जिंदगी के हर दौर में महिलाओं के लिए हेल्थ इंश्योरेंस है जरूरी

मैटरनिटी एक महिला के जीवन में सबसे खूबसुरत पलों में से एक होता है. हालांकि, यह अपने साथ भावनात्मक और वित्तीय जिम्मेदारी लेकर आता है. जीवन बदलने वाले इस फैसले को लेने से पहले, मैटरनिटी के साथ आने वाली जिम्मेदारियों के लिए वित्तीय रूप से तैयार होना बहुत ही जरूरी है. इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान या बाद में किसी भी मेडिकल इमरजेंसी का सामना करने के लिए एक सही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का होना भी उतना ही जरूरी है.

अमित छाबड़ा, हेड-हेल्थ एंड ट्रेवल इंश्योरेंस, पॉलिसीबाज़ार.कॉम का कहना है, “स्वास्थ्य देखभाल की लागत तेजी से बढ़ने के साथ, अस्पताल में भर्ती होने के दौरान कवरेज मिलना बहुत ही महत्वपूर्ण है. खासतौर से उन महिलाओं के लिए जिन्हें अपने आश्रितों की देखभाल करनी होती है, उनके लिए जीवन के हर चरण में पर्याप्त कवरेज होना आवश्यक है. और जिस तरह मैटरनिटी के दौरान उनकी चिकित्सीय ज़रूरतें विकसित होती हैं, उसी तरह उनका इंश्योरेंस कवरेज भी होना चाहिए. अलग-अलग राइडर्स का उपयोग करके, महिलाएं अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को जीवन के प्रत्येक चरण के मुताबिक तैयार कर सही लाभ प्राप्त कर सकती हैं. साथ ही सभी महिलाओं को अपनी फाइनेन्शियल प्लानिंग करते समय उनकी बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखना चाहिए क्योंके वे गर्भावस्था से लेकर बुढ़ापे तक विभिन्न चरणों से गुजरती हैं”.

होने वाली मां: जिस समय आप अपने परिवार का आगे बढ़ाने की योजना बनाते है, एक मां बनने का सफर वहीं से शुरू हो जाती है, और इसी के साथ फाइनेन्शियल प्लानिंग भी शुरू हो जाती है. गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह की परेशानी न हो इसके लिए, होने वाली मां को शुरू से ही चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है. यहीं पर मैटरनिटी बेनिफिट वाली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी सामने आती है. इस तरह की इंश्योरेंस पॉलिसी एक निश्चित अवधि तक बच्चे के जन्म से संबंधित सभी खर्चों को कवर करती है – जिसमें गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के बाद दोनों समय का खर्च शामिल होता है। वास्तव में, अब ऐसी योजनाएं हैं जो गर्भ धारण करने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए आईवीएफ लागत को भी कवर करती हैं.

आम तौर पर मैटरनिटी बेनिफिट प्राप्त करने से पहले पॉलिसी के आधार पर दो से चार साल का वेटिंग पीरियड होता है. हालांकि, अब ऐसी पॉलिसी भी उपलब्ध हैं जिन्होंने इस वेटिंग पीरियड को घटाकर एक साल कर दिया है. इसलिए, मैटरनिटी बेनिफिट के साथ हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी जल्दी ही लेनी चाहिए क्योंकि मौजूदा गर्भावस्था को मैटरनिटी बेनिफिट के तहत कवर नहीं किया जाएगा.
गर्भावस्था से पहले और बाद की देखभाल के अलावा, डिलीवरी के दौरान होने वाला खर्च बहुत ज्यादा होता है जो कुछ लाख तक हो सकता है, खासकर सर्जिकल डिलीवरी में। इस खर्च को कवर करने वाली इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना यह सुनिश्चित करता है कि आप अपने शहर में उपलब्ध अच्छी से अच्छी मेडिकल सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। इससे न केवल नई मां के लिए बल्कि उसके बच्चे के लिए भी उचित देखभाल मिल पाएगी.

नई माताएं: गर्भावस्था के दौरान ध्यान मां के स्वास्थ्य पर, और अजन्मे बच्चे पर होता है। हालांकि, जैसे ही बच्चा पैदा होता है, दुनिया फिर बच्चे के चारों ओर घूमती है। इस अवस्था में नवजात शिशु की इम्यूनिटी क्षमता कम होती है जिसकी वजह से शिशु संक्रमण और बीमारियों के प्रति बहुत ज्यादा सेसेंटिव होता है. साथ ही उसे समय-समय पर टीका लगवाने की भी जरूरत होती है, जिसम एक बड़ा खर्चा होता है.
मैटरनिटी कवरेज वाली कई हेल्थ इंश्येरंस पॉलिसी नवजात शिशु के लिए भी कवर प्रदान करती हैं, जो ऐसे समय में बहुत ही लाभदायक हो सकती है. हालांकि, यह कवरेज एक निश्चित समय तक ही रहता है. इसलिए एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी जो बच्चे को आधार योजना से जोड़ने की सुविधा प्रदान करती है, इस स्टेज में माताओं के लिए एक सही विकल्प है. इसके अलावा, लगभग सभी प्रमुख इंश्योरेंस कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की पेशकश करती हैं जो बच्चों के टीकाकरण को कवर करती हैं. अगर पॉलिसी के नियम और शर्तों को देखते हुए, युवा मां अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ नवजात की देखभाल के लिए अतिरिक्त ऐड-ऑन को विकल्प भी चुन सकती हैं.

