैं. अपने लाइफपार्टनर को उत्साहित करते रहें. उस के हर अच्छे कार्य की सराहना करें. उस की सहायता करें. क्षमाशील बनें. उस की योग्यता बढ़ाने के लिए हमेशा प्रयत्न करें. उसे वयस्क रूप में लें. किडिंग से परहेज करें.

क्रिया और प्रतिक्रिया: मानवी रिलेशंस के लेखकों का मत है कि हर व्यवहार और कार्य की प्रतिक्रिया स्वाभाविक होती है, इसलिए प्रतिक्रिया उचित सीमा के भीतर और समय के अनुसार होनी चाहिए. ऐसा न हो अपनी बात मनवाने में आप संबंध बिगाड़ लें. किसी भी कीमत पर संबंध बनाए रखना वैवाहिक जीवन का आधार होता है, यह ध्यान रखें. उचित मानसिकता के साथ शांति बनाए रखें.संबंध में संतुष्टि प्रमुख है: चिंता दीमक की तरह हानिकारक होती है. किसी भी समस्या को आवश्यकता से अधिक तूल न दें. संबंध बनाए रखने में अपनी जिम्मेदारी निभाएं. अपने लाइफपार्टनर का सैल्फ कौन्फिडैंस बनाए रखें. उसे कमजोर बना कर कुछ हासिल नहीं होने वाला है. समयसमय पर विश्वास की अभिव्यक्ति करते रहें. मतभेद की स्थिति में मतभेद न पैदा होने दें. गौतम बुद्ध ने कहा है कि विजयी बनने के लिए दूसरे को हर्ट नहीं करना चाहिए.

परफैक्ट मैच बनने के लिए निम्न सुझाव अमल में लाएं:

विवाह दीर्घकालीन समन्वय और नजदीकी रिश्ता है, जो एकदूसरे की पसंद पर आधारित है. इसे खुले दिलदिमाग से स्वीकारें.

नजरिए को लचीला रखें ताकि पार्टनर के दृष्टिकोण और भावनाओं का आदर कर सकें. ऐसा करने से प्यार पनपता रहेगा. रिश्ता बनाने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है.

वैवाहिक संतुष्टि को बढ़ाने के लिए एकदूसरे को इमोशनल सपोर्ट दें ताकि आपसी सूझबूझ से भावनात्मक जुड़ाव बना रहे. इस से कर्तव्यबद्धता और कमिटमैंट जैसे गुणों का विकास होगा.

पार्टनर की अपेक्षाओं पर खरे उतरें. उस की मानसिकता को पहचानें. संदेह द्वारा असंतुष्टि और असुरक्षा की भावना एकदूसरे को न दें.

अपने लाइफपार्टनर के बारे में कोई गलत धारणा न बनाएं. तथ्यों के बिना अर्थपूर्ण बातचीत होना संभव नहीं होता है. महत्त्वपूर्ण डिस्कशन पतिपत्नी अकेले में ही करें. किसी अन्य व्यक्ति से समस्या पर विचारविमर्श न करें. अपनी प्राइवेसी बनाए रखें.

अवास्तविक अपेक्षाएं रखेंगे तो दुख ही मिलेगा. गिव ऐंड टेक की भावना होगी तो अपेक्षाएं अवश्य पूरी होंगी. धैर्य बनाए रखें.

प्रसिद्ध कवि रूप नारायण त्रिपाठी की निम्न पंक्तिया सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रेरक हैं:

जहां पर फूल खिलते हैं उसे उद्यान कहते हैं,
जहां पर रूप जलता है उसे श्मशान कहते हैं,
मगर उद्यान और श्मशान में बस फर्क इतना है,
कि हम उजड़े हुए उद्यान को श्मशान कहते हैं.

अब आप ही फैसला करें कि अपने जीवन को आप ने महकता हुआ उद्यान बनाना है या उन खुशियों से वंचित रहना है जिन के आप सही माने से हकदार हैं.

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