महिलाएं डरकर घर में दुबक कर रहना बंद करें – गुलकी जोशी

टीवी सीरियल फिर सुबह होगी’ से एक्टिंग करियर की शुरुआत करने वाली गुलकी जोशी को बचपन से एक्टिंग का शौक था, जिसमें साथ दिया उसके माता-पिता ने. थिएटर प्रोफेशन से सम्बन्ध रखने वाले उसके माता-पिता ने हमेशा चाहा है कि गुलकी अपने मनपसंद काम करें. इसलिए गुलकी को इस क्षेत्र में आने में समस्या नहीं आई. गुलकी हमेशा लीक से हटकर काम करना पसंद करती है. सोनी सब टीवी पर धारावाहिक मैडम सर’ में वह पुलिस औफिसर हसीना मलिक की मुख्य भूमिका निभा रही है. शांत और हंसमुख स्वभाव की गुलकी से बात करना रोचक रहा पेश है कुछ अंश.

सवाल-इस क्षेत्र में आने की इच्छा कैसे हुई?

मुझे बचपन से कला का माहौल मिला है. मेरे माता-पिता भी थिएटर से है. इसलिए मुझे इस काम के अलावा कुछ करना नहीं था. मेरी परवरिश दिल्ली और मुंबई में हुई. मैंने अपनी पढाई पूरी कर अभिनय की ओर मुड़ी. इस दौरान मैंने लोगों से जुड़ना शुरू कर ऑडिशन देने लगी थी और साल 2012 में मुझे पहली धारावाहिक ‘फिर सुबह होगी’ मिली.

सवाल-परिवार का सहयोग कितना रहा?

परिवार ने काफी सहयोग दिया. पढाई ख़त्म करने के बाद उन्होंने काम करने की सलाह दी और मैंने भी वैसे ही किया इससे कोई समस्या नहीं आई.

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सवाल-पुलिस की भूमिका के लिए कितनी तैयारियां करनी पड़ी?

कई दिनों तक वर्कशॉप चली. कानपुर से एक रिटायर्ड डी एस पी आई थी, उन्होंने काफी सारी चीजों को बताई, जिसमें लुक, कॉस्टयूम, अनुसाशन, बॉडी लैंग्वेज आदि सभी की जानकारी दी. वर्दी की पूरी डेकोरम को बताया. इससे धीरे-धीरे सारी चीजें समझ में आ गई.

सवाल-इस भूमिका से आपके अंदर कितना परिवर्तन आया?

बहुत अधिक परिवर्तन आया है. पुलिस का काम कितना कठिन है. ये दैनिक जीवन में कोई नहीं समझ सकता . उनके बारे में बुरा-भला कहना ठीक नहीं. एक दिन आप उनकी जिंदगी जीकर देख सकते है कि वे कितनी मेहनत का काम करते है.

सवाल-क्या आपको लगता है कि पुलिस के बारें में केवल आम आदमी ही नहीं, प्रसाशन भी कम सोचता है, इससे कई बार किसी हादसे में उनकी मृत्य बेरहमी से हो जाती है?

असल में पुलिस को जो आदेश मिलता है, उन्हें वे करती है. उसमें कई और समस्याएं भी है, मसलन उन्हें अच्छी सैलरी का न मिलना, अधिक काम का बोझ, उन्हें सही सम्मान का न मिलना आदि कई सारी ऐसी बातें ऐसी उलझी हुई है कि किसी एक को दोषी ठहराना ठीक नहीं. प्रसाशन ही नहीं, सभी को इसमें शामिल होने की  जरुरत है. इसके अलावा लोग मीडिया पर विश्वास करते है, लेकिन वे भी 80 प्रतिशत तक बिकाऊं हो चुकी है, ऐसे में क्या सही क्या गलत है, समझना आज बहुत मुश्किल हो चुका है.

सवाल-क्या आप मानती है कि सोशल मीडिया आजकल बहुत हावी हो रहा है?

