प्यार खुद से और लाइफ पार्ट्नर से

‘योर बैस्ट ईयर एट’ की लेखिका जिन्नी डिटजलर कहती हैं कि अगर आप चाहते हैं कि आप का प्रत्येक वर्ष विशेष व अच्छा हो, तो अपने आप से प्रेम करने एवं आनंद प्राप्ति हेतु सब से पहले अपने प्रति दयावान बनो. जब तक आप चिंतामुक्त रहने का तरीका नहीं सीखोगे तब तक अपने आप को खुश नहीं रख सकते और दूसरों के साथ उदार व्यवहार नहीं कर सकते. इसलिए स्वयं से प्रेम करो और स्वयं को असंतोष और पछतावे से मुक्त रखो.

अपने आप को स्वीकार करो

जब आप स्वयं से बिना शर्त प्रेम करते हो, तो यह गुण आप की औरों से प्रेम करने की योग्यता में वृद्धि करता है. योग गुरु गुरमुख और खालसा कहती हैं कि स्वयं से प्रेम करना सांस लेने की भांति है. जबकि आमतौर पर होता यह है कि हम स्वयं से और अपने सपनों से अलग हो जाते हैं, इसलिए दुखी रहते हैं.

जिन्नी कुछ व्यावहारिक तरीके स्वयं से जुड़ने के लिए बताती हैं, जो हैं अच्छा खाना, ध्यान, नए चलन के कपड़े पहनना, दान देने की कला और जीवन के उद्देश्य प्राप्त करना इत्यादि.

100 दिन के नियम

मोनिका जांडस, जिन्होंने ‘स्वयं से प्रेम करें’ नाम से प्रचार अभियान चलाया है, कहती हैं कि स्वयं को प्रेम भरा आलिंगन दो. स्वयं से प्रेम करोगे तो आजीवन प्रेम मिलेगा. जब मैं ने प्रचार शुरू किया तो मैं लोगों से चाहती थी कि वे स्वयं को 100 दिन 100 तरीकों से प्रेम करें. मैं चाहती थी लोग स्वयं की देखभाल करें. जीवन के प्रति लगाव रखें और अपनी भावनाओं को व्यक्त करें. आप विभिन्न चीजों को विभिन्न तरीकों से प्रतिदिन व्यवहार में लाने से स्वयं से प्रेम करना शुरू कर सकते हो. साथ ही अपना जीवन उद्देश्य तय कर के अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकते हो.

पूर्वाग्रह को न कहो

पूर्वाग्रह का कभी पुलिंदा न बांधो. जहां भी संभव हो क्षमादाता बनो. माइकल डिओली, जो ‘आप के लिए उत्तम संभावनाएं’ के लेखक भी हैं, कहते हैं कि जीवन में सुगम यात्रा के लिए व्यक्ति को पूर्वाग्रहों के अतिरिक्त भार से समयानुसार मुक्त हो जाना चाहिए. केवल जरूरत पड़ने पर ही व्यक्ति को एक स्थान पर रुकना चाहिए. आप का द्वेष, आप का नकारात्मक आचरण, आप की सनक, द्वंद्व, क्रोध और आप की उदारता की कमी, आप को अच्छे संबंध बनाने से रोकती है.

अनीता मोरजानी, जो नैतिक उत्थान परामर्शदाता एवं लेखिका भी हैं, कहती हैं कि वास्तव में स्वयं के शत्रु हम स्वयं हैं और स्वयं के कठोर आलोचक भी. यदि औरों के प्रति भी हम इसी तरह का रवैया रखते हैं, तो हम हर व्यक्ति का आकलन एक ही दृष्टिकोण से करते हैं. हमें अपने जीवन के प्रत्येक पहलू को स्वीकार करना चाहिए, चाहे वह अच्छा हो या बुरा.

दूसरों के अधीन न बनो

सामान्य जीवन जीते हुए भी अगर मौका मिले तो पूर्ण आनंद लेने से खुद को मत रोको. मनोवैज्ञानिक रोहित जुनेजा, जो ‘दिल से जियो’ के लेखक भी हैं, कहते हैं कि हम स्वयं के सुख और विवाद के मुख्य स्रोत हैं. हम सभी मानव हैं और गलती करना मानवीय प्रवत्ति है. श्रेष्ठता के लिए दूसरों के अधीन न बनो और स्वयं के बारे में गलत राय भी न बनाओ. जरूरतमंद व्यक्तित्व प्रभावशाली नहीं होता. जीवन के उतारचढ़ाव के कारण स्वयं को जीवन के आनंदमयी क्षणों का आनंद लेने से वंचित न रखो.

