महामारी के दौरान अच्छी नींद के साथ न करें समझौता

अच्छी नींद स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण घटक है. नींद पूरी न होने से शरीर में शारीरिक गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं जिससे शारीरिक और मानसिक रोगों को बढ़ावा मिल सकता है. नींद की समस्या या अनिद्रा अक्सर कम शारीरिक और/या मनोवैज्ञानिक कारणों की वजह से पैदा होती है. अक्सर तनाव/चिंता/अवसाद या मूड डिसॉर्डर की समस्या कमजोर गुणवत्ता की नींद की वजह से देखने को मिलती है.

इस बारे में बता रहीं हैं गुरुग्राम के पारस अस्पताल की मनोचिकित्सक और सलाहकार डॉक्टर ज्योति कपूर.

कोविड महामारी से विभिन्न स्तरों पर लोग प्रभावित हुए हैं और हम अपने इर्द-गिर्द ज्यादातर लोगों में तनाव में इजाफा देख रहे हैं. लॉकडाउन और वर्क फ्रॉम होम परिवेश से एक मुख्य समस्या अनुशासित रुटीन का अभाव कार्य घंटे लंबी रातों में खिंचना है. वित्तीय दबाव और रोजगार खोने के डर की वजह से कर्मचारी कार्य घंटे सीमित बनाए रखने में सक्षम नहीं हैं और दुर्भाग्यवश, कई कॉरपोरेट कर्मचारी नियोक्ता की तरफ से प्रबंधन को लेकर असंवेदनशीलता की शिकायत कर रहे हैं. इन सभी समस्याओं ने कामकाजी लोगों के सोने के रुटीन को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया है, क्योंकि उनमें तनाव का स्तर बढ़ रहा है.
स्कूल जाने वाले बच्चों में भी, जल्दी उठने की आदत प्रभावित हुई है जिससे सुबह के समय ज्यादा देर तक सोने और देर रात तक इंटरनेट और गेम खेलने की प्रवृत्ति बढ़ी है.

ऑनलाइन पढ़ा रहे शिक्षक भी छात्र की जरूरतें पूरी नहीं होने तक और स्कूल प्रशासन की जरूरतों को देखते हुए अपनी मोबाइल पहुंच समाप्त करने में सक्षम नहीं हैं.

मनोचिकित्सा ओपीडी में कोविड-19, लॉकडाउन से संबंधित सामाजिक अकेलेपन और अनुशासन के अभाव से जुड़ी समस्याओं के कारण नींद से प्रभावित होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है.

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नींद से जुड़ी अनियमितताओं के प्रबंधन के लिए लोगों से जुड़े जैविक, मनो-सामाजिक और पर्यावरण संबंधी कारकों का आकलन करने की जरूरत है. अच्छी नींद सुनिश्चित करने के लिए परिवेश और व्यवहार में बदलाव पहला उपचार है. यह निम्नलिखित नींद स्वच्छता प्रणालियों से जुड़ा हुआ हैः

1. बिस्तर पर सोने का नियमित समय बनाएं और उस पर अमल करें
2. सोने से 3 घंटे पहले तक व्यायाम से परहेज करें
3. रात का भोजन सोने से 2 घंटे पहले कर लें
4. सोने से 3 घंटे पहले चाय, कॉफी, तंबाकू के सेवन से परहेज करें
5. सोने के समय के रुटीन पर पालन करें
6. बेडरूम में आरामदायक वातावरण सुनिश्चित करें
7. दिन के समय में सोने से बचें
8. दिन के दौरान नियमित तौर पर व्यायाम करें
9. सोते समय भावनात्मक रूप से प्रभावित करने वाली गतिविधियों से बचने की कोशिश करें
10. नींद से संबंधित समस्याएं दूर करने के लिए कई अन्य गैर-चिकित्सकीय उपाय भी हैं जो मरीज की परिस्थितियों और जरूरतों के आधार पर अलग अलग हो सकते हैं.

सभी उम्र और पेशों के लोगों को लॉकडाउन संबंधित तनाव दूर करने और लंबे समय स्वास्थ्य संबंधित जटिलताओं से बचने के लिए नींद का रुटीन बनाने की जरूरत है.

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