बच्चों की इम्युनिटी को बढाएं कुछ ऐसे 

 4 साल का रोहन बहुत ही दुबला है, क्योंकि वह खाना ठीक से नहीं खाता, उसकी माँ कोमल 2 से 3 घंटे घूम घूमकर हर रोज उसे खाना खिलाती है, वह बेटे को बहुत बार डॉक्टर के पास भी ले गयी, पर डॉक्टर की दवाई का कुछ खास फायदा नहीं हुआ. उसे चिप्स, बिस्किट , चोकलेट और बाज़ार के जंक फ़ूड  पसंद है, लेकिन दाल, चावल, सब्जी नहीं खाना है. परेशान होकर माँ  डॉक्टर के पास जाना भी बंद किया और वह जो भी खाता है, उसी में संतुष्ट रहने लगी. ये सही है कि आज छोटा बच्चा हो या शिशु उन्हें सही पोषण के लिए सही मात्रा में खाना खिलाना बहुत मुश्किल होता है.

घरेलू माँ घंटो बैठकर खाना खिलाती है, जबकि वर्किंग वुमन  को केयर टेकर के उपर निर्भर रहना पड़ता है, अगर बच्चा खाना न खाए, तो खुद खा लेती है, या फिर फेंक देती है. इसका सही इलाज न तो पेरेंट्स के पास है और न ही डॉक्टर के पास. ऐसे बच्चे हमेशा बीमार रहते है और उनकी इम्युनिटी कम होती जाती है. इस बारें में एड्रोइट बायोमेड लिमिटेड के प्रमुख डॉ. सुनैना आनंद कहती है कि पिछले कुछ सालों में चेचक, पोलियो, और स्पेनिश फ्लू जैसी कई महामारियों को इन्युनिटी बढाकर ही निजात पायी गयी है. यही बात कोरोना वायरस के साथ भी लागू होती है. हालाँकि ये नया वायरस है और मानव में इसकी इम्युनिटी नहीं है. इसलिए ये सबके लिए घातक सिद्ध हो रही है. रोग प्रतिरोधक क्षमता ही शरीर को किसी संक्रमण से बचाती है. 

इसके आगे डॉ. सुनैना कहती  है कि छोटे बच्चों में इम्युनिटी कम होने की वजह से वे किसी भी इन्फेक्शन के लिए अति संवेदनशील होते है. इन्फेंट को माँ से ब्रैस्ट फीडिंग के द्वारा इम्युनिटी  ट्रान्सफर होती रहती है, लेकिन  समय से पहले अगर बच्चे का जन्म हुआ हो, तो उसकी इम्युनिटी अधिकतर कम होती है, क्योंकि उन्हें पूरा पोषण पेट में रहते हुए नहीं मिला है,जिससे उनमें संक्रमण का खतरा अधिक रहता है. इसलिए ऐसे बच्चों की देखभाल भी अच्छी तरीके से की जानी चाहिए, इम्युनिटी बढ़ाने के कुछ सुझाव निम्न है,

