अब पेट भी रहेगा फिट

रिया एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत युवा, उत्साही सौफ्टवेयर इंजीनियर है. अभी हाल तक सब कुछ ठीक-ठाक था. फिर एक दिन उसे सीने में जलन होने लगी. लंच के बाद पेट जैसे फूलने लगा. उस के बार-बार टौयलेट के चक्कर लगने लगे. इस सब से परेशान रिया के जहन में बस एक ही बात आ रही थी कि मैं ने ऐसा क्या खाया है.

यह सच है कि हमारे पेट में जब भी कोई प्रौब्लम होती है हम उसे अपने खानपान से जोड़ कर देखते हैं, जबकि पेट की हर बीमारी सिर्फ खाने की वजह से हो ऐसा बिल्कुल नहीं है. बल्कि इस के लिए बैक्टीरिया कारण हो सकता है. आस्ट्रेलियाई डाक्टर बैरी जे. मार्शल ने यह पाया कि पेट में जितने भी विकार होते हैं उस का कारण एक बैक्टीरिया है, जिसे हेलिकोबैक्टर पायलोरी कहते हैं. यह सच है कि पूरी दुनिया की आबादी के 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग हेलिकोबैक्टर पायलोरी से संक्रमित हैं और पेट से जुड़ी जितनी भी बीमारियों होती हैं उन सब के लिए यह अकेला ही जिम्मेदार है. अगर इस बैक्टीरिया का सफाया हो जाए, तो आप पेट की किसी भी बीमारी से पीडि़त नहीं होंगे.

1. नौर्मल प्रौब्लम है पेट में एसिड

हमारे पेट में एसिड भोजन को पचाने का काम करता है, लेकिन कई बार पेट में एसिड जरूरत से ज्यादा बनने लगता है. अब पेट में भोजन कम और एसिड ज्यादा हो जाता है, जिस से एसिडिटी की प्रौब्लम हो जाती है. मसालेदार और वसायुक्त भोजन करने से एसिडिटी होने लगती है. इसके अलावा समय पर भोजन न करने से भी एसिडिटी हो जाती है. विशेषज्ञों का मानना है कि एसिडिटी का एक कारण तनाव लेना भी है.

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ऐसे करें इलाज

एसिडिटी की प्रौब्लम से परेशान लोग सुबह उठने के बाद पानी पीएं. इस के अलावा रोज खाने के साथ केला, तरबूज, पपीता और खीरा खाएं. एसिडिटी के उपचार में तरबूज का रस फायदा करता है. नारियल पानी पीने से भी एसिडिटी से निजात मिलती है.

2. गैस की प्रौब्लम को करें दूर

अधिक समय तक खाना न मिलने से पेट में गैस की प्रौब्लम हो जाती है. पेट में आवश्यकता से अधिक गैस बनने से वह शरीर के बाकी अंगों के लिए खतरनाक होने लगती है. इसलिए गैस की प्रौब्लम होते ही इस पर ध्यान देना चाहिए.

ऐसे करें इलाज

गैस की शिकायत होने पर ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए. वहीं गैस को ठीक करने के लिए एक नीबू के रस में दो चम्मच पानी और स्वादानुसार काला नमक मिलाकर चुटकीभर खाने का सोडा मिलाकर पीएं. इस के अलावा गैस से राहत पाने के लिए पवन मुक्त आसन करना बहुत लाभदायक है.

3. पानी कम पीने से भी होता है कब्ज

कब्ज पानी कम पीने से भी होती है. कब्ज की प्रौब्लम होने पर भूख नहीं लगती और शौच में प्रौब्लम होती है.

ऐसे करें इलाज

कब्ज की प्रौब्लम से छुटकारा पाने के लिए हरी सब्जियां खाएं क्योंकि इन में रेशे की मात्रा अधिक होती है. इसके अलावा आप फल और चोकर युक्त आटा खा सकते हैं.

4. पेट की प्रौब्लम में से एक है उल्टी होना

बार-बार उल्टी आना और जी मिचलाना पेट में रोग का कारण हो सकता है. ऐसा होने पर रोग का पता लगाना और इलाज करना जरूरी हो जाता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है ताकि आगे चल कर कोई बड़ा रोग न हो जाए.

ऐसे करें इलाज

उल्टी आने या जी मिचलाने पर हल्का भोजन करना चाहिए. कोशिश करनी चाहिए इस दौरान अधिक से अधिक दही का सेवन किया जाए. पुदीने का शरबत भी काफी असरदार हो सकता है.

5. मौसम बदलने पर लूज मोशन है नौर्मल

अकसर देखा जाता है कि मौसम बदलने पर लूज मोशन की शिकायत हो जाती है. इस के अलावा खराब भोजन खाने पर भी कई बार लूज मोशन का शिकार हो जाते हैं. इस के बाद शारीरिक कमजोरी होने लगती है.

 ऐसे करें इलाज

लूज मोशन की शिकायत होने पर मूंग दाल की खिचड़ी और दलिया ही खाना चाहिए. इस के साथ आप दही का सेवन भी कर सकते हैं. वहीं केला और कब्ज वाली भूसी खाने से भी लूज मोशन ठीक करने में सहायता मिलती है.

