मेरी मंगेतर किसी के साथ रिलेशनशिप में तो नही?

सवाल-

मैं 27 साल का हूं. मेरी शादी होने वाली है. अगर मेरी मंगेतर किसी के साथ हमबिस्तरी करती होगी, तो इस का पता मुझे कैसे चलेगा?

जवाब-

शादी की बुनियाद यकीन पर टिकी है. आप शादी से पहले ही ऐसी बातें मत सोचिए. आम भारतीय लड़की शादी से पहले अमूमन अछूती होती है.

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जया और रमिका लंच कर रही थीं. 8 घंटे की औफिस ड्यूटी के बीच यही समय मिलता है दोनों को अपना सुखदुख बांटने का. दोनों की हाल ही में शादी हुई है. पिछले 5 सालों से दोनों एक ही कंपनी में काम कर रही हैं.

खाना खाने के बाद वे एकदूसरे से बैडरूम की बातें करने लगीं. बातें गरमागरम थीं इसलिए वे दोनों औफिस से नजदीक ही एक पार्क में चहलकदमी करने लगीं.

जया ने बताया कि उस की सैक्स लाइफ काफी रोचक है. पतिपत्नी सैक्स में कई तरह के प्रयोग करते हैं. कभी उभार चूमना और उंगलियां फेरना एकसाथ करते हैं, तो कभी कंडोम पहनने के बाद उभार को उठा कर उसे चूमते हैं. इस मस्ती भरी छुअन के बाद वे सैक्स का मजा लेते हैं.

जया की इस बात पर रमिका मुसकराई. जया के पूछने पर रमिका ने बताया कि उस के पति उसे संतुष्ट नहीं करते. यह सुन कर जया चौंक गई.

इस पर रमिका ने कहा, ‘‘मेरा वह मतलब नहीं था. मेरे पति के लिए सैक्स का मतलब है न्यूड हो कर मेरे ऊपर आओ. शादी के 1-2 महीने बाद तक मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता था, लेकिन अब नहीं.

‘‘जया बताओ न, मैं क्या करूं? मुझे सैक्स को बोरिंग नहीं बनाना है.’’

जया ने रमिका को सैक्स बटन के बारे में बताया जिन को इस्तेमाल में ला कर आज रमिका खुश दिखती है.

क्या आप जानते हैं सैक्स बटन की एबीसी?

दरअसल, औरतों में सिर से ले कर पैर तक सारे अंग कामुक होते हैं. अगर आप जानते हैं कि उन्हें सही तरीके से कैसे छूना है तो उन के शरीर का हर अंग मजा दिला सकता है.

होंठ

होंठ चूमना किसी औरत के लिए एक बड़ा टर्निंग पौइंट होता है. जब रिलेशन बन रहे होते हैं तो चूमना ऐसी पहली चीज होती है जो पहले मना की जाती है, लेकिन इस में देरी न करें.

होंठ उत्तेजक नसों से लबालब भरे होते हैं. लिहाजा, इन्हें तुरंत जीभ में नहीं डुबाना चाहिए. सब से पहले औरत के निचले होंठ पर अपनी जीभ फेरें, फिर उसे अपने होंठों के बीच फंसा कर चूसें. साथ ही, उसे भी ऐसा करने दें.

जब आप उसे चूम रहे हों तो अपने हाथ उस की गरदन पर रखें या फिर उस की कमर या कूल्हों पर या फिर इस दौरान इन सभी जगहों पर हाथ फेर सकते हैं.

बैकबोन

इस हिस्से के बारे में बहुत से लोग अनजान हैं, लेकिन यह औरतों को सब से ज्यादा जोश में लाने वाली जगह होती है. आप उन की स्पाइन पर अपनी उंगलियों को आराम से फिराएं. इस से आप अपने पार्टनर को बहुत जल्द कामुक कर सकते हैं.

