Festive Special: जब त्यौहारों में पीरियड्स शुरू हो जाएं

लेखक-पूजा भारद्वाज

फैस्टिवल के मस्तीभरे माहौल में हरकोई मस्ती के मूड में होता है, लेकिन महिलाओं के त्योहारों का मजा तब किरकिरा हो जाता है जब उन्हें ऐसे मौकों पर पीरियड्स शुरू हो जाते हैं. तब इस दौरान होने वाली थकावट, कमर व पेट दर्द, ज्यादा ब्लीडिंग और सिरदर्द जैसी समस्याएं उन के सारे उत्साह को कम कर देती हैं और वे चाह कर भी कुछ नहीं कर पातीं. उन की हर योजना धरी की धरी रह जाती है. घर के बाकी लोगों को मस्ती करते देख उन के चेहरों पर उदासी छा जाती है. ऐसे में अगर वे इन बातों का खयाल रखें तो उन के त्योहार की चमक भी फीकी नहीं पड़ेगी:

रहें टैंशन फ्री

ऐसे समय में महिलाएं खुद को एक सीमित दायरे में बांध लेती हैं और बीमार सा महसूस करती हैं, जबकि यह कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह तो प्राकृतिक प्रक्रिया है, इसलिए दब कर नहीं खुल कर जीएं.  पीरियड्स को ले कर ज्यादा तनाव न लें, क्योंकि ज्यादा तनाव लेना उन की सेहत पर भारी पड़ सकता है. इसलिए सोच सकारात्मक रखें, तो ज्यादा बेहतर है. सब से जरूरी बात है कि परिस्थिति कैसी भी हो खुश रहें, क्योंकि जब आप अंदर से खुश रहेंगी, तो आप के चेहरे पर आने वाले ग्लो की बात ही कुछ अलग होगी.

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हौट वाटर बोतल से सिंकाई

पीरियड्स के दौरान पेट में अगर ज्यादा दर्द हो, तो आप गरम पानी की बोतल से सिंकाई भी कर सकती हैं, क्योंकि पीरियड्स में पेट की निचली तरफ गरम पानी की बोतल से सिंकाई करने से यूटरस की मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द से राहत मिलती है.

साफ-सफाई का रखें खास ध्यान

पीरियड्स के दौरान साफसफाई का विशेष ध्यान रखें ताकि सेहत पर इस का बुरा असर न पड़े. इस दौरान पर्सनल साफसफाई का ध्यान रखने से आप कई तरह की बीमारियों जैसे यूटीआई और इन्फैक्शन से भी बच सकती हैं और इस में सब से अहम रोल उस पैड या सैनिटरी नैपकिन का होता है, जिस का आप पीरियड्स के दौरान इस्तेमाल करती हैं. इस के अलावा पीरियड्स के दौरान ऐंटीबायोटिक साबुन या क्लींजर से प्राइवेट पार्ट की सफाई करें. स्नान जरूर करें, क्योंकि इस से आप तरोताजा महसूस करेंगी और खिलीखिली नजर आएंगी.

कंफर्ट है जरूरी

आज भी ऐसी कई महिलाएं हैं, जो पीरियड्स के दौरान सैनिटरी पैड्स की जगह गंदे कपड़े, न्यूजपेपर, पत्ते या फिर गलत पैड्स का इस्तेमाल करती हैं, जिस में खुद को असहज महसूस करती हैं और कपड़े गंदे होने के डर से कहीं जाती नहीं और त्योहार का भरपूर आनंद नहीं ले पाती हैं. इसलिए इस समय में सिर्फ पैड्स का ही इस्तेमाल करें ताकि आप खुल कर जी सकें.

सही पैड ही चुनें

पीरियड्स के दौरान लंबे समय तक एक ही पैड का इस्तेमाल आप के लिए घातक साबित हो सकता है. इसलिए पैड कितनी भी अच्छी क्वालिटी का क्यों न हो कम से कम दिन में 3 बार जरूर चेंज करें, साथ ही पैड की क्वालिटी पर भी ध्यान दें, क्योंकि कई महिलाएं सस्ते के चक्कर में उत्पाद की गुणवत्ता से समझौता कर लेती हैं और कम पैसों में घटिया ब्रैंड के नैपकिन यूज करने लगती हैं, जिस से उन्हें रैशेज हो जाते हैं.

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वैसे तो बाजार में विभिन्न कंपनियों के सैनिटरी नैपकिन मौजूद हैं, लेकिन नाइन की बात ही कुछ खास है, क्योंकि यह आप को खुल कर जीने की आजादी देता है और यह डाईऔक्सिन मुक्त है, जो सर्विकल कैंसर होने के खतरे को नियंत्रित करता है. इस के अलावा यह हैवी फ्लो में कामयाब है और लीक भी नहीं होता है. इसे डिस्पोज करना भी काफी आसान है, साथ ही यह पौकेट फ्रैंडली भी है.

जरूरी बातें

– सैनिटरी नैपकिन को 3-4 घंटे में बदलती रहें.

– माहवारी में हाइजीन का पूरापूरा ध्यान रखें ताकि आप को इन्फैक्शन न हो.

– माहवारी में प्राइवेट पार्ट की सफाई पर ध्यान दें.

– सूती अंडरवियर पहनें.

– माहवारी में डीहाइड्रेशन की समस्या भी हो सकती है, इसलिए अधिक पानी पीएं.

– इस समय तंग कपड़े पहनने से बचें. ढीले कपड़े पहनें.

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