हिदायतें जो Diabities से रखें दूर

मधुमेह यानी डायबीटिज खतरनाक रोग है, जो शरीर को धीरेधीरे खोखला कर देता है. इस बीमारी में रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है. चूंकि हमारे शरीर के हर हिस्से में रक्तसंचार होता है, इसलिए मधुमेह होने पर शरीर का कोई भी हिस्सा खराब हो सकता है. मधुमेह होने पर हार्टअटैक, किडनियों के खराब होने और आंखों की रोशनी तक चले जाने की बहुत संभावना रहती है.

पहले यह बीमारी एक निश्चित वर्ग और उम्र के लोगों को ही होती थी, लेकिन वर्तमान में असंतुलित खानपान और अव्यवस्थित रहनसहन के कारण बच्चों, बूढ़ों और युवाओं सभी को यह बीमारी अपनी चपेट में ले रही है. इस बीमारी से बचने और नजात पाने के निम्न उपाय हैं. जिन पर अमल कर के मधुमेह से बचा जा सकता है:

क्या करें

वजन कम करें: अकसर लोग अपने खानपान पर नियंत्रण नहीं रख पाते. दिन में जितनी बार भी भूख लगती है कुछ भी खा कर पेट भर लेते हैं. ऐसा करने से वजन तो बढ़ता ही है साथ ही असंतुलित आहार शरीर को बीमारियों का घर भी बना देता है. इन बीमारियों में ओबेसिटी यानी मोटापा बेहिसाब और बेवक्त खाने का ही नतीजा होता है. ओबेसिटी के शिकार को डायबिटीज आसानी से अपना शिकार बना लेती है. लेकिन इस का शिकार होने से बचा जा सकता है और इस के लिए ज्यादा मशक्कत करने की भी जरूरत नहीं पड़ती. बस, अपने आहार को छोटेछोटे मील्स में विभाजित कर दीजिए. हर मील का समय निर्धारित हो. इस से आप की भूख भी नियंत्रित हो जाएगी और वजन भी नहीं बढ़ेगा. इस के अलावा वजन कम करने के लिए दिन में 1 बार 30 से 45 मिनट तेज चलने की आदत डालें. इस से ब्लडशुगर कंट्रोल में रहती है. हफ्ते में 4-5 दिन तेज चलें.

स्ट्रैस से रहें दूर: मधुमेह और तनाव का गहरा संबंध है. आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम सिर्फ काम को ही समय दे पाते हैं. ऐसे में अपने बारे में सोचने और कुछ करने का समय ही नहीं मिल पाता. इस के चलते लोग स्ट्रैस से घिर जाते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार तनाव एक मानसिक बीमारी है, जो मनुष्य को मधुमेह जैसी बीमारी के मुंह में धकेल देती है. इसलिए कोशिश करें कि दिन में कुछ समय अपने लिए जरूर निकालें. तनाव से दूर रहने के लिए व्यायाम सब से अच्छा विकल्प है. दिन में 1 बार 15 से 20 मिनट व्यायाम जरूर करें.

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डैंटल हाइजीन: यदि आप को मधुमेह है, तो आप को अपने दांतों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि मधुमेह से पीडि़तों को बैक्टीरियल इन्फैक्शन और मसूड़ों से जुड़ी बीमारी होने की संभावनाएं रहती है. इस के लिए आप दिन में 2 बार दांतों में ब्रश करें. साथ ही समयसमय पर डैंटिस्ट से भी दांतों की जांच कराते रहना चाहिए.

शुगर लैवल की जांच: मधुमेह होने पर रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है. इस स्तर को कम करने से पहले उसे जानने के लिए शुगर लैवल टैस्ट करवाना पड़ता है, जिस से रक्त में ग्लूकोज की मात्रा पता चलती है. यदि आप मधुमेह के मरीज हैं तो हर तीसरे महीने इस की जांच जरूर करवाएं.

आंखों की जांच: मधुमेह के मरीजों को कम दिखने की भी समस्या होती है. इसलिए हर 6 महीने में 1 बार आंखों का चैकअप जरूर करवाएं.

खाली पेट फल न खाएं: मधुमेह के मरीजों को कभी खाली पेट फल नहीं खाना चाहिए. खाना खाने के बाद फल खाएं.

क्या न करें

मीठा: यदि आप मधुमेह के शिकार हैं तो आप को सब से पहले मीठे को त्यागना होगा. खासतौर पर चौकलेट, मिठाई, कोल्डड्रिंक्स, आइसक्रीम. शहद और ग्लूकोज युक्त चीजें तो बिलकुल न खाएं.

फैटी फूड: फैटी फूड यानी डीप फ्राइड और जंक फूड भी मधुमेह के खतरे को बढ़ाता है. पर जो मधुमेह के शिकार हैं उन्हें फ्रैंच फ्राइज, कौर्न चिप्स जैसी चीजों से परहेज करना चाहिए.

चावलों से बने खाद्यपदार्थ: मधुमेह के मरीजों के लिए चावल और चावलों से बनी चीजें भी बेहद हानिकारक हैं, क्योंकि चावल आसानी से शुगर में बदल जाता है. इसलिए इडली, पोहा, ढोकला, डोसा और चावल के आटे से बनी चीजों से मधुमेह के मरीजों को दूर रहना चाहिए.

मधुमेह के मरीजों को शराब या फिर हर उस पदार्थ से जिस में अलकोहल हो, बचना चाहिए, क्योंकि अलकोहल में शुगर कंटैंट होता है.

आम, केला, अंगूर, खरबूजा और चीकू जैसे फलों से भी मधुमेह के मरीजों को दूर रहना चाहिए. इसी तरह आलू, कद्दू, चुकंदर, गाजर, अरवी जैसी सब्जियों से भी परहेज करना चाहिए.

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क्या खाएं

फाइबर: ब्लड ग्लूकोज लैवल को नियंत्रित रखने के लिए अपने आहार मे ब्राउन राइस, पत्तागोभी, भिंडी, अमरूद, अनार और गेहूं शामिल करें, क्योंकि इन में फाइबर होता है जो डायबिटीज में फायदा करता है.

सलाद: मधुमेह के मरीजों को सलाद जरूर खाना चाहिए.

मेथी: मधुमेह के मरीजों के लिए मेथी बहुत अच्छी दवा है. इस के लिए रात भर मेथी को पानी मे भिगो कर रखें और सुबहउस के पानी को पी लें. इस से ब्लड में जाने वाले अनावश्यक ग्लूकोज को रोका जा सकता है.

दालचीनी: रोज 1/2 चम्मच दालचीनी खाने से ब्लडशुगर लैवल और कोलेस्ट्रौल लैवल नियंत्रित रहेगा. साथ ही दालचीनी मांसपेशियों और लिवर के लिए भी लाभदायक है.

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