उंगली

जीभ के बाद उंगलियों को शरीर का सब से सैंसिटिव हिस्सा माना जाता है. आप अपने पार्टनर की उंगलियों के ऊपरी हिस्से को चूम सकते हैं या हलके से दांत भी चुभा सकते हैं. दबाने से औरतों में जोश बढ़ता है. साथ ही, जैसेजैसे जोश बढ़ता जाता है आप को उस की उंगलियों को अपने होंठों के बीच ले जाना चाहिए, फिर होंठों से सहलाते हुए धीरेधीरे चूसना चाहिए. इस से वह नशे की सी हालत में आ जाएगी.

गरदन

औरतों की गरदन को भी काफी सैंसिटिव माना जाता है. गरदन की स्किन काफी पतली होती है, इसलिए यहां छूने पर काफी अच्छा महसूस होता है.

अगर आप अपनी उंगलियां सही जगह रख कर कौलरबोन सहलाएं तो पार्टनर को बहुत अच्छा महसूस होगा.

कान

जोश में लाने वाले बौडी पार्ट्स में कान बहुत काम के होते हैं. अपने पार्टनर के कानों को अपने होंठों से छुएं, चूमें या हलका सा काट लें और फिर देखिए उन का मूड.

पैर

बिस्तर पर जाने से पहले आप अपने पार्टनर से पैर धोने की गुजारिश करें, क्योंकि पैर सैक्सी होते हैं और इन्हें भी प्यार की जरूरत है.

पार्टनर के तलवों को चूम कर आप उसे जोश में ला सकते हैं. शुरुआत छोटी उंगली से करें. पैरों को सहलाते हुए रगड़ना एक औरत के लिए यह जबरदस्त अनुभव होता है. इस से उस के शरीर के दूसरे अंग भी उत्तेजित होने लगते हैं. इस की वजह यह है कि पैरों को सहलाने पर दिमाग का एक बड़ा हिस्सा जोश का अनुभव करता है इसलिए सैक्स से इस काम को नजरअंदाज न करें.

स्तन

स्तन महिला के सैक्सुअल अंगों में खास जगह रखते हैं. पर इस के लिए सीधे छलांग न लगाएं. स्तनों को तब तक न छुएं जब तक कि आप को यह न पता चल जाए कि वह चाह रही है कि आप उस के स्तनों को छुएं.

इस के लिए शुरुआत किनारे से करें, फिर गोल घेरे में अपनी उंगलियां स्तनों के चारों ओर घुमाएं. ऐसा तब तक करें जब तक स्तनों के निप्पल के चारों ओर के गुलाबी या भूरे रंग के गोल घेरे तक न पहुंच जाएं. यहां कुछ देर तक उंगलियां फिराने के बाद निप्पल तक पहुंचना चाहिए.

अब आप निप्पल को सहलाते हुए थपथपाएं, खींचें, दबाएं, चूमें और चूसें. इस दौरान आप चाहें तो हलके से दांतों से काट सकते हैं.

जब आप का मुंह एक स्तन पर है तो इस दौरान आप का हाथ दूसरे स्तन पर होना चाहिए तभी वह सबकुछ सौंपने को तैयार होगी. इस के बाद स्तन बदल कर यही दोहराएं. फिर दोनों हाथों से स्तनों को जम कर दबाना चाहिए. साथ ही, बीच में अपने पार्टनर से पूछें कि उसे स्तनों में कौन सी छुअन मजा देती.

कभी भी पार्टनर की इच्छाओं को नजरअंदाज न करें. स्तनों के बीच का हिस्सा कई बार नजरअंदाज कर दिया जाता है, जबकि यह भी कामुक जगह  है.

भग

भग क्षेत्र में छलांग लगाना काफी आसान होता है लेकिन उस के पहले उस गूदेदार क्षेत्र को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए जो रोमों से घिरा होता है. इसे थपथपाना और रगड़ना पार्टनर को सिसकने पर मजबूर कर देगा.

