नहीं शुरू हो पाई इन 9 TV सीरियल की शूटिंग, देखें list

बौलीवुड मे 17 मार्च से सब कुछ ठप्प पड़ा हुआ है.‘इंडियन फिल्म एंड टीवी प्रोड्यूसर्स कौसिंल’’(आईएफटीपीसी )और ब्राडकास्टर ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री संग चार पांच बैठक कर 31 मई को सरकार की तरफ से गाइडलाइंस के साथ शूटिंग शुरू करने की इजाजत का आदेश जारी करवाने में सफल भी हो गए थे.इतना ही नहीं इन निर्माताओं ने ‘सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएषन’(‘‘सिंटा’’) तथा ‘फेडरेषन आफ वेस्टर्न सिने इम्पलाइज’ (‘‘एफडब्लू वाय सी ई’’)की अवहेलना करते हुए 23 जून से शूटिंग शुरू करने का ऐलान करते हुए निम्न सीरियलों से जुड़े कलाकारो को फोन भी कर दिया था,मगर 23 जून की सुबह शूटिंग शुरू नही हो पायी.

जी हां! ‘‘कुमकुम भाग्य’’, ‘‘कुंडली भाग्य’’,‘‘तुझसे है राब्ता’’,‘‘कुर्बान है’,‘सारेगामापा लिटिल चैम्प्स’,‘‘सारेगामापा पंजाबी’’जैसे टीवी सीरियल व रियालिटी शो की शूटिंग आज शुरू होनी थी,मगर ऐसा संभव नहीं हो पाया. इसकी मूल वजह यह रही कि इन निर्माताओ ने कलाकारों,तकनीशियन व श्रमिकों की ‘कोविड 19’के चलते सुरक्षा मानको व उनकी पारिश्रमिक राषि के मुद्दे की अवहेलना करते हुए तीन माह से आर्थिक संकट झेल रहे कलाकारों के पास एक ‘डिक्लरेशन फार्म’भेजा कि वह इस फार्म को भर कर जमा करे और शूटिंग के लिए सेट पर पहुॅचे.मगर ‘सिंटा’ने अपने सदस्य कलाकारों से साफ साफ कह दिया कि वह इस ‘डिक्लरेशन फार्म’पर हस्ताक्षर कर अपने स्वास्थ्य व खुद  की सुरक्षा पर कुल्हाड़ी न चलाए.परिणामतः किसी ने भी यह फार्म नहीं भर कर दिया.इस संदर्भ में ‘‘सिंटा’’के वरिष्ठ संयुक्त सचिव अमित बहल कहते हैं-‘‘जब मैं खुद  इन हालातों में शूटिंग करने नहीं जा रहा हूं,तो मैं अपनी एसोसिएशन के सदस्यों से कैसे कह दूं कि वह शूटिंग करने जाएं. देखिए, जितनी मुझे अपनी सुरक्षा की चिंता है, उतनी ही हमें अपने सदस्यों की सुरक्षा की भी चिंता है.’’

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वास्तव में निर्माताओं के संगठन ‘आईएफटीपीसी’ के साथ ‘सिंटा’व ‘‘एफडब्लू वाय सी ई’’ने पिछले सप्ताह लगातार चार बार बैठक की,फिर उन्हे ईमेल भेजे, मगर ‘आईएफटीपीसी’हर मामले में चुप्पी साधे रही.‘सिटा’ की तरफ से ‘आईएफटीपीसी’ से पूछा गया कि वह लोगों की पारिश्रमिक राशि में कितनी किस हिसाब से कटौती करेंगे, ‘कोविड 19’की सुरक्षा और पिछली बकाया राशि कब मिलेगी,मगर वह चुप हैं. सूत्रों के अनुसार केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय के आदेश के बावजूद अभी तक ‘‘सिंटा’’और‘‘एफडब्लू वाय सी ई’’के लगभग हजार सदस्यों की बकाया राशि का भुगतान निर्माताओं ने नहीं किया है. मजेदार बात यह है कि यह रकम पिछले एक साल से बकाया है.

तो वही 65 साल की उम्र के कलाकारों,निर्देशक,कैमरामैन और तकनीशियन के काम करने का मामला भी उलझा हुआ है.राजश्री प्रोडक्शन को मोहन जोशी और भारती आचरेकर के साथ सोनी के लिए सीरियल की शूटिंग करनी है.पर इनकी उम्र 65 साल हो चुकी है.तो वहीं कंवलजीत के साथ भी एक सीरियल की शूटिंग रूकी है. पर इस मसले पर कोई साफ साफ बात नही कर रहा है.

