जानें पीरियड्स के दौरान क्या खाएं और क्या नहीं

पीरियड्स से पहले होने वाली तकलीफ़, मूड स्विंग्स, पेट में दर्द, क्रैम्प्स (ऐंठन) जैसी समस्याएं यानी पीएमएस की तकलीफें हार्मोन्स के कम या ज़्यादा होने के कारण होती हैं. सच कहें तो हार्मोन्स में बदलाव ही महिलाओं के मासिक धर्म का प्रमुख कारण होता है. लेकिन यदि ये हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं तो ये तकलीफें हद से ज़्यादा बढ़ जाती है.आइये जानते हैं डायटीशियन डॉ स्नेहल अडसुले से कि पीरियड्स के समय , बाद में और पहले क्याक्या चीज़ें खानी चाहिए;

पीरियड्स के पहले

पीरियड्स के पहले यानी मेन्स्ट्रुअल सायकल के 20वें से 30 वें दिन तक आप के अंदर की ऊर्जा कम हो जाती है. आप थोड़ी उदासी भी महसूस कर सकती हैं. दिन में कई बार काफी ज़्यादा भूख महसूस हो सकती है और इसलिए इन दिनों आप के शरीर और मन के लिए सेहतमंद स्नैक्स ज़रुरी होते हैं.

रिफाइन्ड शक्कर, प्रोसेस्ड फूड और अल्कोहल का सेवन जितना संभव हो कम करें. बादाम, अखरोट, पिस्ता जैसे सूखे मेवे यानी हेल्दी फैट का सेवन करें. सलाद में तिल और सूरजमुखी के बीज शामिल करें. सेब, अमरुद, खजूर,पीच जैसे अधिक फायबर वाले फलों को अपने आहार में शामिल करें.

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हायड्रेटेड रहें. सोड़ा और मीठे पेय से परहेज़ करें. पर्याप्त मात्रा में पानी पियें. नींबू पानी में पुदिना और अदरक डाल कर पिएं. रात को सोने से पहले शरीर और मन को आराम मिले इसके लिए पेपरमिंट या कैमोमाईल चाय लें.

खून में आयरन सही मात्रा में रहने से आप का मूड और ऊर्जा का स्तर भी अच्छा रहेगा. नट्स, बीन्स (फलियां), मटर, लाल माँस और मसूर जैसे लोहयुक्त खाद्यपदार्थों का आहार में समावेश करें. पेट फूलने या सूजन जैसी समस्या से बचने के लिए नमक का सेवन कम करें.

पीरियड्स के दिनों में (पहले से सातवें दिन तक)

पीरियड्स के दिनों में खास कर पहले दो दिनों में आप को ऐसा लग सकता है जैसे सारी शक्ति चली गई हो. ऊर्जा का स्तर बेहद कम हो जाता है और आप को थकान महसूस हो सकती है. इसलिए इन दिनों ऐसा भोजन करें जिस से आप के शरीर में ऊर्जा का स्तर ऊँचा ऱखने में मदद मिले. अपने आहार में किशमिश, बादाम, मूँगफली, दूध का समावेश करें.

जंक और प्रोसेस्ड फूड में सोडियम और रिफाइन्ड कार्ब्ज प्रचुर मात्रा में होते हैं. इन्हें खाने से बचें. शीतल पेयों में रिफाइन्ड शक्कर भारी मात्रा में होती है जिस के कारण क्रैम्प्स (ऐंठन) आने की मात्रा और पीड़ा बढ़ सकती है. शीतलपेय या सोड़ा के बजाय नींबूपानी, ताजा फलों का रस या हर्बल टी लें.

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पीरियड्स के बाद के दिन (सातवें दिन से अठारहवें दिन तक)

इन दिनों आप काफी अच्छा महसूस करती हैं. इन्ही दिनों में ओव्यूलेशन होता है. ऐसे में व्यायाम के लिए ये दिन सर्वश्रेष्ठ होते हैं. अपने सलाद या सब्ज़ी में एक चम्मच फ्लैक्स या कद्दू के बीज डालें. इस से आप के शरीर में नैसर्गिक रुप से एस्ट्रोजन का स्तर ऊँचा रहेगा. पालक, दही, हरी सब्ज़ियां, फलियां जैसे कैल्शियमयुक्त खाद्यपदार्थ का सेवन करने के लिए यह सप्ताह सब से अच्छा है. इस चरण में आप की भूख धीरेधीरे कम होती है इसलिए समय पर भोजन करने का खासतौर पर ध्यान रखें.

पीरियड्स प्रौब्लम: उन दिनों में क्या खाएं

महिलाओं को यौनारंभ की उम्र से ले कर मेनोपौज तक लगभग 18 मिग्रा. प्रतिदिन आयरन का सेवन करना जरूरी है. माहवारी के दौरान बहुत अधिक रक्तस्राव को मीनोरहेजिया कहा जाता है. इस से शरीर में आयरन की कमी हो सकती है. एक अनुमान के मुताबिक प्रजनन उम्र की 5 फीसदी महिलाओं में हैवी पीरियड्स के कारण आयरन की कमी की वजह से ऐनीमिया हो जाता है. पीरियड्स के दौरान ज्यादा रक्तस्राव से महिलाओं में आयरन की कमी की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में इस आहार के सेवन से आयरन की कमी को पूरा किया जा सकता है.

हीम आयरन

हीम आयरन पशु उत्पादों में पाया जाता है. हीम आयरन नौनहीम आयरन की तुलना में जल्दी अवशोषित हो जाता है. इन खाद्यपदार्थों में हीम आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है.

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चिकन लिवर

चिकन लिवर की एक सर्विंग में 12.8 मिग्रा. आयरन होता है, जो रोजमर्रा की जरूरत का 70 फीसदी होता है.

शैलफिश

100 ग्राम शैलफिश में 28 मिग्रा. तक आयरन होता है, जो रोजमर्रा की जरूरत का 155 फीसदी होता है.

अंडा

100 ग्राम उबले अंडे में 1.2 मिग्रा. आयरन होता है.

नौनहीम आयरन

नौनहीम आयरन पौधों से मिलने वाले खाद्यस्रोतों में पाया जाता है. यह हीम आयरन की तरह शरीर में तेजी से अवशोषित नहीं होता. किंतु शाकाहारी लोगों के लिए यह आयरन का प्रभावी स्रोत है. नौनहीम आयरन के निम्न सब से अच्छे स्रोत हैं-

हरी पत्तेदार सब्जियां

हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, स्विस कार्ड, काले और बीट ग्रीन्स की हर सर्विंग में 2.5, 6.5 मिग्रा. आयरन होता है, जो रोजमर्रा की जरूरत का 14 से 40 फीसदी होता है. पत्तागोभी और ब्रोकली भी आयरन के अच्छे स्रोत हैं.

टमाटर

टमाटर की प्यूरी या पेस्ट के आधे कप में लगभग 3.9 मिग्रा. आयरन होता है. इस के अलावा टमाटर में विटामिन सी भी होता है, जो आयरन के बेहतर अवशोषण में मदद करता है.

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अमरंथ

अमरंथ एक प्रकार का ग्लूटेनरहित अनाज है. पके अमरंथ के 1 कप में 5.2 मिग्रा. आयरन होता है. यह रोजमर्रा की जरूरत का 29 फीसदी होता है. इस के अलावा यह प्रोटीन का भी संपूर्ण स्रोत है.

ओट्स

ओट्स भी ग्लूटेनरहित सुपर अनाज है. यह आहार कई तरह से फायदेमंद है. पके ओट्स के 1 कप में रोजमर्रा की जरूरत का 19 फीसदी आयरन होता है. यह आहार पाचनतंत्र के लिए भी फायदेमंद है.

किडनी बींस/राजमा

उबले राजमा का 1 कप 4 मिग्रा. आयरन देता है. राजमा प्रोटीन, फाइबर के भी अच्छे स्रोत हैं और ब्लड शुगर का स्तर भी सामान्य बनाए रखने में मदद करते हैं.

खजूर

खजूर प्राकृतिक चीनी के सब से अच्छे स्रोतों में से एक है. इस के अलावा 100 ग्राम खजूर में रोजमर्रा की जरूरत का 5 फीसदी आयरन होता है.

चने/छोले

100 ग्राम चने में 6.6 मिग्रा. आयरन होता है. इस में प्रोटीन और फाइबर भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.

सोयाबीन

सोयाबीन के 1 कप में 8.8 ग्राम आयरन होता है.

आयरन के अवशोषण से जुड़े पहलू

आयरन से युक्त आहार का सेवन विटामिन सी के साथ करना चाहिए, क्योंकि विटामिन सी के साथ आयरन के अवशोषण की दर 300 फीसदी तक बढ़ जाती है. इसलिए अपने आहार में संतरा, किवी, नीबू, अंगूर और टमाटर भी शामिल करें.

खाने के साथ चायकौफी का सेवन न करें, क्योंकि इस से आयरन के अवशोषण की दर 50 से 90 फीसदी कम हो जाती है. चाय में मौजूद टैनिन और कौफी में मौजूद कैफीन आयरन के अवशोषण को रोकता है.

कैल्सियम का सेवन ज्यादा मात्रा में करने से आयरन के अवशोषण की दर कम हो जाती है. इसलिए आयरन से युक्त आहार के साथ दूध, चीज, लस्सी आदि का सेवन न करें.

मीट, फिश और पोल्ट्री में आयरन होता है, जो शरीर में तेजी से अवशोषित होता है.

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पके पालक में ज्यादा आयरन मिलता है, क्योंकि कच्चे पालक में औक्जेलिक ऐसिड या आक्सेलेट होता है, जो आयरन के अवशोषण में बाधक बन सकता है. पके भोजन के सेवन से आयरन के अवशोषण की दर बढ़ जाती है.

अनाज, लैग्यूम, सोयाबीन में फायटेट्स होते हैं, जिन से आयरन के अवशोषण की दर कम हो जाती है.

नमामी अग्रवाल

सीईओ, नमामी लाइफ

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