हालांकि, इस स्तर पर स्वास्थ्य देखभाल केवल बच्चे तक ही सीमित नहीं है. बच्चे के जन्म के बाद देखभाल के लिए मां को भी कवर करने की जरूरत है. इसके अलावा, जैसे-जैसे समय बीतता है, एक मां की इंश्योरेंस संबंधी ज़रूरतें मैटरनिटी से अलग भी विकसित होंगी और उसे अपने पूरे स्वास्थ्य को कवर करने की आवश्यकता होगी. इसलिए महिलाओं को स्तर कैंसर, गठिया, हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों से सुरक्षा पर भी विचार करना चाहिए और उसके मुताबिक एक व्यापक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का चुनाव करना चाहिए.

सिंगल मदर: सभी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी सिंगल महिलाओं को उनकी मैटरिनिटी पॉलिसी में शामिल नहीं करती हैं, लेकिन बाजार में कुछ ऐसी योजनाएं भी उपलब्ध हैं जो सिगंल महिलाओं और सिंगल मदर्स को मैटरनिटी बेनिफिट प्रदान करती हैं. हालांकि, यहां सबसे महत्वपूर्ण कारक है वेटिंग पीरियड है. पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अनुसार महिला द्वारा वेटिंग पीरियड को पूरा करने के बाद, वह अपनी वैवाहिक स्थिति के बावजूद पॉलिसी के मैटरनिटी बेनिफिट का क्लेम करने के लिए पात्र है.

वृद्ध माताएं: जैसे-जैसे समय बीतता है और बच्चा बड़ा होकर वयस्क बनता है, मां की भी उम्र बढ़ती है और उसकी स्वास्थ्य देखभाल और बीमा की ज़रूरतें और विकसित होती हैं. ऐसे समय में एक ऐसी योजना की आवश्यकता होगी जो गंभीर बीमारियों को कवर करे. उम्र बढ़ने के साथ पुरुषों की तुलना में महिलाओं में गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी स्थितियों का खतरा ज्यादा होता है. इस स्तर पर इन गंभीर बीमारियों को कवर करने के लिए ऐड-ऑन कवर पर विचार करना ही बुद्धिमानी है.

अगर इस स्तर पर, वृद्ध मां अपनी बदली हुई परिस्थितियों के कारण पूरी तरह से एक नए हेल्थ कवर की तलाश कर रही है, तो उसे पहले दिन से ही पहले से मौजूद बीमारियों को कवर करने वाली पॉलिसी की तलाश करनी होगी. साथ ही सीनियर सिटीजन स्पेशल योजनाएं भी हैं जो 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों द्वारा किए गए मेडिकल खर्च को कवर करती हैं। चूंकि सीनियर सिटीजन को एक रेगुलर मेडिकल चेक-अप की आवश्यकता होगी, इसलिए ऐसी योजनाएं सहायक होती हैं क्योंकि वे ऐसे खर्चों के लिए कवर प्रदान करती हैं.

हेल्थ इंश्योरेंस के लिए अपनी आय का कितना हिस्सा खर्च करना चाहिए?

COVID-19 महामारी ने सभी को सिखाया है कि स्वास्थ्य को हर चीज से ऊपर प्राथमिकता देना बहुत ही जरूरी है। एक अच्छी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद में, एंबुलेंस खर्च और डे-केयर प्रक्रियाओं से लेकर आईसीयू और कमरे के किराए को कवर करती है और चुनी गई पॉलिसी के प्रकार के आधार पर कैशलेस हॉस्पिटलाइजेशन की सुविधा भी प्रदान करती है.
हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते समय वेतन का अनुपात 4-5% होना चाहिए। उदाहरण के लिए, अगर आप 1,00,000 रुपये मासिक कमाते हैं, तो 4000-5000 रुपये के बीच हेल्थ इंश्योरेंस के खर्च को अलग रखने की सलाह दी जाती है. हालांकि, अगर आपके परिवार की पुरानी मेडिकल हिस्ट्री में कई समस्याएं रही है या परिवार के किसी सदस्य को कोमोरबिडिटी है,तो व्यक्ति को पहले से मौजूद बीमारियों को कवर करने वाला प्लान खरीदना चाहिए और इसे बेहतर सुरक्षा प्राप्त करने के लिए आवश्यकता के अनुसार उपलब्ध ऐड-ऑन्स का विकल्प भी चुनना चाहिए.

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