12 टिप्स: लव मैरिज में न हो ‘लव’ का एंड

नीलम और मानव ने लव मैरिज की है. लेकिन अब नीलम का कहना है कि उन का जीवन बहुत सामान्य हो गया है. एक-दूसरे के प्रति पहले जैसा उत्साह नहीं रह गया है. पहले वे एकदूसरे की बातों को जितना समझते थे अब उतना नहीं समझ पाते. नीलम कहती हैं कि शादी से पहले की जिंदगी और बाद की जिंदगी में काफी बदलाव आ जाता है, जिसे अच्छी तरह मैनेज करना हर किसी के बस की बात नहीं. नीलम का अनुभव ऐसे लोगों से मेल खाता होगा, जिन्होंने लव मैरिज की है. आखिर क्यों लव मैरिज करने के बावजूद लव गुम होता दिखाई देता है?

1. आकर्षण और प्यार के फर्क को समझें

बहुत से लोग आकर्षण को प्यार समझ लेते हैं और शादी का फैसला कर लेते हैं. यही कारण है कि शादी के बाद वे एकदूसरे को दोषी ठहराते रहते हैं. आकर्षण किसी के बोलने के तरीके, उस के लुक्स, किसी के अंदाज, किसी की कंपनी को ऐंजौय करने में होता है, लेकिन प्यार इस से अलग होता है. प्यार का मतलब है हर परिस्थिति में एकदूसरे का साथ निभाना, उसे समझना, उसे सही गाइड करना और उस के लिए खुशी से त्याग करना. इसे निभाना काफी मुश्किल होता है. मात्र पसंद को प्यार न समझें.

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2. पहले और बाद का अंतर

अकसर लोगों को यही शिकायत रहती है कि उन के साथी के शादी से पहले और बाद के व्यवहार में काफी फर्क आ गया है. प्राइवेट बैंक में कार्यरत गरिमा की लव मैरिज हुए 1 साल हो गया है. उस ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि उन्हें शादी के बाद अपने पति में बहुत से बदलाव देखने को मिले हैं. मसलन, उन को गुस्सा अधिक आने लगा है, जिस के चलते उन की लड़ाई कई बार बढ़ जाती है. थोड़ाबहुत गुस्सा पहले भी आता था, लेकिन वे जल्द ही शांत हो कर हमेशा उन्हें मना लेते थे. लेकिन अब वे उन्हें मनाते नहीं. ऐसी बहुत सी बातें होती हैं, जो पहले स्वभाव में कम नजर आती हैं और तब अकसर लोग इन्हें हलके से लेते हैं. लेकिन यही बातें बाद में रिश्ते में मुश्किल पैदा करती हैं जैसे अधिक गुस्सा आना, घुलमिल कर न रहना, एक्सप्रैसिव न होना, गैरजिम्मेदाराना व्यवहार आदि.

3. महत्त्वपूर्ण फैसलों पर विचारविमर्श

प्यार का मतलब अपनेआप को भूलना नहीं होता. अगर ऐसा करेंगे तो अपनी जिंदगी से संतुष्ट नहीं रहेंगे और जिस प्यार के लिए कर रहे होंगे उसे भी खुश नहीं रख पाएंगे, इसलिए अपने भावी लक्ष्य, अपनी इच्छाएं, अपने साथी से शेयर करें और उन्हें भी शेयर करने के लिए कहें. उन्हें ध्यान से सुनें और उन पर विचार करें, क्योंकि अकसर लोग लव मैरिज में प्यार को सब से ऊपर तो रखते हैं, लेकिन जब जिंदगी की हकीकत से सामना होता है, तो निभाना काफी मुश्किल हो जाता है, खासतौर पर लड़कियों के लिए. अत: अगर शादी के बाद भी आप कामकाजी बनी रहना चाहती हैं या पढ़ाई जारी रखना चाहती हैं, तो शादी से पहले इस संबंध में बात कर लें. इसी तरह अगर लड़का विदेश में सैटल होने की सोच रहा हो या उस का संयुक्त परिवार हो तो कुछ बातों के लिए पहले से तैयार रहना चाहिए.