स्वयं से प्रेम कैसे मुमकिन

स्वयं से प्रेम करने के लिए दिन में कम से कम 5 मिनट ध्यान करो जो रक्तचाप को कम कर जठराग्नि प्रणाली मजबूत करता है और साथ ही जीवन को प्रभावशाली तरीके से जीने योग्य बनाता है. ध्यान आप की स्मरण शक्ति में भी वृद्धि करता है, दुखों से लड़ना सिखाता है और आप के आवेश को रोकता है. तब आप स्वयं को प्रेम करने लगते हैं क्योंकि ध्यान आप की मानसिकता और स्वास्थ्य में वृद्धि करता है. यह खुशी प्रदान करने वाले हारमोंस का भी संचार करता है.

पारिवारिक समस्याएं

आप के निरंतर याद दिलाने और टोकने पर भी अगर आप का जीवनसाथी, घर के बिल, चाबी और घर के अन्य जरूरी सामान सही जगह पर नहीं रखता है, तो समस्या है कि खत्म ही नहीं होती और आप की परेशानी का कारण भी बन जाती है.

ऐसा कछ होने पर परेशानी में उलझे रहने के बजाय यह सोचो कि आप ने जिस व्यक्ति से विवाह अपना सुखदुख साझा करनेके लिए किया है, उस के साथ आप को असमानता का साझा भी करना है. आप अपनी चिंता को सहज रूप से जीवनसाथी के समक्ष रखो और घर की व्यवस्था एवं निजी जरूरतों के बारे में भी बात करो.

इसी प्रकार कई बार थकावट के कारण कुछ पुरुष संभोग के इच्छुक नहीं होते, जिस के कारण संबंध बनाते समय उन में गर्मजोशी की कमी रहती है. ऐसे में उन की इच्छा के विरुद्ध अगर उन की जीवनसंगिनी उन से यौन संबंध बनाती है तो वे असहज महसूस करते हैं. जिस से जीवनसंगिनी असंतुष्ट रह जाती है.

इस संबंध में यौन विशेषज्ञों का कहना है कि हर 3 में से 1 युगल तब यौन संतुष्टि न होने की समस्या का सामना करता है जब एक साथी इच्छुक होता है और दूसरा इच्छुक नहीं होता. कई बार ऐसी दुशवारियों के कारण आप के दांपत्य जीवन की डोर टूटने की कगार पर आ जाती है. संभोग आप के लिए मात्र औपचारिकता नहीं है, बल्कि एक महत्त्वपूर्ण आवश्यकता है. यदि आप का साथी संभोग हेतु इच्छुक नहीं है तो यौन इच्छा जाग्रत करने के कई कई उपाय हैं. आप उसे गुदगुदाएं तथा प्रेम भरी व कामुक वार्त्ता करें. इस से आप के साथी की यौन इच्छा जाग्रत होगी और वह यौन क्रिया हेतु तत्पर हो कर आप से सहयोग करने लगेगा. इस से आप दोनों ही यौन संतुष्टि पा सकोगे.

कामकाजी समस्याएं

औफिस से घर लौटने पर आजकल कई पुरुष लैपटौप या डिनर टेबल पर काम से संबंधित फोनकाल में व्यस्त रहते हैं, जो उन की जीवनसंगिनी की नाराजगी का कारण बनता है क्योंकि पूरे दिन के बाद यह समय आपसी बातचीत का होता है.

जब आप का जीवनसाथी लैपटौप या फोनकाल में व्यस्त हो, तो उसी समय समस्या पर तर्कवितर्क करने के बजाय मुद्दे को सही समय पर उठाएं और उसे प्रेमपूर्वक बताएं कि हम दोनों को साथ समय बिताने की सख्त आवश्यकता है. इस में किसी भी प्रकार का व्यवधान नहीं होना चाहिए. यदि आप को रोज समय नहीं मिलता तो हफ्ते का एक दिन भी सिर्फ मेरे लिए रखो.

जीवन को रसीला बनाए रखने हेतु चुंबन की सार्थकता से इनकार नहीं किया जा सकता. इस संबंध में किए गए सर्वे का निष्कर्ष यह है कि नौकरी, बच्चे, आदत और पारिवारिक उत्तरदायित्व के कारण विवाहित युगल दिन में केवल 4 मिनट साथ होते हैं. वह वक्त वे चुंबन या प्रेमवार्त्ता को देते हैं तो दांपत्य जीवन में खुशहाली बनी रहती है.

