काउंसलिंग: सफल मैरिड लाइफ के लिए है जरूरी

ऋतु जिस की शादी तय हुए अभी 1 महीना ही हुआ था लेकिन फिर भी वह अंदर से खुश नहीं थी, क्योंकि उस के अनियमित पीरियड्स उसे परेशान जो किए हुए थे. वह अपना हाल किसी से बयां नहीं कर पा रही थी. वह अपने पति से भी मन से बात नहीं करती थी. एक दिन जब उस के पति ने उस की उदासी का कारण पूछा तो उस ने पूरा हाल सुना दिया. इस पर उस ने बिना देरी किए डाक्टर की सलाह ली.

आज दोनों हैप्पी मैरिड लाइफ बिता रहे हैं. ऐसा किसी के साथ भी न हो इसलिए प्रीमैरिटल और मैरिटल काउंसलिंग से संकोच न करें. आइए जानते हैं कोलकाता के पीजी हौस्पिटल के एक्स रेसिडेंट गायनाकोलौजिस्ट प्रोफेसर डा. एमएल चौधरी से कि क्यों जरूरी है प्रीमैरिटल व मैरिटल काउंसलिंग.

प्रीमैरिटल काउंसलिंग

1. भविष्य के लिए तैयार करे

किसी भी रिश्ते की नीव प्यार व विश्वास पर टिकी होती है और यह सब रिश्ते में तभी आ पाता है जब हम एकदूसरे को अच्छे से समझें. इस के लिए जरूरत है पहले से उन सब चीजों पर प्रकाश डालने की जो अकसर वैवाहिक जीवन में आती है. ऐसे में काउंसलिंग के जरिए चीजों की समझ विकसित की जाती है, जिस से सोचने का नजरिया बदलने से जिंदगी आसान लगने लगती है.

ये भी पढ़ें- DIWALI 2019: फेस्टिवल में हो घर-घर पार्टी

2. कम समय में बेहतर पल बिताने का मौका

प्यारे के रिश्ते में जब तक प्यार भरी बातें न हो तब तक रिश्ता स्ट्रौंग नहीं बन पाता. लेकिन पतिपत्नी दोनों के वर्किंग होने के कारण आज उन के पास एकदूसरे के साथ समय बिताने का समय नहीं होता, जिस से दूरियां बढ़ती हैं. ऐसे में काउंसलिंग से हम कम समय में कैसे क्वालिटी टाइम स्पेंड करें सीख पाते हैं.

3. घबराहट से राहत

अकसर शादी तय होने के बाद चाहे लड़का हो या लड़की यही सोचसोच कर घबराते रहते हैं कि हम रिश्ते पर खरे तो उतरेंगे न, हम एकदूसरे को खुश रख पाएंगे यही सोचसोच कर मन की घबराहट चेहरे पर झलकने लगती है. ऐसे में काउंसलिंग मदद करेगी कि आप घबराए नहीं बल्कि उसे फेस करना सीखें, भीतर से स्ट्रौंग बने.

4. प्रौब्लम्स का हल सुझाए

कई प्रौब्लम्स लड़कियां शादी से पहले अपने पार्टनर को बताना सही नहीं समझतीं और वही प्रौब्लम्स बाद में बड़ी बन जाती हैं. जैसे अनियमित पीरियड्स, पीसीओडी, ऐंट्रोपैटरिक सिस्ट आदि. जो न सिर्फ पीरियड्स के दौरान दर्द का कारण बनती हैं, बल्कि आगे चल कर इनफर्टिलिटी के लिए भी जिम्मेदार होती हैं. ऐसे में काउंसलिंग के जरिए चीजों पर खुल कर बात करने से सही टाइम पर सही रास्ता मिल जाता है, जो वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाने में सहायक है.

5. कौंफिडैंस को बढ़ाए

कई बार अनियमित पीरियड्स वगैरा के कारण चेहरे पर अनचाहे बाल उगने के साथ मुंहासे हो जाते हैं, जो कौंफिडैंस को कम करते हैं. चेहरे पर अनचाहे बालों के कारण पार्टनर के सामने खुल कर बात करने से डर लगता है और आप का व्यक्तित्व सामने नहीं आ पाता. इस के जरिए यह समझाने की कोशिश की जाती है कि भीतर की खूबसूरती व्यक्तित्व दर्शाने वाली होती है. साथ ही वे विकल्प भी बताए जाते हैं, जिस से इस समस्या से आप को निजात मिल सके.