ये सही है, असल में सोशल मीडिया एक पावरफुल टूल है, इससे आप किसी भी बात को लोगों की नज़र में तुरंत ला सकते है. पहले नुक्कड़ नाटक, थिएटर और फिल्मों के जरिये कोई बात लाखों तक मुश्किल से पहुंच पाती थी पर आज सोशल मीडिया के ज़रिये करोड़ों तक आसानी से पहुंच जाती है. इसका प्रयोग कोई अच्छे से नहीं कर पा रहा है, क्योंकि वे इसका मतलब नहीं समझते. यहां ये समझना जरुरी है कि सोशल मीडिया का प्रभाव हमारे आगे आने वाली पीढ़ी पर न पड़े, इस पर विचार करने की आवश्यकता है. टिकटोक से आज व्यक्ति कुछ भी करता है और इससे वह पैसे भी कमा लेता है. आज दुरुपयोग बहुत अधिक हो रहा है और कुछ दिनों में इस पर भी बैन अवश्य होगा. हमारी जेनरेशन तो सम्भल जाएगी पर आगे पैदा होने वाले बच्चों को सम्भालना बहुत मुश्किल हो जायेगा.

सवाल-आप सोशल मीडिया पर कितनी एक्टिव है?

सबके कहने पर मैं अभी एक्टिव हुई हूं, लेकिन कुछ अच्छा करना चाहती हूं. मैं बहुत प्राइवेट पर्सन हूं.

सवाल-किस शो ने आपकी जिंदगी बदल दी?

सभी शो ने अपने हिसाब से कुछ न कुछ दिया है. सभी से मैंने कुछ सीखा है. मैडम सर शो की वजह से मैं सम्पूर्ण हो पायी हूं, क्योंकि इस शो से मेरा नाम हुआ है. मेरी बड़ी-बड़ी होर्डिंग चारों तरफ दिख रही है. मैं इसकी भूमिका से बहुत संतुष्ट हूं.

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सवाल-क्या फिल्मों में आने की इच्छा है?

अगर कोई अच्छी कहानी मिलेगी तो अवश्य काम करुंगी, क्योंकि मैंने हमेशा ये जाना है कि फिल्में हो या वेब सीरीज ये बड़े मॉस को संबोधित करती है. इसलिए इसमें सभी बातें सोच समझकर कही जानी चाहिए, क्योंकि ये एक बड़े समूह को प्रभावित करती है. हर कलाकार की ये ‘मोरल’ होनी चाहिए.

सवाल-अभिनय के अलावा और क्या करना पसंद करती है?

मुझे घूमने का शौक है. मैं ट्रेकिंग और पैराग्लाइडिंग बहुत करती हूं.

सवाल-कितनी फूडी और फैशनेबल है?

मुझे खाना बनाना, खिलाना और खाना सब पसंद है. मां के हाथ का बना दाल चावल और आलू के पराठे मुझे बहुत पसंद है. मेरे पिताजी भी बहुत अच्छा खाना बनाते है.  मुझे फैशन अधिक पसंद नहीं, मुझे जींस और टी शर्ट में रहना अच्छा लगता है, पर इस क्षेत्र में थोड़े बहुत फैशन करने पड़ते है. उसके लिए मेरी पूरी टीम है.

सवाल-महिला दिवस पर महिलाओं से क्या कहना चाहती है?

सबसे पहले महिलाएं डरकर घर में दुबक कर रहना बंद करें. हम अगर बच्चा पैदा कर सकते है, तो जीवन में कुछ भी करना हमारे लिए असंभव नहीं.  इसके अलावा सभी माओं के लिए मेसेज है कि वे अपने बेटे और बेटी में फर्क करना बंद करें. लड़कियों को भी लडको के जैसे पूरी आजादी दें. उन्हें सेल्फ डिफेन्स की तालीम दें और आत्मनिर्भर बनाएं. महिलाएं अपने आप में हमेशा विश्वास रखें.

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