लड़कियां कहां करती हैं खर्च

पहनावे में ब्रैंडेड जींस, नाभि दिखाता टौप, पांव में डै्रस से मैच करती जूतियां, कानों में बड़े डैंगलर्स, होंठों पर रंग बदलती लिपस्टिक, हाथ में महंगा लेटैस्ट डिजाइन का मोबाइल और फिटनैस निखारने के लिए स्लीमिंग सैंटर, ब्यूटीपार्लर और फिटनैस सैंटर की मैंबरशिप. एक मौड कहलाने वाली लड़की का यह साजोसामान है. लुक्स निखारने के लिए अब छोटे शहरों की लड़कियां भी भारीभरकम खर्च करने लगी हैं. ऐसे खर्च के लिए लड़कियां हर माह कम से कम 6 से 8 हजार रुपए तक का बजट रखती हैं.

अब स्कूल और कालेज के समय से ही ये खर्च बढ़ रहे हैं. नौकरी करने वाली लड़कियों के लिए तो ऐसे खर्च उन की मजबूरी है. निजी नौकरियों में लड़कियों की बढ़ती मांग के कारण यह जरूरी भी हो गया है. पहले नौकरी करने वाली लड़की अपने काम को ही प्राथमिकता देती थी. आज के समय में उस को काम के साथसाथ खुद को प्रैजेंटेबल रखना होता है जिस के लिए उसे टिपटौप बन कर रहना पड़ता है.

कई विज्ञापन और फैशन शो में काम कर रही कानपुर की रहने वाली शिखा शुक्ला कहती हैं, ‘‘टिपटौप रहना समय और काम दोनों की जरूरत बन गया है. अब इस के बिना काम नहीं चलता है. अपने लुक्स को निखारने के लिए सब से ज्यादा खर्च कौस्मैटिक पर करना पड़ता है. कौस्मैटिक जितनी अच्छी क्वालिटी का होता है उतना ही महंगा होता है. यह महंगा इसलिए इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि खराब कौस्मैटिक का त्वचा पर बुरा प्रभाव पड़ता है.’’ शिखा मानती है, ‘‘हर माह कम से कम 2 बार लड़की को ब्यूटीपार्लर जरूर जाना पड़ता है जहां पर उस की पूरी बौडी का ट्रीटमैंट एकसाथ हो जाए.’’

जागरूकता जरूरी

लड़कियों के पहनावे को ले कर अब परिवार पहले की तरह से टीकाटिप्पणी नहीं करते हैं. वे लड़कियों की जरूरत को देखते हुए सहयोग भी कर करते हैं. आज के समय में औनलाइन शौपिंग के जरिए लड़कियां किफायती शौपिंग करने लगी हैं. ऐसे में वे अपने बजट के हिसाब से स्मार्ट शौपिंग करती हैं.

ये भी पढ़ें- अगर आप भी हैं पेइंग गेस्ट तो ऐसे सजाएं अपना घर

स्किन रोग विशेषज्ञ डाक्टर पंकज गुप्ता कहते हैं, ‘‘सुंदर दिखने के लिए टीनएज से ही जो लड़कियां कौस्मैटिक का जरूरत से ज्यादा प्रयोग कर रही हैं वह ठीक नहीं है. इस का स्किन पर खराब प्रभाव पड़ता है. कई बार स्किन इतनी खराब हो जाती है कि बाद में वह किसी भी तरह से ठीक नहीं हो पाती. ऐसे में लड़कियों को यह बात समझने की जरूरत है.’’

लड़कियों के खर्च पर देखने वाली बात यह है भी होती है कि अगर लड़की जरूरत से ज्यादा खर्च कर रही हो तो उस को देखें और जानने की कोशिश करें कि वे इतना सारा खर्च कैसे कर रही हैं. आज के दौर में लड़कियों का शोषण करने वाले भी कम नहीं हैं. लालच दे कर लोग लड़कियों को फंसा लेते हैं जो बाद में बहुत नुकसानदेय हो जाता है. अभी भी समाज लड़कियों को ले कर बहुत उदार नहीं हैं. लड़कियों को हर फैसला बहुत सोचसमझ कर करना चाहिए. बड़ी होती बेटी को अच्छाबुरा समझाने का काम एक समझदार मां का होता है. लड़की को अच्छेबुरे का पता चल जाता है तो वह आने वाली परेशानियों से बच सकती है.

शुरुआत में लड़कियों को यह समझ नहीं आता कि कोई उन की मदद क्यों कर रहा? उन को मुफ्त में गिफ्ट क्यों दे रहा? जब एक बार लड़की उन के जाल में फंस जाती है तो वे उन का शोषण करते हैं. लड़कियों को यह बात समझनी जरूरी है कि कोई भी काम मुफ्त में नहीं होता है. ऐसे में कोई गिफ्ट उन को भारी न पड़े, यह सोचना जरूरी है.

कभी भी अपने पेरैंट्स से कोई बात न छिपाएं. लड़कियों के लिए मुसीबत तभी से शुरू होती है जब वे अपने पेरैंट्स से बात छिपाने लगती हैं. अपने ऊपर खर्च करें पर खर्च के लिए ऐसे किसी की मदद न लें जो बाद में मुसीबत बन जाए.

