अगर रिश्तों में हो जलन की भावना

आप जिसे मानते हैं, अगर वो किसी और को भी आपके जितना चाहता है. तो जलन होना स्वाभाविक है. पर अगर जलन जरुरत से ज्यादा हो जाए तो आपके रिश्ते के लिए मुसीबत बन सकता है. इसलिये अगर आप भी उनमें से है जो अपने साथी को लेकर बहुत जलन महसूस करते हैं तो इस भावना से बचने के लिए ये तरीके आजमा सकती हैं.

1. हदों का रखें ध्यान 

अगर आप दिन-रात जलन की भावना से परेशान हो रहे हैं तो आपको थोड़े ब्रेक की जरुरत है. अगर आपका साथी आपको आश्वासन देने के लिए तैयार नहीं हैं या आप इस विषय पर खुलकर बात नहीं कर सकती हैं तो बहुत ज्यादा परेशान ना करें. खुद की सीमा को तय करें कि आप किस हद तक इस भावना को झेल सकती हैं.

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2. तनाव को मैनेज करें

आपके अंदर पल रही जलन की भावना तनाव का एक कारण हो सकती है. अगर आप पहले से ही चिंतित और परेशान है तो आप इस स्थिति में और अधिक तनाव महसूस करेंगी. इसलिए बेहतर होगा कि आप खुद से ही चिंता को काबू करने की कोशिश करें. इसके लिए आप व्यायाम, पोषक आहार, योगा और ध्यान का सहारा ले सकती हैं. कभी-कभी जलन की भावना को दूर करने के लिए अपना अच्छे से ख्याल रखना भी काफी होता है.

3. सीधे बात करें

रिश्तों मे बढ़ रही जलन को रोकने के लिए जरुरी है कि आप अपने साथी से सीधे इसके बारे में बात करें. यदि आप इस बारे में बात नहीं करेंगी तो आप अपनी जलन को उन पर जाहिर करने लगेंगे जिससे स्थिति और खराब हो जाएगी. सीधे से बात करने से आप उन्हें समझा पाएंगी कि आप कैसा महसूस कर रही हैं.

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4. बात करते वक्त रखें संयम

जब आप अपने साथी से बात कर रही हैं तो अपने स्वभाव को सामान्य रखें और शांत रहकर बात करें. साथी पर जरुरत से ज्यादा दबाव ना डालें. अगर वह इस विषय पर बात करने के लिए तैयार नहीं है तो इंतजार करें. अगर आप उनके बारे में बार-बार उनके दोस्तो और साथियों से जानकारी लेते रहेंगे तो हो सकता है इस बात से आपके पार्टनर को बुरा लग जाए. इसलिये किसी भी बात को बार-बार पूछने से परहेज करें और थोड़ा संयम रखें.

नई कार कैसे सहें ईर्ष्या का वार

कार स्टाइल और स्टेटस सिंबल बन गई है. ऐसे में कौन नहीं चाहता कि उस के पास भी ऐसी कार हो, जिसे देखने वाले बस देखते रह जाएं और उस गाड़ी को खरीद कर, जिसे वे सपने में देखते थे, उन का ड्रीम पूरा हो जाए. ऐसा ही सपना नीरज और उस के पार्टनर ने भी काफी समय पहले देखा था, जिसे पूरा करने के लिए उन्होंने दिनरात मेहनत कर के काफी पैसे कमाए और फिर अपनी सेविंग से एक महंगी कार खरीदी. इस महंगी कार को देख कर उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि उन का सपना पूरा हो गया है.

लेकिन उन्हें क्या पता था कि उन की यह कार देख कर लोग उन से ईर्ष्या करने लगेंगे, परिवार के सदस्य ही पराए हो जाएंगे, फ्रैंड्स उन्हें बातबात पर ताने मारने लगेंगे. उन की कार लेने की खुशी धीरेधीरे दर्द में बदलने लगेगी. फिर भी दोनों ने हिम्मत नहीं हारी और सभी के बीच तालमेल बनाने की कोशिश कर के इस वाकेआ से कुछ चीजें भी सीखीं.

क्यों करते हैं लोग ईर्ष्या

अकसर लोग तब ईर्ष्या करते हैं जब वे खुद से, अपने पार्टनर से, अपनी चीजों से, अपनी तरक्की से, अपने धनवैभव से खुश नहीं होते हैं. उन का ऐसा विचार होता है कि उन के पास कितना भी हो, लेकिन वे अपनी चीजों से संतुष्ट न हो कर दूसरों की चीजों को देखदेख कर मन ही मन जलते रहते हैं. यहां तक कि कई बार तो ताने मारने में भी पीछे नहीं रहते हैं.

लेकिन शायद यह नहीं जानते कि दूर के ढोल सुहावने लगते हैं. जो जितना संपन्न दिखता है, जरूरी नहीं कि उतना हो ही, पर देखने वाले को तो ऐसा ही लगता है जैसे सामने वाल के पास सबकुछ है और मेरे पास कुछ भी नहीं. ऐसे लोग बस दूसरों की हर चीज पर नजर रखते हैं और उन्हें देखदेख कर जलते रहते हैं. यहां तक कि ताने मारने में भी पीछे नहीं रहते हैं.

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ईर्ष्या कौन करता है

परिवार के लोग

चाहे आप जौइंट फैमिली में रहते हों या फिर न्यूक्लीयर फैमिली में, आप के परिवार में कोई न कोई ऐसा सदस्य जरूर होगा, जो आप की चीजों, आप की तरक्की से खुश नहीं होगा. उस का हावभाव, उस के बात करने का तरीका आप को बता देगा कि वह आप से जलता है. फिर चाहे वह बड़े भाई की पत्नी हो, भाभी हो या खुद भाई ही क्यों न हो.

भले ही उन के पास गाड़ी हो, लेकिन वे नहीं चाहेंगे कि आप भी गाड़ी या फिर कोई नई चीज खरीदें, क्योंकि सामाजिक दूरी जो मिट जाएगी. लोग उन्हें भी उतना ही संपन्न समझेंगे जितना आप को. जो उन्हें हरगिज बरदाश्त नहीं होगा और अगर उन के पास गाड़ी बगैरा नहीं है तो फिर तो वे बिलकुल भी नहीं चाहेंगे कि आप खरीदें और अगर खरीद भी ली है तो आप को ताने मारने में बिलकुल पीछे नहीं रहेंगे. इस तरह के लोग आप को परिवार में मिल जाएंगे.

औफिस के लोग

आप के औफिस में भी ऐसे लोग होंगे, जो पीठ पीछे आप की बुराई करते होंगे और आप की बौस द्वारा की गई तारीफ से जरा भी खुश नहीं होते होंगे. ये वही लोग हैं जो न तो आप के साथ रह कर आप के साथ होते हैं और न ही आप के पीछे से.

अगर आप ने इन से पहले या इन से अच्छी गाड़ी खरीद ली है, फिर तो ये बातबात में आप पर ताना मारने में पीछे नहीं रहेंगे. ये कहने में भी देर नहीं लगाएंगे कि वैसे तो इतनी कम सैलरी है या फिर हमेशा पैसों के लिए रोता रहता है और गाड़ी पता नहीं कहां से खरीद ली. यहां तक कि आप की तरक्की को देख कर आप से बात

करना भी छोड़ सकते हैं. फिर भी आप घबराएं नहीं और ऐसे लोगों का समझदारी के साथ सामना करें.

पुराने क्लासमेट

अकसर आप को तरक्की करते देख आप के पुराने स्कूल फ्रैंड्स भी आप के गाड़ी या फिर कोई अन्य महंगी चीज खरीदने पर आप को यह ताना मारने में भी पीछे नहीं रहेंगे कि पढ़ाई तो करता नहीं था, पता नहीं गाड़ी कहां से खरीद ली. आजकल पता नहीं कहां काम कर रहा है जो गाड़ी खरीद ली. यही नहीं हो सकता है कि ईर्ष्या के कारण आप से बात करना भी छोड़ दे. फिर भी आप उस के साथ गलत व्यवहार न करें, बल्कि अपनी अच्छाई से उस का दिल जीतने की कोशिश करें.

अपने पड़ोसी

आप के पड़ोसी चाहे कितने भी अच्छे क्यों न हों, लेकिन वे आप के घर में नई आती चीजों को देख कर बरदाश्त नहीं कर पाएंगे. ऐसे में हर समय उन की नजरें आप के घर में ही लगी रहती हैं कि आप के घर कौन आया, कौन गया, क्या नया आया. आप की हर छोटीछोटी चीज पर उन की नजर टिकी रहती है.

ऐसे पड़ोसियों से बचना जरूरी है. हो सके तो उन से जो चीजें छिपाई जा सकें उन्हें दिखाने से बचें. अगर वे आप की नई गाड़ी को देख कर ताने मारें तो आप चुप रहें और ज्यादा शोऔफ करने से बचने की कोशिश करें.

