मेरे पति शादी से पहले किसी लड़की से प्यार करते थे, मैं क्या करुं?

सवाल

मेरे विवाह को 6 महीने हो चुके हैं. पति मुझे बहुत प्यार करते हैं और मैं भी उन्हें बेहद चाहती हूं. बावजूद इस के मेरा मन आशंकित रहता है. मेरे पति ने सुहागरात को बताया था कि विवाहपूर्व वे किसी लड़की से प्यार करते थे पर घर वाले शादी के लिए राजी नहीं हुए, इसलिए उसे छोड़ कर उन्हें मुझ से शादी करनी पड़ी. उन्होंने कहा कि अब मैं ही उन के लिए सब कुछ हूं और वे उस लड़की को पूरी तरह भूल चुके हैं पर मेरे मन में गांठ पड़ गई है. डरती हूं कि यदि उन का सोया प्यार जाग गया और मुझे छोड़ कर वे उस के पास चले गए तो क्या होगा?

जवाब

आप के पति ने आप से संबंध बनाने से पहले अपने अतीत की बातें शेयर कीं तो आप को उन की ईमानदारी पर फख्र करना चाहिए. आप उन की ब्याहता हैं और आप मानती हैं कि वे आप से प्यार करते हैं तो आप को बेवजह उन पर शक नहीं करना चाहिए. उन्हें इतना प्यार दें कि उन्हें किसी और के बारे में सोचने की जरूरत ही न रहे. आप की नईनई शादी हुई है, इसलिए बातों को छोड़ कर वैवाहिक जीवन का आनंद लें.

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शादी से पहले काउंसलिंग के फायदे

आजकल रिश्तों में स्थिरता और एकदूसरे के लिए धैर्य खत्म होता जा रहा है, जिस के चलते विवाह के बाद पतिपत्नी एकदूसरे को समझने के बजाय छोटीछोटी बातों पर झगड़ने लगते हैं. नतीजन बात अलगाव तक पहुंच जाती है. ऐसे में जरूरी है कि रिश्तों में अंतरंगता और उन्हें अटूट बनाए रखने के लिए शादी से पहले काउंसलिंग ली जाए. इस से दंपतियों को चीजों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी.

मैरिज काउंसलर आजकल प्रोफैशनल ऐक्सपर्ट भी होते हैं, जिन से नवविवाहित जोड़े और शादी करने वाली जोडि़यां मिल कर अपनी समस्याओं और शंकाओं के समाधान पा सकती हैं. कई बार पतिपत्नी का रिश्ता बेतुकी बातों के कारण टूटने के कगार पर पहुंच जाता है, क्योंकि उन्हें विवाह के बाद रिश्तों को कैसे निभाया जाए, इस बात की ट्रेनिंग नहीं दी जाती.

मशहूर साइकोलौजिस्ट अनुजा कपूर का इस बाबत कहना है, ‘‘हम भारतीय शादी पर लाखोंकरोड़ों रुपए तो खर्च कर देते हैं, लेकिन शादी को निभाने के लिए जरूरी काउंसलिंग पर पैसा नहीं खर्चते. इस की जरूरत ही नहीं समझते. तभी आजकल तलाक के कई ऐसे मामले भी देखने में आते हैं जहां तलाक का कारण मात्र यह होता है कि हनीमून के अगले दिन पति ने गीला टौवेल बैड पर रख दिया, जो पत्नी को नागवार गुजरा.’’

मैरिज काउंसलिंग 2 बातों से जुड़ी होती है. पहली स्वास्थ्य से संबंधित तो दूसरी रिश्तों से संबंधित. काउंसलिंग के दौरान शादीशुदा जीवन में आने वाली सामान्य कठिनाइयों, उन से बचने के उपायों और शादी को सफल बनाने की जानकारी दी जाती है. जहां विवाह के बाद स्वास्थ्य संबंधी काउंसलिंग  वैवाहिक जीवन में काम आती है, वहीं रिश्तों से संबंधित जानकारी होने से नवविवाहित नए माहौल में खुद को आसानी से ऐडजस्ट कर लेते हैं.

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फायदे काउंसलिंग के

शादी को ले कर लड़कालड़की दोनों के मन में शारीरिक के अलावा रिश्ता निभाने संबंधी भी अनेक सवाल होते हैं, पर उन के सही जवाब न दोस्तों के पास होते हैं और न ही परिवार वालों के पास. ऐसे में मैरिज काउंसलर ही एक ऐसा शख्स होता है, जो उन की शंकाओं का समाधान कर सकता है. मैरिज काउंसलिंग का फायदा यह भी होता है कि दोनों पार्टनर जो एकदूसरे से इन विषयों पर बात करने से झिझकते हैं, वे एकदूसरे से खुल जाते हैं और दोनों के बीच बेहतर संवाद स्थापित होता है.

