अबौर्शन के बाद क्या करें क्या नहीं

बहुत सारे लोग बच्चा 30 की उम्र के बाद सोचते हैं. एक विश्वव्यापी सर्वे के अनुसार हर 4 में से 1 महिला का अबौर्शन 45 साल की उम्र से पहले हो जाता है. यदि आप या आप के आसपास किसी महिला का अबौर्शन हुआ है तो आप का इस ब्लौग को पढ़ना और भी जरूरी है. आइए, इस से पहले जानते हैं कि अबौर्शन क्या होता है.

अबौर्शन क्या होता है और इसे करने/करवाने के क्या तरीके होते हैं? अबौर्शन यानी प्रैग्नेंसी पूर्ण होने से पहले या तो गर्भ का अपनेआप गर्भ से निकल जाना या उसे जबरदस्ती शल्यचिकित्सा या गोलियों के माध्यम से निकालना. इस का अंतिम परिणाम यह होता है कि प्रैग्नेंसी खत्म हो जाती है यानी अबौर्शन हो जाता है.

अबौर्शन के कई अलगअलग प्रकार हैं. एक डाक्टर किसी भी महिला की आवश्यकताओं और प्रैग्नेंसी के अनुसार उस के लिए उपयुक्त विधि की प्रयोग करेगा. अबौर्शन के प्रकारों में शामिल हैं: अबौर्शन की गोली, निर्वात आकांक्षा, अर्थात् वैक्यूम ऐस्पिरेशन फैलाव और निकासी या डी ऐंड ई.

अबौर्शन के बाद

इन प्रक्रियाओं के बाद एक महिला की सामान्य माहवारी अवधि 4-8 सप्ताह में वापस आ जानी चाहिए. हालांकि उसे शुरू में अनियमित स्पोटिंग या रक्तस्राव हो सकता है. कुछ लोगों में अबौर्शन के बाद के दिनों और हफ्तों में मजबूत भावनाएं और मूड में बदलाव होता है. हारमोन में अचानक परिवर्तन इस का कारण बन सकता है. अबौर्शन होना भावनात्मक और मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण अनुभव हो सकता है और प्रक्रिया के बाद के दिनों और हफ्तों में आप को दोस्तों और करीबी संबंधों का सहारा लेना चाहिए.

जैसे ही कोई व्यक्ति ओव्यूलेट करती है, गर्भवती होना संभव है. यह पहली माहवारी से पहले होता है और यह अबौर्शन के तुरंत बाद हो सकता है. इसलिए, यदि कोई व्यक्ति गर्भधारण से बचने की कोशिश कर रही है तो गर्भनिरोधक का उपयोग या सैक्स से परहेज करना जरूरी है.

अबौर्शन के बाद दिखने वाले निम्नलिखित लक्षण हैं:

खून आना

कुछ महिलाओं को अबौर्शन के बाद बिलकुल खून नहीं आता तो कुछ को अगले 2 से 6 हफ्तों तक योनि से खून आ सकता है, घबराइए मत यह अबौर्शन का एकदम सामन्य लक्षण है.

  1. योनि से जो खून आ रहा है वह थोड़ा स्पौटी, भूरे रंग का हो सकता है, उस में यदि आप को क्लाट्स दिखें तो घबराएं नहीं क्योंकि यह एकदम सामान्य है.
  2. अबौर्शन के बाद शुरू के कुछ दिनों में खून नहीं आता, मगर फिर हारमोनल बदलावों के कारण खून थोड़ा ज्यादा आ सकता है.
  3. यदि ज्यादा खून आ रहा हो तो पैड्स का प्रयोग करें और उस के बाद गर्भाशय वाली जगह को 10-15 मिनट के लिए आराम से मलें, हीटिंग पैड का उपयोग करें और ज्यादा दर्द होने पर पेनकिलर लें.

बहाव: आपका बहाव कुछ इस प्रकार हो सकता है:

  1. बिना खून का, भूरे या काले रंग का
  2. बलगम की शक्ल जैसा.

क्रापिंग, अबौर्शन के बाद होने वाली बहुत ही साधारण सी हरकत है. इस का मतलब यह होता है कि गर्भाशय वापस अपनी जगह पर आ रहा है.

अबौर्शन के बाद अपना ध्यान कैसे रखें

शारीरिक तौर पर: अबौर्शन के बाद महिलाओं को किसी दोस्त या परिवार के सदस्य को अपने साथ रखना चाहिए. अगर हो सके तो अगले 2-3 दिन तक पूरी तरह आराम करना चाहिए, हो सके तो काम से छुट्टी भी ले लेनी चाहिए. खुद को शारीरिक या भावनात्मक रूप से मुश्किल काम करने से बचाने की कोशिश करनी चाहिए.

अबौर्शन होने के बाद खुद का खयाल रखना भी जरूरी है. हालांकि यह प्रक्रिया छोटी सी होती है, लेकिन शारीरिक रूप से ठीक होने में कई दिन या सप्ताह लग सकते हैं. एक महिला यह कोशिश कर सकती है:

– पेट और पीठ के निचले हिस्से की मालिश करना.

– हीटिंग पैड का उपयोग करना.

– पेनकिलर लेना.

मानसिक तौर पर: अबौर्शन का चुनाव करना एक कठिन निर्णय हो सकता है और यह भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण अनुभव है.

प्रक्रिया के बाद हारमोनल बदलाव इसे बढ़ा देता है जिस से मूड में बदलाव हो सकता है. अबौर्शन होने के बाद एक महिला के प्रोजेस्टेरौन और ऐस्ट्रोजन का स्तर धीरेधीरे कम हो जाता है, जो मूड में बदलाव का कारण बन सकता है. जैसे ही किसी महिला की माहवारी सामान्य हो जाती है, उसे हारमोन का स्तर स्थिर हो जाएगा.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें