लॉकडाउन 3.0: वायरस संग जीने की आदत

बस! डर चुके. अब और नहीं. वरना भूख मार डालेगी. डराने वाला तो डराता रहेगा. बदले वातावरण में जीवनशैली को बदलें. लौकडाउन को लौकआउट करने का वक्त है. कामकाज शुरू हो और अर्थव्यवस्था को गति मिले.

तालाबंदी यानी लौकडाउन लागू होने के चलते देश ठहरा हुआ है. यह भी सच है कि तकरीबन पूरी दुनिया ठहरी है. लेकिन वहीं, तालाबंदी के खिलाफ आवाजें उठने लगी हैं. अमेरिका में लोग सड़कों पर उतर चुके हैं, वे एहतियात यानी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रोजीरोटी अर्जित करने की इजाज़त दिए जाने की मांग कर रहे हैं.

अमेरिका की तरह अब भारत में भी केंद्र और राज्य सरकारों के जारी लौकडाउन के खिलाफ आवाजें मुखर होने लगी हैं. इनमें सबसे पहला नाम विश्वविख्यात आईटी कंपनी इंफोसिस के फाउंडर एन आर नारायणमूर्ति का आता है.

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तालाबंदी के चलते देशवासी भूख से अब और न मरें, इसके लिए तालाबंदी को आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए. इंफोसिस प्रमुख एन आर नारायणमूर्ति ने एक वैबिनार कौन्फ्रैंस में सरकार के तालाबंदी बढ़ाने के फैसले को लेकर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि अगर देशबंदी यानी तालाबंदी 3 मई के बाद भी जारी रहती है, तो कोरोना वायरस से नहीं, भूख से होंगी ज्यादा मौतें.

विकासशील या अन्य विकसित देशों की अपेक्षा भारत की स्थिति पर नजर डालते हुए मूर्ति ने कहा कि हमें समझना चाहिए कि हमारा देश लंबे वक्त तक तालाबंदी को झेलने में सक्षम नहीं है. वे अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि अगर तालाबंदी एक बार फिर आगे बढ़ाई जाती है तो एक वक्त ऐसा आएगा, जब कोविड-19 महामारी से कहीं ज्यादा मौतें देश में भूख से होने लगेंगी.

उन्होंने कहा कि विकसित देशों की तुलना में भारत में कोरोना वायरस के पौजिटिव मामलों की कुल संख्या काफी कम है. साथ ही, वायरस से मरने वालों की दर महज 2.25 से 0.50 फीसदी है. मालूम हो कि भारत में वायरस के फैलने की रफ्तार काफी कम रही है. भारत में वायरस संक्रमण का पहला मामला जनवरी के आखिरी हफ्ते में सामने आया था.

तालाबंदी से जुड़ी देश में हुईं घटनाओं पर गौर किया जाए तो समझ में यही आता है कि लोगों को रोजीरोटी के लिए काम करने की इजाज़त दी जाए. इस संबंध में
नारायणमूर्ति ने कहा कि लोगों को काम करने देना चाहिए और स्वीकार करना चाहिए कि कोरोना एक नए तरह का सामान्य सा वायरस है.

देश की लचर स्वास्थ्य सुविधाओं पर उंगली उठाते हुए आईटी जाएंट नारायणमूर्ति ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस की टेस्टिंग की रफ्तार काफी धीमी है. उन्होंने भारतीय स्टार्टअप और उद्यमियों को टेस्टिंग व वैक्सीन बनाने की दिशा में आगे बढ़ने की सलाह दी, साथ ही, सरकार को सलाह देते हुए कहा कि केंद्र सरकार मैथमेटिकल डेटा आधारित एनालिटिकल इनपुट के आधार पर फैसला करे, न कि इमोशनली.

वैसे, भारत में कोरोना वायरस के अलावा कई अन्य वजहों से सालभर में करीब 90 लाख लोगों की मौत हो जाती है. प्रदूषण की वजह से ही बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जाती है. भारत दुनिया में सबसे ज्यादा प्रदूषित देश है. भारत में करोड़ों लोग अस्थायी सेक्टर और स्वरोजगार से जुड़े हैं और तालाबंदी में यह सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित होता है. अस्थायी सेक्टर ही भारत से सबसे ज्यादा आबादी को रोजगार देता है.

