पति के अफेयर को कैसे सहन करुं, कोई तरीका बताएं?

सवाल-

मैं 25 वर्षीय विवाहिता हूं. विवाह को 5 साल हुए हैं. एक 3 वर्ष की बेटी है. कुछ महीनों से मेरे पति घरपरिवार से काफी उदासीन रहने लगे थे. मुझे लगा कि शायद औफिस में काम का अधिक बोझ होगा. फिर जब वे अकसर घर देर से लौटने लगे और बेवजह मुझ से लड़नेझगड़ने लगे तब मुझे शक हुआ. बारबार कुरेदने पर एक दिन सचाई उन की जबान पर आ ही गई. उन का अपनी एक सहकर्मी जो कुंआरी है, से चक्कर चल रहा है. जब से इस राज का पता चला है हमारा रोज झगड़ा होने लगा है. मन करता है कि आत्महत्या कर लूं पर बेटी की वजह से ऐसा नहीं कर सकती. क्या मेरी समस्या का कोई समाधान है?

जवाब-

आप की शादी को अभी ज्यादा समय नहीं बीता है, बावजूद इस के आप के पति आप से विमुख हो किसी और युवती के चक्कर में पड़ गए हैं. लगता है बेटी हो जाने के बाद आप उस के पालनपोषण में इतनी व्यस्त हो गईं कि पति की ओर से बिलकुल उदासीन होती गईं. यह सही है कि छोटे बच्चे की परवरिश भी काफी बड़ी जिम्मेदारी होती है पर इस के चलते पति की अनदेखी करना भी गलत है. जो हुआ सो हुआ. अब आप पति से लड़ाईझगड़ा करने के बजाय उन पर ध्यान दें. उन्हें भरपूर प्यार दें ताकि उन का उस युवती से मोहभंग हो जाए और वे आप के पास लौट आएं.

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शादी के बाद पतिपत्नियों को यह जानने में जरा भी देर नहीं लगती कि उन का साथी पहले जैसा नहीं रहा. आखिर इस मनमुटाव का क्या कारण है? दरअसल, अधिकांश केसों में पतिपत्नी के बीच झगड़े का मुख्य कारण अतृप्त सैक्स संबंध हैं. सैक्स संबंधों की वैवाहिक जीवन में पतिपत्नी दोनों को आवश्यकता होती है.

महिलाओं में शुरू से ही लज्जा, शर्म और संकोच होता है. वैवाहिक जीवन के बाद भी वे सैक्स संबंधों के बारे में खुल कर बात नहीं कर पातीं. यही कारण है कि स्त्री सैक्स का चरमसुख प्राप्त करने के बारे में स्वयं कुछ नहीं कहती. लेकिन सैक्स एक ऐसी आग है, जो भड़कने के बाद आसानी से शांत नहीं होती.

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मैं अपनी पत्नी को धोखा दे रहा हूं, मैं क्या करुं?

सवाल

मैं 28 साल का हूं. मेरी शादी को 4 साल हो चुके हैं. मेरी छोटी साली भी हमारे साथ रहती है.

एक दिन बीवी घर पर नहीं थी और मैं टीवी देख रहा था, तभी साली अचानक कमरे में आई और मुझे गिरा कर चूमने लगी. मेरे मना करने पर भी उस ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और उस ने वह सब कर डाला, जो अमूमन बीवी करती है.

अब वह मुझ से रोजाना संबंध बनाने को कहती है और रात में भी अपने साथ सोने को कहती है. मना करने पर अपनी बहन को बताने की धमकी देती है. मैं क्या करूं?

जवाब

आप का तो घर बैठे ही बंपर ड्रा निकल आया, मगर यह बम की तरह खतरनाक भी हो सकता है. साली कहीं पेट से हो गई, तो और बवाल हो जाएगा. बीवी को पता चलेगा, तो भी फसाद ही होगा.

बेहतर यही होगा कि आप किसी बहाने से साली को वापस उस के घर भेज दें और हो सके तो अपना तबादला कहीं दूर करा लें.

