अपने ससुराल वालों के साथ कैसे एडजस्ट करें?

अक्सर ऐसा होता है कि जब आप की शादी हो जाती है तो न केवल आप नए लोगों से जुड़ जाते हैं. बल्कि आप नई जिम्मेदारियां व नए कर्तव्व्यों से भी जुड़ जाते हैं. दूल्हा या दुल्हन जोकि आज तक केवल एक बेटा या बेटी थे अब बहू व दामाद बन जाते हैं. ऐसा ही मम्मी व पापा के साथ भी होता था जोकि आज तक सिर्फ एक बच्चे के माता पिता थे वह अब सास व ससुर बन जाते हैं. इस दौरान कई बार ससुराल वालों के साथ एडजस्ट करते समय दिक्कत होती है जिस कारण बहुत सी शादियां टूट भी जाती हैं.

ससुराल वालों के साथ एडजस्ट होने में आने वाली चुनौतियां

गलत अनुमान लगा लेना : कई बार हम अपने ससुराल वालों के लिए पहले से ही गलत सोच कर चलते हैं क्योंकि समाज ने व किसी हमारे जानकार जिसके रिश्ते अपने ससुराल वालों के साथ अच्छे नहीं होते हैं उन्होंने यह हमें बताया होता है तो हम वहीं मान लेते हैं. परन्तु ऐसा नहीं होता आप को पहले से ही अनुमान नहीं लगाना चाहिए कि यदि आप ससुराल वालों के साथ रहेंगी तो आप को प्राइवेसी व स्वतंत्रता नहीं मिलेगी. ऐसा कुछ केस में होता है न कि हर एक में. ऐसा ही सास ससुर के साथ भी होता है.

बेटे का सास बहू के बीच फस कर रह जाना : ज्यादा तर ऐसा होता है कि बहू व सास के बीच लड़का फस कर रह जाता है. वह दोनो ही उसके लिए एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करती हैं जिससे सास के अपने बेटे के साथ व पति के अपनी पत्नी के साथ रिश्ते बिगड़ने की सम्भावना होती है.

घर के नियम : कुछ एक घरों में अपने नियम बने होते हैं जोकि आप को पालन करने होते हैं. अब यह नियम आप की इच्छा के बिना ही बनाए जाते हैं क्योंकि यह नियम आप के आने से पहले ही तय हो चुके होते हैं. हो सकता है यह नियम आप को पसंद न आएं परंतु घर वाले इन नियमों को 20 से 25 साल पहले ही बना चुके होते हैं तो शायद वो इन्हे आप के लिए न बदलें.

प्राइवेसी : आजकल की लड़कियां जोकि अपने पैरो पर खड़ी होती हैं उन्हें अपने लिए स्पेस चाहिए होता है जो यदि उनको उसके ससुराल वाले न दें तो उनके बीच एक दरार बन सकती है. परन्तु आजकल के माता पिता के पास भी इतना बड़ा घर नहीं होता है कि वह उन्हें बहुत सा स्पेस दे सकें. एक 2 बेड रूम सेट वाले घर में इस बात को लेकर ज्यादा झगडे होते हैं.

लाइफस्टाइल पसंद : कई बार ऐसा होता है कि नई बहू को जो चीजें पसंद हैं वह ससुराल वालों के घर में प्रचलित न हो और इस वजह से दोनों में टकराव हो सकता है. जैसा यदि लड़की को नॉन वेज खाना पसंद हो और ससुराल वालों के घर में केवल शाकाहारी भोजन ही अलाउड हो तो इस प्रकार की दिक्कतें हो सकती हैं.

एक जैसे विचार होना : कई बार ऐसा हो सकता है कि घर में चलने वाले किसी मुद्दे पर चाहे वह कोई राजनीतिक मुद्दा हो या किसी को लेकर कहीं गई कोई स्टेटमेंट. इसमें हर इंसान के अपने अपने विचार हो सकते हैं तो ऐसा सम्भव है कि ससुराल वालों को बहू की बात अच्छी न लगे या बहू को ससुराल वालों को. अतः इस मामले में धैर्य से काम लेना जरूरी है.

ससुराल वालों के साथ रहना : ससुराल वालों के साथ रहना कुछ बच्चों को पसंद नहीं होता है इसलिए वह अपने लिए अलग घर की डिमांड करते है जोकि घर वालों को पसंद नहीं होता है. ऐसे में कुछ सास इसलिए भी दुखी हो जाती हैं कि सालों से उनका बेटा उनके साथ रहता आ रहा है और अब वह उनसे दूर हो जाएगा.

दादा ससुर दादी सास के साथ रहना : बुजुर्ग ससुराल वालों के साथ रहना अक्सर एक बहुत ही मुश्किल काम माना जाता है क्योंकि इनकी देख भल करना एक कठिन काम होता है जोकि आज कल के बच्चों को करने में बहुत दिक्कत आती है. इन सब कामों के चलते आप के पास अपने लिए समय नहीं बचता है.

ससुराल वालों के साथ मैनेज करने के टिप्स

अपने द्वारा लगाए गए अनुमान में बदलाव लाइए : सबसे पहले आप के मन में ससुराल वालों को लेकर जो गलत धरना बनी हुई है उसे बदलिए. वह सब भी आप के जैसे ही हैं. अतः आप को एडजस्ट करना चाहिए. हो सकता है वह आप की सारी इच्छाएं भी पूरी कर दें. ऐसा ही ससुराल वालों को भी करना चाहिए. दोनो तरफ से विनम्रता बरतनी चाहिए.

शादी से पहले अपने ससुराल वालों को जानिए : आप को अपने पार्टनर से पहले ही अपने सास ससुर के बारे में जान लेना चाहिए. उनके घर में क्या क्या मान्य है व क्या क्या नहीं. वह आप की कितनी आजादी देंगे और कितनी नहीं. इन सब बातों के बारे में पहले ही पता कर लें ताकि आप को बाद में दिक्कत न आए.

एक सकारात्मक मन से शुरुआत करें : अपने ससुराल वालों को हमेशा एक सकारात्मक नजरिए से देखें. उनके साथ शुरू से ही एक अच्छा व प्यारा रिश्ता बनाने की सोचिए. यदि आप उनसे परेशानी नहीं रखेंगे तो वह भी आप से किसी प्रकार का द्वेष नहीं रखेंगे. इसलिए एक सकारात्मक सोच का होना बहुत आवश्यक है.

साथ समय बताएं : साथ में समय बिताना बहुत आवश्यक है. यदि आप के किसी बात को लेकर झगडे हो रहे हैं तो आप उन्हे साथ बैठ कर सुलझा सकते हैं या यदि आप को एक दूसरे से कोई समस्या भी है तो भी आप उन्हे सुलझा सकते हैं. यदि आप अपने ससुराल वालों से अलग भी रहते हैं तो भी आप को कभी कभार उनके पास आकर समय जरूर बिताना चाहिए.

कर्तव्य बाट लेना : आप को अपनी जिम्मेदारियां व कर्त्तव्य आपस में बांट लेने चाहिए ताकि आप के ससुराल वाले हर बात पर आप को न टोकें व आप स्वयं से ही काम कर ले.

वित्तीय जिम्मेदारी : एक साथ बैठ कर निर्णय लें कि घर वालों को आप ने कितनी वित्तीय सहायता लेनी है और किस काम के लिए वह आप को सहायता देंगे.

प्राइवेसी दें : नए नए जोड़े को पूरा स्पेस मिलना चाहिए. यह उन्हें एक दूसरे के साथ समय बिताने में व एक दूसरे को अच्छे से जानने में मदद करेगा.

इस रिश्ते की नकारत्मकता को भी समझें : हर समय आप के बीच रिश्ते अच्छे नहीं रहेंगे. किसी समय आप दोनों पक्षों में लड़ाई झगड़े भी हो सकते हैं जोकि इस रिश्ते का नकारत्मक रूप है. आप को इस चीज को भी समझना चाहिए व मैच्योर रूप से इस स्थिति को संभालना चाहिए.

जीत होने की सम्भावना : यदि आप अपने घर वालों की सारी बात मानेंगे और यदि वह भी आप की पसंद व ना पसंद का ख्याल रखेंगे तो आप के बीच मन मुटाव व समस्या बहुत कम होंगी जिससे आप को जीतने वाली एक फील आएगी.

किसी तीसरे इंसान की राय लेना छोड़ दें : यदि आप के बीच कोई तीसरा इंसान आ जाता है और वह आप के ससुराल वालों के खिलाफ आप के कान भरता है तो आप को उसकी सुननी ही नही चाहिए. आप को अपने ससुराल वालों के साथ रहना है न कि किसी तीसरे इंसान के साथ. इसलिए आप को हमेशा अपने ससुराल वालों का ही पक्ष लेना चाहिए.

अपनी प्राथमिकता को थोपें : यदि आप को कोई चीज पसंद है और आप के ससुराल वाले उस चीज को पसंद नहीं करते हैं तो आप को एक दम से वह चीज उन पर थोप नहीं देनी है. आप आराम से उन्हें समझा सकते हैं और यदि वह फिर भी नहीं मानते हैं तो आप कहीं बाहर जाकर अपनी इच्छा पूरी करनी चाहिएं. जैसे यदि आप के घर वाले नॉन वेज नहीं खाने देते हैं तो आप बाहर जा कर खा सकती हैं.

उनके पारिवारिक मुद्दों से दूर रहें : ऐसा हो सकता है कि आप के ससुराल वालों की आप के पति के साथ किसी बात को ले कर लड़ाई हो जाए या उन की कोई पारिवारिक मुद्दे को लेकर बहस चल जाए तो आप को उनके बीच में नहीं बोलना चाहिए. हो सकता है वह इस बात को पसंद न करें या आप को भी लड़ाई के बीच में घसीट लें.

वास्तविक इच्छाएं रखें : आप को अपने ससुराल वालों के परिवार को देखते हुए उनसे ऐसी इच्छाएं रखनी चाहिए जिन्हे वह सच मे पूरी कर सकें. आप को भी उन्हें व उनके रीति रिवाजों को समझना होगा.

पति का किरदार सबसे महत्त्वपूर्ण होता है : पति का ससुराल वालों व पत्नी के बीच के रिश्ते में सबसे मुख्य किरदार होता है. अतः यदि उनके बीच कोई समस्या खड़ी हो जाती है तो पति को अपनी पत्नी के साथ साथ अपने घर वालों को भी समझना चाहिए.

अपने पति के साथ मजबूत रिश्ता बनाएं : आप को अपने पति के साथ एक मजबूत बॉन्डिंग बनानी चाहिए. यदि आप के ससुराल वालों से आप की लड़ाई हो भी जाती है तो वह आप की उनसे सुलह करवा सकते हैं और आप की साइड भी ले सकते हैं.

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