ये भी पढ़ें- DIWALI 2019: सरप्राइज विजिट से ऐसे बनाएं फेस्टिवल यादगार

मैरिटल काउंसलिंग

6. समझाए रिश्ते का महत्त्व

शादी तय होने के बाद का समय हर कपल के लिए काफी बेहतरीन होता है, जिस में वे एकदूसरे के लिए हर समय तैयार रहते हैं. लेकिन शादी के कुछ महीनों बाद जीवन पटरी पर आने लगता है. यह बदलाव दोनों को ही अखरता है. जबकि काउंसलिंग के जरिए कपल को हकीकत से वाकिफ करवाया जाता है और यह समझाने का प्रयास किया जाता है कि भले ही आप पूरे दिन में 1 घंटा साथ बिताएं लेकिन उस में आप अपना पूरा दिन शेयर कर लें. यानी साथ में बिताया यह समय आप को पूरे दिन के बराबर लगे.

7. एबौर्शन के संबंध में जानकारी

कई बार प्रीकोशन लेने के बावजूद भी गर्भ ठहर जाता है और हड़बड़ी में कपल एबौर्शन करवा लेते हैं, जो कौंप्लिकेशन लाने के साथ आगे चल कर उन्हें हमेशा के लिए बच्चे के सुख से भी वंचित रख सकता है. जबकि काउंसलिंग आप को ऐसी गलती करने से बचा सकती है, क्योंकि यह आप में सही व गलत की समझ विकसित करती है.

8. राइट टाइम टु कंसीव

उम्र बढ़ने के साथ मां बनने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. आज तो पैसा कमाने के चक्कर में लड़कालड़की शादी भी देरी से करते हैं. एक तो लेट मैरिज और उस के बाद देर से फैमिली प्लानिंग के बारे में सोचना जीवनभर आप को निसंतान रख सकता है. ऐसे में काउंसलिंग के जरिए समझाया जाता है कि उम्र बढ़ने के साथ मां बनने के चांसेज भी कम होते जाते हैं. इसलिए अगर आप की शादी 27-28 साल की उम्र में हुई है तो कंसीव करने में देरी न करें.

9. सही समय पर सही निर्णय

सिस्ट, फौलेकल ट्यूब का बंद होना, अंडों का नहीं बनना आज महिलाओं में आम समस्या है. ऐसे में अगर कपल को सफलता नहीं मिलती तो वे निराश हो कर बैठ जाते हैं. जबकि काउंसलिंग के जरिए उन में पौजिटिविटी भर कर उन्हें सही जगह तक पहुंचाने की कोशिश की जाती है ताकि वे संतान सुख से वंचित न रह सकें.

ये भी पढ़ें- DIWALI 2019: फेस्टिवल में ऐसे बढ़ाएं फैमिली बौंडिग

ऐसे बनाएं रिश्ता अटूट

शादी के कई साल बाद जब हनीमून फेज यादों में सिमट चुका होता है, कुछ मैरिटल इशूज सिर उठाने लगते हैं. ऐसे में रिश्ते की मजबूती के लिए जरूरी है कि समय रहते उन पर ध्यान दिया जाए.

जब आप पार्टनर कम रूममेट अधिक लगने लगें: शादी के काफी समय बाद एक समय आता है जब आप रोमांटिक पार्टनर्स कम और रूममेट्स की तरह ज्यादा व्यवहार करने लगते हैं. आप लंबे समय तक मजबूत रिश्ते में बंधे रहें, इस के लिए जरूरी है परस्पर आकर्षण कायम रखना.

इस के लिए प्रयास करने पड़ते हैं. कभी-कभी रोमांटिक ड्राइव पर जाएं. एकदूसरे को सरप्राइज दें. शारीरिक हावभाव द्वारा समयसमय पर एकदूसरे के प्रति प्यार प्रकट करें. जरूरत पड़ने पर काउंसलिंग के लिए जाते रहें. ऐसे प्रयास एकदूसरे से जोड़े रखते हैं.

