डिज़नी फिल्मों ने पिछले साल अपने दर्शकों को बहुत सारी रोमांचकारी फ़िल्में दी,जिन्होंने नयी पीड़ी के लिए पात्रों को एक नए अंदाज़ में पेश किया.द लायन किंग से लेकर फ्रोजन 2 तक, यह डिज्नी के प्रशंसकों के लिए एक एक्शन से भरपूर वर्ष था. दुनिया भर में बड़े पर्दे पर हिट होने वाली ऐसी ही एक फिल्म थी ‘अलादीन’ जिसमें विल स्मिथ, नाओमी स्कॉट और मेना मसूद थे. गाइ रिची के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस के किसी बड़े रिकॉर्ड को नहीं तोड़ा, लेकिन दुनियाभर में बॉक्स ऑफिस पर काफी हिट रही.
अभिनेत्री नाओमी स्कॉट, जिन्हें लिव-एक्शन अलादीन फिल्म में राजकुमारी जैस्मीन के रूप में उनके प्रदर्शन के लिए काफी सराहा गया था, ने हाल ही में एक बहुत ही दिलचस्प खुलासा किया है की किस तरह उनके एक क्रू मेम्बर ने उन्हें फिल्म ‘राम लीला’ के गीत ‘नंगाडा संग ढोल बाजे’ देखकर उन्हें दीपिका पादुकोण समझ लिया था और नाओमी ने इस बात को पसंद किया और अपने क्रू मेम्बर को ठीक भी नहीं किया.क्यूंकि वो दीपिका को बहुत पसंद करती है.
दरअसल बात तबकी है जब अलादीन की रिलीज़ के समय बीबीसी के साथ एक साक्षात्कार में, जब साक्षात्कारकर्ता हारून रशीद ने उनसे पूछा कि क्या राजकुमारी जैस्मिन दीपिका पादुकोण से प्रेरित हैं, तो नाओमी स्कॉट ने कहा, “मुझे आपको यह मजेदार कहानी बतानी है. क्या आप ‘नंगाडा संग ढोल’ जानते हैं? मैं इसे सेट पर प्ले कर रही थी ,क्यूंकि ये song मुझे बहुत पसंद था. मेरे पास एक अमेरिकी कलाकार और क्रू मेम्बर था.तभी अचानक किसी ने कहा , ‘ओह, यह बहुत सुंदर है, नाय, क्या यह तुम हो?और जैसा की मैंने कहा हां मै हूं ,मै हूं.”
नाओमी स्कॉट ने कहा, “मैंने खुद से सोचा, की आपकी तुलना किसी भी बदतर लोगों से की जा सकती है.लेकिन मैं खुस थी की मेरी तुलन जिससे हुई वो दीपिका थी, मुझे लगता है कि वह बहुत सुंदर है.”
पिछले के कुछ वर्षों से ‘वाल्ट डिजनी स्टूडियो’ कई फैंटसी व मनोरंजक फिल्में देता आ रहा है. इस बार वह समय की मांग के अनुरूप पहली बार अनएनीमेटेड फैंटसी फिल्म लेकर आए हैं. ‘वाल्ट डिजनी स्टूडियो’ की इपोनौयमस फोकटेल पर आधारित अमरीकन संगीतमय फैंटसी फिल्म ‘‘अलादीन’’ 1992 के कार्टून संस्करण का रीमेक पर एक बेहतरीन, मनोरंजक व खूबसूरत फिल्म है. यूं तो भारतीय दर्शकों के लिए अलादीन और जादुई चिराग की कहानी बहुत जानी पहचानी है, पर फिल्मकार गैय रिची ने जिस तरह से पेश किया है, वह दर्शकों के दिलों तक पहुंचती है.
यह कहानी है अग्रबाह राज्य की. जहां सड़क छाप एक चोर अलादीन (मेना मसूद) अपने सहयोगी अबू नामक बंदर के साथ हाथ की सफाई के साथ छोटी-मोटी चोरियां करता रहता है. उसकी मुलाकात इस राज्य की शहजादी जैस्मिन (नाओमी स्कौट) से होती है, जो कि अपना वेश बदलकर एक आम नागरिक की हैसियत अपने राज्य में घूमने निकली है. नाटकीय तरीके से अलादीन व अबू अपने साथ जस्मीन को लेकर पूरे बाजार में घूमते हुए अपने घर पर पहुंच जाता है. शहजादी, अलादीन को अपना परिचय शहजादी की कनीज दलिया (नसीम पेडेड) के रूप में देती है. शहजादी किसी सुल्तान या राजकुमार की बजाय उस इंसान से शादी करना चाहती है, जिससे वह प्यार कर सके और अपने राज्य को खुशहाल बना सके. इससे राज्य के वजीर जफर (मरवान कंजारी) परेशान हो जाते हैं. जफर का मकसद अग्रबाह राज्य का सुल्तान बनने के साथ ही शहजादी जैस्मिन के ननिहाल पर कब्जा करना है.
