घर को दें प्रकृति का साथ

पौधों से सजा धजा घर किसे अच्छा नहीं लगता. देखने में सुंदर लगने के साथ साथ पेड़ पौधे मन को भी बड़ा सुकून देते हैं. कोरोना के बाद से तो इंसानों का प्रकृति के प्रति झुकाव और अधिक हो गया है तथा सेहतमंद रहने के लिए घरों की आबोहवा को स्वस्थ और ताजे रखने के लिए स्मार्ट उपाय खोजे जा रहे हैं. इसके अतिरिक्त कोरोना ने हमें यह भी सिखा दिया कि जिंदगी में ऐसा वक्त भी आ सकता है जब कि महीनों घरों में बंद रहने को हम मजबूर हो जाएं ऐसे में घर के पेड़ पौधे दिल दिमाग पर नकारात्मकता को हावी नहीं होने देते.

बढ़ते वायु प्रदूषण के असर को कम करने में भी पेड़ पौधे कारगर हैं परन्तु आजकल महानगरों में फ्लैट कल्चर के चलते पेड़ पौधों को लगाने के लिए जगह का अभाव होता है. हाल ही में की गई एक रिसर्च के अनुसार आज 10 में से 8 घरों में प्राइवेट गार्डन के लिए जगह नहीं होती ऐसे में प्रकृति को कैसे घरों में प्रवेश कराया जाए इसके लिए निरन्तर विकल्प तलाशे जा रहे हैं. तो आइए हम आपको बताते हैं गार्डनिंग की कुछ तकनीकें जिनको अपनाकर आप अपने छोटे घरों में भी पेड़ पौधों को समुचित स्थान दे सकते हैं-

-बालकनी गार्डनिंग

रिसर्च के अनुसार 2021 में बालकनी गार्डनिंग सबसे बड़ा ट्रेन्ड साबित होगा. बालकनी में जैस्मीन, लेवेंडर, यूकेलिप्टस, स्नैक प्लांट, क्रोटन, जेड प्लांट और पीस लिली के पौधों को आसानी से जगह दी जा सकती है. इन्हें लगाने के लिए आप हैंगिग गमलों का प्रयोग करें इससे आपका उद्देश्य भी पूरा हो जाएगा और आप उपलब्ध जगह का समुचित उपयोग भी कर पाएंगे. बालकनी की रेलिंग के अतिरिक्त आप दीवारों पर भी हुक की सहायता से गमले टांग सकतीं हैं. ध्यान रखें कि टाँगे जाने वाले गमले बहुत अधिक भारी न हों.

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-विंडोसिल गार्डनिंग

बागवानी की इस विधा के अंतर्गत कुकिंग में प्रयोग की जाने वाली सामग्री को किचन की खिड़कियों पर छोटे छोटे गमलों में उगाया जाता है. इस पद्धति का प्रयोग करके किचन की खिड़कियों पर मिर्च, धनिया, बेबी चुकंदर, पालक, मैथी, पोदीना आदि को बड़ी आसानी से उगाया जा सकता है. पेंडेमिक के बाद से लोंगो में घर में सब्जियां उगाने का प्रचलन बहुत बढ़ा है. इससे ताजी और केमिकल रहित सब्जियां आसानी से उगाई जा सकतीं हैं.

-इंडोर गार्डनिंग

रिसर्च के अनुसार पेंडेमिक के बाद आम लोंगों में हाउस होल्ड प्लांट्स लगाने का प्रचलन बढ़ा है. वर्क फ्रॉम होम के कारण भी लोंगो ने प्रकृति को घरों में जगह देना प्रारम्भ किया है. इंडोर गार्डनिंग में घरों के अंदर ड्राइंग रूम, लिविंग रूम, हॉल आदि में ऐसे पौधों को स्थान दिया जाता है जिन्हें धूप की आवश्यता नहीं होती. आमतौर पर इन्हें सजावटी गमलों में लगाया जाता है. एरिका पाम, विविध प्रकार के स्नैक प्लांट, रबर प्लांट, मनी प्लांट आदि को घरों के अंदर बड़ी आसानी से लगाया सकता है ये हवा को शुद्ध करने का कार्य करते हैं.

-हाइड्रोपोनिक गार्डनिंग

गार्डनिंग की इस नई विधा में पौधों को बिना मिट्टी के पानी में उगाया जाता है. घरों के अंदर इन्हें लगाने के लिए आप कांच के जार या बोतल का प्रयोग कर सकतीं हैं. मनी प्लांट, बेम्बू प्लांट, स्नैक प्लांट, सिंगोनियम आदि की विभिन्न वैराइटीज के पौधों को इस तकनीक के जरिये उगाया जा सकता है. मिट्टी में उगाए पौधों की अपेक्षा इनके बढ़ने की गति कुछ धीमी होती है परन्तु इन्हें कम जगह में बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है. ये दिखने में तो बहुत अच्छे लगते ही हैं साथ ही बहुत कम मेंटेनेन्स भी मांगते हैं.

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रखें इन बातों का ध्यान

-बालकनी में रखे जाने वाले पौधों के नीचे गार्डन प्लेट अवश्य रखें ताकि इनका पानी बहकर आपकी बालकनी को खराब न करे.
-यहां के पौधों में बहुत अधिक पानी न डालें केवल उतना ही पानी डालें जिससे मिट्टी गीली हो जाये.
-किचन की ग्रिल या खिड़की पर छोटे छोटे गमलों में सब्जियां लगाएं क्योंकि इन्हें रखना आसान होता है.
-इंडोर प्लांट्स के पत्तों को साफ अवश्य करें जिससे ये देखने में सुंदर लगते हैं.
-पानी में उगाए पौधों का प्रति सप्ताह पानी बदलना अत्यंत आवश्यक होता है अन्यथा इनकी जड़ें सड़ने लगतीं हैं.
-फिल्टर या आर ओ के पानी के स्थान पर सादे नल के पानी का ही प्रयोग करें.
-बेम्बू प्लांट का पानी बदलते समय पानी में 3-4 शकर के दाने डाल देने से इसकी पत्तियों का रंग गहरा हरा होता है.
-अन्य पौधों के पानी में माह में एक बार डी ए पी के 2-3 दाने डालने से उनकी ग्रोथ अच्छी रहती है.
-समय समय पर इनकी पीली पत्तियों को हटाते रहें और चारों ओर से कटाई छटाई करना अत्यंत आवश्यक है.
-बाजार से गमले लाने की अपेक्षा घर में उपलब्ध खाली तेल की केन, बेकार प्लास्टिक की डलियों, हरे नारियल के खोल और बेकार कांच के जार और मग का प्रयोग करें.

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