इस के विपरीत यदि आप अपना पूरा फोकस एकदूसरे के बजाय जिंदगी से जुड़ी दूसरी बातों पर करते हैं, तो समझिए कि वह दिन दूर नहीं जब आप पार्टनर कम रूममेट्स ज्यादा लगने लगेंगे.

1. एक-दूसरे से बोरियत

विवाह के कई साल बाद यह सोचना बेमानी है कि आप का हर दिन परियों की कहानियों जैसा खूबसूरत गुजरेगा. यदि आप अपनी वैवाहिक जिंदगी से बोर होने लगें तो इस का मतलब है कि आप ने एकदूसरे को फौर ग्रांटेड ले लिया है. आप एक रूटीन लाइफ जीने लगे हैं और किसी भी तरह का रिस्क लेने से बचने लगे हैं. सैक्स, एजिंग, इनलौज से जुड़े विषयों पर डिस्कशन करने या फिर अपनी दिनचर्या में परिवर्तन लाने से भी हिचकिचाने लगे हैं, तो जरूरी है कि आप खुद को बदलें. हर विषय पर बात करें और जीवन में विविधता लाएं.

ये भी पढ़ें- एक बच्चे की अभिलाषा

2. रोमांस और फिजिकल क्लोजनैस की कमी

अकसर शादी के कुछ साल बाद कपल्स की सैक्स लाइफ कम होती जाती है. इस के कई कारण हो सकते हैं जैसे फिजिकल और मैंटल हैल्थ इशूज, स्लीप इशूज, बच्चों का जन्म, दवा का असर, रिलेशनशिप से जुड़ी समस्याएं वगैरह.

शादी के कुछ सालों के बाद ऐसा होना अकसर स्वाभाविक माना जाता है. मगर यह स्थिति लंबे समय तक चले और दूरी बढ़ती जाए तो रिश्ते की मजबूती के लिए खतरा पैदा हो सकता है. ऐसे में जरूरी है कि कभीकभी पार्टनर को किस और हग कर के अपने प्यार का इजहार करें और उन्हें फिजिकली दूर न जाने दें.

3. मकसद से दूरी

शादी के 10-15 साल बाद आप के अंदर यह सोच कर असंतोष पैदा हो सकता है कि आप जिंदगी में कोई खास मकसद नहीं पा सके. जब आप की शादी होती है तो जिंदगी की प्राथमिकताएं बदल जाती हैं. आप का जीवनसाथी और बच्चे आप के लिए सब से ज्यादा महत्त्वपूर्ण हो जाते हैं. शादी के बाद हर किसी को छोटेमोटे त्याग और समझौते करने पड़ते हैं, जिन की वजह से कई दफा खासकर महिलाओं को अपने कैरियर और जिंदगी से जुड़े दूसरे मकसद जैसे अपना बिजनैस शुरू करना, टै्रवलिंग, मौडलिंग या दूसरी हौबीज को समय देना जैसी बातों से वंचित रहना पड़ता है.

अकसर कपल्स शादी के शुरुआती सालों में रिश्ते को मजबूत बनाने और परिवार आगे बढ़ाने के दौरान अपने सपनों की उड़ान पर बंदिशें लगा देते हैं ताकि वैवाहिक जिंदगी में स्थिरता कायम कर सकें. मगर 10-15 साल बीततेबीतते उन्हें इस बात का मलाल होने लगता है कि उन्होंने अपने सपनों से दूरी क्यों बनाई? उन्हें लगता है जैसे जिंदगी वापस बुला रही है.

सच तो यह है कि सही मानों में कपल्स को इस बारे में कुछ करना है तो उन्हें मिल कर कदम बढ़ाने होंगे, एकदूसरे को पूरी सपोर्ट देनी होगी.