योनि वह दूसरा क्षेत्र है जहां कई आदमी स्तनों को उत्तेजित करने के बाद सीधे पहुंच जाते हैं. जैसे ही औरतें उत्तेजित होती हैं उन का गर्भद्वार ऊपर की ओर खिसक जाता है, जिस से योनि की गहराई बढ़ जाती है और आप को गहरे तक जाने का मजा मिलता है.

इसलिए यह आप की पसंद का मामला है कि आप उसे कितना गीला कर सकते हैं. जितना समय यहां दिया जाएगा उतना ही मजा आप को प्रवेश पर मिलेगा.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

Relationship Tips: शादी से पहले आखिर क्यों जरूरी है मैडिकल जांच

श्वेता और अमन की कुंडली व गुण मिला कर विवाह कराया गया. ज्योतिषी ने दावा करते हुए कहा था, ‘‘श्वेता और अमन जीवनभर खुश रहेंगे.’’

मगर विडंबना देखिए कि शादी के दूसरे दिन ही श्वेता आंखों में आंसू लिए घर लौट आई. उसे शादी में आए किसी रिश्तेदार से पता चला कि अमन को एड्स है. विवाह से पहले अमन ने उस से इतनी बड़ी बात छिपा ली थी. यदि ज्योतिष के पाखंड में न पड़ कर दोनों की मैडिकल जांच की गई होती तो श्वेता को यह दुख न भोगना पड़ता.

आज के विज्ञान के युग में भी ज्यादातर लोगों को ऐसा लगता है कि मैडिकल टैस्ट कराना बेकार है. मैडिकल टैस्ट कराने में उन के अहंकार को चोट पहुंचती है. उन्हें लगता है कि जब उन्हें बीमारी है ही नहीं तो बेकार में मैडिकल टैस्ट क्यों कराया जाए. कुछ लोग सबकुछ भाग्य के भरोसे छोड़ देते हैं. कुछ सोचते हैं कि शादी के बाद कोई बीमारी हो जाएगी तब भी तो निभाना पड़ेगा. कुछ को ऐसा भी लगता है कि मैडिकल टैस्ट पर क्यों बेकार में इतने रुपए खर्च किए जाएं. मगर यदि डाक्टर की सलाह ले कर छोटी सी सावधानी बरतते हुए विवाह से पहले कुछ टैस्ट करा लिए जाएं तो दोनों परिवार बहुत सी परेशानियों से बच सकते हैं.

अब समय बदल रहा है. आजकल बड़ी उम्र में विवाह होते हैं. मैडिकल साइंस भी दिनप्रतिदिन तरक्की कर रही है. आज का युवावर्ग बहुत समझदार हो गया है. पहले की तरह मात्र जन्मपत्री मिला कर शादी कर लेना युवाओं को भी अब मान्य नहीं. सफल एवं सुरक्षित वैवाहिक जीवन के लिए यह जरूरी है कि विवाह से पहले लड़कालड़की अपनी इच्छा से अपनी मैडिकल जांच जरूर कराएं ताकि औलाद और खुद को रोगों से बचाया जा सके. इस से वैवाहिक जीवन में प्रेम और स्थिरता बनी रहेगी.

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सामाजिक परंपरा: आज के बदलते परिवेश में समाज तथा सरकार को विवाह से पहले लड़केलड़की की मैडिकल जांच के लिए बढ़ावा देना चाहिए. विवाह से पहले मैडिकल टैस्ट की सामाजिक परंपरा बनने से लोग अपनी इच्छा से मैडिकल टैस्ट कराने के लिए तैयार होंगे.

अकसर देखा जाता है कि विवाह के समय कुछ लोग अपनी बीमारियों को छिपा लेते हैं. जब शादी के बाद बीमारी के बारे में पता चलता है तब नए संबंध के शुरू में ही प्रेम और विश्वास की डोर टूटने से मनमुटाव बढ़ जाता है. कभीकभी तो तलाक तक की नौबत आ जाती है, तो कभी इस के दुष्परिणाम जीवनभर भोगने पड़ते हैं.

रीमा से विवाह के समय यह बात छिपाई गई कि उस के पति के दिल में छेद है. कुछ समय बाद ही वह विधवा हो गई. इस घटना के बाद से उस का विवाह से विश्वास ही उठ गया. अब वह अकेले जीवन व्यतीत कर रही है.

कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि लड़के या लड़की को खुद भी अपनी बीमारी का पता नहीं होता. मैडिकल टैस्ट के द्वारा उन्हें खुद भी अपने रोग का पता चलता है. इस से समय रहते इलाज कराया जा सकता है.

विवाह जैसे बंधन की नींव झूठ पर नहीं होनी चाहिए. अपने रोग की जानकारी लड़के और लड़की को जरूर देनी चाहिए. मैडिकल टैस्ट की संख्या बहुत है, इसलिए सभी टैस्ट कराने तो मुमकिन नहीं है, फिर भी कुछ जरूरी टैस्ट कराने से बहुत से रोगों का पता चल जाता है. प्रेमपूर्ण सुरक्षित वैवाहिक जीवन तथा अपनी औलाद के स्वास्थ्य के लिए शादी से पहले जरूरी मैडिकल टैस्ट कराना उचित होगा.

जरूरी टैस्ट

निम्न मैडिकल टैस्ट शादी से पहले जरूर करा लेने चाहिए:

एसटीडी टैस्ट: आजकल युवकयुवतियां बड़ी उम्र में विवाह करते हैं. अत: एसटीडी यानी ट्रांसमिटेड डिजीज टैस्ट बेहद जरूरी है. वरवधू को यह टैस्ट जरूर करवाना चाहिए. कुछ सैक्सुअली ट्रांसमिटेड बीमारियों जैसे एड्स, सिफलिस, गोनोरिया आदि. ये एक पार्टनर से दूसरे तक आ जाती हैं. लड़का या लड़की किसी को भी यदि बीमारी होगी तो दूसरे को भी वह बीमारी हो सकती है. औलाद भी इस रोग से ग्रस्त हो सकती है. अत: टैस्ट कराना बहुत जरूरी होता है.

हीमोग्लोबिन इलैक्ट्रोफोरेसिस टैस्ट: इस टैस्ट के द्वारा थैलेसीमिया, सैकल सैल डिजीज जैसे आनुवंशिक डिसऔर्डर का पता चल जाता है. यदि वर और वधू दोनों इस बीमारी के वाहक हैं तो संतान भी इस बीमारी से ग्रस्त हो जाएगी. अत: यह टैस्ट कराना बहुत जरूरी है ताकि घातक बीमारियों से बचा जा सके.

फर्टिलिटी से संबंधित टैस्ट: इस टैस्ट से औलाद पैदा करने की क्षमता का पता चल जाता है. कई बार संतान न होने पर केवल पत्नी को ही दोषी ठहरा दिया जाता है. यह टैस्ट लड़कालड़की दोनों को कराना चाहिए. लड़कों का सीमन ऐग्जामिनेशन कराना चाहिए ताकि स्पर्म काउंट पता चल सके. लड़कियों के लिए हारमोनल जांच जरूरी है.

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जेनेटिक डिजीज चैकअप: यदि विवाह से पहले जेनेटिक डिजीज चैकअप करा लिया जाए तो अपनी पारिवारिक बीमारियों का पता चल जाता है. यदि कोई आनुवंशिक बीमारी है तो समय रहते उस का इलाज करवाया जा सकता है.

जनरल हैल्थ चैकअप: यदि शादी से पहले जनरल हैल्थ चैकअप करवा लिया जाए तो यह वरवधू दोनों के लिए बहुत सहायक होगा. सीबीसी टैस्ट यानी कंप्लीट ब्लड सैल काउंट,  किडनी फंक्शन, लिवर फंक्शन, शुगर टैस्ट आदि कराने से जो भी बीमार निकले उस का इलाज किया जा सकता है.

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