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भौजाई से प्यार, पत्नी सहे वार

19 जनवरी, 2017 को उत्तर प्रदेश के जिला सिद्धार्थनगर के थाना जोगिया उदयपुर के थानाप्रभारी शमशेर बहादुर सिंह औफिस में बैठे मामलों की फाइलें देख रहे थे, तभी उन की नजर करीब 4 महीने पहले सोनिया नाम की एक नवविवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में ससुराल में हुई मौत की फाइल पर पड़ी. सोनिया की मां निर्मला देवी ने उस के पति अर्जुन और उस की जेठानी कौशल्या के खिलाफ उस की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. घटना के बाद से दोनों फरार चल रहे थे. उन की तलाश में पुलिस जगहजगह छापे मार रही थी. लेकिन कहीं से भी उन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली थी.

आरोपियों की गिरफ्तारी को ले कर एसपी राकेश शंकर का शमशेर बहादुर सिंह पर काफी दबाव था, इसीलिए वह इस केस की फाइल का बारीकी से अध्ययन कर आरोपियों तक पहुंचने की संभावनाएं तलाश रहे थे. संयोग से उसी समय एक मुखबिर ने उन के कक्ष में आ कर कहा, ‘‘सरजी, एक गुड न्यूज है. अभी बताऊं या बाद में?’’

‘‘अभी बताओ न कि क्या गुड न्यूज है,ज्यादा उलझाओ मत. वैसे ही मैं एक केस में उलझा हूं.’’ थानाप्रभारी ने कहा, ‘‘जो भी गुड न्यूज है, जल्दी बताओ.’’

इस के बाद मुखबिर ने थानाप्रभारी के पास जा कर उन के कान में जो न्यूज दी, उसे सुन कर थानाप्रभारी का चेहरा खिल उठा. उन्होंने तुरंत हमराहियों को आवाज देने के साथ जीप चालक को फौरन जीप तैयार करने को कहा. इस के बाद वह खुद भी औफिस से बाहर आ गए. 5 मिनट में ही वह टीम के साथ, जिस में एसआई दिनेश तिवारी, सिपाही जय सिंह चौरसिया, लक्ष्मण यादव और श्वेता शर्मा शामिल थीं, को ले कर कुछ ही देर में मुखबिर द्वारा बताई जगह पर पहुंच गए. वहां उन्हें एक औरत और एक आदमी खड़ा मिला.

पुलिस की गाड़ी देख कर दोनों नजरें चुराने लगे. पुलिस जैसे ही उन के करीब पहुंची, उन के चेहरों पर हवाइयां उड़ने लगीं. शमशेर बहादुर सिंह ने उन से नाम और वहां खड़े होने का कारण पूछा तो वे हकलाते हुए बोले, ‘‘साहब, बस का इंतजार कर रहे थे.’’

‘‘क्यों, अब और कहीं भागने का इरादा है क्या?’’ थानाप्रभारी ने पूछा.

‘‘नहीं साहब, आप क्या कह रहे हैं, हम समझे नहीं, हम क्यों भागेंगे?’’ आदमी ने कहा.

‘‘थाने चलो, वहां हम सब समझा देंगे.’’ कह कर शमशेर बहादुर सिंह दोनों को जीप में बैठा कर थाने लौट आए. थाने में जब दोनों से सख्ती से पूछताछ की गई तो उन्होंने अपने नाम अर्जुन और कौशल्या देवी बताए. उन का आपस में देवरभाभी का रिश्ता था.

अर्जुन अपनी पत्नी सोनिया की हत्या का आरोपी था. उस की हत्या में कौशल्या भी शामिल थी. हत्या के बाद से दोनों फरार चल रहे थे. थानाप्रभारी ने सीओ महिपाल पाठक के सामने दोनों से सोनिया की हत्या के बारे में पूछताछ की तो उन्होंने सारी सच्चाई उगल दी. सोनिया की जितनी शातिराना तरीके से उन्होंने हत्या की थी, वह सारा राज उन्होंने बता दिया. नवविवाहिता सोनिया की हत्या की उन्होंने जो कहानी बताई, वह इस प्रकार थी—

उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले का एक थाना है जोगिया उदयपुर. इसी थाने के अंतर्गत मनोहारी गांव के रहने वाले जगदीश ने अपने छोटे बेटे अर्जुन की शादी 4 जुलाई, 2013 को पड़ोस के गांव मेहदिया के रहने वाले रामकरन की बेटी सोनिया से की थी. शादी के करीब 3 सालों बाद 25 अप्रैल, 2016 को गौने के बाद सोनिया ससुराल आई थी.