4. सहनशक्ति का घटना

शादी के शुरुआती सालों में जब आप का पार्टनर कुछ इरिटेटिंग या डिस्टर्बिंग काम करता है तो आप उसे इग्नोर कर देते हैं. मगर जैसेजैसे समय बीतता जाता है ज्यादातर पार्टनर्स में एकदूसरे के द्वारा की गई गलतियों के प्रति सब्र बनाए रखने और माफ करने की प्रवृत्ति घटती जाती है. शुरुआत में वे जिन बातों को हंस कर टाल देते थे बाद में उन्हीं बातों पर एकदूसरे से नाराज रहने लगते हैं.

जरूरी है कि जैसे आप शादी के शुरुआती समय में एकदूसरे के प्रति जो प्यार और केयर दिखाते हैं, गलतियों को नजरअंदाज कर देते हैं वैसे ही बाद में भी इस प्रवृत्ति को कायम  रखना चाहिए.

5. छोटे-बड़े सैलिब्रेशन

शादी के शुरुआती दिनों में आप छोटे से छोटे मौके को भी सैलिब्रेट करते हैं. 6 माह की मैरिज ऐनिवर्सरी हो या फर्स्ट डेट ऐनिवर्सरी, वैलेंटाइनडे हो या बर्थडे सैलिब्रेशन हर मौके को खास बनाने का प्रयास करते हैं. मगर शादी के 10-12 साल बीततेबीतते सैलिब्रेशन कम होते जाते हैं.

जरूरी है कि हर छोटीबड़ी खुशी का आनंद उठाया जाए. सैलिब्रेशन का कारण बदले पर मिजाज नहीं. जैसे वर्क प्रमोशन, बच्चे का बर्थडे, बच्चे द्वारा ग्रैजुएशन डिग्री हासिल करने का सैलिब्रेशन, शादी के 10 साल गुजरने का सैलिब्रेशन आदि. कभी भी इन से बचने का प्रयास न करें. ऐसे मौके ही आप दोनों को करीब लाएंगे.

आप अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ गैटटुगैदर कर सकते हैं या फिर आपस में ही सैलिब्रेट कर सकते हैं. हर मौके को यादगार बनाएं. यह सैलिब्रेशन खर्चीला होना नहीं, बल्कि इस में दोनों ऐंजौय करें यह माने रखता है.

अपने प्यार को सैलिब्रेट करने के लिए कभीकभी लौंग ड्राइव पर जाएं, कंसर्ट अटैंड करें, मूवी देखें या फिर घर पर ही स्पा नाइट का आनंद लें. कभी डेट पर जाना बंद न करें.

ये भी पढ़ें- बच्चों से निभाएं दोस्ताना रिश्ता

6. बड़ी-बड़ी इच्छाएं पूरी करने का दबाव

शादी को 10-15 साल तक पहुंचतेपहुंचते कपल्स बड़ीबड़ी जिम्मेदारियों का बोझ उठा लेते हैं. बड़ेबड़े लक्ष्य बना लेते हैं. अपना घर, बच्चों की ऊंची शिक्षा जैसी बहुत सी योजनाएं उन के दिमाग में चल रही होती हैं. इन्हें पूरा करने की जद्दोजहद में अपने रिश्ते पर ध्यान देना कम कर देते हैं, जबकि ऐसे मामलों में संतुलन बना कर चलना बहुत जरूरी है. यदि आप एकदूसरे के साथ मिल कर अपनी योजनाओं पर काम करेंगे तो इस से रिश्ता भी प्रगाढ़ बनता है और लक्ष्य भी आसानी से हासिल हो जाता है.

जब पति लगें बदले-बदले तो अपनाएं ये 8 टिप्स

जिंदगी का सफर उन पतिपत्नी के लिए और भी आसान बन जाता है, जो एकदूसरे को समझ कर चलते हैं. कई बार दिनबदिन बढ़ती जिम्मेदारियों व जीवन की आपाधापी की वजह से पति पारिवारिक जीवन में सही तालमेल नहीं रख पाते. जिस के कारण उन के व्यवहार में चिड़चिड़ापन व बदलाव आना स्वाभाविक होता है. ऐसी स्थिति में पत्नी ही पति के साथ सामंजस्य बैठा कर दांपत्य की गाड़ी को पटरी पर ला सकती है.