हालात पूरे देश की फिल्म इंडस्ट्री में कमोबेश यही है.केरला व चेन्नई में निर्माताओं ने सरकार के साथ बातकर शूटिंग शुरू कर दी, पर ‘कोविड 19’व अन्य मुद्दे पहले नहीं सुलझाए,परणिमातः अब वहां पुनः शूटिंग रूक गयी है. जबकि कलकत्ता में तीन दिन तक शूटिंग रूकी रही. फिर जब सेट व स्टूडियो व उपकरण सेनेटाइज किए गए तथा सभी कलाकारों व क्रू मेंबर को पच्चीस लाख रूपए का बीमा दिया गया,तब शूटिंग शुरू हुई. बौलीवुड के निर्माता भी इसी तरह की जल्दबाजी कर गलती कदम उठा रहे थे,इससे चेन्नई व केरला की तरह यहां भी दो चार दिन में श्ूाटिंग बंद हो सकती है.इसीलिए ‘सिंटा’और ‘‘एफडब्लू वाय सी ई’’ अपनी तरफ से पूरी सावधानी बरत रहे हैं.वह नहीं चाहते कि शूटिंग शुरू हो और दो दिन बाद बंद करने की नौबत आए या किसी की जान जोखिम में जाए.

सिंटा के वरिष्ठ संयुक्त सचिव अमित बहल कहते हैं- ‘‘हमें ब्राडकास्टर और निर्माताओ की आमदनी की भी चिंता है, पर साथ में हमें कलाकारों, तकनीशियन व वर्करों के स्वास्थ्य व उनकी जान की भी चिंता है. हम चाहते हैं कि एक सही राह बने और काम शुरू हो सके. सबसे पहले निर्माताओ को चाहिए कि ‘फिल्मसिटी’स्टूडियो के एक फ्लोर को पूरी तरह से सेनेटाइज कर वहां पर कोविड सेंटर बना दिया जाए.देखिए,कोरोना सिर्फ कलाकार या तकनीशियन ही नही निर्माता को भी हो सकता है.तो हम सभी की चिंता कर रहे हैं.’’

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तो उधर कई कलाकार अपना नाम उजागर न करते हुए निर्माताओं पर आरोप लगा रहे हैं कि निर्माता और उनके प्रोडक्शन के लोग उन्हे फोन पर धमका रहे हैं कि ‘सिंटा’या ‘‘एफडब्लू वाय सी ई’’उन्हे काम नही देगा. काम तो वही देंगें. इसलिए उन्हे तुंरत ‘डिक्लरेशन फार्म पर हस्ताक्षर कर शूटिंग पर आना चाहिए. मगर इन डिक्लेरशन फार्म (डिक्लरेशन फार्म की काॅपी हमारे पास है) पर हस्ताक्षर करने का अर्थ होता है कि कलाकार व तकनीशिन या श्रमिक की ही सारी जिम्मेदारी हो जाती है,निर्माता की कोई जिम्मेदारी नही होगी.ऐसे में भला कलाकार या तकनीशियन या श्रमिक कैसे अपनी जान जोखिम में डालकर काम करना शुरू करता…परिणामतः निर्माताओं की चाल असफल हो गयी और शूटिंग शुरू नहीं हो पायी.

कोरोना की वजह से ‘नायरा-कार्तिक’ समेत इन 5 कपल की केमेस्ट्री मिस करेंगे आप

कोरोनावायरस लॉकडाउन का असर आम आदमी ही नहीं सीरियल्स की दुनिया पर भी पड़ रहा है. हाल ही में दोबारा शूटिंग शुरू करने के लिए हाल ही में टीवी इंडस्ट्री के प्रौड्यूसर्स ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की, जिसमें कुछ नई गाइडलाइन्स के बारे में बात की गई. वहीं इनमें एक गाइडलाइन्स से फैंस का दिल टूटने वाला है. दरअसल, महाराष्ट्र में कोरोनावायरस के बढ़ते केस देखते हुए मेकर्स को सीरियल्स के कलाकारों के बीच इंटीमेट और रोमांटिक सीन्स नहीं फिल्माने की गाइडलाइंन्स दी है, जिसके कारण फैंस को उनके फेवरेट सीरियल्स का रोमांस नहीं दिखने वाला है. आइए आपको दिखाते हैं टीवी को पौपलुर कपल्स की रोमांटिंक फोटोज…

1. कार्तिक-नायरा की रोमांटिक केमेस्ट्री

सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के फैंस ने तो कायरा यानी नायरा-कार्तिक (Mohsin Khan और Shivangi Joshi) नाम से कई फैन क्लब बना रखे है, जहां पर फैंस इनकी फोटोज अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती है. वहीं टीवी इंडस्ट्री को मिले नए गाइडलाइन के बाद से जो बदलाव आने वाले है, जिससे नायरा और कार्तिक के फैंस को उनकी रोमांटिक कैमेस्ट्री देखने को नहीं मिलने वाली है.

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2. सबके फेवरेट हैं अभि और प्रज्ञा

सीरियल ‘कुमकुम भाग्य’ के अभि-प्रज्ञा तो अपनी दमदार केमेस्ट्री से हर बार लोगों का दिल जीतते है. सीरियल ‘कुमकुम भाग्य’ के मेकर्स शब्बीर और सृति झा की कैमेस्ट्री से बेहद खुश है, जिसके चलते वह दोनों की अक्सर फोटोज और वीडियो शेयर करते हैं.