पति और ससुराल वालों का प्यार पा कर सोनिया बहुत खुश थी. अपने काम और व्यवहार से सोनिया घर में सभी की चहेती बन गई. सब कुछ ठीकठाक चल रहा था कि अचानक सोनिया ने पति अर्जुन में कुछ बदलाव महसूस किया. उस ने गौर करना शुरू किया तो पता चला कि अर्जुन पहले उसे जितना समय देता था, अब वह उसे उतना समय नहीं देता.

पहले तो उस ने यही सोचा कि परिवार और काम की वजह से वह ऐसा कर रहा होगा. लेकिन उस की यह सोच गलत साबित हुई. उस ने महसूस किया कि अर्जुन अपनी भाभी कौशल्या के आगेपीछे कुछ ज्यादा ही मंडराता रहता है. वह भाभी के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताता है.

जल्दी ही सोनिया को इस की वजह का भी पता चल गया. अर्जुन के अपनी भाभी से अवैध संबंध थे. भाभी से संबंध होने की वजह से वह सोनिया की उपेक्षा कर रहा था. कमाई का ज्यादा हिस्सा भी वह भाभी पर खर्च कर रहा था. यह सब जान कर सोनिया सन्न रह गई.

कोई भी औरत सब कुछ बरदाश्त कर सकती है, लेकिन यह हरगिज नहीं चाहती कि उस का पति किसी दूसरी औरत के बिस्तर का साझीदार बने. भला नवविवाहिता सोनिया ही इस बात को कैसे बरदाश्त करती. उस ने इस बारे में अर्जुन से बात की तो वह बौखला उठा और सोनिया की पिटाई कर दी. उस दिन के बाद दोनों में कलह शुरू हो गई.

सोनिया ने इस बात की जानकारी अपने मायके वालों को फोन कर के दे दी. उस ने मायके वालों से साफसाफ कह दिया था कि अर्जुन का संबंध उस की भाभी से है. शिकायत करने पर वह उसे मारतापीटता है. यही नहीं, उस से दहेज की भी मांग की जाती है. सोनिया की परेशानी जानते हुए भी मायके वाले उसे ही समझाते रहे.

वे हमेशा उस के और अर्जुन के संबंध को सामान्य करने की कोशिश करते रहे, पर अर्जुन ने भाभी से दूरी नहीं बनाई, जिस से सोनिया की उस से कहासुनी होती रही, पत्नी की रोजरोज की किचकिच से अर्जुन परेशान रहने लगा. उसे लगने लगा कि सोनिया उस के रास्ते का रोड़ा बन रही है. लिहाजा उस ने भाभी कौशल्या के साथ मिल कर एक खौफनाक योजना बना डाली.

24-25 सितंबर, 2016 की रात अर्जुन और कौशल्या ने साजिश रच कर सोनिया के खाने में जहरीला पदार्थ मिला दिया. अगले दिन यानी 25 सितंबर की सुबह जब सोनिया की हालत बिगड़ने लगी तो अर्जुन उसे जिला अस्पताल ले गया.

उसी दिन सुबह सोनिया के पिता रामकरन को मनोहारी गांव के किसी आदमी ने बताया कि सोनिया की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है, वह जिला अस्पताल में भरती है. यह खबर सुन कर वह घर वालों के साथ सिद्धार्थनगर स्थित जिला अस्पताल पहुंचा. तब तक सोनिया की हालत बहुत ज्यादा खराब हो चुकी थी. डाक्टरों ने उसे कहीं और ले जाने को कह दिया था.

26 सितंबर की सुबह 4 बजे पता चला कि सोनिया की मौत हो चुकी है. बेटी की मौत की खबर मिलते ही रामकरन अपने गांव के कुछ लोगों को साथ ले कर बेटी की ससुराल मनोहारी गांव पहुंचा तो देखा सोनिया के मुंह से झाग निकला था. कान और नाक पर खून के धब्बे थे. हाथ की चूडि़यां भी टूटी हुई थीं. लाश देख कर ही लग रहा था कि उस के साथ मारपीट कर के उसे कोई जहरीला पदार्थ खिलाया गया था.