6. बेहतरीन सेहत के लिए अपनाएं ये मंत्र

– दही, तरबूज, खरबूज, पालक, गाजर, सेब समेत अन्य फाइबरयुक्त खानपान लें. इस से आंतों की गति संतुलित रहती है.

– मानसिक तनाव से भी अपच, गैस व दस्त हो सकते हैं. योग व साधना करें.

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– बेवजह दवाएं न खाएं. इस से ड्रग इंड्यूज्ड डायरिया होने का रिस्क रहता है.

घरेलू उपचार के अलावा एक और विकल्प है

दशकों से विश्वसनीय एवं विश्वस्तरीय स्टोमाफिट अपनाएं और पेट की बीमारियों को कहें बाय-बाय. यह दवा आप के स्टमक को एकदम फिट रखती है. साथ ही गैस्ट्राइटिस के लिए यह किसी अमृत से कम नहीं है. एसिडिटी, पेट फूलना, गैस, बदहजमी, पेट दर्द, डायरिया, कब्ज़, उल्टी, आंव यह एक दवा आपको इतनी सारी बीमारियों से मुक्ति दिलाती है और पहली ही खुराक में फायदा करती है. इस दवा की एक खास बात यह है कि मधुमेह से पीडि़त लोग भी इसका सेवन कर सकते हैं, क्योंकि यह दवा शुगर फ्री है.

5 टिप्स: क्या आप जानते हैं काफल के ये फायदे

खट्टे-मीठे इस फल को बौक्‍स मर्टल और बेबेरी भी कहा जाता है. यह एक लोकप्रिय पहाड़ी फल है, जो गर्मियों के मौसम में अप्रैल से जून के बीच होता है. काफल देखने में मालबैरी की तरह लगता है, लेकिन ये मालबैरी से बहुत अलग है. काफल एंटी- औक्‍सीडेंट गुणों से भरपूर होता हैं जिस वजह से यह शरीर के लिए फायदेमंद है. इसके अलावा इसमें कई नेचुरल तत्‍व पाए जाते हैं.

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इन बीमारियों को रखें दूर

काफल कई बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है, ये एनिमिया, अस्‍थमा, दस्‍त, जुखाम-बुखार और यकृत (Hepatic) संबंधी कई बीमारियों में फायदेमंद माना जाता है. काफल का फल ही नहीं बल्कि इसके पेड़ की छाल और पत्तियां भी औषधीय गुणों की खान हैं. इसके पेड़ की छाल में एंटी इन्‍फ्लैमेटरी, ऐटी-हेल्मिंथिक, एंटी-औक्‍सीडेंट और एंटी-माइक्रोबियल गुण पाये जाते हैं. इन गुणों के कारण यह कैंसर जैसी अनेक बीमारियों से आपको बचाता है.

टेंशन और सिरदर्द में लाभकारी

काफल आपके मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है, इसके सेवन से डिप्रेशन की प्रौब्लम को दूर होती है. इस भागदौड़ भरी लाइफ में टेंशन और सिरदर्द की प्रौब्लम को दूर करने के लिए आप काफल के छाल का चूरण खा कर सकते हैं. इसके अलावा काफल के चूरण को सूंघने से सिरदर्द कम होता है.

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आंख से जुड़ी बीमारियों के लिए हैं फायदेमंद

काफल आंख से जुड़ी बीमारियों जैसे- आंखों के दर्द, नाइट ब्लाइंडनेस , आंख लाल होना,  इन सभी बीमारियों के लिए बेहद फायदेमंद हैं. इसके अलावा सर्दी-जुकाम से होने वाले कान दर्द के इलाज में भी काफल का इस्‍तेमाल किया जाता है

पेट के लिए रामबाण

काफल के तेल की मालिश करने से लकवा मे लाभ मिलता है. गलत खानपान व ज्‍यादा मसालेदाल खाने के अलावा कई कारणों से पेट में गैस हो जाने पर पेट दर्द की समस्‍या होती है. इसके लिए आप काफल में चुटकी भर नमक मिलाकर खाएं, इसके सेवन से आपके पेट दर्द की समस्‍या दूर हो जाएगी. इसके अलावा दस्‍त में आप 1 या 2 ग्राम काफल में दोगुना शहद मिलाकर इसका सेवन करें, इससे दस्‍त से राह‍त मिलेगी. आप चाहें, तो इसका काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं.

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 सांस संबंधी बीमारियों

यदि किसी को सांस संबंधी बीमारी है या सांस लेने में दिक्‍कत हो रही हो, तो काफल के सेवन से इसमें आराम मिलता है. काफल के चूर्ण में अदरक का रस और शहद मिलाकर सेवन करने से बोन डिसीज, दर्द, श्‍वास और टीबी के लिए लाभकारी है. इसके अलावा यह खांसी-जुखाम व बुखार से निजाद दिलाने में भी मदद करता है।

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