लाइफ स्किल्स सीखनी भी हैं जरूरी

अन्विता झल्लाई हुई थी. एक तो बाहर तेज बारिश ऊपर से 3 घंटों से बिजली गुल. आसपास के सभी घरों में लाइट थी, सिर्फ उस के ही घर में नहीं थी. इतनी बारिश में मिस्तरी आने को तैयार नहीं था. ऊपर से गीले कपड़े सुखाने की समस्या. 8 वर्षीय बेटे ने घर में रस्सी बांध कर कपड़े सुखाने की सलाह दी. लेकिन दीवार पर कील ठोंकना अन्विता के बस की बात नहीं थी.

इसी बीच चौथी मंजिल में रहने वाली उस की पड़ोसिन मनीषा उस के घर आई. उस ने अन्विता के घर अंधेरा देखा तो तुरंत फ्यूज चैक किया. उस का संदेह सही था. फ्यूज उड़ा था. मनीषा ने झट वायर लगा कर उसे ठीक कर दिया. फिर उस ने फोन कर के अपने बेटे से घर में रखा टूल बौक्स मंगवाया और ड्रिल मशीन से छेद कर के झट 2 कीलें गाड़ कर रस्सी बांध दी ताकि अन्विता कपड़े सुखाने डाल सके. इस तरह उस ने मिनटों में अन्विता की सारी परेशानी दूर कर दी.

अन्विता मनीषा का हुनर देख कर दंग रह गई. मनीषा ने अन्विता को समझाया, ‘‘आप वर्किंग वूमन हों या गृहिणी इस तरह के काम जरूर सीख लेने चाहिए. जिंदगी को आसान और उपयोगी बनाने में इन की बड़ी भूमिका होती है. इन में से कुछ स्किल्स भले ही आप की रोजगर्रा की जिंदगी में काम न आएं लेकिन जब इन की जरूरत पड़ती है और ये आप के सीखे नहीं होते हैं, तो आप को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ जाता है.’’ अन्विता ने मनीषा की बातों से इंप्रैस हो तय कर लिया कि अब वह भी ये छोटेमोटे काम जरूर सीखेगी.

हर महिला को ये काम जरूर सीखने चाहिए

छोटीमोटी रिपेयरिंग: अगर आप सोच रही हैं कि इस का संबंध अर्थशास्त्र से है तो आप गलत सोच रही हैं. विदेशों में एक सब्जैक्ट की तरह इसे कालेजों में पढ़ाया जाता है. इस के तहत घरेलू जरूरतों से जुड़ी कई स्किल्स की प्रैक्टिकल पढ़ाई करवाई जाती है. लेकिन हमारे देश में आप इसे दूसरों को करते हुए या अलगअलग फील्ड के लोगों से सीख सकती हैं.

वैसे तो इस में हाउस पैंटिंग, प्लंबिंग (नल आदि की फिटिंग), कारपैंटरी, इलैक्ट्रिकल वर्क, घर को मैंटेन रखने की और रिपेयरिंग से जुड़ी छोटीमोटी कई चीजें हैं, लेकिन आप कुछ जरूरी चीजें सीखें जैसे फ्यूज उड़ जाने पर वायर दोबारा लगाना, अचानक नल की टौंटी खराब हो जाए, तो प्लंबर के इंतजार में न बैठ कर खुद नल फिट कर लेना, दीवार में खूंटी लगाने के लिए ड्रिल मशीन का इस्तेमाल करना, कारपैंटर से जुड़े छोटेमोटे काम करना आदि. कहने का मतलब यह कि आप को इस मामले में ‘मास्टर औफ नन, जैक औफ आल’ (माहिर किसी में नहीं, पर थोड़ीबहुत जानकारी हर चीज की) बनना होगा. इस से आप अपनी लाइफ स्मूद तरीके से जी सकेंगी.

चलतेचलते रुक न जाए गाड़ी: इन दिनों लगभग हर घर में कार या दोपहिया वाहन मिल जाता है. निजी वाहन अब कोई सुविधा नहीं, बल्कि कामकाजी व्यक्ति की जिम्मेदारी है. मुसीबत तब होती है जब छोटीमोटी खराबी के चलते वाहन अचानक रुक जाए और दूरदूर तक कोई ठीक करने वाला न मिले.

कई लोग कार या बाइक चलाते जरूर हैं, लेकिन उन्हें बेहद गंदा रखते हैं, क्योंकि रोज पैट्रोलपंप या सर्विस सैंटर पर धुलाई कराना न संभव है और न व्यावहारिक. ऐसे में आप को वाहन के रखरखाव से जुड़ी छोटीमोटी बातें जरूर सीखनी चाहिए.

वाहन की नियमित साफसफाई का तरीका, औयल चेंज करना, टायर का पै्रशर चैक करना, छोटीमोटी तकनीकी खराबी को ठीक करना आदि आप को जरूर सीखना चाहिए. अगर आप कार चलाती हैं तो गाड़ी का टायर बदलना सीखना भी जरूरी है. वरना कार में पड़ी स्टैपनी आप के किसी काम की नहीं रहेगी.