1. पति का सहयोग लें

पति की अहमियत को कम न आंकें. वैवाहिक जीवन से जुड़ी समस्याओं में उन की सलाह जरूर लें. परिवार की समस्याओं का समाधान अकेले न कर के उन का भी सहयोग लें. यकीनन उन के व्यवहार में बदलाव आएगा.

2. जब उम्मीदें पूरी नहीं होतीं

कई बार पति चाहते हैं कि घरेलू कामों में उन की साझेदारी कम से कम हो. लेकिन पत्नियां अगर कामकाजी हैं तो वे पति से घरेलू कामों में हाथ बंटाने की अपेक्षा करती हैं. इस स्थिति से उपजा विवाद भी पति के स्वभाव में बदलाव का कारण बनता है. ऐसे में कार्यों का बंटवारा आपसी सूझबूझ व प्यार से करें. फिर देखिएगा, पति खुशीखुशी आप का हाथ बंटाएंगे.

ये भी पढ़ें- मैट्रिमोनियल साइट्स पर कहीं आप भी न हो जाएं ठगी के शिकार

3. छोटी पोस्ट को कम न आंकें

एक प्राइवेट फर्म में मार्केटिंग मैनेजर की पोस्ट पर कार्यरत आराधना को यह शिकायत रहती थी कि उन के पति एक फैक्टरी में सुपरवाइजर की छोटी पोस्ट पर हैं. इसे ले कर दोनों में गाहेबगाहे तकरार भी होती थी, जिस से पति चिड़चिड़े हो उठे. घर में अशांति रहने लगी. हार कर आराधना को साइकोलौजिस्ट के पास जाना पड़ा. उन्होंने समझाया कि पत्नी को पति के सुपरवाइजर पद को ले कर हीनभावना का शिकार नहीं बनना चाहिए और न ही पति की पोस्ट को कम आंकना चाहिए.

4. नजरिया बदलें

परिवार से जुड़ी छोटीछोटी समस्याओं का निबटारा स्वयं करें. रोज शाम को पति के सामने अपने दुख का पिटारा न खोलें. इस का सीधा असर पति के स्वभाव पर पड़ता है. वे किसी न किसी बहाने से ज्यादा समय घर के बाहर बिताने लगते हैं या स्वभाव से चिड़चिड़े हो जाते हैं.

संयुक्त परिवारों में रह रहे कपल्स में यह समस्या आम है. छोटीछोटी घरेलू समस्याओं का हल स्वयं निकालने से आप का आत्मविश्वास तो बढ़ेगा ही, पति भी आप जैसी समझदार पत्नी पर नाज करेंगे.

5. ज्यादा पजेसिव न हों

पति के पत्नी के लिए और पत्नी के पति के लिए जरूरत से ज्यादा पजेसिव होने पर दोनों में एकदूसरे के प्रति चिड़चिड़ाहट पैदा हो जाती है. अत: रिश्ते में स्पेस देना भी जरूरी है. पति की महिला मित्रों या पत्नी के पुरुष मित्रों को ले कर अकसर विवाद पनपता है, जिस का बुरा असर आपसी रिश्तों पर व पतिपत्नी के व्यवहार पर पड़ता है. जीवनसाथी को हमेशा शक की निगाहों से देखने के बजाय उन पर विश्वास करना आवश्यक है.

6. ईर्ष्यालु न बनने दें

कभीकभी ऐसा भी होता है कि कैरियर के क्षेत्र में पत्नी पति से आगे निकल जाती है. इस स्थिति में पति के स्वभाव मेंबदलाव आना तब शुरू होता है, जब पत्नी अपने अधिकतर फैसलों में पति से सलाहमशवरा करना आवश्यक नहीं समझतीं. ऐसे हालात अलगाव का कारण भी बन जाते हैं. अपनी तरक्की के साथसाथ पति की सलाह का भी सम्मान करें. इस से पति को अपनी उपेक्षा का एहसास भी नहीं होगा और रिश्ते में विश्वास भी बढ़ेगा.

