पर्सनैलिटी ग्रूमिंग खोले सफलता के द्वार

रीना देखने में बहुत सुंदर थी. लंबा कद, छरहरा बदन, बोलती आंखें और लंबे व काले बाल देख कर कोई भी उस की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाता था. एमबीए करने के बाद जब वह अपनी पहली नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जा रही थी तो किसी को इस बात की उम्मीद नहीं थी कि वह सफल नहीं होगी. रीना भी यह मान रही थी कि वह आज सफल हो कर ही लौटेगी. इंटरव्यू के दौरान जब रीना से सवाल किए गए तो वह उन का सही तरह से जवाब भी दे रही थी.

इंटरव्यू के दौरान ही रीना की मुलाकात दीपा से हुई. वह भी देखने में रीना जैसी ही थी पर पता नहीं क्यों रीना को बारबार यह लग रहा था कि रीना की जगह दीपा को ही इंटरव्यू में चुना जाएगा. रीना का अंदाज सही निकला. इंटरव्यू के बाद दीपा को ही कंपनी सैक्रेटरी के लिए चुना गया.

रीना के करीबी लोगों को जब इस बात का पता चला तो उन का कहना था कि इंटरव्यू के दौरान दीपा का पक्ष ले लिया गया होगा. इस के जवाब में रीना ने कहा कि ऐसी बात नहीं है. दीपा में आत्मविश्वास साफतौर पर झलक रहा था जबकि मैं उस का मुकाबला नहीं कर पा रही थी. मुझे उसी समय लग गया था कि दीपा बाजी मार ले जाएगी.

रीना ने इस के बाद कैरियर कांउसलर और इमेज सीकर्स कंपनी की दिशा संधू से मुलाकात की और अपनी पूरी बात बताई. दिशा संधू ने रीना को बताया कि उस की पर्सनैलिटी तो बहुत अच्छी है, बस इस को थोड़ी सी ग्रूमिंग की जरूरत है.

पर्सनैलिटी ग्रूमिंग के टिप्स व महत्त्व आप भी जानें:

बढ़ता है आत्मविश्वास

पर्सनैलिटी का मोहक रूप काम के हिसाब से तय होता है. फर्स्ट इंपैक्ट कंपनी की डायरैक्टर सौम्या चतुर्वेदी कहती हैं, ‘‘आप जिस प्रोफैशन में हों उस के हिसाब से ही कपड़े पहनें और मेकअप करें. आप की बातचीत का तरीका भी इतना आकर्षक हो कि एक बार बात करने वाला आप से बारबार बात करने के लिए लालायित रहे. ग्लैमर से भरपूर नौकरियों में पर्सनैलिटी बहुत ही जरूरी हो गई है.’’

व्यक्तित्व और पहनावा

फैशन डिजाइनर नेहा बाजपेयी का कहना है, ‘‘पर्सनैलिटी ग्रूमिंग का सब से खास हिस्सा ड्रैससैंस है. आप की ड्रैससैंस जितनी अच्छी होगी सामने वाले पर उस का प्रभाव उतना ही अच्छा पड़ेगा. अच्छी पर्सनैलिटी के लिए यह जानना जरूरी है कि किस मौके पर कैसी डै्रस पहनी जाए. पार्टी और औफिस की डै्रस कभी एकजैसी नहीं हो सकती. यह बात केवल महिलाओं के लिए ही लागू नहीं होती, पुरुषों पर भी होती है.’’

मेकअप हो सौम्य और सुंदर

ब्यूटी ऐक्सपर्ट अनामिका राय सिंह कहती हैं, ‘‘पर्सनैलिटी ग्रूमिंग में मेकअप का भी बड़ा महत्त्व होता है. इसलिए मेकअप करने से पहले यह जान लें कि आप किस जगह पर जा रही हैं. अगर पार्टी में जाना है तो आप का मेकअप कलरफुल होना चाहिए. औफिस में मेकअप अलग किस्म का होता है. बहुत ज्यादा भड़काऊ मेकअप औफिस में भद्दा लगता है. सौम्य मेकअप आप को ज्यादा आकर्षक बनाता है. आप जिस पद पर काम कर रही हैं, मेकअप उस के हिसाब से भी होना चाहिए.’’

शारीरिक भाषा

मेकअप के साथसाथ बौडी लैंग्वैज का भी अपना महत्त्व होता है. उस में भी सुधार जरूरी है.

सुनीता को बात करतेकरते हाथ झटकने की आदत थी. उस को अपनी इस आदत के चलते कई बार पार्टी में हास्यास्पद हालात का सामना करना पड़ जाता था. उस के पति दीपक को यह बात समझ आई तो उस ने सुनीता की यह आदत छुड़वाने में मदद की. स्नेहा एक बैंक में अफसर थी. उस में किसी तरह की कोई कमी नहीं थी पर कभीकभी तनाव में आने पर वह अपने हाथ के नाखून मुंह में डाल कर कुतरना शुरू कर देती थी. बहुत मुश्किल से उस की यह आदत छूट सकी.

चलनेफिरने, उठनेबैठने टेलीफोन पर बात करने का भी अपना एक तरीका होता है. जो बौडी लैंग्वैज का अहम हिस्सा होता है. इस को निखारे बिना पर्सनैलिटी ग्रूमिंग मुश्किल हो जाती है. बातचीत में शिष्टाचार भी पर्सनैलिटी ग्रूमिंग को बढ़ाता है. कई बार लोग बातचीत में अनावश्यक लटकेझटके दिखाते हैं जो पर्सनैलिटी को मैच नहीं करती. ऐसे में जरूरी है कि अपनी बौडी लैंग्वेज को सही से रखा जाए.

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