4. आर्थिक आत्मनिर्भरता

प्यार में हमेशा यह परख लेना चाहिए कि आप का साथी कितना काबिल है. जहां प्यार करने से पहले प्यार के काबिल बनना जरूरी है, वहीं शादी से पहले आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर होना भी बहुत जरूरी है. खासतौर से लव मैरिज में, जहां फैसला आप ने लिया है. इसलिए परिवार की उतनी मदद नहीं मिल पाती. फिर आर्थिक तौर पर निर्भर होना न सिर्फ आप की शादी के लिए परिवार को मनाना आसान बनाएगा, आप के भविष्य के लिए भी यह बहुत जरूरी है ताकि आर्थिक कमी आप के रिश्तों में दरार न लाए.

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5. एकदूसरे की तारीफ करें

बहुत से लोगों की यह धारणा होती है कि अगर आप का पार्टनर आप के लिए कुछ अच्छा कर भी रहा है तो वह उस का कर्तव्य है, यह समझ कर आप उस की तारीफ नहीं करते. लेकिन इस से आप अपना रिश्ता फीका बना देंगे. आप को यदि अपने साथी का कोई काम अच्छा लगे तो उस की तारीफ करें. इस से आप का रिश्ता मजबूत बनेगा.

6. उपहार और चौंकाती खुशियां

शादी से पहले तो आप ने एकदूसरे को कई गिफ्ट दिए होंगे, पर शादी के बाद भी यह सिलसिला बरकरार रखना चाहिए. मगर यह जरूरी नहीं है कि गिफ्ट्स पर काफी पैसा खर्च किया जाए. बस, अपने साथी की पसंद के अनुसार छोटेछोटे गिफ्ट भी दिए जा सकते हैं. सरप्राइजेज हमें जवां बनाते हैं और जिंदगी में जोश भी लाते हैं, लेकिन शादी के बाद भी अगर आप सरप्राइजेज से अपने पार्टनर को खुश रखेंगे तो यकीन मानिए, आप की जिंदगी कभी बोरिंग नहीं होगी.

7. एकदूसरे को स्पेस दें

शादी से पहले आप की जिंदगी में हर जगह आप का पार्टनर छाया हुआ था और उस की पोजैसिवनैस अच्छी भी लगती थी, लेकिन जरूरी नहीं कि शादी के बाद भी यह ऐक्स्ट्रा केयरिंग नेचर अच्छा लगे. इसलिए रिश्ते में स्पेस बनाए रखना चाहिए. हर बात पर प्रश्न नहीं पूछना चाहिए न ही हर मामले में दखल देना चाहिए. एकदूसरे के निर्णयों पर भरोसा करना जरूरी है. हर किसी की अपनी निजी जिंदगी भी होती है. उसे बनाए रखने में सहयोग देना चाहिए वरना शादी का बंधन कैद लगने लगेगा.

8. खुद की पहचान

अकसर लोग शादी के बाद यही सोचते हैं कि उन की खुशियां तो सिर्फ उन के साथी से, उन के गम हैं तो उन के साथी से. खासतौर से लव मैरिज में जहां पहले से ही वे एकदूसरे में इतना खोए रहते थे तो शादी के बाद तो उम्मीदें और बढ़ जाती हैं. लेकिन यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि हर किसी का अपना व्यक्तित्व, अपनी सोशल लाइफ, अपनी पसंद होती है, इसलिए अपनी चीजों को एकदम अनदेखा नहीं करना चाहिए. मसलन, शादी के बाद दोस्तों से मेलजोल एकदम से खत्म नहीं करना चाहिए. यह सही है कि समय की कमी के कारण दोस्त छूट जाते हैं, लेकिन कुछ दोस्तों का जिंदगी में बने रहना जरूरी होता है. इस से आप का सोशल सर्कल होगा तो आप अपनी लाइफ को भी ऐंजौय कर पाएंगे.