कैसे निबटें

घमंड न करें

अकसर हमारी यह सोच होती है कि जब भी हम कोई बड़ी चीज जैसे गाड़ी, मकान बगैरा खरीद लेते हैं तो हमारे अंदर घमंड आ जाता है. हम फिर खुद के सामने किसी को कुछ नहीं समझते हैं. ऐसे में आप को जरूरत है कि आप खुद पर घमंड कर के दूसरों को नीचा न दिखाएं, बल्कि अपनी गाड़ी को सिर्फ अपनी जरूरत का टूल समझों.

दूसरों के सामने अपनी गाड़ी की बढ़ाचढ़ा कर तारीफ न करें, बल्कि जब कोई पूछे तो यही कहें कि यार जरूरत थी, इसलिए खरीदी और बड़ी और अच्छी गाड़ी खरीदने के पीछे यही मकसद है कि ये चीजें बारबार नहीं खरीदी जाती इसलिए एक बार में ही सोचसमझ कर खरीदी है.

फ्रैंड्स को लिफ्ट दें

अगर आप के फ्रैंड्स आप के गाड़ी खरीदने के कारण आप से ईर्ष्या करने लगे हैं तो आप भी उन से यह सोच कर बात करना बंद न कर दें कि ये मेरे साथ ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं, बल्कि आप उन्हें लिफ्ट दें, आउटिंग पर ले जाएं. आप का ऐसा व्यवहार देख कर वे आप को अपनी गुड लिस्ट में शामिल कर लेंगे. इस से हो सकता है कि धीरेधीरे उन के मन से आप के लिए ईर्ष्या खत्म होने लगे.

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फैमिली के काम आएं

भले ही आप की नई कार को देख कर आप के फैमिली वाले आप को कितने भी ताने मारें, फिर भी आप उन्हें अपने दिल से न निकालें, बल्कि उन के काम आएं. जैसे उन्हें ट्रिप पर ले जाएं. अगर उन्हें कहीं बाहर जाना है तो आप उन्हें स्टेशन, एअरपोर्ट तक ड्रौप कर दें या फिर उन्हें कहीं आसपास जाना है तो आप उन्हें खुद बोलें कि आप हमारी गाड़ी से चले जाओ.

आप के ऐसे व्यवहार से उन्हें लगेगा कि आप कितने अच्छे हैं और हम उन के साथ कैसा व्यवहार कर रहे हैं. हो सकता है कि आप का यह व्यवहार आप के अपनों के मन से आप के प्रति ईर्ष्या को खत्म कर दे.

मन पर न लें

चाहे आप के परिवार वाले हों, फ्रैंड्स हों या औफिस वाले, अगर आप के गाड़ी खरीदने के बाद आप को बातबात पर ताने मारें, तो उन की बातों को मन पर न लें और न ही उन्हें कोई पलट कर जवाब दें, क्योंकि इस से न सिर्फ संबंध बिगड़ेंगे, बल्कि आप खुद को भी परेशान करेंगे. इसलिए खुद पर भरोसा कर के आगे बढ़ें.

हाइपरसेंसिटिव नार्सिसिज़्म-ईर्ष्या का नशा

किसी भी तरह का नशा करना बेहद गलत है. नशे से न सिर्फ शारीरिक और मानसिक स्तर खताब होता है बल्कि सामाजिक स्तर भी नीचे गिर जाता है. लेकिन अगर हम कहें कि इस नशे से हटकर भी कोई ऐसा नशा होता है जिसके बारे में आपको पता नहीं. इसे छिपा हुआ या गुप्त नशा भी कहें तो गलत नहीं होगा. इसे हाइपरसेंसिटिव नार्सिसिज़्म भी कहा जाता है.

ये नशा ऐसा होता है जो हम सब के अंदर होता है. बस जरूरत है तो इस नशे को पहचानने की. हमारा आज का ये लेख खास तौर पर उन लोगों के लिए है जो बाहरी नशा तो नहीं लेते लेकिन, छिपे हुए नशे से घिरे हुए हैं और उन्हें इसके बारे में पता ही नहीं. तो इंतजार किस बात का? ऐसे पहचानिए अपने इस नशे को और इससे कैसे कहें गुड बाय.

उदाहरण-

एक घटना में दो बहनों ने मिलकर अपनी भाभी की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी क्योंकि वह अपने भाभी के रवैए से नाराज थी और उन्हें भाभी से काफी ईर्ष्या थी. पुलिस के मुताबिक, दोनों आरोपी इसलिए भी सपना से ईर्ष्या रखतीं थीं क्योंकि उनका भाई, अपनी पत्नी का ही पक्ष लेता था और विभिन्न मुद्दों पर बहनों के खिलाफ छींटाकशी करता था. इससे तंग आकर उन्होंने यह कदम उठाया.

