प्रेगनेंसी के दौरान करें ये 5 एक्सरसाइज तो रहेंगी फिट

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई प्रौब्लम का सामना करना पड़ता है. कई बार ये प्रौब्लम्स प्रेग्नेंसी में ज्यादा न करने व एक्सरसाइज न करने से होता है. इसीलिए जरूरी है कि प्रेग्नेंसी में एक्सरसाइज करना न भूलें. प्रेग्नेंसी के दौरान डौक्टर कुछ खास एक्सरसाइज बताते हैं, जिसे करने से मां और बच्चे की सेहत बनी रहती है. साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली प्रौब्लम्स से भी छुटकारा मिलते है.

कम्फर्ट के अनुसार करें एक्सरसाइज

एक्सरसाइज शरीर को मजबूती प्रदान करने वाले होने चाहिए. इस के लिए आप तैराकी करें, टहलें और अपने शरीर को स्ट्रैच करें. ये एक्सरसाइज हफ्ते में 3 बार किए जा सकते हैं. होने वाली मां ध्यान रखें कि उतनी ही देर तक एक्सरसाइज करें जितनी देर तक वे इस में कम्फर्ट महसूस करें. यह बात बेहद महत्त्वपूर्ण है कि आप अपने शरीर और सुविधा के अनुसार ही एक्सरसाइज करें क्योंकि एक्सरसाइज के दौरान हार्ट रेट सामान्य ही होनी चाहिए. आप इसे इस तरह ले सकती हैं कि एक्सरसाइज के समय आप आराम से किसी से बातचीत कर सकें. आइए आपको बताते हैं प्रेग्नेंसी के दौरान किए जाने वाली खास एक्सरसाइज के बारे में…

 

1. स्क्वाट्स

यह पैरों के लिए बहुत अच्छा एक्सरसाइज है. पैरों को कंधे के बराबर में खोलें. अपनी रीढ़ की दिशा में नाभी को अंदर खीचें और एबडौमिनल्स को टाइट करें. धीरे-धीरे अपने शरीर को नीचे की ओर झुकाएं जैसे कि आप कुरसी पर बैठी हों. यदि आप इतनी नीचे जा सकें कि आप के पैर आप के घुटनों की सीध में आ जाएं तो अच्छा होगा. लेकिन ऐसा न हो तो आप जितनी कोशिश कर सकती हैं उतना ही नीचे जाएं. यह सुनिश्चित कर लें कि आप के घुटने आप के पैरों की उंगलियों के पीछे हैं. 4 तक गिनती गिनें और फिर धीर-धीरे अपने शरीर को पहले वाली स्थिति में वापस ले आएं. इस प्रक्रिया को 5 बार दोहराएं.

2. केगेल एक्सरसाइज

केगेल एक्सरसाइज मूत्राशय, गर्भाशय और आंत का समर्थन करने वाली मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है. गर्भावस्था के दौरान इन मजबूत मांसपेशियों के सहारे आप आराम से प्रसव पीड़ा को झेल सकती हैं और शिशु को जन्म दे सकती हैं. केगेल करने के लिए आप को ऐसा सोचना पड़ेगा जैसे आप मूत्र के प्रवाह को रोकने का  प्रयास कर रही हों. ऐसा करते वक्त आप पैल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को नियंत्रित करेंगी. ऐसा करते वक्त 5 बार गिनती गिनें. इस प्रक्रिया को 10 बार दोहराएं. यह एक्सरसाइज दिन में 3 बार करना चाहिए.

3. ऐबडौमिनल एक्सरसाइज

इस अभ्यास से पेट की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं. जमीन पर पैरों को मोड़ कर बैठें और पीठ एकदम सीधी रखें. अब अपने पेट को अंदर की तरफ लें और उन्हें टाइट रख कर 10 सैकंड तक रखें. लेकिन यह सुनिश्चित कर लें कि ऐसा करते वक्त आप को सांस नहीं रोकनी है. इस के बाद आराम से अपनी प्रारंभिक अवस्था में लौट आएं. इस प्रक्रिया को 10 बार दोहराएं.

4. कैट ऐंड कैमल एक्सरसाइज

यह अभ्यास आप की पीठ और पेट को मजबूत बनाता है.इस अभ्यास को करने के लिए चटाई पर हाथों और घुटनों के बल बैठ जाएं. घुटने आप के कूल्हे की सीध में होने चाहिए और कलाई कंधों की सीध में. साथ ही यह सुनिश्चित कर लें कि पेट लटक न रहा हो.अब अपना सिर झुकाएं और अपने पेट को अंदर की तरफ ले जाएं. अपनी रीढ़ की हड्डी को ऊपर की तरफ निकालें. इस अवस्था में 10 सैकंड तक रहें. लेकिन सांस लेना बंद न करें.

 

5. एक्सरसाइज के लिए चेतावनी संकेत

– सीने में दर्द, पेट में दर्द, पैल्विक पेन या लगातार संकुचन.

– भ्रूण की स्थिति में ठहराव आना.

– योनि से तेजी से तरल पदार्थ का स्राव होना.

– अनियमित या तेज दिल की धड़कन.

– हाथपैरों में अचानक सूजन आ जाना.

– चलने या सांस लेने में दिक्कत.

– मांसपेशियों में कमजोरी.

– एक्सरसाइज तब भी हानिकारक है जब आप को गर्भावस्था से संबंधित कोई परेशानी हो.

– प्लेसैंटा का गर्भाशय ग्रीवा के पास होना या गर्भाशय ग्रीवा को पूरी तरह से कवर करना.

– पिछले प्रसव के दौरान आई समस्याएं जैसे प्रीमैच्योर बेबी का जन्म या समय से पहले लेबर पेन उठी हो.

– कमजोर गर्भाशय.

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