Lockdown 3.0: यह लॉकडाउन कुछ अलग है ! 

कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए मार्च के आखिरी सप्ताह से अभी तक हम सभी लोगो ने दो लॉक डाउन का पालन किया है, उस दौरान पूर्ण देशबंदी लागू था . अभी भी देशबंदी दो सप्ताह तक लागू रहेगा लेकिन कुछ इलाको में कुछ विशेष शर्तों के अनुसार छूट प्रदान होगी. आइये जानते है – लॉक डाउन  कैसे अलग है .

* लॉकडाउन-3  चार मई से प्रभावी होगा :- 1 मई के शाम को देश में कोविड-19 की स्थिति की व्यापक समीक्षा करने के बाद आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत भारत सरकार के गृह मंत्रालय  ने लॉकडाउन को 4 मई, 2020 से दो सप्ताह और बढ़ाने के लिए  एक आदेश जारी किया जिसमें देश के जिलों को तीन भागों में बता गया. संक्रमण के जोखिम पर आधार पर देश के जिलों को रेड जोन (हॉटस्पॉट), ग्रीन जोन  और ऑरेंज जोन में बांटा गया. इन दिशा-निर्देशों में ग्रीन और ऑरेंज जोन में पड़ने वाले जिलों में काफी रियायतें या ढील दी गई है.

* इन सेवा में कोई छूट नहीं होगा :-  लॉकडाउन को बढ़ाने के साथ गृह मंत्रालय ने यह भी साफ कर दिया है कि इस दौरान हवाई सफर, ट्रेन, इंटर स्टेट बस सर्विस, स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे. देश में 40 दिनों का लॉकडाउन 3 मई को पूरा हो रहा था.

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* सोशल डिस्टेंशिंग के नियम जारी रहेगा :-  इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की है. हालांकि, इस बार ग्रीन और ऑरेन्ज जोन में शर्तों के साथ कुछ छूट भी दी जाएगी। लेकिन सोशल डिस्टेंशिंग के नियम पहले की तरह जारी रहेगा .

* राज्यों के सलाह पर लॉकडाउन बढ़ाया गया :- बीते सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ लॉकडाउन पर चर्चा की थी. इस दौरान अधिकतर राज्यों के मुख्यमंत्रियों की राय थी कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लॉकडाउन अभी जारी रखा जाए.  हालांकि, कुछ राज्यों ने लॉकडाउन के साथ ही आर्थिक गतिविधियों को शर्तों और सावधानियों के साथ चालू करने पर जोर दिया था. सबका सलाह मानते हूँ लॉक डाउन का गाइडलाइंस तैयार किया गया है .

* शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक सख्ती से प्रतिबंध जारी रहेगा :- नए दिशानिर्देशों में लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए कुछ उपाय भी सुझाए गए हैं. इस प्रकार सभी गैर आवश्यक गतिविधियों के लिए लोगों की आवाजाही पर शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक सख्ती से प्रतिबंध जारी रहेगा. स्थानीय अधिकारियों को इस उद्देश्य और सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के अंतर्गत निषेध आदेश (कर्फ्यू) जैसे कानून के उचित प्रावधानों के अंतर्गत आदेश जारी करने होंगे.

*आवश्यक जरूरतों और स्वास्थ्य उद्देश्यों मिलेगा छूट :-   सभी जोन में 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों, बीमार लोगों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को आवश्यक जरूरतों और स्वास्थ्य उद्देश्यों को छोड़कर घर पर ही रहना होगा. रेड, ऑरेंज, ग्रीन जोन में बाह्य रोगी विभागों (ओपीडी) और मेडिकल क्लीनिकों को सामाजिक दूरी के नियमों के पालन और अन्य सुरक्षा सावधानियों के साथ परिचालन की अनुमति होगी, हालांकि रोकथाम (कंटेनमेंट) वाले जोन में इसकी अनुमति नहीं होगी.

* हर जोन के लिए अलग-अलग दिशा निदेश जारी होगा :-   रेड, ग्रीन और ऑरेन्ज जोन के लिए अलग-अलग गाइडलाइंस तैयार की गई है. ग्रीन और ऑरेन्ज जोन में काफी छूट भी दी गई है.

* ग्रीन जोन के जिले :- ग्रीन जोन ऐसे जिले होंगे ज‍हां या तो अब तक संक्रमण का कोई भी पुष्ट (कन्‍फर्म) मामला नहीं आया है अथवा पिछले 21 दिनों में कोई पुष्ट मामला सामने नहीं आया है.

*  रेड जोन के जिले :-   रेड जोन के रूप में जिलों का वर्गीकरण करते समय सक्रिय मामलों की कुल संख्या, कन्‍फर्म मामले दोगुनी होने की दर, जिलों से प्राप्‍त कुल परीक्षण (टेस्टिंग) और निगरानी सुविधा संबंधी जानकारियों को ध्यान में रखा गया है .