बेटी की लाश देख कर रामकरन की हालत बिगड़ गई. उन के साथ आए गांव वालों ने पुलिस कंट्रोल रूम को हत्या की सूचना दे दी. सूचना पा कर कुछ ही देर में थाना जोगिया उदयपुर के थानाप्रभारी शमशेर बहादुर सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए. उन्होंने सोनिया के शव को कब्जे में ले कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया.

बेटी की मौत से रामकरन को गहरा सदमा लगा था, जिस से उन की तबीयत खराब हो गई थी. उन्हें आननफानन में इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. इस के बाद पुलिस ने सोनिया की मां निर्मला की तहरीर पर अर्जुन और उस की भाभी कौशल्या के खिलाफ भादंवि की धारा 498ए, 304बी, 3/4 डीपी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था.

2 दिनों बाद जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो पता चला कि सोनिया के साथ मारपीट कर के उसे खाने में जहर दिया गया था. घटना के तुरंत बाद अर्जुन और कौशल्या फरार हो गए थे. लेकिन पुलिस उन के पीछे हाथ धो कर पड़ी थी. उन दोनों की गिरफ्तारी न होने से लोगों में आक्रोश बढ़ रहा था.

आखिर 4 महीने बाद मुखबिर की सूचना पर अर्जुन और कौशल्या गिरफ्तार कर लिए गए थे. पूछताछ के बाद पुलिस ने उन्हें सक्षम न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. कथा लिखे तक दोनों की जमानतें नहीं हो सकी थीं.पुलिस अधीक्षक राकेश शंकर ने घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम की हौसलाअफजाई करते हुए 2 हजार रुपए का नकद इनाम दिया है.

भाभी के चक्कर में अर्जुन ने अपना घर तो बरबाद किया ही, भाई का भी घर बरबाद किया. इसी तरह कौशल्या ने देह की आग को शांत करने के लिए देवर के साथ मिल कर एक निर्दोष की जान ले ली.

– कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

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मेरे पति का 2 लड़कियों के साथ अफेयर चल रहा है, मैं क्या करुं?

सवाल

मैं विवाहित युवती हूं. मेरे पति के 2 युवतियों से संबंध हैं. मैं बहुत परेशान हूं और मुझे आपसे बहुत उम्मीद है. कृपया बताएं कि मैं ऐसा क्या करूं जिस से अपने पति को उन युवतियों के चंगुल से बचा सकूं?

जवाब

लगता है, आप अपनी घरगृहस्थी में कुछ ज्यादा ही व्यस्त हो पति के प्रति लापरवाह होती गईं. घर में अपेक्षित प्यार और तवज्जो न मिलने के कारण ही आप के पति ने बाहर दूसरी महिलाओं से संबंध बना लिए. उन्हें वापस पाने के लिए आप को अब थोड़े धीरज से काम लेना होगा.

पति जब भी घर आएं उन के साथ बिलकुल सामान्य व्यवहार करें. उन्हें तानेउलाहने न दें, न ही उन से लड़ाई झगड़ा करें, वरना वे घर आने से भी कतराने लगेंगे, जो आप के हित में नहीं होगा. पति जितनी देर घर रहें उन्हें भरपूर प्यार दें. धीरेधीरे उन का बाहर से वैसे भी मोहभंग हो जाएगा. विवाहित पुरुषों को युवतियां ज्यादा दिनों तक घास नहीं डालतीं, साथ ही अवैध संबंधों की मियाद भी ज्यादा लंबी नहीं होती. इसलिए चिंता छोड़ कर पति को वापस पाने के प्रयास में लग जाएं.

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रात के 10 बज रहे थे. 10वीं फ्लोर पर स्थित अपने फ्लैट से सोम कभी इस खिड़की से नीचे देखता तो कभी उस खिड़की से. उस की पत्नी सान्वी डिनर कर के नीचे टहलने गई थी. अभी तक नहीं आई थी. उन का 10 साल का बेटा धु्रव कार्टून देख रहा था. सोम अभी तक लैपटौप पर ही था, पर अब बोर होने लगा तो घर की चाबी ले कर नीचे उतर गया.