शादी एक ऐसा टर्निंग पौइंट होता है जब आप का लाइफस्टाइल बिलकुल बदल जाता है, शादी से पहले की काउंसलिंग से वैवाहिक बंधन में बंधने वाले जोड़ों को आने वाले जीवन के लाइफस्टाइल को समझने और उस के हिसाब से खुद को ढालने में मदद मिलती है.

शादी के बाद प्रैक्टिकल तौर पर जब आप प्रेमीप्रेमिका से प्रतिपत्नी बनते हैं, तो घरेलू जिम्मेदारियों को ले कर एकदूसरे पर गलतियां थोपने से रिश्तों में दरार आ जाती है. ऐसे में दोनों में से कोईर् भी एक दूसरे की जिम्मेदारी उठाने से कतराने लगता है. ऐसे में जिम्मेदारियों को समझने और उन्हें सही तरह से निभाने के लिए मैरिज काउंसलिंग बहुत जरूरी होती है. शादी के परामर्श की मदद से दोनों साथी एकदूसरे की जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं.

मैरिज काउंसलर्स कपल्स की मदद करते हैं ताकि वे वर्तमान के साथ ही भविष्य के बारे में भी प्लानिंग कर सकें जैसे फैमिली प्लानिंग, ससुराल के रिश्ते के साथ मैनेजमैंट, फाइनैंशियल प्लानिंग, क्योंकि एक सफल शादीशुदा रिश्ते के लिए प्यार ही नहीं, प्रैक्टिकल सोच की भी जरूरत होती है.

मैरिज काउंसलर कपल्स से सिर्फ पौजिटिव बातें ही नहीं करता, बल्कि वह ऐसे मुद्दों को भी उठाता है, जिन के बारे में लोग बात नहीं करना चाहते या करने से झिझकते हैं, जबकि शादी करने से पहले यह जानना जरूरी है कि क्या सचमुच आप एकदूसरे के लिए बने हैं? क्या एक इमोशनली, सैक्सुअली, फाइनैंशियली साथ निभा सकते हैं? क्या अपने रिश्ते को ले कर दोनों की सोच एकजैसी है? इन सवालों के जवाब से आप जान पाएंगे कि क्या सच में आप शादी के लिए तैयार हैं या नहीं.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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लव या लस्ट: 5 आसान तरीकों से जानें अपने रिश्ते का सच

चलिए आपको पहली नजर का पहला प्यार हो गया है. दिन-रात रोमांस और करवटें बदलने में गुजर रहे हैं. उन्हें हर दिन देखने के लिए इंतजार करना मुश्किल हो रहा है. आपके दिल और दिमाग में घर चुके उस प्यार को अब जीवनसाथी बना ही लिया जाए, ऐसा सोच रही हैं.

लेकिन जरा अपने दिमाग के रोमांटिक घोड़े को लगाम दीजिये और यह तो चेक कर लीजिए कि जिसे आप प्यार करती या करते हैं वो भी आपको love करता है या फिर आप उसके Lust (वासना) का सामान मात्र ही हैं.

यानी जब उसे सेक्स करना हो तभी आपकी याद आती हो ऐसा तो नहीं. हो भी सकता है और नहीं भी. क्योंकि लव और लस्ट में फर्क करना आसान नहीं होता. उलटे कई बार तो लस्ट में डूबा पार्टनर असली लवर से भी ज्यादा सीरियस रिएक्शन देता है.

इसलिए आप का प्यार भी कहीं प्यार और वासना के बीच उलझन में तो नहीं है, यह जानने के 5 आसान तरीके हैं. इन्हें अपने पार्टनर पर आजमा कर देखिये और लस्ट का लस्ट और लव का लव कर डालिए.

1. जब अंखियों में न झांके सैयां

पहली नजर का प्यार आंखों से ही शुरु होता है और लस्टबाज लवर की पकड़ भी आंखों से ही होती है. अगर आपको लगता है कि आपका प्यारा प्यार आपकी आंखों में झांकने में फेल हो जाता हो तो समझ जाइये उसे आपसे नहीं आपके फिगर और सेक्सुअल परफौर्मेंस से प्यार है.

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दरअसल रिलेशनशिप एक्सपर्ट मानते हैं कि आंखें किसी की नीयत समझने के लिए खिड़की जैसी होती हैं. जब कोई आपको प्यार करता है, तो वे आपको आंखों में निसंकोच देखेगा और अपनी दिल की बातें/भावनाएं जाहिर कर देगा, लेकिन अगर आंख में देखने के बजाए उसकी नजर आपके शरीर के अन्य हिस्सों जैसे स्तन, नितम्ब, जांघ पर केंद्रित है तो आप उसके लव नहीं बल्कि यौन रूचि पूरी करने का आसान रास्ता भर है. सो बी अलर्ट.

2. दोस्ती नहीं तो Sex Slave हैं आप….