दूसरी घटना में एक छोटे भाई ने ईर्ष्या में अंधा होकर अपने बड़े भाई को मौत के घाट उतार दिया. कारण सिर्फ इतना था कि वह अपने भाई को आगे बढ़ते हुए नहीं देख पा रहा था.उसकी कामयाबी से जलता था. लेकिन जब उसके बड़े भाई को सफलता का मुकाम हासिल होने वाला था तभी उसे मार दिया गया.

1. इर्ष्या की आदत- आमतौर पर लोगों की प्रतिभा, किसी गहरे रिश्ते से अक्सर इर्ष्या और जलन की भावना पनपने लगती है. इसे आपके के अंदर का छुपा हुआ नशा कहेंगे तो गलत नहीं होगा. जो आपके लिए घटक हो सकता है. इससे निपने के लिए अपने मन को शांत रखें उर दूसरों की ख़ुशी में जलन न महसूस करेंगे.

2.दुखी रहना- जो लोग हर समय खुद को असुरक्षित और अशांत महसूस करते हैं. आम तौर पर खुद के बारे में भी अच्छा महसूस नहीं करते हैं, और हर समय अधिकांश लोगों से अलग महसूस करने से सहमत होते हैं. ये भी एक तरह का गुप्त नशा है. इससे निपने के लिए आपको सबसे पहले अपने लिए आचे विचार लाने की जरूरत हैं. क्योंकि अगर आप अपनी नजर में पॉजिटिव रहेंगे तो दूसरों के आगे भी बेहतर महसूस करेंगे.

3. कमजोर रिश्ते बनाना- ऐसे लोग सार्थक संबंधों के निर्माण में कमजोर होते हैं. गुप्त नार्सिसिस्टों में ये स्वयं के बारे में अवास्तविक और अत्यंत नाजुक भावना है. ऐसे लोग उपरी रिश्ते निभाने में तो कारक=गर होते होते हैं, लेकिन भावात्मक टूर पर किसी से जुड़ने में फेल हो जाते हैं. या यूं कहें कि इन लोगों के लिए किसी भी सार्थक तरीके से दूसरों के साथ जुड़ना लगभग असंभव बना देता है. ऐसे में आप इस नशे को खत्म करने के लिए अपनी भावनाएं दूसरों के प्रति सकारात्मक बनाएं.

4. दूसरों की आलोचना करना- हर वक्त किसी न किसी की आलोचना में डूबे रहना ये गुप्त मादकता का एक बड़ा संकेत है. ऐसे लोग खुद को दूसरों की नजरों में बेहतर दिखाने में कोई कसार नहीं छोड़ते. फिर इसके लिए उनका दिल चाहे कितनी बार टूट जाए. उन्हें फर्क नहीं पड़ता. ऐसे में आप खुद को तकलीफ न दें और दूसरों की आलोचना करने से बचें. वरना ये आपके लिए घातक हो सकता है.

5.मतलबी होना- अपना काम निकल जाने पे दूसरों को नीचा दिखाना, इसे साधारण भाषा में मतलबी ही कहेंगे. ये एक तरह का गुप्त नशा है. जो अमूमन हम सबके अंदर ही होता है. जो हमें आसामाजिक बना देता है. ये व्यवहार आमतौर पर निष्क्रिय-आक्रामक हैं. इसके लिए आपको अपने व्य्व्झार में बदलाव लाने की सबसे ज्यादा जरूरत है और दूसरों के प्रति सम्वेदनशील होना भी जरूरी है. जो आपको मतलबी होने से बचाएगा.

6.सीमाओं का अभाव- गुप्त मादक द्रव्यवादियों का मानना है कि उनके अनुभव दूसरों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण और कठिन हैं. वे आपको हर समय यह बात करने के लिए कहेंगे कि उनका जीवन उनके लिए कितना जटिल है और वे कैसे पीड़ित हैं. वे बातचीत के आपके पक्ष या आपके समय की पूरी अवहेलना करते हैं.

ये कुछ ऐई बाते हैं जिनसे अमूमन हर दूसरा इंसान ग्रसित है. हम खुद को नशे और मादक पदार्थों से तो दूर कर सकते हैं, लेकिन ये जो नशा हमारे भीतर छुपा हुआ होता है उसे पहचानते भी नहीं. इस लिए ये नशा भी हमारे लिए जानलेवा न बन जाए, इससे पहले इसे दूर करना ही समझदारी है.

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