अफेयर की खबरों के बीच मिजान की फिल्म देखने पहुंचीं नव्या नवेली

बौलीवुड एक्टर जावेद जाफरी के बेटे मिजान जाफरी इन दिनों अपनी फिल्म के साथ-साथ अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी चर्चाओं में हैं. बीती रात यानी गुरुवार रात हुई मीजान की फिल्म मलाल की स्पेशल स्क्रीनिंग में बौलीवुड के फेमस सेलेब्स के बीच उनकी खास दोस्त अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नवेली नजर आईं. आइए आपको दिखाते हैं फिल्म स्क्रिनिंग से जुड़ी खास फोटोज…

अफेयर की खबरों की बीच स्क्रीनिंग में पहुंची नव्या

 

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#navyanaveli snapped at malaal screening last night #viralbhayani @viralbhayani

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बौलीवुड में अफेयर की खबरों के बीच अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या अपने खास दोस्त मिजान की फिल्म मलाल की स्पेशल स्क्रीनिंग पर पहुंची.

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कैमरे से बचती नजर आईं नव्या

 

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Besties #navyananda and #meezanjaffery today for the Screening of film #malaal in #mumbai . #yogenshah yogenshah_s

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स्क्रीनिंग पर पहुंची नव्या कैमरे के सामने आने से बचती नजर आईं तो वहीं मिजान के चेहरे पर नव्या के आने की खुशी साफ दिखी.

मां श्वेता भी स्क्रीनिंग का बनीं हिस्सा

अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नवेली के साथ मां श्वेता भी मीजान की फिल्म स्क्रीनिंग का हिस्सा बनती दिखीं.

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अक्सर जुड़ता है नव्या के साथ मीजान का नाम

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मलाल फिल्म से बौलीवुड में डेब्यू करने जा रहे मीजान इन दिनों अपनी खास दोस्त नव्या नवेली के साथ अफेयर के चलते सुर्खियों में छाए हुए हैं.

फिल्म स्क्रीनिंग में कईं सितारें आए नजर

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मलाल फिल्म की स्क्रीनिंग पर मिजान के अलावा फिल्म के दूसरे सितारे भी नजर आए. जिनमें शार्मिन सेगल का नाम भी शामिल है.

बता दें, मलाल फिल्म एक्टर मीजान के पिता एक्टर जावेद जाफरी हैं, जिसके कारण अक्सर उनकी एक्टिंग को उनके पिता की एक्टिंग से कम्पेयर किया जाएगा.

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क्या सच में बिग बी की नातिन को डेट कर रहे हैं जावेद जाफरी के बेटे?

मशहूर फिल्मकार संजय लीला बतौर निर्माता फिल्म ‘‘मलाल’’ लेकर आ रहे हैं.  पांच जुलाई को प्रदर्शित होने वाली फिल्म ‘‘मलाल’’ 2004 की सफल तमिल फिल्म ‘‘7 जी रेंबो कालोनी’’का हिंदी रीमेक है.  1998 की पृष्ठभूमि के मुंबई की एक प्रेम कहानी से बौलीवुड में कदम रखने जा रहे मीजान जाफरी फिल्मी बैकग्राउंड से आते हैं, उनके दादा जगदीप और पिता जावेद जाफरी बौलीवुड के नामचीन अभिनेताओं में से एक हैं.  म्यूजिक और स्पोर्टस में अपनी पहचान की आजमाने की चाहत रखने वाले मीजान जाफरी के करियर की शुरूआत एक्टिंग से हुई, पेश है उनसे हुए एक्सक्लूसिव बातचीत के अंश. . .

सवाल- सुना है आप म्यूजिक और स्पोर्टस में काम करना चाहते थे,मगर फिल्मी माहौल की परवरिश ने आपको भी अभिनेता ही बना दिया?

-मुझे स्कूल दिनों से ही संगीत और स्पोर्टस में रूचि रही है.  मुझे इन्ही क्षेत्रों में कुछ करना था.  पर यह भी सच है कि मेरे दादा जगदीप जी का बौलीवुड में अपना एक मुकाम रहा है.  मेरे पिता जावेद जाफरी ने भी अभिनय में अच्छा नाम कमाया है.  मैंने अपने दादा की फिल्म ‘दो बीघा जीमन’ भी देखी है, जिसमे वह बाल कलाकार थे.  तो जिस माहौल में परवरिश हो रही हो, उसका असर होना स्वाभाविक है.  अनजाने ही दिमाग में फिल्मों की बात आ ही जाती है.  मगर मेरा फिल्मों से जुड़ने के पीछे असली वजह संजय लीला भंसाली सर हैं.

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वास्तव में जब मैं अमरीका में पढ़ाई करने के दौरान छुट्टियों में मुंबई आया, तो अचानक एक दिन मेरी मुलाकात संजय सर (संजय लीला भंसाली) से हो गयी.  उन्होने ही मुझसे अभिनय करने के लिए कहा. उन्होने कहा कि व मुझे अपने बैनर की फिल्म से लांच करेंगें.  तब पहली बार मेरे दिमाग में आया कि मुझे यही करना है. यदि बौलीवुड का इतना बड़ा निर्देशक कुछ कहे, तो उसके मायने होते हैं.  उससे पहले मैं अमरीका के एक कौलेज में बिजनेस की पढ़ाई कर रहा था.

सवाल- संजय लीला भंसाली से आपकी मुलाकात कैसे हुई?

-यह 2014 की बात है. उस वक्त संजय सर अपनी फिल्म‘‘बाजीराव मस्तानी’का प्री प्रोडक्शन कर रहे थे. शर्मिन इस फिल्म में साथ सहायक कास्ट्यूम डिजायनर के तौर पर काम कर रही थी. शर्मिन के मामा हैं संजय सर. शर्मिन और मैं एक ही स्कूल में पढ़े हैं और हमारे बीच अच्छी दोस्ती है.  उन्ही दिनो मैं छुट्टियों में अमरीका से वापस आया था.  एक दिन शर्मिन ने मुझे फोन करके बुलाया कि उसे कास्ट्यूम का ट्रायल करना है, तो मैं उसकी मदद के लिए आ जाउं.  मैं इसी औफिस में आया.  मैने बाजीराव (बाजीराव का किरदार रणवीर सिंह ने निभाया था) के कास्ट्यूम के लिए ट्रायल दिया. संजय सर ने मुझसे कहा कि मेरे अंदर स्टार मटेरियल है.  उस वक्त तक उन्हे पता नहीं था कि मैं जावेद जाफरी का बेटा और जगदीप का पोता हूं.  पर बात-बात में मैने उन्हें बता दिया कि मेरे पिता जावेद जाफरी हैं.  कुछ सप्ताह बाद संजय सर ने फोन करके औफिस बुलाया.  संजय सर ने मुझे का औफर दे दिया.  दूसरे दिन मुझसे अपने माता पिता को लेकर आने के लिए कहा गया.  आफिस से नीचे उतरकर मैं काफी देर तक चुपचाप खड़े रहकर अपनी इतनी बड़ी खुशी को समेटने का प्रयास करता रहा. फिर मैने फोन करके सारी बात अपनी मां को बतायी. मां को पहले यकीन नहीं हुआ. पर उन्हे भी बहुत खुशी हुई. दूसरे दिन मेरे पिता की किसी एड फिल्म की शूटिंग थी. मैने वह शूटिंग कैंसिल करवाकर अपने माता पिता के साथ आकर संजय सर से मिला. पर मेरे पिता ने संजय सर से कहा कि उन्हे खुशी है कि वह उनके बेटे को लौंच कर रहे हैं, पर वह चाहते हैं कि मिजान पहले कौलेज की पढ़ाई खत्म करे, उसके बाद उनके साथ काम करे. मेरे पिता ने मुझे सलाह दी कि फिल्म इंडस्ट्री बहुत ही अनिश्चय वाली इंडस्ट्री है. मुझे बिजनेस की डिग्री पहले लेकर खुद को सुरक्षित कर लेना चाहिए. संजय सर ने तीन साल के लिए फिल्म को रोक दिया.