7. खुल कर दें साथ

खुशहाल वैवाहिक जीवन जीने के लिए सैक्स संबंध में खुलापन भी बेहद जरूरी है. रोजरोज बहाने बना कर पति के आग्रह को ठुकराते रहने से एक समय ऐसा आता है कि पति आप से दूरी बनाने लगते हैं या कटेकटे से रहने लगते हैं, जिस से दांपत्य में नीरसता आने लगती है.

कभीकभी ऐसा हो सकता है कि आप पति का सहयोग करने में असक्षम हों. ऐसे में पति को प्यार से समझाएं. सैक्स में पति का खुल कर साथ दें, क्योंकि यह खुशहाल दांपत्य की ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य की भी कुंजी है.

ये भी पढ़ें- अगर आपको भी पसंद नहीं पार्टनर की आदतें तो अपनाए ये टिप्स

8. घर का बजट

घर का बजट संतुलित रखने की महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी पत्नी के कंधों पर होती है. अनापशनाप खर्चों का बोझ जब पति पर पड़ने लगे तो वे चिड़चिड़े होने लगते हैं. इस समस्या से निबटने का सब से सरल उपाय है महीने भर के बजट की प्लानिंग करना व खर्चों को निर्धारित करना. समझदार गृहिणी की तरह जब आप अपने बजट के अलावा बचत भी करेंगी, तो आप के पति की नजरों में आप के लिए प्यार दोगुना हो जाएगा.

बोरिंग मैरिड लाइफ भी है जरूरी, जानें क्यों

शनाया और सुदीप्त शादी के 3 साल बाद ही मन ही मन इस बात की चिंता करते रहते हैं कि उन के रिश्ते में जो बात शुरू के दिनों में थी, वह आज नहीं है. दोनों को लगता है कि 4 साल के अफेयर के बाद इस प्रेमविवाह में वह चीज कुछ मिसिंग सी है, जो शुरू में दोनों को उत्साह से भरे रखती थी.

दोनों की यह चिंता बेमानी है. शुरू के दिनों का जादू खत्म होने पर अकसर लोग इस मिसिंग स्पार्क की चिंता में यों ही परेशान होते रहते हैं. जब हनीमून पीरियड खत्म हो जाता है, वास्तविकता से सामना होता है, तो कुछ अजीब सा लगता है. हर चीज बोरिंग लगनी शुरू हो जाती है, धीरेधीरे हाथों को पकड़ कर बातें करना, कैंडल लाइट डिनर पर जाना, घंटों फोन पर बातें करना खत्म होता चला जाता है.

हम अकसर यह शिकायत करने लगते हैं कि रिश्ते में स्पार्क मिसिंग है पर रियल लाइफ में हर दिन रोमांस से भरा नहीं हो सकता. समय के साथ चीजें सैटल होती हैं और इस में अच्छाई ही होती है, तो अगली बार जब आप यह शिकायत करें कि आप का रिश्ता बोरियत भरा हो रहा है, इस से पहले यह जान लें कि यह जरा सी बोरियत आप के रिश्ते के लिए कितनी अच्छी है.

बोरियत की जरूरत

मशहूर रिलेशनशिप एक्सपर्ट जोनाथन बैनेट ने एक बार कहा था, ‘‘रिश्ते में बोर होना नौर्मल है. कोई भी रिश्ता चाहे रोमांटिक हो या न हो, हर समय उत्साह और उत्तेजना से भरा नहीं रह सकता. बहुत बोरिंग समय में भी अपने पार्टनर को स्वीकार करना और प्यार करना रिश्ते में गहराई और ताकत बढ़ाता है.’’

ये भी पढ़ें- लव मैरिज में न हो ‘लव’ का एंड

कुछ मौकों पर बहुत बोर होने के बाद भी आप दोनों एकदूसरे के साथ हों, यही दिखाता है कि आप की बौंडिंग बहुत स्ट्रौंग है और यह बोरडम आप के रिश्ते को खत्म नहीं कर सकती है. इस बोरियत में भी आप का रिश्ता मजबूत हो रहा होता है.