मूर्ति के मुताबिक, तालाबंदी से कारोबारियों का रेवेन्यू 15 से 20 फीसदी घट सकता है. इससे सरकार को मिलने वाला टैक्स और जीएसटी कलेक्शन भी घट जाएगा.

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लब्बोलुआब यह है कि कोरोना क्राइसिस के मद्देनजर हमसब अपनेआप को बदलें यानी देश बदले. कोरोना वायरस की उपस्थिति को ध्यान में रखकर देश सोशल डिस्टेंसिंग जैसे एहतियाती कदम उठाते हुए जीवनयात्रा पर चलता रहे, ताकि, भूख से कोई न मर सके.

Lockdown 3.0: रेलवे ने फंसे व्यक्तियों के लिए चलाई जाएंगी विशेष रेलगाड़ियां !

कोरोना महामारी के फैलाव को रोकेने के उद्देश्य से लगाई गई लॉकडाउन पाबंदियों के कारण देश भर में फंसे व्यक्तियों की आवाजाही के लिए सरकार विशेष रेलगाड़ियां चला रही है. केंद्रीय गृह मंत्रालय  ने रेल मंत्रालय को आदेश जारी किया है कि  विशेष ट्रेनों से देश भर में विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, विद्यार्थियों और अन्य व्यक्तियों की आवाजाही राज्यों से मिलकर सुनिश्चित करे. इस कार्य को कल ही शुरू कर दिया गया है . विभिन्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के लिए कल ही कई विशेष रेलगाड़ियां रवाना कर दिया गया . आइये जानते है किन मापदंड का रखा गया है ख्याल और कहा से कौन से विशेष रेलगाड़ियां खुली और आगे की क्या योजना है .

1. नोडल अधिकारी की नियुक्ति

रेल मंत्रालय इन लोगों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति किया गया है . वह संबधित राज्यों के नोडल अधिकारी से बातचीत कर सभी फसे यात्रा को उनके गंतव्य स्थान तक पहुँच्या जायेगा .

2. सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखा जायेगा

रेल मंत्रालय ने बताया कि यात्रा के के अलावा टिकटों की बिक्री; रेलवे स्टेशनों एवं रेल प्लेटफॉर्मों पर तथा ट्रेनों के भीतर सामाजिक दूरी का पूरा ख्याल रखा जायेगा. रेलवे यात्रियों के सहयोग से सामाजिक दूरी के मानदंडों और स्वच्छता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा. यह सुनिश्चित करने और अन्य सुरक्षा उपायों पर अमल के लिए रेलवे ने विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किया है .

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3. सभी लोगो के लिए नहीं है यह विशेष रेलगांडियां

रेल मंत्रालय ने लॉकडाउन के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य व्यक्तियों को विभिन्न स्थानों पर ले जाने के लिए ‘श्रमिक स्पेशल ट्रेन’ की शुरुआत कल से ही कर दिया है . इस में वही यात्री सफर करेंगे जिन्होंने अपने राज्य के संबधित नोडल अधिकारी के पास आवेदन किया है . रेलवे ने यह कहा गया है, रेलवे परिसर में उन्ही का प्रवेश होगा जिन्हे सरकारी अधिकारी ले कर आएंगे .

4. बीच में कही नहीं रुकेगी

 ‘श्रमिक स्पेशल ट्रेन’ संबंधित दोनों दो राज्यों के बीच ही राज्य सरकारों के अनुरोध पर एक जगह से दूसरी जगह के बीच चलेंगी. बिना अनुमति के कही नहीं रुकेगी .