मैं वापस अमरीका चला गया. वहां जाकर मेरा मन पढ़ाई में लगा ही नही. कुछ दिन बाद मैने पिताजी को फोन करके कहा कि मेरा मन कह रहा है कि अब मैं फिल्म स्कूल ज्वाइन कर लूं. बड़ी बहस के बाद मेरे पिता ने कहा ठीक है. पर उन्होने सलाह दी कि में कैमरामैन या फिल्म एडीटिंग या निर्देशन की ट्रेनिंग हासिल करुं. मैं जब 20 साल का होने वाला था, तब मैने अमरीका के न्यूयार्क शहर में ‘‘स्कूल आफ विज्युअल आटर्स’’ में एडमीशन लिया. चार साल का कोर्स था. पर मैने दो साल तक पढ़ाई करने के बाद बिना पिता जी को बताए पढ़ाई छोड़कर मुंबई वापस आ गया. क्योंकि तब मुझे शर्मिन से ही पता चला कि संजय सर ‘पद्मावत’ शुरू कर रहे हैं. मैने सोचा कि संजय सर के साथ काम करते हुए मैं प्रैक्टिकल ट्ेनिंग हासिल कर सकता हॅूं. मुंबई आकर मैने ‘पद्मावत’ में सहायक के तौर पर काम किया. उसके बाद मुझे शर्मिन के साथ ‘मलाल’ मे हीरों बना दिया गया. अब पॉंच जुलाई को ‘मलाल’ रिलीज हो रही है.

सवाल- आपने फिल्म स्कूल की ट्रेनिंग बीच में ही छोड़ दी थी. अब बतौर अभिनेता आपकी पहली फिल्म ‘‘मलाल’’ रिलीज होने जा रही है. बीच में ही छोड़ दिया था. अब आपके अनुसार क्या अभिनय की ट्रेनिंग लेनी चाहिए?

-जी हॉ!मैंने न्यूयार्क के फिल्म स्कूल में जो कुछ सीखा,वह कहीं न कहीं मेरे लिए मददगार साबित हुआ. फिल्म स्कूल में मैने जो कुछ सीखा है, वह आगे कभी न कभी काम आने वाला ही है. लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि आज सीखा है, तो कल से वह उनके काम आ जाएगा. आपने जो कुछ सीखा है, वह पता नही कब काम आ जाए. शिक्षा बेकार नहीं जाती. मैने स्कूल के दिनो में भी बहुत काम ऐसा किया है, जो आज मेरे काम आ रहा है. मुझे नहीं पता था कि मैं पियानो बजाना सीख रहा हूं, इससे मुझे रिदम का सेंस मिलेगा,जो कि मेरे अभिनय में मदद करेगा. जब मैं पियानो बजाना सीख रहा था,तब मेरे दिमाग में भी नहीं था कि मैं कभी एक्टर बनूंगा.

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सवाल- ‘‘मलाल’’है क्या?

-मलाल का मतलब ‘रिग्रेट’. यानी कि जो न कर पाएं.

सवाल- मेरा मतलब यह है कि आप फिल्म ‘‘मलाल’’को लेकर क्या कहेंगे?

-यूं तो यह विपरीत परिवेश में पाने वालों की प्रेम कहानी है. तो वहीं मुंबई में चाल में रहने वाले निम्न मध्यम वर्गीय महाराष्ट्यिन परिवार के लड़के शिवा मोरे की कहानी है. शिवा अपने अंदर की प्रतिभा को सही राह पर नहीं ले जा पाता. जबकि वह उम्र के ऐसे पड़ाव पर है, जहां वह सही या गलत राह पर जा सकता है. पर अचानक उसकी जिंदगी में आस्था त्रिपाठी नामक लड़की आती है, तो सब कुछ बदल जाता है. आस्था उसकी जिंदगी बदलती है. यह फिल्म शिवा की यात्रा है, जिस यात्रा में शिवा को आस्था त्रिपाठी से प्यार हो जाता है. पर आस्था को शिवा से प्यार नहीं है.

सवाल- शिवा मोरे व मिजान में कितनी समानता है?

-कोई समानता नहीं. शिवा महाराष्ट्यिन कल्चार में पला बढ़ा निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से है. लोकल ट्रेन में यात्रा करता है. मराठी भाषा में बात करता है. चाल के कमरे में रहता है,जिसमें पांच लोग रहते हैं. जबकि मिजान फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता है. जुहू के पौश इलाके के पांच बेडरूम के मकान में रहता है. मर्सडीज में घूमता है. शिवा मोरे काफी लाउड है. बाकि मैं निजी जीवन में काफी प्रैक्टिकल इंसान हूं. फिल्म में शिवा का जिस तरह का रिश्ता है, उस तरह का निजी जिंदगी में मेरा कोई रिश्ता नहीं रहा. इसलिए मिजान के लिए शिवा मोरे की जिंदगी से जुड़ना काफी बड़ी चुनौती रही.

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सवाल- अमिताभ बच्चन की नातिन नाव्या नवेली नंदा संग आपके रिश्ते की खबरें काफी गर्म हैं?

-गलत… मैं किसी के भी साथ डेट नहीं कर रहा. नाव्या भी हमारे दोस्तों के ग्रुप का हिस्सा है. वह मेरी बहन की खास सहेली है. मेरी बहन और नाव्या नवेली नंदा न्यूयार्क में एक ही कालेज में पढ़ती हैं.

सवाल- शिवा मोरे के किरदार को निभाने में फिल्म के निर्देशक मंगेश हडवले से कितनी मदद मिली?

-वह खुद महाराष्ट्यिन हैं. उन्होने ही इस किरदार को गढ़ा है. मैंने वही किया जो कहा, उन्होने कहा. हम उनके साथ बैंड स्टैंड पर जाकर बैठते थे, लोगों की बातें सुनते थे. चाय की तपरी पर बैठकर चाय पीते हुए हम सुनते थे कि महाराष्ट्यिन लड़के आपस में क्या बात कर रहे हैं. उनकी समस्याओं, लड़कियों को लेकर उनके विचार आदि चुपचाप हम सुनते थे. जब कोई बात से समझ में न आती,तो मंगेश जी हमें समझाते थे. फिर मंगेश से हिंदी या अंग्रेजी की बजाय मराठी में ही बात करनी शुरू की. मैं हिंदी में उनसे कुछ कहता, तो वह उसका जवाब ही नहीं देते थे. मराठी भाषा और महाराष्ट्यिन कल्चर को लेकर मेरा कंफीडेंस बढ़ गया.

क्या शिवा मोरे के किरदार के लिए आपने सिर पर खास तरह के बाल रखे?

-मुझे लंबे बाल रखने का शौक है. पर मेरे बाल एकदम सीधे हैं. किंतु फिल्म के मेरे शिवा मोरे के किरदार के लिए बालों को थोड़ा सा कर्ली किया. हर दिन शूटिंग से पहले मुझे एक घंटा अपने बालों की कर्ल स्टाइल को बनाने में लगते थे. मैं दाढ़ी भी रखता हूं.

सवाल- फिल्म ‘‘मलाल’’ करने के बाद आपको अपने अंदर के पौजीटिव व नगेटिब प्वाइंट पता चले होंगे?क्या उन पर रोशनी डालना चाहेंगे?

-मेरा पौजीटिव प्वाइंट यह है कि मेरे अंदर पैशंस बहुत है. आप मुझे दस हजार गालियां भी दे देंगे, तो मैं चुपचाप सुन लूंगा. मैं भले ही मन ही मन अपने आपसे कुछ कह लूं. मेरे अंदर नगेटिब बात यह है कि मुझे हमेशा अपना निर्णय ही सही लगता है. इस फिल्म में अभिनय करने के बाद मेरी समझ में आया कि जिंदगी में दूसरे की राय पर अमल करना जरुरी है. हर इंसान को दूसरे की बात सुनकर दूसरे के नजरिए को अपने नजरिए में मिलाना चाहिए.

सवाल- पिता जावेद जाफरी संग डांस करने के अनुभव?

-जब हम वीडियो के लिए अपने पिता के साथ डांस कर रहा था, तो  यह पहल मौका था. पर मुझें हमेशा यह सीन याद रहेगा. हमारे परिवार के लिए यह महत्वपूर्ण दिन था. क्योंकि मेरे पिता मशहूर डांसर हैं. इससे पहले मैने कभी भी उनके साथ डांस नही किया था.

सवाल- आपको अपने दादा जगदीप की कौन सी फिल्में पसंद हैं?

-सबसे ज्यादा‘शोले’पसंद है. ‘दो बीघा जमीन’’में उन्होने बाल कलाकार के तौर पर काम किया था. वह फिल्म व उनका काम बहुत पसंद है. फिल्म ‘कालिया’ में मुझे उनका काम पसंद है. पुरानी फिल्म‘ एजेंट विनोद’ में भी उनका किरदार बुहत अच्छा है.

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सवाल- पिता जावेद जाफरी की कौन सी फिल्में पसंद हैं?

-‘सलाम नमस्ते’. मेरे पिताजी ने एक नाटक किया था-‘‘हम ले गए,तुम रह गए’भी मुझे बहुत पसंद है. इसमें उन्होने चार किरदार निभाए थे.

सवाल- आगे किस तरह के किरदार करना चाहेंगे?

-सिर्फ चुनौतीपूर्ण किरदार ही करना चाहूंगा. मेरी कोशिश होगी कि अगली फिल्म का मेरा किरदार ‘मलाल’के शिवा मोरे से अलग हो. हर तरह का किरदार करना है. थ्रिलर, कौमेडी सब कुछ करना है.

सवाल- सोशल मीडिया पर कितना सक्रिय हैं?

-पहले मैं सोशल मीडिया पर बिलकुल नहीं था. पर जब से फिल्म का प्रमोशन चल रहा है, तब से सोशल मीडिया पर आया हूं. फिलहाल फेशबुक,ट्वीटर व इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म को समझने का प्रयास कर रहा हूं. सोशल मीडिया सेे हम लोगों से जल्दी कनेक्ट हो जाते हैं और हमें एक्सपोजर भी मिलता है. मेरे पिता जावेद जाफरी सिर्फ ट्वीटर पर हैं. मेरे दादा जगदीप जी सोशल मीडिया पर नहीं है. सोशल मीडिया का आज की पीढ़ी ही ज्यादा उपयोग कर रही है.

सवाल- सोशल मीडियम से नुकसान?

-बच्चों के लिए सोशल मीडिया नुकसानदेह है. ज्यादा एक्सपोजर के ही चलते लोग अपनी पहचान खो बैठते हैं. आजकल सभी बच्चे, यहां तक कि मेरा छोटा भाई भी दिन भर फेशबुक, इंस्टाग्राम व ट्वीटर पर चिपका रहता है. इसके चलते वह घर से बाहर खेलने नहीं जाता. बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए उसका घर से बाहर खेलना कूदना बहुत जरुरी है.

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सवाल- शौक?

-पियानो बजाता हूं. गिटार बजाता हूं. गाना गाता हूं. स्कूल दिनों में बास्केट बाल और फुटबाल खेलता था. मैने बास्केट बाल तो महाराष्ट् के लिए भी खेला है. मैं एथलिट रहा हूं. दौड़ता भागता था. मैंने हर साल स्पोटर्स में काफी ट्रौफी जीती हैं. संगीत में अभी भी रूचि है. गीत गाता रहता हूं.

Edited by rosy

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