एक दिन अलादीन चालाकी से महल में चला जाता है और उन्हें पता चल जाता है कि जिससे वह सड़क पर मिला था, वह कनीज नहीं शहजादी हैं. अलादीन अपना दिल शहजादी को दे बैठता है. मगर अग्रबाह राज्य के नियम के अनुसार शहजादी की शादी किसी सुल्तान से ही हो सकती है. उधर जफर अपने मकसद में कामयाब होने के लिए जादुई चिराग पाना चाहता है. इसके लिए नाटकीय तरीके से वह अलादीन व उनके बंदर अबू की मदद लेता है. अलादीन खतरनाक गुफा से जादुई चिराग के साथ ही उड़ने वाली चटाई भी हासिल कर लेता हैं. जादुई चिराग घिसने पर जिनी (विल स्मिथ) सामने आता है और कहता है कि मेरे आका आप कोई भी तीन मुराद मांग ले. पर अलादीन नासमझ है. तब जिनी खुद उसे समझाता है कि वह अपनी मुराद कैसे मांग सकता है और जिनी क्या कर सकता हैं. तब अलादीन खुद को सुल्तान बनाने की मुराद मांगता है. जिनी उन्हें अबूबवा का सुल्तान अली बना देते है.
अब सुल्तान अली हाथी पर बैठकर जुलूस व कई उपहारों के साथ अग्रबाह के महल पहुंचकर अग्रबाह के सुल्तान (नाविद नेघबान) व शहजादी जैस्मिन का दिल जीतने में सफल हो जाता हैं. पर जफर को उसके तोते सच बताता है. तब जफर,अलादीन को बांधकर जहन्नुम भेज देते हैं. कई घटनाक्रम तेजी से बदलते हैं. अंततः जफर को नया जिनी बनाकर जादुई चिराग में कैद कर दिया जाता है. जिनी आजाद होकर इंसान बन जाता हैं. अग्रबाह के सुल्तान बेटी जैस्मिन को सुल्तान बना देते हैं. सुल्तान जैस्मिन राज्य के कानून बदलकर अलादीन से विवाह करती हैं.
निर्देशनः
शेरलौक होम्स सीरीज की मशहूर फिल्मों में रौबर्ट डाउनी जूनियर को निर्देशित कर चुके और सफलतम फिल्म ‘‘किंग अर्थर’ के निर्देशक गैय रिची ने इस बार फिर साबित कर दिखाया कि वह एक बेतहरीन निर्देशक व तकनीशियन होने के साथ-साथ दर्शकों की नब्ज की अच्छी समझ भी रखते हैं. वह इस बात के लिए बधाई के पात्र हैं कि फिल्म का क्लायमैक्स पूरी तरह से यथार्थवादी है. फिल्म में जिस तरह से गाने और नृत्य पिरोए गए हैं, उससे इसमें बौलीवुड फिल्मों की छाप नजर आती है. यह बौलीवुड फिल्मों की अपनी पहचान पर संकट की तरफ इशारा भी करता है. हालांकि, कुछ गाने जबरन ठूंसे गए लगते हैं.
बेहतरीन वीएफएक्स भी कहानी को रोचक बनाने के साथ ही फिल्म को देखने योग्य बनाता है. एनीमेशन भी बहुत शानदार है. फिल्म के कैमरामैन बधाई के पात्र हैं.
सड़क छाप, हाथ की सफाई व छोटी-मोटी चोरियां करने वाले अलादीन से लेकर नकली सुल्तान अली तक के किरदार में अभिनेता मेना मसूद ने शानदार अभिनय किया है. नाओमी ने भी जैस्मिन के रोल में शानदार अभिनय किया है. मेना मसूद और नाओमी की केमिस्ट्री जबरदस्त है. यह केमिस्ट्री अंत तक दर्शकों को बांधकर रखती है. जिनी के किरदार में विल स्मिथ प्रभावित करते हैं. जफर के किरदार में मरवान केंजारी जमते नही है. फिल्म के क्लायमैक्स के वक्त उनका भेंगापन और चिल्लाना थोड़ा बहुत उन्हें याद रखने योग्य बना बना देता है.
फिल्म में तीन एनीमेटेड पात्र अबू नामक बंदर, राजा नामक शेर और लोगो नामक तोता है. यह तीनो पात्र जीवन या यूं कहें कि फिल्म में नए रंग भरते हैं. यह एक ऐसी फिल्म है, जिसे दर्शक एक नहीं कई बार देखना चाहेगा.