एक आम युगल साल में 58 बार संभोग करता है यानी औसतन सप्ताह में एक बार. इसलिए सिर्फ सैक्स नहीं मित्रता, हासपरिहास, उदारता, क्षमापूर्ण स्वभाव व संभोग से बढ़ कर दंपती के बीच आपसी विश्वास सुखद  वैवाहिक जीवन के लिए महत्त्वपूर्ण आवश्यकता है. इस के साथ ही जो व्यक्ति अपनी जीवनसंगिनी का सुबह के समय चुंबन लेते हैं, वे चुंबन न लेने वालों की तुलना में 5 वर्ष दीर्घ आयु वाले होते हैं. इसलिए चुंबन व प्रेमवार्त्ता हेतु समय अवश्य निकालें.

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आप भी खूबसूरत हैं

प्रतिभा उस समय 22 साल की थी और मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रही थी. उसी कॉलेज का बेहद आकर्षक लड़का अनुराग अक्सर प्रतिभा के आसपास मंडराता रहता. प्रतिभा खुद काफी साधारण शक्ल सूरत वाली सांवली सी लड़की थी जो एक औसत मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती थी. जबकि अनुराग बहुत बड़े घर का इकलौता बेटा था. अनुराग ने कई बार प्रतिभा को एहसास दिलाया कि वह उस से बेहद प्यार करता है. प्रतिभा को समझ में नहीं आता कि आखिर अनुराग जैसा हैंडसम लड़का उस की जैसी साधारण सी लड़की को क्यों पसंद करता है.

एक दिन उस ने अपनी यह शंका अनुराग के आगे जाहिर की तो वह हंसता हुआ बोला,” प्रतिभा तुम्हारी यह जो आंखें हैं न, बहुत गहराई है इन में. ऐसा लगता है जैसे बहुत कुछ छिपा हुआ है इन में. मेरा दिल करता है मैं इन आँखों में डूब जाऊं और फिर तुम्हारा यह जो लेखन है, शब्दों को इतनी सहजता से पिरोती हो, यह तुम्हारे दिल की पवित्रता और खूबसूरती को दर्शाता है. तुम्हारा व्यक्तित्व दूसरों से हट कर है. यही मुझे अपनी तरफ खींचता है. ”

प्रतिभा के लिए अनुराग के मुंह से अपने बारे में यह सब सुनना बेहद सुखद था. मगर कहीं न कहीं प्रतिभा को इस बात का डर अब भी था कि क्या सच में अनुराग के मन में उस के लिए यह प्यार हमेशा ऐसा ही बना रहेगा या कभी किसी खूबसूरत लड़की से मिल कर वह उस की तरफ आकर्षित हो जाएगा. एक हीनभावना या यों कहिए कि खुद को आकर्षक न मानने की वजह से वह पूरे दिल से अनुराग को स्वीकार नहीं कर पा रही थी और उस से दूर दूर भाग रही थी.

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इस तरह की बातें अक्सर हमारी जिंदगी में देखने को मिलती हैं जब हम अपनी ही हीनभावना में फंस कर कुछ अच्छा पाने की उम्मीद खो बैठते हैं. दरअसल बचपन से लड़कियों के मन में यह बात भर दी जाती है कि उस के लिए सुन्दर दिखना कितना जरूरी है. उस के अबोध मन को समझाया जाता है कि सुन्दर लड़कियों को ही राजकुमार मिलते हैं. बदसूरत लड़कियों को कोई पसंद नहीं करता. उन की शादी होने में भी बहुत परेशानी होती है.

36 साल की प्रिया गोस्वामी अपना बचपन याद करते हुए कहती हैं,” जब में छोटी थी तो अभी से ज्यादा सांवली थी. दुबलीपतली भी थी और नाकनक्स भी बहुत साधारण थे. मेरे विपरीत मेरी बहन दूध सी गोरी और चपल सयानी थी. दिखने में बहुत प्यारी थी. पापा उसे शहजादी पुकारा करते. हम दोनों बहनों के लिए नए कपड़े आते तो वह उन्हें पहन कर खिल जाती. पापा तारीफ़ करते और वह उछलती हुई मोहल्ले में सब को दिखाने भाग जाती जब कि मैं घर में घुसी रहती. क्योंकि कोई मेरी तारीफ नहीं करता. बड़ी होने के बाद भी मेरे अंदर हीनभावना बनी रही. मैं ने पूरा ध्यान पढ़ाई पर लगाया. खाली समय में पेंटिंग किया करती. लोग मेरी पेंटिंग की तारीफ करते. मेरी पेंटिंगें काफी महंगी कीमत में बिकने लगीं. इधर मैं ने पीसीएस भी कम्पीट कर लिया. अब घर में हर कोई मेरी तारीफ करता है. मेरे स्वभाव, काबिलियत और हुनर की हर जगह चर्चा होती है. लोगों ने मेरी आंतरिक खूबसूरती को पहचाना और अब मुझे कोई शिकायत नहीं.”