दोस्ती प्रेम पर आधारित हर रिलेशनशिप की बहुत मजबूत नींव होती है, जब आप किसी से प्यार करते हैं, तो आप उसके दोस्त जरूर होते हैं. दोस्तों की तरह अपने लव पार्टनर के साथ हैंग आउट करना पसंद करते हैं. उसके साथ जोक्स शेयर करते हैं. जरूरत पड़ने पर एक-दूसरे के लिए हमेशा खड़े होते हैं और आपसी मतभेदों का सम्मान करते हैं. अगर आपके लव रिलेशनशिप से दोस्ती के पहलू को हटा दें तो फिर आपका सबंध उसके साथ मास्टर-स्लेव सरीखा हो जाता है.

जहां मालिक की इच्छा पूर्ति ही आपका इकलौता योगदान होता है रिलेशनशिप के नाम पर. अगर आपका पार्टनर आपसे दोस्त की तरह पेश नहीं आता और लव के नाम पर आपसे सेक्स करता है तो समझ जाइए कि आपका रिश्ता लस्ट की नींव पर टिका है. जो कभी भी भरभरा कर गिर सकता है.

3. सेक्स का 2.0  तो नहीं

जब दो लोग प्यार करते हैं, सेक्स सिर्फ एक फिजिकल एक्ट होता है. असली रिश्ता उसके बाद शुरू होता है और आपको इसका एहसास उसके स्पर्श करने के तरीके, बाहों में भरने और चुंबन के अंदाज से हो जाता है. सेक्स ही हो तो यह एक यांत्रिक यानी रोबोटिक रिलेशन बनकर रह जाता है जहाँ हम मशीनी कमांड की तरह सिर्फ सेक्स को ही तरजीह देते हैं. इसलिए प्यार अगर मशीनी होता जा रहा है तो चिंता की बात है.

साथ ही वह आपकी राय सम्मान करता है या नहीं? आप को भी सेक्सुअल प्लेज़र देने में दिलचस्पी रखता है? सिर्फ अपनी ही भूख मिटाता है? सेक्स के क्षणों में ही उत्साहित या आपके साथ हंसकर पेश आता है? जैसे फैक्टर भी तय करते हैं कि वह आपसे लव करता है लस्ट. सेक्स एक्सपर्ट मानते हैं कि सेक्सुअल एक्ट के बाद अगर आपका पार्टनर आपकी जिदगी से जुड़े असली मुद्दों पर ध्यान नहीं देता है और क्षणिक संतुष्टि पर फोकस रखता है तो ऐसे रिश्ते का कोई भविष्य नहीं होता.

4. फ से फ्यूचर…

यदि आपका रिश्ता पूरी तरह से वासना पर आधारित है, तो आपका पार्टनर भविष्य के बारे में कोई भी बात करने से बचेगा. जैसे पेरेंट्स से कब और कैसे मिलना है, उन्हें शादी के लिए कैसे मनाना है, शादी कब, कैसे करेंगे, घर कहां लेंगे, बच्चों के नाम क्या होंगे आदि.

दरअसल जो प्यार करते हैं वे एक एक-दूसरे के साथ भविष्य के सपने बुनते हैं. बिना फ्यूचर टाक के कोई भी रिश्ता टिकाऊ नहीं हो सकता है. यदि आपको भी उस से सेक्स से ही मतलब है तब कोई बात नहीं लेकिन अगर आपको उसके साथ अपना फ्यूचर नजर आता है जरा फिर से सोचिए. क्योंकि फ से फ्यूचर आपके लिए हो सकता है उसके लिए तो F से कुछ और ही होगा.

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5. तू किसी और से मिलके तो देख…

जो सिर्फ आपके शरीर से प्यार करते हैं और इस रिश्ते को लेकर गंभीर नहीं वे अक्सर आपको अकेले में ही मिलने के लिए फ़ोर्स करेंगे. यानी जब सेक्स की चाह होगी तो मिलेंगे लेकिन आपको अपने दोस्तों और परिवार से मिलाने से परहेज करेंगे. हमेशा कोई न कोई बहाना बनाकर अपने और आपके घरवालों से मिलने से बचेंगे. सब कुछ रहस्यजनक रहेगा. रिश्ते को निजी रखने की कोशिश का दिखावा कर आपको सब से अलग रखेंगे और सेक्स का आनंद लेंगे. इसलिए, अगर आपका साथी आपके सामने अपने परिवार और दोस्तों की बात नहीं करता तो यह प्यार नहीं है, बल्कि वासना है. दरअसल उनकी भावनाएं वासना की ओर हैं, वे सिर्फ आपके शरीर से प्यार करते हैं और कोई भावनात्मक कनेक्शन फील नहीं करते.

उम्मीद है इशारा समझ रहे होंगे और अगर 5 ट्रिक्स पढ़ ली हैं तो काफी हद तक अनुमान भी लगा लिया होगा कि आपका पार्टनर Lover है या Luster.

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