6 टिप्स: पैसा रखें नहीं, निवेश करें

मौजूदा दौर में पैसों को सैकंड गौड कहा जाता है. यानी, पैसा है तो आप के पास काफीकुछ है. सैकंड गौड और काफीकुछ होने के बावजूद इसे रखे न रहें, वरना घाटे में रहेंगे. इसे निवेश करेंगे, तो ही फायदे में रहेंगे.

पैसों के रखने से मतलब सिर्फ घर में रखने से नहीं है, बैंक आदि में भी रखे रहने से है. चौंकिए नहीं, बचत खाते में पैसों के जमा रहने का मतलब रखा रहना ही होता है जबकि निवेश का मतलब और.

निवेश या विनियोग यानी इन्वैस्टमैंट का मतलब होता है अपने पैसों को ऐसी जगह लगाना जिस से कि लगाए हुए पैसों से भविष्य में अधिक पैसे मिल सकें. इन्वैस्ट करने वाले को जितने पैसे अधिक मिलते हैं, उन्हें निवेश पर प्राप्त प्रौफिट यानी लाभ कहा जाता है. और जो निवेश करता है उसे निवेशक या इन्वैस्टर कहा जाता है.

आप के पास पैसा है, कमाया हुआ है, बचत किया हुआ है या कहीं से मिला है और उस को इन्वैस्ट करना चाहते हैं तो इस के कई विकल्प मौजूद हैं. यहां देश की श्रेष्ठ 6 निवेश योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है.

ये ऐसी योजनाएं हैं जो दीर्घकालिक निवेश व बेहतर लाभ के लिए अच्छी तरह जानी जाती हैं.

1. सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) :

मातापिता को अपनी बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की गई. यह योजना वर्ष 2015 में देश के प्रधानमंत्री द्वारा ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत शुरू की गई थी. यह योजना नाबालिग बालिकाओं की ओर लक्षित है.

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एसएसवाई खाता जन्म से ले कर 10 वर्ष की आयु से पहले किसी भी समय लड़की के नाम से खोला जा सकता है. इस योजना के लिए न्यूनतम निवेश राशि 1,000 रुपए से अधिकतम 1.5 लाख रुपए सालाना है. सुकन्या समृद्धि योजना 21 वर्षों तक संचालित होती है.

2. राष्ट्रीय पैंशन योजना (एनपीएस) :

केंद्र सरकार की महत्त्वपूर्ण योजनाओं में से एक राष्ट्रीय पैंशन योजना या एनपीए है. यह सभी भारतीयों के लिए एक सेवानिवृत्ति बचत योजना है, लेकिन सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है. एनपीएस का उद्देश्य भारत के नागरिकों को सेवानिवृत्ति आय प्रदान करना है. 18 से 60 आयुवर्ग के भारतीय नागरिक और अनिवासी भारतीय इस योजना के लिए सदस्यता ले सकते हैं.

एनपीएस योजना के तहत आप अपने फंड को इक्विटी, कौर्पोरेट बौंड, सरकारी प्रतिभूतियों में आवंटित कर सकते हैं. 50,000 रुपए तक का निवेश आयकर कानून की धारा 80 सीसीडी (1 बी) के तहत कटौती के लिए उत्तरदायी हैं. आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत 1,50,000 रुपए तक का अतिरिक्त निवेश कटौतीयोग्य है.

3. सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) :

सरकार द्वारा शुरू की गईं सब से पुरानी योजनाओं में से एक सार्वजनिक भविष्य निधि या पीपीएफ है. इस योजना में निवेश की गई राशि, अर्जित ब्याज और निकाली गई राशि सभी को कर से छूट प्राप्त है. इस प्रकार, सार्वजनिक भविष्य निधि योजना न केवल सुरक्षित है, बल्कि एक ही समय में करों को बचाने में आप की मदद कर सकती है. योजना की मौजूदा ब्याजदर 7 फीसदी है. पीपीएफ में निवेश करने वाला कोई भी आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत 1,50,000 रुपए तक की कटौती का दावा कर सकता है.

4. राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) :

भारतीयों में बचत की आदत को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र या एनएससी को शुरू किया. इस योजना के लिए न्यूनतम निवेश राशि 100 रुपए है और अधिकतम निवेश राशि की सीमा नहीं है. एनएससी की ब्याजदर हर साल बदलती है. आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपए की करकटौती का दावा किया जा सकता है. केवल भारत के निवासी इस योजना में निवेश करने के लिए पात्र हैं.

5. अटल पैंशन योजना (एपीवाई) :

असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई अटल पैंशन योजना या एपीवाई एक सामाजिक सुरक्षा योजना है. एक वैध बैंकखाते के साथ 18-40 वर्ष की आयु का भारतीय नागरिक एपीवाई के लिए आवेदन करने के लिए पात्र है.

कमजोर वर्ग के व्यक्तियों को पैंशन का विकल्प देने को प्रोत्साहित करने के लिए अटल पैंशन योजना शुरू की गई है, जिस से उन्हें वृद्धावस्था के दौरान लाभ होगा. यह योजना किसी के द्वारा भी ली जा सकती है. यह स्वनियोजित है. कोई बैंक या डाकघर में एपीवाई के लिए नामांकन कर सकता है. हालांकि, इस योजना में एकमात्र शर्त यह है कि योगदान 60 वर्ष की आयु तक किया जाना चाहिए.

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6. प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) :

सौफीसदी देशवासियों को बुनियादी बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री जनधन योजना शुरू की. सरकार ने समाज के गरीब और जरूरतमंद वर्गों को बचत और जमा खाते, प्रेषण, बीमा, क्रेडिट, पैंशन जैसी वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करने का लक्ष्य रखा है.

नाबालिग के लिए इस योजना में न्यूनतम आयुसीमा 10 वर्ष है. अन्यथा, 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी भारतीय निवासी इस खाते को खोलने के लिए पात्र है. एक व्यक्ति केवल 60 वर्ष की आयु तक पहुंचने के बाद इस योजना से बाहर निकल सकता है.

कुल मिला कर, निवेश आने वाले समय के लिए, भविष्य के लिए बहुत ही फलदायी होता है. आड़े वक्त में परिवार को इस से महत्त्वपूर्ण मदद मिलती है. निवेश कर के इंसान अपनी जरूरतों को खुद ही पूरी करने के साथसाथ अपने बुढ़ापे को सुरक्षित भी रख सकता है. सो, निवेश करना हरेक के लिए अनिवार्य है.

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