यह सच है कि हम जैसे हैं हमें खुद को उसी रूप में स्वीकार करना चाहिए. अपने मन में कोई ग्लानि या हीनभावना नहीं रखनी चाहिए. खुश और संतुष्ट रहना चाहिए. अपनी काबिलियत बढ़ानी चाहिए. आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच रखनी चाहिए. इस से चेहरे पर एक तेज और चमक आती है और आप खूबसूरत दिखती हैं. साथ ही आप को हमेशा अपनी फिटनेस का ख़याल रखना चाहिए. इस से आप का फिगर भी मेन्टेन रहेगा. मातापिता को भी हमेशा अपनी बच्ची का हौसला बढ़ाना चाहिए.

अक्सर हम यह देख कर चकित रह जाते हैं कि किसी बेमेल जोड़ी में बेहद प्यार है. दरअसल प्यार सिर्फ सूरत देख कर नहीं होता. ऐसी बहुत सी बातें हैं जो सामने वाले को अट्रैक्ट कर सकती हैं. भले ही आप को लगता है कि आप खूबसूरत नहीं या आप अट्रैक्टिव नहीं. मगर कहीं न कहीं कुछ ऐसी चीजें होती हैं जो हम खुद भी नहीं समझ पाते कि हमारे अंदर यह कितना खूबसूरत है.

खूबसूरती के मायने

खूबसूरती दो तरह की होती है. एक होती है बाहरी खूबसूरती यानी आप का रंगरूप. आप खूबसूरत कही जाएंगी यदि आप गोरी हैं, आप के लंबे काले बाल हैं, बड़ीबड़ी खूबसूरत आंखें हैं, आप का फिगर बिलकुल परफेक्ट है, आप के बोलने का अंदाज खूबसूरत है, आवाज मधुर है और इंग्लिश फ़्लूएंट है. आप की चाल में और बातचीत में आत्मविश्वास झलकता है. यह सब चीजें बाहरी रूप से किसी को भी एक नजर में आकर्षित कर सकती है. सामान्यतया लोग इस बाहरी खूबसूरती को ही वास्तविक सुंदरता समझते हैं.

मगर वास्तव में देखा जाए तो बाहरी खूबसूरती के साथसाथ एक और खूबसूरती होती है और वह है आंतरिक खूबसूरती. आप का दिल खूबसूरत हो, आप के कर्म सुंदर हो, आप की आंखों में गहराई हो, बातों में एक आकर्षण हो, आप के बोलने का लहजा भले ही बहुत खूबसूरत न हो मगर आप जो बोल रही हैं उस बात मे या उन शब्दों में एक आकर्षण होना चाहिए. आप की सोच, आप के विचार, किसी चीज को समझने की आप की शक्ति, किसी बात या किसी चीज को ले कर आप का नज़रिया, ये सब बातें किसी को आकर्षक बनाने में बहुत मायने रखती है.

आप का हुनर आप को खूबसूरत बनाता है

इसी तरह कई लोगों में कुछ खास गुण होते हैं, कुछ ऐसा हुनर होता है जो उन को खास बनाता है. जैसे कोई लेखन करता है, शब्दों के खूबसूरत जाल बुन कर नई रचनाओं को जन्म देता है, कोई खूबसूरत पेंटिंग बनाता है, किसी की आवाज बहुत मधुर होती है और वह बहुत सुरीला गाता है, कोई डांस करने में माहिर होता है, कोई अदभुत कलाकृतियां या मूर्तियां बनाने में माहिर हो सकता है. कोई हाथ के काम करने या कढ़ाईसिलाई में माहिर होता है. कुछ लोगों में आदमी को पहचानने की समझ होती है. ये खूबियां आप को खूबसूरत बनाती हैं.

स्वभाव भी बनाता है खूबसूरत

यदि आप मिलनसार हैं, दूसरों को समझती हैं, किसी से आप का झगड़ा नहीं होता, आप सब के साथ मीठी बातें बोलती हैं, मिलजुल कर रहना जानती हैं तो ये सारी खूबियां आप को दूसरों की नजरों में अट्रैक्टिव बनाती हैं. आप लोगों को तब भी आकर्षक लग सकती हैं जब वे आप के साथ कंफर्टेबल फील करते हैं. आप उन के कहने से पहले उन के मन की बात समझ लेती हैं. उन के लिए हर समय मदद को तैयार रहती हैं. बिना बोले भी दूसरों की मदद करती हैं. दूसरों की जिंदगी में खुशिया लाती हैं. चेहरे पर मुस्कान सजाती हैं. माहौल में रंग भर देती हैं. आप एक फ्रेंडली बिहेवियर रखना जानती हैं. आप उन के दुःख से दुखी और सुख से सुखी होती हैं.

