Anushka Sharma की धमाकेदार ‘पाताललोक’, पढ़ें रिव्यू

वेब सीरीज  पाताललोक

रेटिंग 4

कलाकार जयदीप अहलावत, नीरज काबी, अभिषेक बनर्जी, इश्वाक सिंह, गुल पनाग व अन्य.

निर्देशक अविनाश अरुण, प्रोसित रॉय

प्लेटफार्म अमजोन प्राइम

कोई एक जगह जहां आपको मीडिया, समाज, राजनीति और प्रशासन नंगा दिखने को मिले तो समझ जाइए जनाब आप ‘पाताललोक’ आ चुके हैं. जी हां, यही खासियत है इस नए वेब सीरीज ‘पाताललोक’ की. शानदार कंटेंट और समाज के डार्क साइड को लेकर बुनी गई इस सीरीज में आपको वह सब चीज देखने को मिल जाएगी जो शायद धरतीलोक में हम देख नहीं पाते या देखना नहीं चाहते.

इस वेब सीरीज की शुरुआत ही जयदीप अहलावत के इस संवाद होता है “यह एक नहीं 3 दुनिया है. सबसे ऊपर स्वर्ग लोक जिसमें देवता रहते हैं. बीच में धरती लोक जिसमें आदमी रहते हैं. और सबसे नीचे पाताल लोक जिसमें कीड़े रहते हैं.” यह संवाद ही काफी हद तक यह बताने के लिए काफी है कि इस क्राइम थ्रिल सीरीज में सुंदर सी दिखने वाली प्यारी प्यारी दुनिया सबके लिए एक जैसी नहीं, बल्कि यह 3 हिस्सों में बंटी हुई है.

इस सीरीज को प्रोड्यूस किया है अनुष्का शर्मा ने और निर्देशक है अविनाश अरुण और प्रोसित रॉय. यह सीरीज इस 15 मई से अमेज़न प्राइम पर 9 एपिसोड के साथ अपलोड कर दी गई है. इस सीरीज के राइटर है सुदीप शर्मा. देखा जाए तो यह सीरीज किसी हीरोनुमा कहानी का हिस्सा नहीं बल्कि सभी पात्र खुद में एक बड़ी कहानी को खोलते हुए दिखाई देते है किन्तु मुख्य कलाकार के तौर पर जयदीप अहलावत तथा नीरज काबी देखने को मिल जाते हैं. इसके अलावा संजीदा अदाकारा गुल पनाग, अभिषेक बनर्जी, स्वस्तिका मुखर्जी तथा अन्य का भी अहम् किरदार है.

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क्या है सीरीज में?

यह कहानी दिल्ली के आउटर यमुना पार थाने से शुरू होती है जहां पर यमुना पुल के पास पकड़े गए 4 आरोपियों को लाया जाता है. अब मामला ओपन एंड शट केस है आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ लिया गया है. इस मामले में बिगड़ने लायक कुछ नहीं होता इसलिए इस केस को इंस्पेक्टर हाथी राम चौधरी (जयदीप अहलावत) को दे दिया जाता है. हाथी राम चौधरी एक साधारण सा पुलिस वाला है जिसके हाथ इतने सालों की सर्विस में एक भी हाई प्रोफाइल केस हाथ नहीं लगा है. लेकिन यह क्या थोड़ी देर में पता चलता है कि यह अपराधी दिल्ली में टॉप के पत्रकार और मशहूर टीवी एंकर संजीव मेंहरा (नीरज काबी) के मर्डर के चलते आए थे. फिर शुरू होती है कांस्पीरेसी का असली मिस्ट्री खेल. जिसमें आपको कई हिचकोले खाने को मिलेंगे. कई पात्र खुलते दिखाई देंगे. और गुत्थी उलझती खुलती दिखेगी. अब आगे की मिस्ट्री क्या है इसे देखने के लिए आपको सीरीज देखनी पड़ेगी वरना मजा ख़राब हो जाएगा.

ख़ास क्या है?

नीरज काबी चूंकि बड़ा पत्रकार रहा है लेकिन अब नौकरी खतरे में पड़ गई है तो वह भी इसी बीच वापस खुद को ट्रेक में लाने के मोके ढूढ़ रहा है. इस सीरीज में जो 4 आरोपी पकड़े गए हैं उनके पीछे का इतिहास काफी सस्पेंस और रोचाक्ताओं से भरा है. जो इस वेब सीरीज की जान भी है. हाथी राम की इन्वेस्टीगेशन में कई पात्रों के शेड खुलते दिखेंगे. जो सीरीज को रोचक बनाते हैं. इस सीरीज की खासियत है वर्तमान और भूतकाल का कॉकटेल. जो सेक्रेड गेम 1 और असुर जैसी सीरीज की याद ताजा कर देते हैं. हर पात्र की बेकग्राउंड स्टोरी. जो काफी दिलचस्प है. इसी बेकग्राउंड स्टोरी में समाज की कुरूपता देखने को मिलती है. साथ ही वर्तमान में राजनीतिक चालबाजियां और प्रशासनिक समस्याएं दिख जाएंगी.

किसने कैसा काम किया?

इस सीरीज में बड़ा नाम देखने को नहीं मिलेगा. लेकिन ऐसे नामों की भरमार है जिन्हें कहीं न कहीं देखकर आपने पहले जरूर कहा होगा की क्या शानदार कलाकार है. सबसे पहले जयदीप अहलावत. इन्होने पुलिस का किरदार निभाया है. किरदार की बात की जाए तो शायद इस रोल के लिए इनसे बेहतर कलाकार मिलना मुश्किल था. अहलावत खुद हरियाणा से ताल्लुक रखते है साथ जिस तरह का पुलिसिया टोन और लहजा इस्तेमाल किया गया वह जयदीप पर जम गया.

अंसारी के किरदार में इश्वाक सिंह सोम्य दिखे. अंसारी का किरदार पटकथा में काफी अहम् हिस्सा है. जो वर्तमान में काफी सवाल इस समाज से करते हैं. इसके अलावा गुल पनाग पत्नी के रोल में अच्छी दिखी. नीरज काबी की बात क्या की जाए. शानदार. न्यज एंकर के तौर पर दर्शकों को जो चाहिए था वह उन्हें मिल गया संजीव मेहरा के तौर पर. इसके अलावा एक कलाकार जिसे अब स्पेस मिलता दिख रहा है वह है ‘हथोडा त्यागी’ यानी अभिजीत बनर्जी. साइलेंट रोल में उम्दा एक्टिंग. कम शब्द लेकिन जोरदार. सारे संवाद अपने चेहरे के हावभाव से कह दिए. इसके इतर बाकी कलाकारों ने भी अच्छी एक्टिंग की और अपनी जगह पकड़ के रखी.

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लेखन के तौर पर स्क्रिप्ट अच्छी है. समाज के कड़वे सच से रूबरू होने का मोका मिला है. इससे पहले भी संदीप शर्मा उड़ता पुजाब और एनएच 10 की स्क्रिप्ट लिख चुके हैं. तो समझा जा सकता है उन्हें किस तरह के कंटेंट में मजा आता है. डायरेक्शन अच्छा है. हां, शुरू में कहानी थोड़ी धीरे चलती है लेकिन बाद में शानदार तरह से पटरी पर दौड़ने लगती है. कुछ कुछ जगह वाकई कई शानदार डायलॉग और सीन दर्शाए गए है. जिसमें वर्तमान पॉलिटिक्स पर तीखे कटाक्ष हैं इसके अलावा मोबलिंचिंग का मामला, मीडिया और राजनीति का गठजोड़ और भ्रष्ट चेहरा काफी कुछ सवाल बनाते हैं. आज इस तरह के कंटेंट उतारना एक बड़ा चैलेंज है जो इस सीरीज ने एक्सेप्ट किया.

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