5. यात्रियों के जाँच और भोजन की पूरी व्यवस्था संबधित राज्य सरकार की होगी

यात्रियों को भेजने वाले राज्‍यों द्वारा उनकी जांच की जाएगी और यात्रा की अनुमति केवल उन्‍हीं लोगों को दी जाएगी जिनमें कोई लक्षण नहीं पाया जायेगा. भेजने वाली राज्‍य सरकारों को इन लोगों को ट्रेन में बिठाने के लिए निर्धारित रेलवे स्‍टेशन तक सैनिटाइज्‍ड बसों में बैठाकर सामाजिक दूरी के नियमों और अन्‍य सावधानियों का पालन करते हुए जत्‍थों में लाना होगा. प्रत्‍येक व्‍यक्ति के लिए फेस कवर लगाना अनिवार्य होगा. भेजने वाले राज्‍यों द्वारा शुरुआती स्‍टेशन पर उनके लिए भोजन और पानी उपलब्‍ध कराया जाएगा. लंबे मार्गों पर यात्रा के दौरान रास्‍ते में रेलवे एक भोजन प्रदान करेगा. गंतव्य तक पहुंचने पर, राज्य सरकार द्वारा यात्रियों की अगवानी की जाएगी. वहीं उनकी स्क्रीनिंग, यदि आवश्यक हो क्‍वारंटीन और रेलवे स्टेशन से आगे की यात्रा जैसे सभी तरह के प्रबंध करेगी.

6. कोटा से बिहार और झारखण्ड के लिए विशेष रेलगाड़ी रवाना

राजस्‍थान में जयपुर और कोटा से दो रेलगाडियां फंसे प्रवासी कामगारों और विद्यार्थियों को ले जाने के लिए कल  रात पटना के लिए रवाना होंगी। ये रेलगाडियां कल रात दस बजे रवाना हुए और आज तीसरे पहर पटना पहुंचेगी। इनमें 18 शयनयान और द्वितीय श्रेणी के चार सामान्‍य कोचों सहित 24 कोच हैं. यात्रा के दौरान आपसी सुरक्षित दूरी का पालन किया गया. सुचारू यात्रा के लिए इन रेलगाडियों में सुरक्षा बल तैनात है .  वही राजस्‍थान में फंसे झारखंड के विद्यार्थियों को वापस लाने के लिए दो विशेष रेलगाडियां कल रात कोटा से रवाना हुई..

7. झारखंड के लिए तेलंगाना खुला विशेष रेलगाडी

झारखंड, तेलंगाना से अपने प्रवासी मजदूरों को विशेष रेलगाडी से वापस ला रहा है. अन्‍य राज्‍यों ने भी अपने मजदूरों को वापस लाने की प्रकिया शुरू कर दी है. झारखंड अपने प्रवासी मजदूरों को वापस लाने वाला पहला राज्‍य बन गया है.  तेलंगाना के लिंगमपल्‍ली रेलवे स्‍टेशन से रॉची के हटिया रेलवे स्‍टेशन के बीच कल रेलगाडी चली जो आज रांची रत तक पहुंचेगी.

8. 40 बसें से कोटा से दिल्ली आये लोग

कल दिल्‍ली सरकार ने बताय कि देशव्‍यापी लॉकडाउन के कारण राजस्‍थान में फंसे अपने विद्यार्थियों को वापस लाने के लिए करीब 40 बसें कोटा भेज रही है. दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविन्‍द केजरीवाल ने कहा कि विद्या‍र्थियों को लेकर इन बसों के शुक्रवार को  दिल्‍ली पहुंचने की संभावना है.  उन्‍होंने कहा कि सरकार ने उत्‍तर प्रदेश, बिहार और झारखंड सहित कुछ अन्‍य राज्‍यों के साथ भी बातचीत की है ताकि फंसे लोगों को उनके गृह राज्‍यों में भेजा जा सके.

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9. केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कल से ऑनलाइन पंजीकरण सुविधा शुरू

केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर ने गुरुवार से ही अन्‍य प्रदेशों में फंसे मजदूरों, छात्रों और अन्य लोगों की निकासी को सुगम बनाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण और हेल्पलाइन नंबर की सुविधा शुरू कर दिया है . जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के मद्देनजर विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इन लोगों की निकासी के समन्वय और निगरानी के लिए सात अधिकारियों की नियुक्ति की। ऑनलाइन पंजीकरण फॉर्म में कुछ जान‍कारी देनी होगी.

10. मध्य प्रदेश भी वापसी का तैयारी में लगा है

मध्य प्रदेश में, राज्य सरकार ने लॉकडाउन के कारण देश के अन्य हिस्सों में फंसे हुए राज्य के लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सात वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों को नियुक्त किया है. इन अधिकारियों को अलग-अलग राज्यों का जिम्मेदारी सौंपी गई है. ये सभी अधिकारी मध्य प्रदेश में फंसे हुए अन्य राज्यों के लोगों को भी वापस भेजने का काम करेंगे.

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