सोसाइटी में अभी भी अच्छीखासी रौनक थी. काफी लोग सैर कर रहे थे. सोम को सान्वी कहीं दिखाई नहीं दी. वह घूमताघूमता सोसाइटी के शौपिंग कौंप्लैक्स में भी चक्कर लगा आया. अचानक उसे दूर जहां रोशनी कम थी, सान्वी किसी पुरुष के साथ ठहाके लगाती दिखी तो उस का दिमाग चकरा गया. मन हुआ जा कर जोर का चांटा सान्वी के मुंह पर मारे पर आसपास के माहौल पर नजर डालते हुए सोम ने अपने गुस्से पर कंट्रोल कर उन दोनों के पीछे चलते हुए आवाज दी, ‘‘सान्वी.’’

सान्वी चौंक कर पलटी. चेहरे पर कई भाव आएगए. साथ चलते पुरुष से तो सोम खूब परिचित था ही. सो उसे मुसकरा कर बोलना ही पड़ा, ‘‘अरे प्रशांत, कैसे हो?’’

प्रशांत ने फौरन हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़ाया, ‘‘मैं ठीक हूं, तुम सुनाओ, क्या हाल है?’’

सोम ने पूरी तरह से अपने दिलोदिमाग पर काबू रखते हुए आम बातें जारी रखीं. सान्वी चुप सी हो गई थी. सोम मौसम, सोसाइटी की आम बातें करने लगा. प्रशांत भी रोजमर्रा के ऐसे विषयों पर बातें करता हुआ कुछ दूर साथ चला. फिर ‘घर पर सब इंतजार कर रहे होंगे’ कह कर चला गया.

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जब हो सनम बेवफा

दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर इलाके में 25 साल के एक युवक ने अपनी गर्लफ्रेंड  की हत्या कर खुद को भी खत्म कर लिया.  वजह महज इतनी थी कि कुछ दिनों से गर्लफ्रेंड उस की अनदेखी कर रही थी और युवक को शक था कि वह किसी और के साथ इनवौल्व हो गई है.

घटना गत 26 नवंबर की है. अभिषेक नाम का यह 25 वर्षीय युवक नोएडा में एक कंपनी में काम करता था. उस की गर्लफ्रेंड आयुष्मा नेहरू प्लेस में ग्राफिक डिजाइनर थी.  दोनों करीब 6 साल पहले कोलकाता से दिल्ली आए थे और एक साथ ही रहते थे. अनबन होने के बाद दोनों अलगअलग रहने लगे थे.

अभिषेक को शक था कि आयुष्मा की दोस्ती किसी और लड़के के साथ हो गई है. दोनों में इस बात को ले कर झगड़े होते थे. अभिषेक वापस कोलकाता चलने की जिद कर रहा था पर आयुष्मा जाना नहीं चाहती थी. आजिज आ कर आयुष्मा ने उस के मैसेजेज  के जवाब देने बंद कर दिए और उसे इग्नोर करने लगी. इसी से क्षुब्ध हो कर प्यार में पागल बने अभिषेक ने आयुष्मान का गला काट डाला और फिर खुद भी फांसी लगा ली.  मरने से पहले उस ने शीशे और दीवार पर मार्कर से सुसाइड नोट लिखा.

बेवकूफी भरा कदम

सवाल यह उठता है कि सारे प्रकरण में फायदा किस का हुआ ? कोई शख्स आप के साथ रिश्ता रखना चाहता है या नहीं यह उस की मर्जी पर निर्भर होता है. व्यक्ति किसी को भी अपने साथ रहने या रिश्ता रखने के लिए मजबूर नहीं कर सकता. अभिषेक ने ऐसा किया और आयुष्मा के इंकार करने पर वह पागल हो उठा. उस ने आयुष्मा को खत्म कर उस के घर वालों की जिंदगी में अंधेरा कर दिया तो वही अपनी जिंदगी भी तबाह कर डाली और अपने घर वालों को भी जीवन भर का दुख दे दिया.

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प्रेम में डूबे आशिक अक्सर अपनी जिंदगी के दुश्मन बन जाते हैं. पर सोचने वाली बात है कि क्या आप की जिंदगी में कोई एक शख्स इतना महत्वपूर्ण हो सकता है कि आप उस के लिए अपनी पूरी जिंदगी नष्ट कर डाले? सालोंसाल आप को पालपोस कर बड़ा करने वाले अभिभावक और परिवार वालों के बारे में भी न सोचें? अपनी जिंदगी  का मकसद केवल एक लड़की या लड़के पर केंद्रित कर दें?

सच तो ये है कि मोहब्बत जबरन नहीं की जा सकती. न ही मोहब्बत मांगी जा सकती है और न ही मोहब्बत में हमेशा किसी से वफ़ा की उम्मीद ही की जा सकती है. यदि कोई शख्स आप की मोहब्बत का प्रतिदान मोहब्बत से नहीं दे रहा, किसी और के लिए आप को धोखा दे रहा है, आप की मोहब्बत को समझ नहीं रहा, महसूस नहीं कर पा रहा या आप की उपेक्षा कर रहा है तो इस का मतलब यह नहीं कि आप जबरन इस रिश्ते को ढोते रहें या उस से मोहब्बत की भीख मांगते रहे और अपनी जिंदगी का सुकून खोते रहे. फिर  इनकार मिलने पर खुद को खत्म कर डालें.

क्या करें

बेहतर यह होगा कि आप ऐसे शख्स को एक झटके से अपनी जिंदगी से निकाल दे और

दोबारा उस के बारे में सोच कर अपना वक्त जाया न करे. रातदिन उस की बेवफाई याद करकर के अपनी  जिंदगी बर्बाद करने से बहुत अच्छा है कि उस के बारे में सोचना बिलकुल भी बंद कर दें.

मोहब्बत में कोई किसी की मिलकियत नहीं होता. जिंदगी में मोहब्बत के सिवा भी बहुत काम है. यदि आप लक्ष्य के प्रति समर्पित हो कर अपनी जिंदगी संभाल लेंगे तो फिर आप के जीवन में न तो मोहब्बत की कमी रहेगी और न ही सुकून भरे लम्हों की.

मोहब्बत में पागल हो कर कोई कदम उठाने की बेवकूफी करने से बेहतर है मोहब्बत में खुद को बदलने, संवारने और लक्ष्य को पाने का जज्बा रखने की.

कैसे संभाले खुद को जब सनम हो बेवफा

1. सब से पहले तो खुद से वादा करें कि आप उसे याद नहीं करेंगे. उस के पीछे अपना समय बर्बाद कर अपने दिल का सुकून नहीं खोएंगे.

2. रोज सुबह जल्दी उठे और एक्सरसाइज करने जाएं. डांस या योगा क्लासेस ज्वॉइन करें. अपने पैशन को जीने का प्रयास करें. कुछ क्रिएटिव करते हुए जीवन को नई दिशा दे.

3. उसे बारबार फोन या मैसेज करने से बचें ,क्यों कि यदि वह मैसेज का जवाब नहीं देगा तो आप और भी दुखी और परेशान हो उठेंगे. जितना हो सके उस तरफ जाने से बचे वहां जहां वह रहता हो या उस के आने की संभावना हो. उस से रूबरू होने से बचें क्यों कि नजरें मिलते ही पुराने जख्म रिसने लगते हैं.

4. अपने फोन में से उस की तस्वीरें डिलीट कर दे. उस के भेजे वीडियोज या मैसेजेज दोबारा न देखें. दिए गए गिफ्ट्स ,ग्रीटिंग कार्डस आदि अपनी नजरों से दूर कर दे. किसी भी वैसी चीज के करीब न रहे जो आप को उस की याद दिलाते हो.

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5. जब भी उस का ख्याल आए तो किसी दूसरे काम में व्यस्त हो जाए. खाली दिमाग में ज्यादा उपद्रव मचते हैं.

6. दोस्तों की संख्या बढ़ाए. किसी एक के पीछे पूरा जीवन बर्बाद करने से बेहतर है अपने दोस्तों की संख्या बढ़ाए. सोशल बने. जीवन में कुछ बड़ा हासिल करें या ऊंचे मुकाम तक पहुंचने का लक्ष्य तय करें. फिर उस दिशा में आगे बढ़े. आप देखेंगे कि आप उसे पूरी तरह भूलने लगे हैं और जीवन का नया उजाला आप की जिंदगी जगमगा  रहा है.