* ऑरेंज जोन :-  वे जिले, जिन्हें न तो रेड जोन और न ही ग्रीन जोन के रूप में परिभाषित किया गया है, उन्‍हें ऑरेंज जोन के रूप में वर्गीकृत किया गया है .

* आने वाले समय में देश के जिले अपने जोन से दूसरे जोन में शामिल हो सकते है

रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन के रूप में जिलों के वर्गीकरण को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ हर सप्‍ताह या आवश्यकतानुसार पहले साझा किया जाएगा.  वैसे तो राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश कुछ और जिलों को रेड व ऑरेंज जोन के रूप में शामिल कर सकते हैं, लेकिन वे किसी ऐसे जिले के वर्गीकरण को घटा नहीं सकते हैं जिसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा रेड या ऑरेंज जोन की सूची में शामिल किया गया है.

* एक जिले में भी दो जोन बनाया जायेगा

देश के कई जिलों की सीमाओं में एक या एक से अधिक नगर निगम हैं. यह देखा गया है कि नगर निगमों के भीतर जनसंख्या घनत्व अधिक होने और लोगों का मिलना-जुलना अधिक होने के कारण नगर निगम की सीमा के भीतर कोविड-19 के मामले जिले के बाकी हिस्सों की तुलना में अधिक हैं. अत: नए दिशा-निर्देशों में यह उल्‍लेख किया गया है कि ऐसे जिलों को दो जोन में वर्गीकृत किया जाएगा, अर्थात, नगर निगम की सीमा के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र के लिए एक जोन; और नगर निगम की सीमा के बाहर आने वाले क्षेत्र के लिए एक अन्‍य जोन. यदि नगर निगम की सीमा के बाहर आने वाले क्षेत्र में पिछले 21 दिनों से कोई मामला सामने नहीं आया है, तो इसे रेड या ऑरेंज जोन के रूप में जिले के समग्र वर्गीकरण से एक पायदान नीचे के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा.

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* ऑरेंज  जिला में आर्थिक एवं अन्य गतिविधियां कार्य शुरू होगा

यदि जिला समग्र रूप से रेड है; या ग्रीन के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा, यदि जिला समग्र रूप से ऑरेंज है। इस वर्गीकरण से जिले के उस क्षेत्र में और भी अधिक आर्थिक एवं अन्य गतिविधियां या कार्य किए जा सकेंगे, जो कोविड-19 के मामलों से अपेक्षाकृत कम प्रभावित हैं और इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि निरंतर पूरी सावधानी बरती जाए, ताकि ये क्षेत्र आगे भी कोविड-19 के मामलों से मुक्त रहें. यह व्‍यवस्‍था केवल नगर निगम वाले जिलों के संबंध में ही की गई है.

* नियंत्रण क्षेत्र बनाया जायेगा

कोविड-19 के फैलाव और रेड एवं ऑरेंज जोन के अंतर्गत आने की दृष्टि से देश के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों को नियंत्रण क्षेत्र (कंटेनमेंट जोन) के रूप में विकसित किया जायेगा . ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां संक्रमण फैलने का व्‍यापक जोखिम है. कंटेनमेंट जोन को संबंधित जिला प्रशासन द्वारा परिभाषित किया जाएगा और ऐसा करते समय सक्रिय मामलों की कुल संख्या, उनके भौगोलिक फैलाव और कार्यान्‍वयन की दृष्टि से सुव्‍यवस्थित सीमांकन करने की आवश्यकता को ध्यान में रखा जाएगा। स्थानीय प्राधिकारी कंटेनमेंट जोन के निवासियों के बीच आरोग्य सेतु एप की 100% कवरेज सुनिश्चित करेगा. कंटेनमेंट जोन के लिए गहन निगरानी प्रोटोकॉल होंगे जिनमें मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता लगाना, घर-घर की निगरानी, किसी व्‍यक्ति से जुड़े जोखिम के आकलन के आधार पर उसका संस्थागत क्‍वारंटाइन और नैदानिक प्रबंधन भी शामिल हैं. सख्त दायरा नियंत्रण को सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी, ताकि आपातकालीन चिकित्सा स्थिति और आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति बनाए रखने को छोड़कर इस जोन के भीतर और बाहर लोगों की आवाजाही न हो सके। कंटेनमेंट जोन के भीतर किसी भी अन्य गतिविधि या कार्य की अनुमति नहीं है.

* 22 मार्च से शुरू हुआ अभी 17 मई तक जारी रहेगा

देश में पहले एक दिन का बंद आव्हान पीएम मोदी की अपील पर  22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाया गया, इसके सफलता के बाद नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की थी. इसके बाद 14 अप्रैल से इसे 17 दिन के लिए और बढ़ा दिया गया था. अब कल यह तीसरे फेज में लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ा दिया गया है.

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