3. लड़ाई झगड़े के बीच इश्क भी फरमाते हैं करण और प्रीता

‘कुंडली भाग्य’ के करण और प्रीता तो टीवी के क्यूटेस्ट कपल्स में से एक है. इस किरदार में धीरज धूपर और श्रद्धा आर्या ने जान ही भर दी है. करण और प्रीता की जोड़ी अक्सर लड़ती रहती है, लेकिन दोनों की इस लड़ाई में इनका प्यार फैंस का दिल जीत लेता है.

4. एक-दूजे पर ऐसे प्यार लुटाते है अनुराग और प्रेरणा

सीरियल ‘कसौटी जिंदगी के 2’ में अनुराग और प्रेरणा की केमेस्ट्री तो हर किसी को भाती है. नई गाइडलाइन्स मिलने के बाद तो अब अनुराग और प्रेरणा की इस केमेस्ट्री को दर्शक काफी मिस करने वाले हैं.

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5. फैंस मिस करेंगे मेहर-सरबजीत की क्यूट केमेस्ट्री

सीरियल ‘छोटी सरदारनी’ में मेहर और सरबजीत की क्यूट केमेस्ट्री से फैंस बेहद खुश हैं. कम समय में फैंस के बीच अपनी जगह बनाने वाले मेहर और सरब के बीच लॉकडाउन के बाद दूरियां देखने को मिलने वाली है.

महिला सशक्तिकरण में फिल्मों व महिला कलाकारों ने काम किया- शमा सिकंदर

पौपुलर टीवी व फिल्म एक्ट्रेस शमा सिकंदर 21 वर्ष के अपने करियर में हर माध्यम पर काम कर चुकी हैं. उन्होने करियर व जिंदगी के बीच सामंजस्य बैठाना सीख लिया है. शमा सिकंदर खुद को ‘‘महिला सशक्तीकरण और उत्थान’’की ध्वजवाहक मानती हैं.

खुद शमा सिकंदर कहती हैं-‘‘सिनेमा ने मुद्दों को मुख्यधारा में लाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. तो वहीं महिलाओं ने स्क्रीन सेल्यूलाइड के परदे पर महिला सशक्तिकरण की बात करने वाले किरदार निभाए.  और ऐसा कई दशकों से होता रहा है.  फिर चाहे वह फिल्म‘मदर इंडिया’में नरगिस दत्त का किरदार रहा हो. फिल्म‘अर्थ’में शबाना आजमी हों या फिल्म‘कहानी’में विद्या बालन हो. अथवा फिल्म ‘‘शोले’’में बसंती के किरदार में हेमा मालिनी का अभिनय रहा हो. क्या हम ‘मदर इंडिया’या ‘शोले’की बसंती को कभी भुला सकते हैं. देखिए, महिलाओं के लिए सदैव मुद्दे सर्वोपरि रहे हैं और कोई भी मुद्दा ऐसा नहीं है,जिस पर महिलाएं आंखें मूंदे रहें. हमें मुद्दों को स्वीकार करना होगा और समाज को एक समाधान की ओर बढ़ना होगा.

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फिल्म ‘इंग्लिश विंग्लिश’में श्रीदेवीजी का किरदार भी इसी दिशा में एक सफल प्रयास था. श्रीदेवी ने तमाम फिल्मों में बेहतरीन काम किया.  भारतीय फिल्में पूरे विश्व में आधुनिक भारतीय महिला का प्रतिनिधित्व करती हैं. उनका प्रदर्शन शानदार रहा है. हम इस तथ्य को स्वीकार करते हैं कि राष्ट्रव्यापी रूप से हमारे पास हर क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण का एक समान स्तर है और महिलाओं और पुरुषों के नेतृत्व में एक बड़ा सामूहिक प्रयास करना होगा. मैं सभी से फिल्म देखने का आग्रह करती हूं. यह इस महिला दिवस पर आप सबसे अच्छी बात कर सकते हैं. महिला सशक्तीकरण पर ‘‘थप्पड़’’एक बेहतरीन फिल्में बनी है.  और सभी महिलाएं इसे देखने के बाद अपने लिए एक स्टैंड लेंगी. ‘‘

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शमा सिकंदर आगे कहती हैं-‘‘मुझे लगता है कि एक औरत  में बहुत सारी खूबियां होती हैं. हर औरत एक साथ कई काम सफलता पूर्वक कर सकती है,बशर्ते उसे इस बात का अहसास हो. अगर आपको पता है कि आप कर सकते हैं,तो आपको जरूर करना चाहिए. एक जिंदगी है,जितना कर सकते हैं,उतना कीजिए. मुझे नहीं लगता कि कहीं कोई सीमा है. यदि कोई किसी महिला से कहता है कि आपको यह काम नहीं करना चाहिए,तो वह पूरी तरह से गलत है. कम से कम मैं तो इसे पूर्णरूपेण गलत मानती हॅूं. मुझे लगता है कि मैं बहुत सारी चीजें अच्छे से कर सकती हूं,इसलिए कर रही हॅूं. मैंने हर तनाव और दबाव को झेला है. मैने खुद को मजबूत बनाने और सभी बाधाओं के खिलाफ लड़ने का ही काम किया है. मेरी राय में हर महिला को दूसरो के लिए प्रेरणास्रोत बनना चाहिए. ’’

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