जब पति को खटकने लगे पत्नी

प्राचीनकाल से ही भारत पुरुषप्रधान देश है. लेकिन अब समय करवट ले चुका है. महिला हो या पुरुष दोनों को ही समानता से देखा जाता है. ऐसे में यदि बात पति और पत्नी के बीच की हो तो दोनों ही आधुनिक काल में सभी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते दिखते हैं. पर कई बार ऐसा होता है कि पति अपनी पत्नी से यदि किसी चीज में कम है तो वह हीनभावना का शिकार होने लगता है और उसे पत्नी कांटे के समान लगने लगती है.

ऐसे में जरूरी है पतिपत्नी में आपसी तालमेल, क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि पतिपत्नी में खटास नहीं होती है, लेकिन दूसरे लोग ताने कसकस कर आग में घी का काम करते हैं. ऐसे में जरूरी है कि इस कठिन स्थिति से निकलने की कोशिश पतिपत्नी दोनों करें.

गलत मानसिकता में रचाबसा समाज समाज में यह मानसिकता हमेशा बनी रहती है कि पत्नी के बजाय पति का ओहदा हमेशा उच्च होता है. पत्नी के उच्च शिक्षित, सुंदर, मशहूर और सफल होने से पति को ईगो प्रौब्लम होने लगती है. समाज की दृष्टि से पति को पत्नी की तुलना में प्रतिभाशाली, गुणी, उच्च पदस्थ आदि होना चाहिए. लेकिन पतिपत्नी को समझना चाहिए कि यह आप की अपनी जिंदगी है. इस में छोटाबड़ा कोई माने नहीं रखता है.

यदि पत्नी ऊंचे ओहदे पर है

अकसर देखने में आता है कि पत्नी का ऊंचे ओहदे पर होना समाज में लोगों को गवारा नहीं होता. ऐसा ही कुछ शालिनी के साथ हुआ. उस की लव मैरिज थी. वह उच्च शिक्षा प्राप्त और एक बड़ी कंपनी में उच्च पद पर कार्य करती थी जबकि पति अरुण उस से कम पढ़ालिखा और अपनी पत्नी के मुकाबले निम्न पद पर था. अकसर उस से लोग कहते रहते थे कि तुझे इतनी शिक्षित और कमाऊ बीवी कहां से मिल गई. साथ ही, शालिनी भी उसे ताने देती रहती थी. इन सभी बातों से अरुण इतना अधिक डिप्रेशन में रहने लगा कि उस के मन में अपनी पत्नी के खिलाफ जहर घुलने लगा और फिर तलाक की नौबत आ गई.

पत्नी दे ध्यान: पत्नी के सामने यदि ऐसी स्थिति आए तो वह इस से घबराए नहीं, बल्कि डट कर सामना करे. कई बार हम सामने वालों की गलतियां गिना देते हैं, लेकिन कहीं न कहीं हम में भी खोट होता है. अकसर एक बड़े ओहदे पर होने के कारण पत्नी अपने पति को खरीखोटी सुनाती रहती है जैसे वह अपनी पढ़ाई व कमाई के नशे में चूर अपने पति की कमियों का उपहास उड़ाती रहती है कि घर का सारा खर्च तो उस की कमाई पर ही चलता है.

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कई कमाऊ पत्नियां सब के सामने यह कहती पाई जाती हैं कि अरे यह कलर टीवी तो मैं लाई हूं, वरना इन के वेतन से तो ब्लैक ऐंड व्हाइट ही आता. इन सब बातों से रिश्तों में खटास बढ़ती है. ऐसी स्थिति में पत्नियों को चाहिए कि वे अपने पति को प्रोत्साहित करें कि वे भी जीवन में तरक्की करें न कि हीनभावना से ग्रस्त हो कर कौंप्लैक्स पर्सनैलिटी बन जाएं.

पति ध्यान दें: पति को चाहिए कि वह अपनी पत्नी से हीनभावना रखने के बजाय उसे आगे बढ़ने का प्रोत्साहन दे. यदि कोई बाहरी व्यक्ति कमज्यादा तनख्वाह का मुद्दा उठाए तो कहे कि हमारे घर में सब कुछ साझा है और हम दोनों पतिपत्नी मिलजुल कर घर की जिम्मेदारियां निभाते हैं.