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9. सजनासवंरना

अकसर शादी के बाद पति हो या पत्नी अपनी तरफ ध्यान देना छोड़ देते हैं, जबकि शादी से पहले वे एकदूसरे के लुक्स से काफी प्रभावित हुए थे. हर कोई चाहता है कि उस का साथी देखने में अच्छा लगे, उसे डौमिनेट करने के बजाय अच्छा सुझाव देना चाहिए कि उस पर क्या अच्छा लगेगा. साथ ही अपनेआप को भी संवार कर रखना चाहिए ताकि सारी जिंदगी आप अपने साथी को अपनी अदाओं का कायल बना कर रख सकें.

10. अपनी अपेक्षाएं शेयर करें

अकसर दंपती यही सोचते हैं कि जैसे शादी से पहले उन का पार्टनर बिना कहे उस की बातों को समझ जाया करता था, शादी के बाद भी समझ जाएगा. लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि पहले उन की जिंदगी बहुत ही सीमित थी. अब उन की जिंदगी में बहुत से लोग जुड़ गए हैं. जिन्हें साथ ले कर उन्हें चलना है. इसलिए हर चीज समझने के लिए इतना समय नहीं मिल पाता. बेहतर यही होगा कि अपनी इच्छाएं या जो आप चाहते हैं, उसे अपने पार्टनर को बताएं. वह उन पर गौर जरूर करेगा. अंदर ही अंदर न घुटें. इस से आप अपने मन में सिर्फ गुस्सा ही पालेंगे. अपनी बात शेयर करने से आप अपनी मुश्किल का हल शुरू में ही निकाल लेंगे.

11. सुझाव दें मगर थोपें नहीं

अकसर लोगों में यह आदत होती है कि जब उन्हें अपनी कोई बात मनवानी होती है तो वे कसम दे देते हैं. मसलन, पत्नी नहीं चाहती उस का पति धूम्रपान करे तो वह कसम दे कर छुड़वाने की कोशिश करती है, जो सरासर बेवकूफी है. बेहतर है कि अगर आप अपने साथी की कोई आदत छुड़ाना चाहते हैं, तो उसे सिर्फ उस आदत के परिणामों से अवगत करवाएं. यकीनन वह उसे छोड़ने की कोशिश करेगा. अपने निर्णयों को दूसरे पर थोपना गलत है, क्योंकि ऐसे निर्णय ज्यादा दिन टिक नहीं पाते हैं.

12. लाइफस्टाइल के साथ दिल से ऐडजस्ट

शादी से पहले आप अलग परिवारों के हिस्से थे. दोनों के तौरतरीकों में फर्क था. पहले यह बुरा इसलिए नहीं लगता था, क्योंकि एक सीमित समय में साथ रहते थे, उस का खास फर्क दूसरे की जिंदगी पर नहीं पड़ता था. पर अब जब शादी हो चुकी है, तो उन के लाइफस्टाइल को स्वीकार करना चाहिए. मसलन, पति नानवेज खाता है. पहले वह आप के साथ नहीं खाता था, पर अब आप उस के परिवार का हिस्सा हैं तो हर वक्त इस स्थिति से बचना संभव नहीं. इसलिए इसे स्वीकार कर लेना चाहिए. हर किसी को उस का प्यार लाइफ पार्टनर के रूप में नहीं मिलता. अगर आप को यह हसीन तोहफा मिला है तो मनमुटाव में समय न बिताएं. अगर एकदूसरे की भावनाओं का ध्यान रखते हुए अपने रिश्ते को निभाने की उत्साहपूर्ण कोशिश करेंगे तो आप के ‘लव’ का मैरिज के बाद कतई एंड नहीं होगा.

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