चोट लगते ही पहला इलाज: हारीबीमारी और दुर्घटना कभी भी हो सकती है. ऐसे में घबरा कर रोनेधाने और चीखनेचिल्लाने के बजाय धैर्य से काम लेना जरूरी है. ऐसी मुश्किल की घड़ी में जो सब से जरूरी है, वह मरीज या दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को प्राथमिक चिकित्सा दे कर उसे जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाना. इस के लिए आप को हमेशा घर में कुछ जरूरी दवाएं जैसे ऐंटीसैप्टिक, मरहम, बैंडेज, पेनकिलर, कौटन आदि रखनी चाहिए और साथ ही फर्स्ट ऐड का प्रशिक्षण भी ले लेना चाहिए. इस के अलावा स्ट्रोक, हार्ट अटैक व हीट स्ट्रोक के दौरान कौन सी सावधानियां बरती जाएं और मरीज को क्या फर्स्ट ऐड दी जाए, यह भी जान लें.

हिचकिचाहट न बने रुकावट: यह बात आप को सुनने में भले ही अटपटी लग रही हो, लेकिन यह एक सचाई है कि अब भी बड़ी संख्या में महिलाएं किसी अनजान से बातचीत करने में हिचकिचाती हैं. उन्हें डर लगता है कि वे ठीक से बात न कर पाईं तो उन का काम बिगड़ जाएगा.

बच्चों के स्कूल एडमिशन के दौरान, किसी सरकारी दफ्तर में, नोटरी पब्लिक द्वारा सत्यापन, डाक्टर के पास जाने या ऐसे ही अन्य कामों के लिए या तो वे अपने पति, बेटे या देवर को साथ ले कर जाती हैं या फिर उन्हीं को भेजती हैं. ऐसे में हर वर्किंग या गृहिणी महिला के लिए कम्यूनिकेशन स्किल डैवलप करना, नैगोशिएशन करने की और लोगों से संवाद करने की कला सीखना बेहद जरूरी है.

न बनें खुली किताब: साइबर क्राइम में होती बढ़ोतरी के मद्देनजर यह जरूरी है. कूल मौम टेक डौट कौम की लिज गंबीनर बताती हैं कि जब भी आप औनलाइन शौपिंग करती हैं, तो वैब ऐड्रैस के शुरुआत में देखें. अगर एचटीटीपी के बाद 5 नहीं लगा है, तो आप के क्रैडिट कार्ड की सूचना यहां चोरी हो सकती है.

इसी प्रकार आप को अपने फेसबुक अकाउंट को भी सिक्योर करना सीखना चाहिए. बेहतर होगा कि यहां प्रोफाइल पिक को प्रोटैक्ट कर लें. अपनी निजी तसवीरें बेतहाशा फेसबुक पर अपलोड करना बंद कर दें. फेसबुक अकाउंट को हमेशा प्राइवेट सैटिंग पर ही रखें, इस के बावजूद सैटिंग के माध्यम से सिर्फ दोस्तों तक पोस्ट पहुंचे ऐसा सुनिश्चित करें, क्योंकि इंटरनैट पर आप जो कुछ डालते हैं वह कहीं न कहीं शेयर हो सकता है.

अकेले यात्रा करना: बहुत सी या यों कहें कि ज्यादातर महिलाएं अब भी अकेले किसी दूसरे शहर की यात्रा करने का साहस नहीं जुटा पातीं. यह एक तरह की कमजोरी है. गस्टी ट्रैवलर डौट कौम की सीईओ बोंड कहती हैं कि आप को कम से कम एक बार सोलो ट्रैवलिंग जरूर ट्राई करनी चाहिए. इस के लिए आप को किसी की भी मदद या सलाह न ले कर पूरा प्लान खुद तैयार करना चाहिए., तरहतरह के ऐप्स यूज करने की आदत पड़ती है, नए लोगों और नई जगहों से रूबरू होने का मौका मिलता है. सब से बड़ी बात यह है कि मन को सुकून मिलता है, हां, शुरुआत आप बहुत कम दूरी की किसी जगह से कर सकती हैं.

अपने फाइनैंस को कंट्रोल करना: आज की अर्थप्रधान दुनिया में सब से ज्यादा अर्थपूर्ण अगर कुछ है तो वह है-अर्थ यानी मनी. आप का अगर अपने फाइनैंस पर कंट्रोल रहेगा तो आप को हर कोई पूछेगा.

आप का सैल्फ कौन्फिडैंस भी बना रहेगा. आप को हमेशा पता होना चाहिए कि आप के पास कितनी आय है, कितनी सेविंग है, महीने का औसत खर्च क्या है. आप की हैल्थ इंश्योरैंस या लाइफ इंश्योरैंस कितने की है और आप को उस से क्या फायदा मिल सकता है? म्यूचुअल फंड कौन सा अच्छा है, प्रौपर्टी किस एरिया की अच्छी है आदि. आप को एक डायरी या कौपी में आमदनी और खर्च का पूरा हिसाब रखना चाहिए.

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