अगर आप के अंदर यह क्वालिटी है कि कोई इंसान कितना भी परेशान या उदास क्यों न हो, आप उसे हंसा सकें, उस के मन में खुशी पैदा कर सकें तो यह स्वभाव आप को खूबसूरत बनाता है. अगर आप एक ईजी गोइंग लेडी हैं, कोई भी बात बहुत सोचसमझ कर कर कहती हैं, ऐसा नहीं है कि जो मन में आया बोल दिया, दूसरे को कंफर्टेबल फील करा सकती हैं , कॉम्प्लिकेटेड नहीं है, आप के अंदर सरलता है तो यह भी आप की एक बहुत बड़ी क्वालिटी है. इसे आप खुद महसूस नहीं कर सकती पर सामने वाला यह बात महसूस कर पाता है. वह आप की खूबसूरती को पहचान पाता है.

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मन की सुंदरता

इसी तरह यदि आप बड़ों को पूरा सम्मान देती हैं और सब के साथ विनम्रता से पेश आती हैं, अपने वचन की पक्की हैं, सहनशील हैं मगर कभी अन्याय नहीं सहतीं. भले ही आप इन खूबियों को महत्वपूर्ण न मानें मगर सामने वाले को आप के मन की यह सुंदरता आकर्षित कर सकती है.

यदि आप आशावादी हैं, सकारात्मक सोच रखती हैं, कैसी भी परिस्थिति आ जाए अपने चेहरे से हंसी गायब नहीं होने देती और यही हुनर दूसरों को सिखाती हैं तो आप के साथ रहने वाले व्यक्ति खुद भी पॉजिटिव एनर्जी से भर जाते है. यह आप के व्यक्तित्व की एक बहुत खास विशेषता है. आप की इस खूबी की वजह से लोग आप के प्रति आकर्षित होंगे.

इसलिए कभी यह न सोचे कि बस जो बाहरी खूबसूरती है वही महत्वपूर्ण है बल्कि अपनी आंतरिक खूबसूरती को पहचानिये. आप के स्वभाव की खूबसूरती, सहजता, आप का आत्मविश्वास और आप के अंदर की खूबियां किसी को आकर्षित करने की बहुत बड़ी वजह हो सकती हैं.

खूबसूरत दिखने के ये अजबगजब प्रयास ( बॉक्स मैटर )

कई जगह महिलाएं खूबसूरत दिखने के लिए कुछ अजीबअजीब से तरीके भी आजमाती हैं;

1. महिलाओं की लंबी गर्दन सुंदरता की निशानी

म्यांमार से भाग कर थाईलैंड बसने वाले कयान लाहवी कबीले की महिलाएं अपनी गर्दन में पीतल के मोटे छल्‍ले पहनती हैं जिस से गर्दन लंबी हो सकें. इस समाज में लंबी गर्दन होने का मतलब खूबसूरत और आकर्षक होता है. 5 साल की उम्र से लड़कियों को ये छल्ले पहना दिए जाते हैं. इस का वजन 10 किलो तक होता है. जैसेजैसे इन की उम्र बढ़ती है गर्दन के छल्‍लों की संख्या भी बढ़ने लगती है. ये औरतें थाईलैंड आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं.

2. ईरान में सर्जिकल नाक

लम्बी नाक खूबसूरती में अहम् भूमिका निभाती है मगर इस के पीछे पागल हो जाना सामान्य बात नहीं. ईरान में इसे फैशन कहा जाता है. यहां के लोग सीधी नाक के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. सीधी नाक को यहां के लोग खूबसूरत ही नहीं बल्कि समाजिक प्रतिष्ठा को बढ़ाने वाला भी मानते हैं. वहां लगभग 100 में 20 महिलाएं राइनोप्लास्टी सर्जरी कराती हैं.

3 . अफ्रीका में महिलाओं के लंबे कान

अफ्रीका में मसाई जनजाति की महिलाएं अपने कान को लंबे और सुन्दर बनाने के लिए पत्थरों से बने भारी गहने पहनना पसंद करती है.

4. न्यूजीलैंड की महिलाओं का टैटू

न्यूजीलैंड में रहने वाली माओरी जनजाति की महिलाएं पारंपरिक तौर पर पुरुषों को आकर्षित करने के लिए अपनी होठों पर और होंठ के नीचे टैटू बनवाती हैं. इस प्रथा को टामोको कहते हैं.

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