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  • अगर बच्चा छोटा है, तो उसे स्तनपान नियमित कराएं, इससे उसकी इम्युनिटी बढती है, क्योंकि माँ के दूध में प्रोटीन, वसा, शर्करा, एंटीबॉडी, प्रोबायोटिक्स आदि होता है, जो बच्चे के लिए खास जरुरी होता है.
  • छोटे बच्चों का टीकाकरण निर्देशों के अनुसार करवाते रहना चाहिए, क्योंकि ये गंभीर बीमारी से बच्चे को बचाने का एक प्रभावी और सुरक्षित तरीका है, हालाँकि कोरोना संक्रमण के दौरान बहुत सारे पेरेंट्स ने इन्फेक्शन के डर से बच्चों का टीकाकरण समय से नहीं करवाया, जो बच्चों के लिए ठीक नहीं रहा,  बच्चे अधिकतर  फर्श पर पड़ी वस्तुओं को हाथ लगते या मुंह में डालते रहते है, जिससे उन्हें कई बार खतरनाक बीमारी लग जाती है, इसके अलावा समय -समय पर उनके हाथों को धोते रहना भी बहुत जरुरी है, ताकि ये उनकी आदतों में शामिल हो जाय, खासकर भोजन से पहले और भोजन के बाद.
  • उचित मात्र में नींद भी बच्चों की इम्युनिटी को बढ़ाती है, अपर्याप्त नीद शरीर में साइटोकिंस नामक प्रोटीन के उत्पादन करने की क्षमता को सीमित करती है, जो संक्रमण से लड़ने और उसके प्रभाव को कम करने में मदद करती है, बच्चों को एक दिन में कम से कम 8 से 10 घंटे की नन्द लेनी चाहिए,
  • बच्चे की इम्युनिटी उम्र के साथ-साथ लगातार बदलती रहती है, इसमें खाने की आदतों से उन्हें प्राकृतिक रूप से इम्युनिटी मिलती है, जो किसी भी इन्फेक्शन से लड़ने में सक्षम बनाती है, संतुलित भोजन और पूरक आहार बच्चों को हमेशा संक्रमण से दूर रखती है.

बच्चे को संतुलित और पोषक आहार देना आज की माओं के लिए एक समस्या है, क्योंकि अधिकतर बच्चों को घर का बना खाना पसंद नहीं होता, पर इससे मायूस होने की कोई बात नहीं. जब आप किचन या मार्केट में जाएँ तो बच्चे को भी साथ लेकर काम करें और बच्चे से भी उसके अनुसार काम करवाएं, इससे उसकी खाना खाने की रूचि बढती है. इस बारें में डॉ. अनीश देसाई कहते है कुछ पोषक तत्व नियमित देने से बच्चे की  रोग प्रतिरोधक क्षमता धीरे -धीरे बढती जाती है, जो निम्न है,

  • एस्कार्बिक एसिड के रूप में जाना जाने वाला विटामिन सी है, जो खट्टे फल, जामुन, आलू और मिर्च में पाया जाता है, इसके अलावा यह टमाटर, मिर्च, ब्रोकोली आदि प्लांट के स्त्रोतों में पाया जाता है, विटामिन सी एंटीबॉडी के गठन को एक्साईट कर इम्युनिटी को मजबूत बनाती है,
  • विटामिन ई एक एंटी ओक्सिडेंट के रूप में काम करता है और रोग प्रतिरोधक समझता को बढ़ाती है, फोर्टिफाईड अनाज, सूरजमुखी के बीज, बादाम तेल (सूरजमुखी या कुसुम तेल) हेजलनट्स और पीनटबटर  के साथ बच्चे के आहार में विटामिन ई जोड़ने से इम्युनिटी को बढ़ावा देने में मदद मिलती है,  
  • जिंक इम्युनिटी को प्रभावी ढंग से काम करने में मदद करता है, इसके लिए जिंक के स्त्रोत पोल्ट्री, ओसेनिक फ़ूड, दूध, साबूत अनाज, बीज और नट्स है,
  • प्रोटीन बच्चे की इम्युनिटी को बढ़ाती है, जो किसी बीमारी से लड़ने में मदद करती है, इसके लिए अंडे, बीन्स, मटर, सोया उत्पाद, अनसाल्टेड नट्स, बीज आदि प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को भोजन में शामिल करना अच्छा रहता है,
  • प्रोबायोटिक्स भी इम्युनिटी को बढ़ाने में  कारगर सिद्ध होती है, जो दही, किमची, फरमेंटेड सोया प्रोडक्ट आदि में होता है, क्योंकि वे हानिकारक बैक्टेरिया को दूर रखते और उन्हें आंत में बसने से रोकती है, 
  • विटामिन ए, डी, बी 12, फोलेट, सेलेनियम और आयरन सहित अन्य पोषक तत्व भी बच्चों की इम्युनिटी को मजबूत करती है.

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