अगर आप ने इंटरैस्टिंग और बोरिंग टाइम एकदूसरे के साथ बिता लिया है और एकदूसरे को अब भी प्यार करते हैं तो यकीन कीजिए कि आप का रिश्ता बहुत अच्छा चल रहा है. रिश्ते को लगातार उत्तेजक बनाए रखने के प्रैशर में आप थक सकते हैं और आप तनाव में आ सकते हैं.

अगर आप रोज पार्टनर को खुश रखने का प्रैशर ले रहे हैं तो आप को तनाव हो सकता है. अगर आप को ये सब करने की जरूरत नहीं है, तो आप राहत की सांस ले सकते हैं.

यही नहीं, बोरडम सेफ्टी और सिक्युरिटी की निशानी है. हम लगभग काफी समय जीवन में सेफ और खुश रहने की कोशिश में बिताते हैं. हम कुछ रियल कंफर्टेबल रिश्ते में रहना चाहते हैं. हमें भले ही अपने रिश्ते में बोरियत लगती हो, पर सिक्युरिटी की भावना रिश्ते को मजबूत रखे रखती है, फिर कठिन परिस्थितियां भी रिश्ते को कमजोर नहीं कर पातीं.

कभी यों भी बिताएं दिन

किसी-किसी दिन कुछ ऐक्ससाइटिंग न करना भी ठीक है, बिना कुछ किए यों ही दिन बिताने में भी कभीकभी कोई हरज नहीं है, क्योंकि कुछ न करना भी कुछ है. कभीकभी सिर्फ घर में रहना, बाहर जा कर पार्टी न करना भी ठीक है. घर पर भी रहना काफी कंफर्टिंग हो सकता है. आप की सोशल ऐक्टिविटीज आप के रिश्ते को परिभाषित नहीं करती हैं. अगर आप एकदूसरे से बिना बात किए भी एकदूसरे से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं, तो आप का रिश्ता बैस्ट है.

10 में से 4 लोग यह मानते हैं कि दोनों एकदूसरे को जब ग्रांटेड लेने लगते हैं तब स्पार्क मिसिंग होने लगता है. कुछ लोग लंबे वर्किंग आवर्स, कुछ बच्चों का होना इस का कारण मानते हैं.

मिसिंग स्पार्क की क्या पहचान है, आइए जानते हैं.

– आप सैक्स बहुत कम करते हैं.

– आप अब आई लव यू कहने की जरूरत महसूस नहीं करते.

– आप कुछ साथ में नहीं करते.

– आप डेट्स पर नहीं जाते.

– आप अलगअलग रूम में सोते हैं.

– छोटीछोटी बातों पर एकदूसरे की आलोचना करते हैं.

ये भी पढ़ें- बच्चों के टैंट्रम से निबटें ऐसें

– आप चीटिंग करते हैं.

– आप अब तारीफ नहीं करते.

– आप अलगअलग टाइम पर सोने जाते हैं.

– आप को पार्टनर के बजाय दोस्तों के साथ घूमना ज्यादा अच्छा लगता है.

– पार्टनर से बात करने से ज्यादा आप सोशल मीडिया पर ज्यादा टाइम बिताते हैं.

यों ताजा करें रिश्ता

अगर आप अपने रिश्ते में मिसिंग स्पार्क को वापस लाना चाहते हैं, तो कुछ ऐसा कर के देखें:

– एकदूसरे की बात सुनें.

– उन्हें बताते रहें कि आप उन्हें प्यार करते हैं.

– अकसर किस करते रहें.

– बिना किसी कारण के भी छोटेछोटे गिफ्ट देते रहें.

– बैडरूम में कुछ स्पाइसी चीजें करें.

– कैंडल लाइट डिनर पर जाएं.

– बजट साथ दे तो रोमांटिक जगह घूमने जाएं.

– अपने फोन से दूरी बनाएं.

– साथसाथ कुछ नई ऐक्सरसाइज करनी शुरू करें.

ये भी पढ़ें- स्टैपनी बन कर क्यों रह गई सास

– कुछ समय के लिए सोशल मीडिया से दूरी बना लें.

– कुछ टाइम के लिए दूरी बनाएं, जिस से आप एकदूसरे की कंपनी फिर और ऐंजौय करेंगे.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें