मसाले जो स्वाद के साथ हैं, गुणकारी भी, उपयोग की मात्रा हो कितनी, जानें यहां

22 वर्षीय उमा को नौकरी मिली और उसे बंगलुरु जाना पड़ा, लेकिन उन्हें खाना बनाना नहीं आता था, ऐसे में उनकी माँ ने सहज उपाय दिया और रेडीमेड मसाला लेने की बात कही, उमा ने वही किया और सभी तरह के मसाले खरीद लिए और किचन सजा लिया. आज वह अच्छा खाना बना रही है. इसमें उसे ये बात अच्छी लग रही है कि सही मसाले की एक निश्चित मात्रा डालने पर सब्जी अच्छी बन जाती है, क्योंकि इन पैक्ड मसालों में भी कई मसालों का मिश्रण होता है, जो स्वाद और सुगंध मे अच्छा होता है. उमा की किचन में आज किचन किंग, जीरा पाउडर, धनिया पाउडर, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, छोले मसाले, पाँव भाजी मसालें, गरम मसालें आदि सभी है.

मसालें के है कई फायदे

आमतौर पर बिना किसी दुष्प्रभाव के नियमित रूप से इनके सेवन को सुरक्षित माना जाता है. भोजन में मसालों का नियमित सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के साथ-साथ गठिया, कैंसर, मधुमेह और संक्रमण जैसी बीमारियों से लड़ने में भी सहायता करता सकता है. किसी भी व्यंजन को स्वादिष्ट बनाने में पहले हमारी दादी – नानी मसाले को पीसकर खाना बनाती थी, लेकिन आज उसका स्वरूप बदल चुका है आज हर मसाले को पीसकर उत्तम क्वालिटी के साथ पॅकिंग की जाती है, जिससे उसका स्वाद और गंध सही मात्रा मे मिल जाता है.

मसाले का इतिहास है पुराना

मसाले और सीज़निंग एक डिश को सादे से अलग, टेस्टी बनाने का काम करती है. मसालों की खोज और उनका उपयोग सैकड़ों वर्षों से कई व्यंजनों में किया जा रहा है, जिसे टेस्ट के अनुसार समय – समय पर विकसित किया जाता रहा है. मसाले भारतीय व्यंजनों की टेस्ट को क्रीऐट करने का मुख्य स्त्रोत हैं और उनके बिना, प्रामाणिक भोजन का स्वाद, सुगंध या फ्लेवर बनाना असंभव है. प्रारंभ में, मसालों का उपयोग पके हुए भोजन की ताजगी बनाए रखने के लिए किया जाता था, फिर प्रीजरवेटिव के रूप में किया जाता था, बाद में व्यंजनों में स्वाद और स्वाद जोड़ने के लिए किया जाने लगा है.

शेफ रणवीर ब्रार कहते है कि मसालों के प्रयोग से खाना टेस्टी बनाया जाता है इसलिए सालों से इसका प्रयोग होता आ रहा है, यही वजह है कि आज की हर महिला हो या पुरुष मसालों का प्रयोग अपने हिसाब से करना जानते है, या सीख जाते है, क्योंकि हर मसाले के डिब्बे के ऊपर व्यंजन की सामग्री के अनुसार मसाले के प्रयोग की सूची भी दी जाती है, जिससे खाना बनाना आसान होता है. फीके भोजन मे मसालें का तड़का ही किसी व्यंजन को स्वादिष्ट बनाता है. साथ ही मसाले के प्रयोग से व्यंजन की महक चारों तरफ फैल जाती है, जिससे उसका जायका सबको भोजन को खाने की ओर आकर्षित करता है. हर जगह का अपना मसाला होता है, जिसे लोग अपने हिसाब से प्रयोग करते है.
मसालें, जो किचन में रखना जरूरी

बिना मसालों के किचन बिना मेकअप किट के ब्यूटी क्वीन की तरह है. वह बिना मेकअप के अच्छी लग सकती है, लेकिन मेकअप उसकी प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ा देता है. जैसे बहुत अधिक मेकअप अच्छा नहीं लगता, वैसे ही भोजन के साथ, सही मात्रा और सही मसालों के प्रयोग से सादा भोजन भी मनोरम और स्वादिष्ट बन सकता है. मसाले जादुई रूप से भोजन को बदल सकते हैं. सुगंध जोड़ने से लेकर स्वाद बढ़ाने तक, मसाले आपके भोजन को पूरा करते हैं. व्यंजनों में एक चुटकी मसाले जादू का काम कर सकते हैं और साधारण व्यंजनों को स्वादिष्ट व्यंजनों में बदल सकते हैं.

भोजन के स्वाद को बदलने के लिए मसाले निम्न है, जो किसी भी व्यक्ति के किचन मे अवश्य होने चाहिए,
• काली मिर्च पाउडर, स्वाद की गर्मी और गहराई जोड़ता है. यह दिखने में थोड़ी छोटी, गोल और काले रंग की होती है. इसका स्वाद काफी तीखा होता है. काली मिर्च कई रंगों में आती है, लेकिन सबसे आम काला रंग है. काली मिर्च का इस्‍तेमाल करने का मतलब है कि हर बार जब आप इसे व्यंजन मे ऐड करेंगे, तो स्वाद में अतिरिक्त जायका मिलेगा.
• जीरा पाउडर, मिट्टी जैसा, अखरोट जैसा स्वाद देता है. यह मसाला नॉन-रोस्टेड और रोस्टेड दोनों प्रकार मार्केट में मिल जाते है. भुना हुआ जीरा पाउडर आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इसका स्वाद तीखा होता है. अच्छी स्वाद के लिए करी में इस्तेमाल किया जा सकता है. साथ ही इसे रायते या चाट पर छिड़कने पर यह तुरंत उस डिश की स्वाद बढ़ा देता है.
• सूखे तेज पत्ते, लकड़ी की सुगंध के साथ सूखे तेज पत्ते अक्सर सूप, लंबे समय तक उबाले हुए व्यंजन, नॉन वेज डिश और सब्जी को बनाने का इस्‍तेमाल किया जा सकता है. अधिकांश व्यंजनों में 1-2 सूखे तेज पत्ते की आवश्यकता होती है क्योंकि बहुत अधिक उपयोग करने से पकवान कड़वा हो सकता है. इन्हें खाने से पहले भोजन से हटा देना चाहिए.
• हर किचन में धनिया पाउडर का इस्‍तेमाल मसाले के तौर पर किया जाता है. धनिए के पौधे से प्राप्त, यह मसाला खाने को और भी स्वादिष्ट व खुशबूदार बना देता है. यह खाने में मीठा और नमकीन स्वाद का मिश्रण जोड़ता है. इसलिए इसे किचन में जरूर होना चाहिए.
• हल्दी पाउडर, जो गर्म, थोड़ा कड़वा स्वाद, जो खाने में पीले रंग को जोड़ता है. जिससे पकवान सुंदर और आकर्षक दिखता है.
• दालचीनी पाउडर, एक मीठा और गर्म स्वाद जोड़ता है, जिसे अक्सर डेसर्ट में इस्तेमाल किया जाता है. बेकिंग के लिए यह खास होता है. दालचीनी पाउडर का इस्‍तेमाल आमतौर पर पाई, योगर्ट जैसी मिठाइयों के लिए किया जाता है, हालांकि इसका इस्‍तेमाल उन व्यंजनों में भी किया जा सकता है, जहां आप कुछ एक्‍स्‍ट्रा मिठास चाहते हैं.
• जो कोई भी थोड़ा मसालेदार खाना पसंद करता है, उसे अपनी किचन की अलमारी में लालमिर्च पाउडर के पाउडर अवश्य रखने चाहिए. ये भी अलग – अलग तीखेपन और स्वाद मे मिलता है, अगर तीखापन कम और केवल एक जायकेदार रंग चाहते है तो वैसी ही मिर्च मार्केट मे आसानी से मिल जाता है. लाल मिर्च पाउडर कई प्रकार करी वाली सब्जियों में एक सुंदर लाल रंग भी जोड़ता है.
• अदरक पाउडर, एक मसालेदार और थोड़ा मीठा स्वाद जोड़ता है. इसे करी या सब्जी बनाने व्यक्त डालने से इसकी अच्छी खुशबू फैलती है.
• गरम मसाला, किचन में अवश्य होना चाहिए. यह सौंफ, तेज पत्ते, लौंग, जीरा, धनिया के बीज जैसे मसालों का कॉम्बिनेशन है. सभी सामग्री को जोड़कर बाजार मे भी ये मसाले आसानी से उपलब्ध हो जाते है. यह किसी भी करी या सूखी रेसिपी में रिचनेस को जोड़ता है. गरम मसाले में बहुत सारे मसाले मौजूद होने की वजह से व्यंजन में खुशबू आती है और जायके में अंतर आता है.
कुछ खास मिक्सचर वालें मसालें
इसके अलावा कई और विभिन्न मिक्स मसाले उपलब्ध हैं, जिसका उपयोग और स्वाद व्यंजन और उसके बनाने के तरीके के आधार पर भिन्न होते हैं. ऐसे खास कॉमबीनेशन वाले मसाले का प्रयोग करना आसान होता है. कुछ निम्न है,
किचन किंग – किचन किंग मसाले विभिन्न व्यंजनों के लिए उपयोग किये जाने वाले सबसे बेहतरीन मसाला होता हैं, इसे किसी भी पकवान में डालना आसान होता है, जैसे कि दाल, सब्जी, चावल, सांभर आदि में एक अलग टेस्ट जोड़ता है. किचन किंग में प्रयोग किये जाने वाले मसालें धनिया के बीज, जीरा, लाल मिर्च, हल्दी, काली मिर्च, आयोडीन युक्त नमक, सूखा अदरक, सरसों, सौंफ, बीज, लहसुन, तेज पत्ता, मेथी के पत्ते, इलायची, लौंग, जायफल, हरी इलायची, जावित्री, हींग आदि सभी का मिश्रण होता है, जिससे खाना पकाने वाले को किसी प्रकार की दूसरे मसाले की ओर झाँकने की जरूरत नहीं पड़ती. एक पाँव गोभी की सब्जी में एक टेबल स्पून इस मसाले को डालने पर सब्जी स्वादिष्ट बन जाती है.
मीट मसाला – बाजार में अच्छे ब्रांड के मीट मसालें मिलते है. नॉन वेज खाने के शौकीन इस मसाले का आसानी से प्रयोग मटन या चिकन में कर सकते है. इस मसालें में धनिया के बीज, जीरा, लाल मिर्च, हल्दी, काली मिर्च, आयोडीन युक्त नमक, सूखा अदरक, सरसों, सौंफ, बीज, लहसुन, तेज पत्ता, मेथी के पत्ते, इलायची, लौंग, जायफल, हरी इलायची, जावित्री, हींग आदि होते है, जिसे आधा किलो मटन या चिकन में दो बड़े भूने हुए प्याज के साथ, दो बड़े चम्मच मीट मसाला मिलाने पर व्यंजन स्वादिष्ट बन जाता है.
पाँव भाजी मसाला – पाँव भाजी मसाला महाराष्ट्र का सबसे प्रिय मसाला है, इसमें धनिया के बीज, जीरा, काली इलायची, स्टार ऐनीज़, हरी इलायची, सौंफ़ के बीज, सूखे अदरक, लाल मिर्च, काली मिर्च, दालचीनी, लौंग और सूखे आम पाउडर जैसे मूल मसालों से बना होता है, इसका प्रयोग बहुत आसान होता है. आधा किलों सभी सब्जियों के मिश्रण, मसलन पत्ता गोभी, फूल गोभी, बैगन, शिमला मिर्च , आलू, पालक आदि को उबाल कर तड़कें में 2 टेबल स्पून पाँव भाजी मसाला मिलाने पर टेस्टी बन जाता है.
छोले मसालें – छोले मसाले भी छोले बनाने का उत्तम मसाला होता है, जिसमें सूखी लाल मिर्च, सूखा लहसुन, अधरक का पाउडर, तिल, हल्दी, धनिया, तमालपत्र, चक्रफूल और सौंफ होते है. इसका प्रयोग आधे किलो छोले को अच्छी तरह उबालने के बाद तड़के में 2 टेबल स्पून छोले मसाला मिलाकर पका लें, स्वाद निखर आएगा.

सही मात्रा में मसालों का प्रयोग जानें

खाना बनाते समय सही मात्रा में मसाले कैसे डालें, यह सीखने का सबसे अच्छा तरीका अभ्यास और प्रयोग होता है. कुछ सुझाव निम्न है
1. किसी व्यंजन में छोटी मात्रा से मसाले डालना शुरू करना उचित होता है. अत्यधिक मसाले हटाने की तुलना में धीरे-धीरे अधिक मसाले डालना आसान होता है. पहले छोटी मात्रा से मसालें डालने शुरू करें और स्वाद के अनुसार समायोजित करें.
2. खाना पकाते समय हमेशा खाना चखें और समायोजित करें. इससे आपको यह निर्धारित करने में मदद मिलेगी कि क्या अधिक मसालों की आवश्यकता है या नहीं. अपने स्वाद पर भरोसा रखें और उसके अनुसार समायोजन करें.
3. यदि आप मसालों के साथ प्रयोग कर रहे हैं, तो उपयोग किए गए संयोजनों और मात्राओं का रिकॉर्ड रखें. इस तरह सफल इनग्रेडिएंट को वापस देख सकते हैं और भविष्य में उन्हें फिर से बना सकते हैं.
4. विभिन्न मसालों की तीव्रता और स्वाद अलग-अलग होते हैं. उन मसालों से परिचित होना जरूरी होता है.
5. शुरुआत करते समय, मापने वाले चम्मच का उपयोग करें. जैसे – जैसे आप अनुभव प्राप्त करते हैं, आप अपने ज्ञान पर भरोसा कर सकते हैं.
6. पारंपरिक मसालें की इनग्रेडिएंट के बारे में जानने के लिए विभिन्न व्यंजनों और उनके बनाने के तरीके को मैगज़ीन और ऑनलाइन देख सकते है. इससे व्यक्ति को कुछ मसाले एक साथ काम करने के बारें मे जानकारी होगी.
7. मसालों को संतुलित करने की प्रत्यक्ष तकनीक सीखने के लिए अनुभवी रसोइयों का निरीक्षण करें या खाना पकाने की कक्षाओं में शामिल हों.
असल में स्वाद की समझ विकसित करना और अपने पसंदीदा मसाले का स्तर ढूंढना एक व्यक्तिगत जर्नी है, जो समय, अभ्यास और प्रयोग करने की इच्छा के साथ – साथ विकसित होता है. इसलिए खाना बनाने से परहेज न करें, क्योंकि ये आपकी शारीरिक समृद्धि के साथ मानसिक तनाव को भी कम करती है.

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