पत्नी का खूबसूरत होना

वैसे तो हर आदमी की चाह होती है कि उस की पत्नी खूबसूरत हो, लेकिन यदि पत्नी बेहद खूबसूरत हो और पति कम स्मार्ट और सिंपल हो तो लोग यह बोलते नहीं रुकते कि अरे देखो तो लंगूर के मुंह में अंगूर या बंदर के गले में मोतियों की माला. ऐसे में पति को पत्नी बेहद खटकने लगती है. वह न चाह कर भी उसे ताने देता रहता है.

वैसे तो पत्नी की तारीफें पति को गर्व से भर देती हैं, लेकिन जब पत्नी की आकर्षक पर्सनैलिटी पति के साधारण व्यक्तित्व को और दबा देती है, तब संतुलित विचारों वाला पति और भी बौखला जाता है. नतीजतन, पति अपनी सुंदर पत्नी के साथ पार्टीसमारोह में जाने से बचने लगता है. अगर साथ ले जाना जरूरी हो तो पार्टी में पहुंच कर पत्नी से अलगथलग खड़ा रहता है. सजनेधजने तक पर भी ताने देता है.

पत्नी ध्यान दे: ऐसे में पत्नी को समझदारी से काम लेना चाहिए. यदि पत्नी को लगता है कि उस का पति उस की खूबसूरती को ले कर हीनभावना महसूस कर रहा है तो वह पति को समझाए कि पति से बढ़ कर उस के लिए दुनिया में कोई माने नहीं रखता है. साथ ही अपने पति के सामने किसी आकर्षक दिखने वाले आदमी की बात भी न करे. किसी महफिल या समारोह में पति के हाथों में हाथ डाल कर यह दिखाने की कोशिश करे कि वह पति को दिल से प्रेम करती है.

पति ध्यान दे: जिंदगी में उतारचढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन पत्नी पति का हर परिस्थितियों में साथ निभाती है. ऐसे में जरूरी है कि पति लोगों की बातों को नजरअंदाज करे, क्योंकि कुछ लोगों का काम ही होता है कि दूसरे के खुशहाल परिवार में आग लगाना. यदि पतिपत्नी दोनों एकदूसरे का साथ सही से निभाएं तो दूसरा कोई उंगली नहीं उठा सकता.

मायके के पैसे का घमंड

कई बार ऐसा होता है कि पत्नी के मायके में ससुराल के मुकाबले ज्यादा पैसा होता है. पत्नी की सहज मगर रईस जीवनशैली उस के मायके वालों का लैवल, गाडि़यां, कोठियां आदि पति को हीनता का एहसास दिलाने लगते हैं. साथ ही पत्नी भी पति के समक्ष मायके में ज्यादा पैसे होने का राग अलापती रहती है. बातबात पर अपने मायके के सुख बखान कर पति को ताने देती रहती है, जिस से पति हीनभावना से ग्रस्त हो जाता है और उसे पत्नी खटकने लगती है.

पत्नी ध्यान दे: पतिपत्नी के रिश्ते में एकदूसरे का सम्मान सब से ज्यादा अहम होता है. पत्नी को चाहिए कि वह अपने मातापिता के पैसे पर इतना अभिमान न करे कि उस से दूसरे को ठेस पहुंचे. हमेशा मायके के ऐश्वर्य को अपने पति के सामने न जताए. इस से पति के अहम को ठेस पहुंचती है, साथ ही वह पत्नी को मायके जैसा सुख न देने के कारण हीनभावना से ग्रस्त हो जाता है.

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पति ध्यान दें: कई बार पत्नी के कुछ खरीदने पर या किसी डिमांड पर पति क्रोधित हो कर उस के मायके के ऐश्वर्य को ले कर उलटासीधा बोलने लगता है. ऐसे में जरूरी यह होता है कि आप प्रेमपूर्वक आपस में बैठ कर बात करें न कि लड़ाई ही इस विषय का समाधान है. जैसे पत्नी का बारबार अपने मायके के सुख के ताने देना पति को खराब लगता है ऐसे ही पति का पत्नी के मायके के लिए बोलना भी उसे खराब लगता है.

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