मिलिए ‘अनुपमा’ की ‘काव्या’ से, जो हैं मिथुन चक्रवर्ती की बहू

 फिल्म ‘सम्राट एंड कंपनी’ से चर्चित होने वाली अभिनेत्री मदालसा शर्मा चक्रवर्ती ने तेलगू फिल्म से अभिनय कैरियर की शुरुआत की है. विनम्र और हंसमुख मदालसा अभिनेत्री शीला शर्मा और निर्माता, निर्देशक सुभाष शर्मा की बेटी है. मदालसा को बचपन से अभिनय का माहौल मिला है. यही वजह है कि अभिनय के अलावा वह किसी और फिल्ड के बारें में नहीं सोच सकती थी. उन्होंने हर फिल्म में अपनी एक अलग पहचान बनाने की कोशिश की है. काम के दौरान मदालसा का परिचय अभिनेता मिठुन चक्रवर्ती के बेटे मिमोह से हुआ. प्यार हुआ और शादी की. वह अपनी शादी शुदा जिंदगी से बहुत खुश है, क्योंकि मिमोह एक केयरिंग पति है. मदालसा अभी स्टार प्लस की धारावाहिक अनुपमा में डेब्यू कर रही हैं, जिसमें वह काव्या जावेरी की भूमिका निभा रही है. शूटिंग के दौरान उन्होंने समय निकालकर बात की पेश है अंश. 

सवाल-कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सेट पर किस तरह की एहतियात बरती जा रही है?

सेट पर शुरू से तैयारी की जा चुकी है. अभी सेफ्टी को मुख्य रूप से ध्यान में रखा गया है. प्रोड्यूसर ने सारे एक्टर्स और क्रू के लिए जरुरी सेनिटाइजेशन की प्रक्रिया को पूरी तरह से फोलो किया है. हर दो घंटे में चारों तरफ सेनिटाइज किया जाता है. सुबह काम पर आने और जाते सबका तापमान चेक किया जाता है. ओक्सिमीटर से ऑक्सिजन का लेवल देखा जाता है. पूरा दिन मास्क पहनकर रहना पड़ता है. केवल शूट के समय मास्क उतारकर दृश्य किये जाते है. इसके अलावा हम सब खुद का भी बहुत ख्याल रख रहे है.

सवाल-अनुपमा धारावाहिक में आपने एक मॉडर्न लड़की की भूमिका निभाई है, जिसे बॉस से प्यार हो जाता है, इसे आप कैसे लेती है?

ये कहानी बहुत रीयलिस्टिक है. कोई माने या न माने ऐसा कई ऑफिसों में होता है. पुराने दौर में अब हम नहीं है, जो सही है उसे ही लोग देखना पसंद भी करते है. धारावाहिके भी वैसी ही बनाई जाती है. पहले जैसी मनगढ़ंत कहानियों पर आज की पीढ़ी खुद से रिलेट नहीं कर सकती. कहनी वही दर्शकों को पसंद आती है, जिससे वे खुद को जोड़ सकें. इस शो में मेरी भूमिका हर एक इमोशन को दिखाती है, जिसे लोग पसंद कर रहे है. 

सवाल-इस भूमिका से आप अपने आप को कितना जोड़ पाती है?

जो नेचुरल एलिमेंट इसमें है उससे मैं अपने आपको जोड़ पाती हूं. मैं भी एक आत्मनिर्भर लड़की हूं. आज के खयालात है और परिवार के मूल्यों को भी समझती हूं. बहुत हद तक मैं इससे अपने आपको जोड़ पाती हूं, इसलिए करने में अच्छा भी लग रहा है.

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सवाल-मिमोह से आप कब और कैसे मिली?

काफी सालों से हम एक दूसरे को जानते है. मेरी माँ अभिनेत्री शीला डेविड शर्मा काफी साल पहले मिमोह के साथ एक फिल्म की थी. उस दौरान एक इवेंट में मैं माँ के साथ गयी थी. वहां मेरी मुलाकात मिमोह से हुई करीब 7 से 8 साल पहले की बात है. हम दोनों दोस्त बने और हमारी एक अच्छी दोस्ती थी. एक समय बाद हम दोनों फिर एक बार मिले प्यार हुआ और शादी हुई. ये समय के साथ होता गया.

सवाल-मिमोह की खूबी, जिसे आप बहुत पसंद करती है?

वे बहुत अधिक केयरिंग स्वभाव के है और शुरू से ही उनका ये स्वभाव मुझे पसंद है. वह उनके पेरेंट्स से लेकर हम सभी की बहुत देखभाल करते है. बहुत अच्छे इंसान है. वही मेरे लिए सबसे बड़ी वजह उन्हें पसंद करना है. 

सवाल-क्या अभिनय के अलावा आपने कुछ और सोचा था?

मैंने बचपन से पेरेंट्स को फ़िल्मी माहौल में देखा है. मेरे पिता निर्माता निर्देशक है, इसलिए हमेशा फिल्मों को लेकर ही चर्चा चलती रहती थी. माँ भी अभिनय से जुडी थी. माहौल आसपास यही था, इसलिए बचपन से पैशन अभिनय करने का ही था. 

सवाल-दिग्गज कलाकार मिठुन चक्रवर्ती से आपका कभी मिलना हुआ, उनकी किस खूबी को आप सराहती है?

पहली बार जब मैं उनसे मिली थी, तो उन्होंने मुझसे पूछा था कि मैं उनके बेटे की जिंदगी में हमेशा के लिए शामिल हो सकती हूं या नहीं. ये बात उन्होंने अपने बेटे से भी पूछा था, जो मुझे अच्छा लगा था. वे बहुत वास्तविक इंसान है. बहुत विनम्र है, हर किसी से बहुत ही विनम्रता से बात करते है. वे मेरे डैड है और ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है. मैं कई बार उनसे मिली हूं. हर बार कुछ अच्छा सीखने को मिलता है. छोटी-छोटी चीजो का भी वे मेरे लिए ध्यान रखते है. जब भी हम कभी उनकी ग्रोथ को लेकर बात करते है, तो आज भी उनकी मेहनत और लगन को देखकर हम सभी चकित हो जाते है. इतना स्टारडम मिलने के बाद भी वह आज किसी काम को सही तरीके से करने के लिए बहुत मेहनत करते है और मैंने उनसे इसे सीखा है. इसके अलावा वे बहुत अच्छा खाना बनाते है. खाने की सुगंध इतनी अच्छी होती है कि मैं किचन के आगे ही घूमती रहती हूं और उस डिश को खाने का इंतजार करती हूं. 

सवाल-अपनी जर्नी से कितना संतुष्ट है?

ये धारावाहिक मेरी पहली शो है, पर मैंने 16 से 17 फिल्में की है. मैंने 16 साल की उम्र में पहली फिल्म की थी. तबसे लेकर आज तक काम कर रही हूं. जो भी काम आया में अपना सौ प्रतिशत कमिटमेंट दिया है. इसमें कुछ सफ़ल तो कुछ फिल्में असफल भी रही है, इसे मैं अपना डेस्टिनी मानती हूं. 

सवाल-दोस्ती आपकी नजर में क्या है और आज के तनाव भरे माहौल में एक अच्छा दोस्त कितना जरुरी है?

दोस्ती परिवार से ही शुरू होती है, जो आपकी भावनाओं और आपको समझ सकें, जिनसे आप कभी भी सहजता से बात कर सकते है और ऐसे लोग गिने-चुने ही होते है, जो बिना शर्तो के आपको प्यार करें. मेरे हिसाब से वही दोस्ती है. ऐसे लोगों की मौजूदगी आपके जीवन के लिए प्रमुख होती है. दोस्ती एक खूबसूरत रिश्ता है, जिससे आपको हर समस्या का समाधान मिलता है. पर्दे पर दिखाई गयी दोस्ती थोड़ी फ़िल्मी होती है. 

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सवाल-क्या गृहशोभा के ज़रिये कोई मेसेज देना चाहती है?

महिलाओं को बहुत सारी शक्तियाँ मिली हुई है, वह बहुत कुछ सह सकती है. मजबूत और आत्मनिर्भर बने. सकारात्मक सोच रखें और जो भी काम आप खुद के लिए करना चाहे, उसे करते जाय. केवल महिला ही नहीं हर इंसान को खुद के अलावा दूसरों के बारें में भी सोचने की जरुरत है. 

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