असली चेहरा कुछ और होता है : प्रार्थना बेहेरे

हिंदी टीवी धारावाहिक ‘पवित्र रिश्ता’ में वैशाली धर्मेश जयपुरवाला की भूमिका निभाकर चर्चित हुई मराठी अभिनेत्री प्रार्थना बेहेरे मूलरूप से गुजरात की हैं. उन्होंने मराठी फिल्मों के अलावा कई मराठी टीवी शो में भी काम किया है. एक टीवी रिपोर्टर के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली प्रार्थना को कभी लगा नहीं था कि वह एक अभिनेत्री बनेंगी. रिपोर्टिंग के काम के दौरान वह अभिनेत्री, निर्देशक और निर्माता रेणुका शहाणे से मिलीं और उनकी मराठी फिल्म ‘रीटा’ के लिए उन्हें एसिस्ट किया और वहां रेणुका ने उन्हें अभिनय करने की सलाह दी. उन्होंने हिंदी धारावाहिक ‘पवित्र रिश्ता’ के लिए औडिशन दिया और अंकिता लोखंडे की छोटी बहन के रूप में चुन ली गयीं. इसके बाद प्रार्थना को पीछे मुड़कर देखना नहीं पड़ा उन्होंने कई मराठी धारावाहिकों और फिल्मों में काम कर अपना नाम शीर्ष मराठी अभिनेत्रियों की सूंची में शामिल कर लिया है. काम के दौरान वे निर्माता निर्देशक अभिषेक जावकर से मिलीं और पारंपरिक तरीके से शादी की. अभी प्रार्थना की मराठी फिल्म ‘ती एंड ती’ रिलीज हो चुकी है, जिसमें उन्होंने अच्छा अभिनय किया है. उनसे बातचीत हुई, पेश है अंश.

इस फिल्म को करने की खास वजह क्या रही?

इस फिल्म के निर्माता पुष्कर जोग ने मुझे सबसे पहले बताया था कि एक अच्छी रोमकौम कौमेडी वाली कहानी है, जिसका निर्देशन मृणाल कुलकर्णी कर रही हैं. मैं करुंगी या नहीं. मुझे सालों से मृणाल कुलकर्णी के साथ अभिनय की इच्छा थी और जब ये मौका मुझे सामने से मिल रहा है, तो ना कहने की कोई गुंजाईश ही नहीं थी.

ये चरित्र आपसे कितना मेल खाता है?

ये चरित्र मुझसे काफी मिलता है, क्योंकि मेरी अभी थोड़े दिन पहले ही शादी हुई है. शादीशुदा जिंदगी के बारें में मेरा अनुभव है. इस फिल्म में पति-पत्नी हनीमून पर जाने के लिए क्या-क्या करते हैं. उसे ही दिखाया गया है. उस फीलिंग को समझना मेरे लिए आसान था.

एक्टिंग कैरियर में आना इत्तफाक था या आप पहले से ही अभिनय करना चाहती थीं?

ये एक इत्तेफाक ही था. मैं एक न्यूज चैनल में जर्नलिस्ट थी और अच्छा काम कर रही थी. उसी दौरान मुझे रेणुका शहाणे ने अपनी मराठी फिल्म ‘रीटा’ के लिए एसिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम करने का मौका दिया. वहां उन्होंने मेरे काम को देखकर मुझे अभिनय करने की सलाह दी. मैंने कोशिश की कई औडिशन दिए और हिंदी धारावाहिक ‘पवित्र रिश्ता’ में अंकिता लोखंडे की छोटी बहन वैशाली की भूमिका मिली. इस के बाद मुझे मराठी फिल्मों में भी काम मिलने लगा और अब तक मैं 7 से 8 फिल्में कर चुकी हूं.

पत्रकार से अभिनेत्री बनने के बाद दोनों में अंतर क्या पाती हैं?

जब मैं पत्रकार थी, तब मुझे लगता था कि इंडस्ट्री मसाला लगाकर सब बातों को बाहर नहीं भेजती. यही सच्चाई है. अब मुझे समझ में आता है कि छोटी-छोटी खबरों को इंडस्ट्री ग्लैमराईज कर बड़ा कर देती है, जबकि असली चेहरा कुछ और होता है. इसके अलावा मुझे समझ में आया कि मुझे क्या करना है और क्या नहीं.

आप अपनी जर्नी को कैसे लेती हैं?

मेरी जर्नी अभी बहुत छोटी है लेकिन इन 7 सालों में मैंने जितना काम किया है, मैं उससे बहुत खुश हूं, क्योंकि किसी ने कोई आरोप फिल्मों को लेकर नहीं लगाये हैं और दर्शकों का प्यार बहुत मिला है.

आपके पति भी इंडस्ट्री से हैं, क्या फायदा होता है और दोनों में क्या कौमन है?

एक क्षेत्र से होने पर बहुत फायदे होते हैं. जब कभी भी मैं अगर कंफ्यूज होती हूं तो उनकी राय लेती हूं. क्रिएटिवली हम दोनों की सोच एक है.

आपकी शादी एरेंज्ड थी या लव मैरिज? अभिषेक में आपने खास क्या देखा?

मेरी शादी एरेंज्ड थी. 10 दिन की मुलाकात में मेरी शादी हो गयी थी. मैंने शुरू में ही कह दिया था कि डेटिंग के लिए मेरे पास समय नहीं है.

मैं बहुत सारे लड़कों से मिली हूं, लेकिन अभिषेक से मिलते ही एक अलग एहसास हुआ था. उनकी सभी बातें मुझे अच्छी लगी थी. ये सही है कि हर रिश्ते में सामंजस्य बिठाने की जरूरत होती है, तभी रिश्ते बनते हैं और वह मैं करती हूं.

आपके यहां तक पहुंचने में परिवार की सहायता कितनी रही है?

शादी से पहले माता-पिता और बहन का बहुत सहयोग रहा है. शादी के बाद पति और सास ससुर भी मेरे काम से बहुत खुश हैं.

क्या कोई ड्रीम प्रोजेक्ट है?

मैं चाहती हूं कि मेरे पति एक हिंदी फिल्म की कहानी लिखे और उसे बनायें, जिसमें मुझे मुख्य भूमिका करने का मौका मिले.

एक्टिंग के क्षेत्र में किसे अपना आदर्श मानती हैं?

मुझे अभिनेत्री श्री देवी बहुत पसंद हैं. उन्हें बहुत मिस करती हूं, उनकी एक फिल्म या गाना मैं रोज देखती या सुनती हूं.

मीटू के बारें में आपकी राय क्या है?

मेरे हिसाब से ताली हमेशा दो हाथ से ही बजती है, लेकिन डर इस बात से लगता है कि ऐसा होने पर पहले कानून का सहारा लेकर सच्चाई की तह तक जाने की जरुरत होती है, नहीं तो ऐसे किसी भी व्यक्ति की जिन्दगी खराब हो जाती है. उसे काम मिलना बंद हो जाता है.

किस बात पर बहुत गुस्सा आता है?

मुझे गुस्सा बहुत कम आता है. वायलेंस मुझे बिल्कुल पसंद नहीं.

कोई सोशल वर्क करना चाहती हैं?

मैं स्ट्रीट किड्स के लिए काम करना चाहती हूं.

 

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