कहां कैसे खर्च

प्रति माह करती हैं लड़कियां  (रुपए में)

मोबाइल फोन  500

कौस्मैटिक    500-1,000

ब्यूटीपार्लर    2,000-3,000

स्लिमिंग सैंटर 1,000-2,000

पोशाक और एसेसरीज 1,000-2,000

कन्वैंस 600-800

सुंदरता के साथ फिटनैस जरूरी

आप सुंदर और ग्लैमरस कपडे़ तभी पहन सकते हैं जब आप की बौडी का शेप ठीक रहे. इस के लिए फिटनैंस सैंटर या जिम जाना बहुत जरूरी होता है. अच्छे फिटनैस सैंटर की सालाना सदस्यता लेना ठीक रहता है. सालाना सदस्यता से यह काम काफी किफायती दाम में पड़ जाता है. आज के जमाने में अपने को दूसरे पर भारी साबित करने के लिए गुड लुक्स और स्मार्ट होना जरूरी होता है. इस के लिए अगर कुछ पैसा खर्च करना पड़ता है तो कोई खराब बात नहीं है.

आखिर लड़कियां नौकरी कर के जो पैसा कमा रही हैं उसे अपने में क्यों न खर्च करें. आप हर तरह के फैशनेबल कपडे़ तभी पहन सकती हैं जब आप की बौड़ी फिट हो.

ये भी पढ़ें- 5 टिप्स: कुछ ऐसे तेज करें चाकू की धार

कई सौंदर्य प्रतियोगिताएं जीत चुकी अनीता सिंह कहती हैं, ‘‘लड़कियों को पहले अपने खर्चो के लिए घर में पैसा मांगना पड़ता था जिस से उन को घर वालों की डांट भी सहनी पड़ती थी. अब लड़कियां अपने पैसे खर्च कर रही हैं तो घर के लोग भी ज्यादा टीकाटिप्पणी नहीं करते हैं. लड़कियां सब से ज्यादा खर्च अपने मोबाइल और पोशाकों पर करती हैं. पहले लोग सिंपल लिविंग और हाई थिंकिंग पर चलते थे पर आज हाई लिविंग और हाई थिंकिंग की बात होती है. मोबाइल अब केवल बात करने के लिए ही नहीं रह गए, उन में तमाम अच्छे फीचर्स आ गए हैं. ऐसे में हर साल नया मोबाइल जरूरी हो गया है.’’

जो लड़कियां पढ़ रही हैं उन की भी पूरी कोशिश रहती है कि वह पार्टटाइम जौब कर अपने खर्च पूरा कर सकें. इस तरह की लड़कियां भी चाहती हैं कि उन का पहनावा ऐसा रहे जिस से लोग उन को नोटिस करें. लड़कियों को एक ही चीज रोज देखना और पहनना पसंद नहीं होता है. वे बदलाव चाहती हैं. बीकौम कर चुकी एक निजी कंपनी में काम कर रहीं स्वाति गुप्ता इस बदलाव को ही पर्सनल ग्रूमिंग मानती हैं. लुक्स निखारने में लगीं ये लड़कियां पहनावे, मेकअप और कौस्मैटिक के अलावा बातचीत करने और चलनेफिरने में भी बदलाव लाना चाहती हैं. लड़कियां मानती हैं कि जमाना आगे बढ़ रहा है. कुछ जरा सी कमी रह जाती है तो लगता है जैसे कहीं पिछड़ापन न रह जाए. ऐसे में वे जमाने के साथ कदम से कदम मिला कर चलना चाहती हैं.

फैशन का बदलता ट्रैंड

लुक्स निखारने में जुटीं लड़कियों का मानना है कि इस के लिए पहरावा आधुनिक होना बहुत जरूरी होता है. लेटैस्ट ट्रैंड के बारे में जानकारी देते हुए अभिनेत्री गरिमा रस्तोगी कहती हैं, ‘‘नए टैं्रड में स्कर्ट का जोर तेजी पर है. दूसरे नंबर पर जींस पैंट और फिर सब से नीचे डिजाइनर सलवार सूट का नंबर आता है. अब स्कर्ट के तमाम ऐसे डिजाइन सामने आ गए हैं जिन को पहन कर औफिस भी जाया जा सकता है. शहर में कहीं और जाना हो तो भी जा सकते हैं. स्कर्ट में जो फैब्रिक इस्तेमाल किया जाता है वह भी कुछ इस तरह का होता है कि जो आप को कूल और स्मार्ट दिखाता है. स्कर्ट ऐसा पहनावा है जिस को आराम से पार्टी में भी पहना जा सकता है. कई रंगों के स्कर्ट काफी सस्ते भी पड़ते हैं.’’

अपने लुक्स को निखारने के लिए लड़कियां जो खर्च करती हैं उस के लिए वे तमाम तरह से इंतजाम करती हैं. ज्यादातर लड़कियां पार्टटाइम जौब करती हैं. कुछ बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हैं. कुछ लड़कियां नौकरी करती हैं. कुछ लड़कियां अपने जेबखर्च में कटौती कर के लुक्स को निखारने लायक पैसे जमा करती हैं. अगर पैसे कम हों तो खर्च को कम करने के तरीके लड़कियों को खूब आते हैं. लड़कियों के इस तरह लुक्स निखारने में होने वाले खर्चों पर उन के घरपरिवार के लोग ज्यादा टीकाटिप्पणी नहीं करते हैं. कई मातापिता ऐसे भी हैं जो जरूरत के हिसाब से खर्च करने के लिए पैसा भी देते हैं.

ये भी पढ़ें- 5 टिप्स: घर पर ऐसे करें गलीचों की सफाई

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें