पीरियड्स में ऐंठन और योनि में दर्द का क्या कारण है?

सवाल-

मैं 21 साल की हूं. मुझे मासिकधर्म के दौरान बहुत ऐंठन और योनि में दर्द रहता है. ऐसा कुछ ही महीनों से होने लगा है. बताएं क्या करूं?

जवाब-

मासिकधर्म के दौरान बहुत लड़कियों को यह परेशानी होती है. अत: आप नियमित व्यायाम करें. अपने पेट या पीठ के निचले हिस्से पर हीटिंग पैड रखें या फिर गरम पानी में स्नान लें. आप इन दिनों पूर्ण आराम करें. इस के बाद भी अगर फर्क नहीं पड़ता है तो स्त्रीरोग विशेषज्ञा से मिलें, क्योंकि ये सभी संकेत पैल्विक इनफ्लैमेटरी डिजीज, ऐंडोमिट्रिओसिस या फिर फाइब्रौयड्स के भी हो सकते हैं.

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पीरियड्स महीने के सब से कठिन दिन होते हैं. इस दौरान शरीर से विषाक्त पदार्थ निकलने की वजह से शरीर में कुछ विटामिनों व मिनरल्स की कमी हो जाती है, जिस की वजह से महिलाओं में कमजोरी, चक्कर आना, पेट व कमर में दर्द, हाथपैरों में झनझनाहट, स्तनों में सूजन, ऐसिडिटी, चेहरे पर मुंहासे व थकान महसूस होने लगती है. कुछ महिलाओं में तनाव, चिड़चिड़ापन व गुस्सा भी आने लगता है. वे बहुत जल्दी भावुक हो जाती हैं. इसे प्रीमैंस्ट्रुअल टैंशन (पीएमटी) कहा जाता है.

टीनएजर्स के लिए पीरियड्स काफी पेनफुल होते हैं. वे दर्द से बचने के लिए कई तरह की दवाओं का सेवन करने लगती हैं, जो नुकसानदायक भी होती हैं. लेकिन खानपान पर ध्यान दे कर यानी डाइट को पीरियड्स फ्रैंडली बना कर उन दिनों को भी आसान बनाया जा सकता है.

न्यूट्रीकेयर प्रोग्राम की सीनियर डाइटिशियन प्रगति कपूर और डाइट ऐंड वैलनैस क्लीनिक की डाइटिशियन सोनिया नारंग बता रही हैं कि उन दिनों के लिए किस तरह की डाइट प्लान करें ताकि आप पीरियड्स में भी रहें हैप्पीहैप्पी.

इन से करें परहेज

– व्हाइट ब्रैड, पास्ता और चीनी खाने से बचें.

– बेक्ड चीजें जैसे- बिस्कुट, केक, फ्रैंच फ्राई खाने से बचें.

– पीरियड्स में कभी खाली पेट न रहें, क्योंकि खाली पेट रहने से और भी ज्यादा चिड़चिड़ाहट होती है.

– कई महिलाओं का मानना है कि सौफ्ट ड्रिंक्स पीने से पेट दर्द कम होता है. यह बिलकुल गलत है.

– ज्यादा नमक व चीनी का सेवन न करें. ये पीरियड्स से पहले और पीरियड्स के बाद दर्द को बढ़ाते हैं.

– कैफीन का सेवन भी न करें.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- पीरियड्स के दिनों रखें डाइट का ध्यान

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

पीरियड्स में पीठ दर्द से परेशान हूं, मैं क्या करुं?

सवाल

मेरी उम्र 24 वर्ष है. अकसर मासिकधर्म से पहले और उस दौरान मेरी पीठ में दर्द होता है. क्या यह कोई समस्या है?

जवाब

हां, यह बिलकुल सामान्य स्थिति है. यह मासिकधर्म से पहले तनाव (पीएमएस) के लक्षण हैं और इस दौर में यह आम बात है. कई महिलाओं को सिर्फ पीठ दर्द ही नहीं होता, बल्कि उन के जोड़ों और सिर में भी दर्द होता है.

पीएमएस के वक्त भावनात्मक बदलाव के अलावा शारीरिक लक्षण भी उभरते हैं. पीरियड के दौरान शरीर में थोड़ा दर्द भी होता है, जिस से हड्डियां और मांसपेशियां भी प्रभावित हो सकती हैं.

कुछ महिलाओं को सिंकाई से आराम मिलता है. आर्थ्राइटिस पीडि़त महिलाओं का पीठ दर्द बढ़ भी सकता है और आार्थ्राइटिस पीडि़त पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा होता है. लिहाजा अपने डाक्टर से मिल कर कैल्सियम और विटामिन डी लैवल की जांच कराना जरूरी है.

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पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार इस दौरान महिलाओं को बहुत तेज दर्द का सामना करना पड़ता है. ऐसे में वो दवाइयों का सहारा लेने लगती हैं. पीरियड्स पेन में इस्तेमाल होने वाले पेन किलर्स हाई पावर वाले होते हैं. स्वास्थ पर उनका काफी बुरा असर होता है.

इस खबर में हम आपको पांच घरेलू टिप्स के बारे में बताएंगे जिनको अपना कर आप हर महीने होने वाले इस परेशानी से राहत पा सकेंगी.
तो आइए शुरू करें.

1. तले आहार से करें परहेज

पीरियड्स में आपको अपनी डाइट पर खासा ख्याल रखना होगा. इस दौरान तले, भुने खानों से दूर रहें. अपनी डाइट में हरी सब्जियों और फलों को शामिल करें. ये काफी असरदार होते हैं.

2. तेजपत्ता

तेजपत्ता से होने वाले स्वास्थ लाभ के बारे में बहुत कम लोगों को पता होता है. पीरियड्स से होने वाली परेशानियों में तेजपत्ता काफी कारगर होता है. महावारी के दर्द को दूर करने के लिए महिलाएं इसका इस्तेमाल करती हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- पीरियड्स के ‘बर्दाश्त ना होने वाले दर्द’ को चुटकियों में करें दूर

पीरियड्स के दिनों में पैरों में दर्द होने का क्या कारण है?

सवाल

मेरी उम्र 24 साल है. पीरियड्स के दिनों में पैरों में दर्द होता है. क्या यह चिंता की बात है?

जवाब

नहीं, यह कोई बड़ी समस्या नहीं है. पीरियड्स के दौरान पैरों और शरीर के निचले हिस्से में दर्द आम बात है. पेट के निचले हिस्से में होने वाला दर्द शरीर के  अन्य हिस्सों तक फैलता है. कई औरतों को यह समस्या होती है. पैरों में दर्द की एक वजह गर्भाशय में सिकुड़न भी है.

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पीरियड्स के दर्द से ऐसे पाएं निजात

पीरियड्स की डेट आने से पहले ही हर लड़की को डर सा लगने लगता है कि अब फिर से दर्द सहना पड़ेगा. मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द में लड़कियां परेशान हो जाती हैं और उन्‍हें मेडीसीन खाने के अलावा कुछ भी नहीं सूझता है.

पीरियड्स के दौरान, मांसपेशियों में संकुचन आने के कारण उनमें ऑक्‍सीजन का प्रवाह सही से न होने के कारण दर्द होने लगता है. ऐसे में दवा से इस दर्द को बंद करना सबसे आसान होता है.

पीरियड्स के दिनों में दर्द कम करने वाली घरेलू दवा.

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आवश्‍यक सामग्री

1. जीरा – 2 चम्‍मच

2. शहद – 1 चम्‍मच

3. हल्‍दी – 1 चम्‍मच

तैयार करने की विधि

– एक पैन में थोड़ा पानी उबाल लें. इसमें जीरा, हल्‍दी और शहद को मिला दें. सभी को सामग्रियों को चलाते हुए उबलने दें.

– गाढ़ा हो जाने पर इसे एक कप में पलट लें. इसे पिएं. इस पेय को छाने नहीं और न ही इसे ठंडा होने फ्रिज में रखें.

– इस पेय को दिन में दो बार पीने से दर्द नहीं होता है.

आपकी जानकारी के लिए हम बताना चाहेंगे कि जीरा में ऐसे गुण होते हैं जो पेट में उठने वाली मरोड़ को शांत कर देते हैं और रक्‍त में ऑक्‍सीजन का प्रवाह अच्‍छी तरह करते हैं. वहीं, हल्‍दी और शहद में एंटी-इंफ्लामेन्‍टरी गुण होते हैं जो पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से राहत प्रदान करते हैं. आप भी इस पेय को पीरियड्स के दौरान पी सकती हैं इसका कोई साइड इफेक्‍ट नहीं होता है, हां स्‍वाद में थोड़ा अटपटा लग सकता है.

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे… 

गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

पीरियड्स के ‘बर्दाश्त ना होने वाले दर्द’ को चुटकियों में करें दूर

पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार इस दौरान महिलाओं को बहुत तेज दर्द का सामना करना पड़ता है. ऐसे में वो दवाइयों का सहारा लेने लगती हैं. पीरियड्स पेन में इस्तेमाल होने वाले पेन किलर्स हाई पावर वाले होते हैं. स्वास्थ पर उनका काफी बुरा असर होता है.

इस खबर में हम आपको पांच घरेलू टिप्स के बारे में बताएंगे जिनको अपना कर आप हर महीने होने वाले इस परेशानी से राहत पा सकेंगी.
तो आइए शुरू करें.

1. तले आहार से करें परहेज

पीरियड्स में आपको अपनी डाइट पर खासा ख्याल रखना होगा. इस दौरान तले, भुने खानों से दूर रहें. अपनी डाइट में हरी सब्जियों और फलों को शामिल करें. ये काफी असरदार होते हैं.

2. तेजपत्ता

तेजपत्ता से होने वाले स्वास्थ लाभ के बारे में बहुत कम लोगों को पता होता है. पीरियड्स से होने वाली परेशानियों में तेजपत्ता काफी कारगर होता है. महावारी के दर्द को दूर करने के लिए महिलाएं इसका इस्तेमाल करती हैं.

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3. हौट बैग

पीरियड्स में होने वाले दर्द में हौट बैग काफी कारगर होता है. इसको पेट के उस हिस्से पर रखना होता है जहां दर्द महसूस हो रहा है. ऐसा करने से आपको आराम मिलेगा.

4. कैफीन से रहें दूर

पीरियड्स के दौरान काफीन से दूरी बनाएं रखें. इस वक्त में इसके सेवन से गैस की परेशानी होती है. गैस के कारण कई बार दर्द बढ़ जाता है.

5. एक्सरसाइज को अपनी रूटीन में शामिल करें

डेली रूटीन में एक्सरसाइज को शामिल करने से आपको दर्द में काफी राहत मिलेगी. इससे ब्लौटिंग की परेशानी में भी काफी राहत मिलती है.  ब्लौटिंग की वजह से ही दर्द महसूस होता है. ऐसे में लाइट एक्‍सरसाइज करने से आपकी मसल्‍स रिलैक्‍स महसूस करेंगी.

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6. नमक से भी बना लें दूरी

पीरियड्स में ब्लौटिंग होना एक आम बात है. ऐसे में अगर आप पीरियड्स से कुछ समय पहले ही नमक का सेवन कम कर देती हैं तो आपकी किडनी को अत्यधिक पानी निकालने में मदद मिलने के साथ आपको दर्द में भी राहत मिलेगी.

जानें पीरियड्स के दौरान क्या खाएं और क्या नहीं

पीरियड्स से पहले होने वाली तकलीफ़, मूड स्विंग्स, पेट में दर्द, क्रैम्प्स (ऐंठन) जैसी समस्याएं यानी पीएमएस की तकलीफें हार्मोन्स के कम या ज़्यादा होने के कारण होती हैं. सच कहें तो हार्मोन्स में बदलाव ही महिलाओं के मासिक धर्म का प्रमुख कारण होता है. लेकिन यदि ये हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं तो ये तकलीफें हद से ज़्यादा बढ़ जाती है.आइये जानते हैं डायटीशियन डॉ स्नेहल अडसुले से कि पीरियड्स के समय , बाद में और पहले क्याक्या चीज़ें खानी चाहिए;

पीरियड्स के पहले

पीरियड्स के पहले यानी मेन्स्ट्रुअल सायकल के 20वें से 30 वें दिन तक आप के अंदर की ऊर्जा कम हो जाती है. आप थोड़ी उदासी भी महसूस कर सकती हैं. दिन में कई बार काफी ज़्यादा भूख महसूस हो सकती है और इसलिए इन दिनों आप के शरीर और मन के लिए सेहतमंद स्नैक्स ज़रुरी होते हैं.

रिफाइन्ड शक्कर, प्रोसेस्ड फूड और अल्कोहल का सेवन जितना संभव हो कम करें. बादाम, अखरोट, पिस्ता जैसे सूखे मेवे यानी हेल्दी फैट का सेवन करें. सलाद में तिल और सूरजमुखी के बीज शामिल करें. सेब, अमरुद, खजूर,पीच जैसे अधिक फायबर वाले फलों को अपने आहार में शामिल करें.

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हायड्रेटेड रहें. सोड़ा और मीठे पेय से परहेज़ करें. पर्याप्त मात्रा में पानी पियें. नींबू पानी में पुदिना और अदरक डाल कर पिएं. रात को सोने से पहले शरीर और मन को आराम मिले इसके लिए पेपरमिंट या कैमोमाईल चाय लें.

खून में आयरन सही मात्रा में रहने से आप का मूड और ऊर्जा का स्तर भी अच्छा रहेगा. नट्स, बीन्स (फलियां), मटर, लाल माँस और मसूर जैसे लोहयुक्त खाद्यपदार्थों का आहार में समावेश करें. पेट फूलने या सूजन जैसी समस्या से बचने के लिए नमक का सेवन कम करें.

पीरियड्स के दिनों में (पहले से सातवें दिन तक)

पीरियड्स के दिनों में खास कर पहले दो दिनों में आप को ऐसा लग सकता है जैसे सारी शक्ति चली गई हो. ऊर्जा का स्तर बेहद कम हो जाता है और आप को थकान महसूस हो सकती है. इसलिए इन दिनों ऐसा भोजन करें जिस से आप के शरीर में ऊर्जा का स्तर ऊँचा ऱखने में मदद मिले. अपने आहार में किशमिश, बादाम, मूँगफली, दूध का समावेश करें.

जंक और प्रोसेस्ड फूड में सोडियम और रिफाइन्ड कार्ब्ज प्रचुर मात्रा में होते हैं. इन्हें खाने से बचें. शीतल पेयों में रिफाइन्ड शक्कर भारी मात्रा में होती है जिस के कारण क्रैम्प्स (ऐंठन) आने की मात्रा और पीड़ा बढ़ सकती है. शीतलपेय या सोड़ा के बजाय नींबूपानी, ताजा फलों का रस या हर्बल टी लें.

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पीरियड्स के बाद के दिन (सातवें दिन से अठारहवें दिन तक)

इन दिनों आप काफी अच्छा महसूस करती हैं. इन्ही दिनों में ओव्यूलेशन होता है. ऐसे में व्यायाम के लिए ये दिन सर्वश्रेष्ठ होते हैं. अपने सलाद या सब्ज़ी में एक चम्मच फ्लैक्स या कद्दू के बीज डालें. इस से आप के शरीर में नैसर्गिक रुप से एस्ट्रोजन का स्तर ऊँचा रहेगा. पालक, दही, हरी सब्ज़ियां, फलियां जैसे कैल्शियमयुक्त खाद्यपदार्थ का सेवन करने के लिए यह सप्ताह सब से अच्छा है. इस चरण में आप की भूख धीरेधीरे कम होती है इसलिए समय पर भोजन करने का खासतौर पर ध्यान रखें.

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