तनाव से निबटना आता है: पूजा हेगड़े

वर्ष 2010 में मिस यूनिवर्स इंडिया की सैकेंड रनरअप रह चुकीं मौडल और अभिनेत्री पूजा हेगड़े ने फिल्म ‘मोहनजोदारो’ से हिंदी फिल्म में डैब्यू किया. मुंबई की पूजा ने हिंदी के अलावा तमिल और तेलुगु फिल्मों में भी काम किया है. पूजा को कालेज के जमाने से फैशन, मौडलिंग और अभिनय का शौक था. इसलिए कालेज के दिनों से ही उन्होंने इन सभी में भाग लेना शुरू कर दिया था. हालांकि पूजा के परिवार में कोई भी फिल्म इंडस्ट्री से नहीं है, पर उन्हें अपना कैरियर चुनने की आजादी थी.

स्वभाव से शांत और हंसमुख पूजा को अभिनय के हर रंग पसंद हैं, इसलिए भाषा उन के लिए माने नहीं रखती. जब उन्हें निर्मातानिर्देशक आशुतोष गोवारिकर के साथ काम करने का मौका मिला, तो वे बहुत उत्साहित थीं, क्योंकि उन्हें एक बड़ी फिल्म और अभिनेता ऋतिक रोशन के साथ काम करने का मौका मिल रहा था. लेकिन फिल्म नहीं चली और पूजा को जो मुकाम मिलना था वह नहीं मिल पाया.

मेहनत पर भरोसा

पूजा का इस बारे में कहना है कि फिल्म अगर चलती, तो अच्छी बात होती, क्योंकि एक सफल फिल्म कलाकार की जिंदगी बदल सकती है, जो नहीं हुआ. फिल्म सफल हो या न हो, मैं उस पर अधिक ध्यान नहीं देती. मैं किसी भी फिल्म के प्रोसैस को बहुत ऐंजौय करती हूं और उस में अच्छा अभिनय करने के लिए मेहनत करती हूं. कई बार ऐसा देखा गया है कि फिल्म पेपर पर कुछ और होती है और बनने के बाद कुछ और हो जाती है. ऐसे में फिल्म नहीं चलती, जबकि एक खराब फिल्म भी बहुत पैसे बना लेती है.

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लौकडाउन में पूजा हेगड़े घर पर समय बिता रही हैं और जो भी काम पैंडिंग थे, उन्हें पूरा कर रही हैं. वे कहती हैं कि इस समय मैं सकारात्मक सोच अधिक रख रही हूं. मुझे काम बहुत पसंद है और उसे मिस भी कर रही हूं, लेकिन इस समय घर पर रहना जरूरी है. इस के अलावा मैं खाना बनाना, मैडिटेशन करना और किताबें पढ़ना पसंद करती हूं. मेरी 2 अच्छी खबरें लौकडाउन की वजह से आतेआते रुक गईं, पर मैं निराश नहीं, क्योंकि हम सब एक ही नाव पर सवार हैं, अगर मैं काम नहीं कर रही हूं, तो समस्या कुछ भी नहीं, क्योंकि अभी कोई भी काम नहीं कर रहा है.

फिट रहना पसंद

पूजा इन दिनों घर पर वर्कआउट कर रही हैं. पूजा कहती हैं कि मैं हर दिन एक घंटे व्यायाम करती हूं, ताकि शरीर का ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहे. इस के अलावा संतुलित भोजन करना मुझे पसंद है, क्योंकि स्वस्थ शरीर के लिए अच्छे भोजन की आवश्यकता होती है.

पूजा ने जितना भी काम किया है, उस से वे संतुष्ट हैं. वे कहती हैं कि मैं ने एक बच्चे की तरह आगे चलना सीखा है. मुझे अलगअलग भाषा की फिल्मों में काम करने में खुशी मिलती है, क्योंकि इस से मैं अलगअलग भाषा बोलने वाले दर्शकों के पास पहुंच पाती हूं. इमोशन हर फिल्म का एक जैसा ही होता है, सिर्फ संवाद की भाषा अलग होती है, जिस का प्रभाव अभिनय पर नहीं पड़ता. मैं वैब सीरीज और मराठी सिनेमा में भी काम करना चाहती हूं. मैं पैनइंडिया स्टार बनने की इच्छा रखती हूं.

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बौलीवुड में बढ़ते आत्महत्या के मामलों पर पूजा कहती हैं कि मुझे तनाव से निबटना आता है. वे खुशमिजाज लड़की हैं और स्ट्रैस को अपने ऊपर हावी होने नहीं देतीं.

उन का कहना है कि तनाव होने पर मैं अधिक काम करती हूं और इस से वह कम हो जाता है. अगर आप को किक बौक्सिंग और पंचिंग जैसी स्पोर्ट्स पसंद हैं तो आप फ्रस्ट्रेशन को आसानी से भगा सकते हैं.

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